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पीआईबी विश्लेषण और सारांश हिंदी में - 30 June 2022 PIB Analysis in Hindi

30 जून 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. वर्ष 2020 के लिए व्यापार सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मूल्यांकन की घोषणा:
  2. 5वीं भारत-सऊदी अरब रक्षा सहयोग संयुक्त समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई:
  1. वर्ष 2020 के लिए व्यापार सुधार कार्य योजना के कार्यान्वयन के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मूल्यांकन की घोषणा:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: शासन के जनादेश,महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता एवं जवाबदेही, प्रतिरूप, सफलताएं और सीमाएं।

प्रारंभिक परीक्षा: व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी 2020)।

मुख्य परीक्षा: व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी 2020) के महत्व पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने व्यापार सुधार कार्य योजना (बीआरएपी 2020) के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के घोषणा की।

उद्देश्य:

  • इनका उद्देश्य यह देखना है कि कार्य प्रणालियों में कैसे सुधार आएगा जिससे हमारा जीवन बेहतर होगा।
  • सरकार इसे हर स्तर पर प्रोत्साहन देगी।
  • वित्त मंत्री ने वर्षों से व्‍यवसाय सुधार कार्य योजना के तहत कार्यान्‍वयन के मूल्‍यांकन ढांचे में किए गए परिवर्तनों की सराहना की।
  • यह बीआरएपी अभ्यास का पांचवा संस्करण है।

विवरण:

  • व्यापार सुधार कार्य योजना (बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान) के कार्यान्वयन के आधार पर आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य हो गए हैं।
  • हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश लक्ष्य हासिल करने वाली श्रेणी में शामिल हैं, जबकि असम, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड, केरल, राजस्थान और पश्चिम बंगाल को आकांक्षी श्रेणी में और अंडमान एवं निकोबार, बिहार, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, पुद्दुचेरी और त्रिपुरा को उभरते हुए व्यापार इकोसिस्टम्स श्रेणी में रखा गया है।
  • इस मूल्यांकन में साक्ष्य-आधारित से लेकर बहुभाषी प्रारूप में शत-प्रतिशत फीडबैक शामिल है।
  • इस बीआरएपी अभ्यास का उद्देश्य एक-दूसरे की श्रेष्ठ प्रथाओं से कुछ सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना और पूरी दुनिया में सबसे पसंदीदा निवेश स्थल के रूप में उभरने के भारत के एकीकृत उद्देश्य के साथ प्रत्येक राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश में व्यापार के माहौल में सुधार लाना है।
  • प्रधानमंत्री ने 2014 में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में सुधार करने के बारे में जोर दिया था।
    • उनका एक प्रमुख क्षेत्र यह भी था कि जब हम अपनी रैंकिंग में सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हों तो हमें राज्यों सहित सभी हितधारकों को उसमें शामिल करना चाहिए ताकि लोग अपने इकोसिस्टम में आने वाले अंतर और परिवर्तन को वास्तविक रूप में अनुभव कर सकें।
  • बीआरएपी 2020 में 15 व्यावसायिक नियामक क्षेत्रों जैसे सूचना तक पहुंच, एकल खिड़की प्रणाली, श्रम, पर्यावरण, भूमि प्रशासन एवं भूमि और संपत्ति के हस्तांतरण, उपयोगिता परमिट और अन्य को कवर करते हुए 301 सुधार बिंदुओं को शामिल किया गया।
  • सुधार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 118 नए सुधारों को शामिल गिया गया है।
  • सुधार कार्य सूची के दायरे का विस्तार करने के लिए पहली बार व्यापार लाइसेंस, हेल्थकेयर, लीगल मेट्रोलॉजी, सिनेमा हॉल, आतिथ्य सत्कार, फायर एनओसी, टेलीकॉम, मूवी शूटिंग और टूरिज्म जैसे 9 क्षेत्रों में व्याप्त 72 कार्य बिंदुओं के साथ क्षेत्रीय सुधार शुरू किए गए थे।
  • हमारा व्‍यापक उद्देश्‍य व्‍यावसायिक सुधार कार्य योजना के कार्यान्‍वयन में राज्‍यों के प्रदर्शन के आधार पर मूल्‍यांकन प्रणाली के माध्‍यम से एक स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा के तत्‍व की शुरुआत करना है ताकि देश के निवेशकों में विश्‍वास को बढ़ावा, व्‍यापार अनुकूल माहौल को प्रोत्साहन मिले और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ उपलब्ध हो।
    • पिछले वर्षों से हटकर जहां राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को रैंक दिए गए थे, इस वर्ष उन्हें चार श्रेणियों में रखा गया है।
    • ये श्रेणियां हैं शीर्ष उपलब्धि (टॉप अचीवर्स) हासिल करने वाले, लक्ष्य हासिल करने वाले (अचीवर्स), आकांक्षी (एस्पायरर्स) और उभरते व्यापार इकोसिस्टम्स।
    • राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का मूल्यांकन करने का उद्देश्य राज्यों/ केंद्रशासित क्षेत्रों के बीच एक पदानुक्रम बनाना नहीं है, बल्कि एक ऐसा सक्षम ढांचा तैयार करना है जिसमें राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के बीच जानकारी को साझा किया जा सके और राष्ट्रव्यापी अच्छी प्रथाओं का पूरे देश में प्रसार हो सके।
    • यह मूल्यांकन जमीनी स्तर पर वास्तविक उपयोगकर्ताओं/उत्तरदाताओं से प्राप्त उस फीडबैक को पूरा महत्व देता है जिन्होंने सुधारों के प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी थी।
  • डीपीआईआईटी 2014 से राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों का व्यापार सुधार कार्ययोजना (बीआरएपी) अभ्यास में निर्धारित सुधारों के कार्यान्वयन में उनके प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन कर रहा है।
  • अब तक वर्ष 2015, 2016, 2017-18 और 2019 के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों का मूल्यांकन जारी किया गया है।
  • इन सुधारों को लागू करने के लिए राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों ने सराहनीय प्रसाय किए हैं और इस भावना के साथ डीपीआईआईटी ने राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किए गए अनुकरणीय सुधार उपायों को मान्यता देने और उनकी पहचान करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक व्यापक श्रेणी-वार विभाजन में वर्गीकृत किया है ताकि कारोबारी माहौल में सुधार लाया जा सके।
  1. 5वीं भारत-सऊदी अरब रक्षा सहयोग संयुक्त समिति की बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: भारत के व्यापारिक हितों पर विभिन्न विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियां और उनका प्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: 5वीं भारत-सऊदी अरब रक्षा सहयोग संयुक्त समिति बैठक।

