विषयसूची:
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कोहरे के कारण कम दृश्यता से निपटने के लिए सड़क सुरक्षा उपाय किए
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढाँचा
विषय: बुनियादी ढाँचाः सड़क।
प्रारंभिक परीक्षा: सड़क पर कोहरे के कारण कम दृश्यता से निपटने के लिए विभिन्न सड़क सुरक्षा उपाय।
प्रसंग:
- सर्दियों के मौसम की शुरुआत के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों पर कम दृश्यता से निपटने के लिए NHAI के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने NHAI के क्षेत्रीय कार्यालयों को विभिन्न प्रभावी उपाय करने का निर्देश दिया है।
विवरण:
- कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है, इन उपायों से उन संभावित दुर्घटनाओं से बचने में मदद मिलेगी जो राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं।
- कोहरे के दौरान सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए, प्रभावी उपायों को इंजीनियरिंग उपायों और सुरक्षा जागरूकता उपायों के दो प्रमुखों के तहत बांटा गया है।
- ‘इंजीनियरिंग उपायों’ में अनुपयुक्त/क्षतिग्रस्त सड़क संकेतों को फिर से स्थापित करना, धुंधले या अपर्याप्त फुटपाथ चिह्नों को सुधारना, परावर्तक मार्कर, मीडियन मार्कर आदि प्रदान करके सुरक्षा उपकरणों की दृश्यता बढ़ाना, बस्तियों और दुर्घटना-संभावित स्थानों में अनुप्रस्थ बार चिह्न प्रदान करना तथा निर्माणाधीन क्षेत्रों और खतरनाक स्थानों पर मीडियन ओपनिंग पर ब्लिंकर सुनिश्चित करना, विचलन और विलय वाले स्थानों पर क्षतिग्रस्त खतरे के मार्कर संकेतों का प्रतिस्थापन शामिल है।
- इसी तरह ‘सुरक्षा जागरूकता’ उपायों में राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों को कम दृश्यता की स्थिति के बारे में सचेत करने के कदमों को शामिल किया गया है। इन उपायों में ‘कोहरे के मौसम के बारे में चेतावनी’ और गति सीमा संदेशों को प्रदर्शित करने के लिए परिवर्तनीय संदेश संकेत (VMS) या इलेक्ट्रॉनिक साइनेज का उपयोग शामिल है। कोहरे वाले क्षेत्रों में 30 किमी/प्रति घंटे की ड्राइविंग गति सीमा के बारे में यात्रियों को चेतावनी देने वाली पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करना शामिल है। टोल प्लाजा पर सार्वजनिक सेवा घोषणाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक होर्डिंग, रेडियो और सोशल मीडिया का उपयोग, कोहरे के दौरान सड़क के किनारे की सुविधाएं और राजमार्गों पर वाहनों की पूरी चौड़ाई पर परावर्तक टेप (रिफ्लेक्टिव टेप) लगाना शामिल है।
- यह दिशानिर्देश NHAI अधिकारियों को राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों के बीच ब्लिंकर का उपयोग करने और यातायात नियमों के पालन हेतु जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं। इसके अलावा, कोहरे की स्थिति के बारे में जानकारी साझा करने और दुर्घटनाओं के मामले में सहायता करने के लिए संपर्क नंबर के साथ टोल प्लाजा पार करने वाले यात्रियों को सुरक्षा जागरूकता पंपलेट भी वितरित किए जाएंगे।
- इसके अलावा, NHAI के क्षेत्रीय कार्यालयों को राजमार्ग पर दृश्यता का जायजा लेने और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त प्रावधान करने के लिए स्थानों की पहचान करने हेतु NHAI अधिकारियों, स्वतंत्र इंजीनियरों, रियायतग्राही/ठेकेदार की टीम द्वारा साप्ताहिक आधार पर रात्रि के समय राजमार्ग निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, घने कोहरे वाले हिस्सों के पास राजमार्ग गश्ती वाहन तैनात किए जाएंगे।
- राजमार्ग संचालन और रखरखाव टीम दुर्घटना की स्थिति में यातायात को निर्देशित करने के लिए लाल/हरे रंग की ब्लिंकिंग बैटन ले जाएगी और स्थानीय कानून प्रवर्तन, एम्बुलेंस सेवाओं और नगरपालिका अधिकारियों के साथ निर्बाध सहयोग स्थापित करेगी। कोहरे से संबंधित आपात स्थितियों के दौरान कुशल समन्वय सुनिश्चित करने के लिए NHAI टीम संयुक्त अभ्यास और कार्य भी करेगी।
- NHAI सर्दियों के मौसम के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के जोखिम को कम करने और राष्ट्रीय राजमार्ग का इस्तेमाल करने वालों के लिए एक सुरक्षित और सहज यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- विकसित गांव-विकसित भारत थीम पर झारखंड में किसान समागम 1 जनवरी को :
- झारखंड के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के मुख्य आतिथ्य में 1 जनवरी 2024 को खरसावां (झारखंड) में किसान समागम का शुभारंभ होगा।
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसान समागम (कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम) आयोजित किया जा रहा है। मेले में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों से जुड़े सरकारी विभागों, निजी संस्थानों, स्टार्टअप आदि द्वारा 100 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जो हजारों किसानों के साथ ही खेती-किसानी क्षेत्र से जुड़े अन्य लोगों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी होंगे।
- खेती-किसानी से जुड़े क्षेत्रों को और अधिक उन्नत व लाभप्रद बनाना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की मंशा रही है, इसी क्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की संस्थाओं, राष्ट्रीय बीज निगम, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, इफको, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, अटारी (पटना) व राज्य सरकार की विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर गोंडपुर मैदान, खरसावां, झारखंड में यह वृहद आयोजन किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य कृषि प्रक्रिया व उत्पादों के विभिन्न आयामों, नवीनतम कृषि-मशीनरी, कृषि-इनपुट और किसान अनुकूल प्रथाओं के अन्य पहलुओं को प्रदर्शित करना है। साथ ही, मेला कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, विस्तारकर्मियों, नीति-निर्माताओं व कृषि अधिकारियों को अपना अनुभव किसान भाइयों-बहनों के साथ साझा करने का मंच है।
- मेले में झारखंड के विभिन्न जिलों में कार्यरत कृषि विज्ञान केंद्रों की भी भागीदारी सुनिश्चित की गई है। मेले में राज्य के हजारों किसान भाग लेंगे और जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित रहेंगे। विकसित भारत को ध्यान में रखते हुए किसानों के विकास एवं उत्थान के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी मेले में उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की गई है। मेले के दौरान किसानों को प्राकृतिक खेती, ड्रोन का कृषि में उपयोग तथा कृषि को उद्यम के रूप में विकसित करने सहित अन्य संबंध में जानकारी भी दी जाएगी।
- प्रधानमंत्री ने अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया :
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया और नई अमृत भारत ट्रेनों व वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई।
- अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन पर 10 हजार लोगों को संभालने की क्षमता है, लेकिन नवीनीकरण पूरा होने के बाद अब यह क्षमता बढ़कर 60 हजार तक पहुंच जाएगी।
- पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से होकर जा रही है।
- इन ट्रेनों को गरीबों के जीवन की गरिमा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
- देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन काशी से चली थी। आज देश में 34 मार्गों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। वंदे भारत ट्रेनें काशी, कटरा, उज्जैन, पुष्कर, तिरूपति, शिरडी, अमृतसर, मदुरै जैसे आस्था के हर बड़े केंद्र को जोड़ती हैं। इसी कड़ी में, आज अयोध्या को भी वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिली है।
- पुनर्विकसित अयोध्या रेलवे स्टेशन – जिसे अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है – का पहला चरण 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है। इस तीन-मंजिला आधुनिक रेलवे स्टेशन की इमारत लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा, पूजा सामग्रियों की दुकानें, क्लॉक रूम, चाइल्ड केयर रूम, वेटिंग हॉल जैसी सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। यह स्टेशन भवन ‘सभी के लिए सुगम’ और ‘आईजीबीसी प्रमाणित हरित स्टेशन भवन’ होगा।
- अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देश में सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों की एक नई श्रेणी – अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।
- अमृत भारत ट्रेन गैर वातानुकूलित डिब्बों वाली एक LHB पुश पुल ट्रेन है। बेहतर त्वरण के लिए इस ट्रेन के दोनों छोर पर इंजन हैं। इसमें रेल यात्रियों के लिए सुंदर एवं आकर्षक डिजाइन वाली सीटें, बेहतर सामान रैक, उपयुक्त मोबाइल होल्डर के साथ मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, एलईडी लाइट, सीसीटीवी, सार्वजनिक सूचना प्रणाली जैसी बेहतर सुविधाएं प्रदान की गईं हैं। प्रधानमंत्री ने छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाई।
- प्रधानमंत्री ने दो नई अमृत भारत ट्रेनों यानी दरभंगा-अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस और मालदा टाउन-सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनस (बेंगलुरु) अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।
- प्रधानमंत्री ने छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाई। इनमें श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; अमृतसर-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस; कोयंबटूर-बैंगलोर कैंट वंदे भारत एक्सप्रेस; मैंगलोर-मडगांव वंदे भारत एक्सप्रेस; जालना-मुंबई वंदे भारत एक्सप्रेस और अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्सप्रेस शामिल हैं।
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