मुख्य परीक्षा: भारत-सऊदी अरब सम्बन्धों पर एक लेख लिखिए।

प्रसंग:

  • सऊदी अरब के रणनीतिक मामलों के उप रक्षा मंत्री ने नई दिल्ली में रक्षा सचिव से मुलाकात की।

उद्देश्य:

  • दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
  • रक्षा सचिव को 29 जून, 2022 को आयोजित 5वीं भारत-सऊदी अरब रक्षा सहयोग संयुक्त समिति (जेसीडीसी) की बैठक के बारे में जानकारी दी।

विवरण:

  • बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने दोनों सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और उद्योग सहयोग सहित संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की।
  • रक्षा उद्योग सहयोग बढ़ाने के लिए संयुक्त उद्यम हेतु नए रास्तों की पहचान करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रों की जांच करने का निर्णय लिया गया।
  • मौजूदा संयुक्त नौसैनिक अभ्यासों का दायरा बढ़ाने तथा अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय अभ्यासों के विस्तार के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया।
  • इस बात पर भी सहमति बनी कि जेसीडीसी की अगली बैठक का आयोजन वर्ष 2023 में सऊदी अरब में किया जायगा ।
  • जेसीडीसी भारत और सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालयों के बीच एक शीर्ष निकाय है जो द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के सभी पहलुओं की व्यापक समीक्षा और मार्गदर्शन करता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे सम्बंधित कोई समाचार नहीं हैं।