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30 जून 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. उपभोक्ता मामले विभाग ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से उपभोक्ता हितों को नुकसान पहुंचाने वाले ‘डार्क पैटर्न’ को अपनाने से बचने का आग्रह किया
  2. सरकार लोथल गुजरात में ‘राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर’ विकसित करेगी
  3. सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना पर बांध का निर्माण पूरा
  1. उपभोक्ता मामले विभाग ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से उपभोक्ता हितों को नुकसान पहुंचाने वाले ‘डार्क पैटर्न’ को अपनाने से बचने का आग्रह किया

सामान्य अध्ययन-3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: सूचना प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन पर इसके प्रभाव

प्रारंभिक परीक्षा: डार्क पैटर्न के बारे में

संदर्भ:

  • भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों से अपने प्लेटफ़ॉर्म के ऑनलाइन इंटरफ़ेस में ऐसे किसी भी डिज़ाइन या पैटर्न को शामिल न का आग्रह किया है जो उपभोक्ता की पसंद को धोखा दे सकता है या उसमें हेरफेर कर सकता है और डार्क पैटर्न की श्रेणी में आ सकता है।

विवरण:

  • भारत में प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों को संबोधित एक पत्र में, उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव ने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को उपभोक्ताओं की पसंद में हेरफेर करने और ‘उपभोक्ता अधिकारों’ के उल्लंघन, जैसा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(9) के तहत वर्णित है, के लिए अपने ऑनलाइन इंटरफ़ेस में डार्क पैटर्न के माध्‍यम से ‘अनुचित व्यापार प्रथाओं’ में शामिल न होने की सख्‍ती से सलाह दी है।
  • इसे जानना महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि डार्क पैटर्न में उपभोक्ताओं को उनके सर्वोत्तम हित में विकल्प न चुनने के लिए बरगलाने, विवश करने या प्रभावित करने के लिए रूपरेखा और पसंद का उपयोग करना शामिल है। ऑनलाइन इंटरफेस में डार्क पैटर्न का उपयोग करने के द्वारा इस तरह के भ्रामक और चालाकीपूर्ण आचरण में संलग्न होने से उपभोक्ताओं के हितों का अनुचित रूप से दोहन किया जाता है और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत यह ‘अनुचित व्यापार प्रथा’ मानी जाती है।
  • हाल ही में, यूरोपीय संघ, अमेरिका और ब्रिटेन में दूसरे अधिकार क्षेत्रों में विनियामकों द्वारा ऑनलाइन इंटरफेस में अनुचित और भ्रामक प्रथाओं से जुड़े डार्क पैटर्न के विरूद्ध कार्रवाई की गई है जो उपभोक्ताओं के लिए हानिकारक पाया गया था।
  • भारत में इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ, उपभोक्ता खरीदारी के पसंदीदा तरीके के रूप में ई-कॉमर्स को तेजी से चुन रहे हैं। ऐसे परिदृश्य में, यह अनिवार्य है कि ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म डार्क पैटर्न को समाविष्‍ट कर अनुचित व्यापार प्रथाओं में शामिल न हों जिसके परिणाम उपभोक्ता के लिए हानिकारक या अवांछनीय साबित हों।
  • उपभोक्ता ‘डार्क पैटर्न’ की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं या फीडबैक दे सकते हैं और राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर ‘1915’ पर कॉल करके या 8800001915 पर व्हाट्सएप के माध्यम से ऐसी चालाकीपूर्ण कामों की ऑनलाइन रिपोर्ट कर सकते हैं।

डार्क पैटर्न के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

  • कृत्रिम तात्कालिकता : यह युक्ति उपभोक्ताओं पर खरीदारी करने या कोई कार्रवाई करने के लिए दबाव डालने की तात्कालिकता या कमी की भावना पैदा करती है।
  • बास्केट स्नीकिंग : वेबसाइट या ऐप्स उपयोगकर्ता की सहमति के बिना शॉपिंग कार्ट में अतिरिक्त उत्पाद या सेवाएं जोड़ने के लिए डार्क पैटर्न का उपयोग करते हैं।
  • सब्सक्रिप्शन ट्रैप : यह युक्ति उपभोक्ताओं के लिए किसी सेवा के लिए साइन अप करना आसान बनाती है लेकिन उनके लिए इसे रद्द करना मुश्किल हो जाता है क्‍योंकि अक्सर रद्द करने के विकल्प को छिपा लिया जाता है या उनके लिए कई प्रकार के कदम उठाए जाने की आवश्यकता होती है।
  • कंफर्म शेमिंग : इसमें उपभोक्ताओं को जोड़े रखने के लिए अपराधबोध पैदा करना शामिल है। यह किसी विशेष मत या दृष्टिकोण के अनुरूप नहीं होने के लिए उपभोक्ताओं की आलोचना या उन पर आक्षेप करता है।
  • जबरन कार्रवाई : इसमें उपभोक्ताओं को ऐसी कार्रवाई करने के लिए विवश करना शामिल है जो वे नहीं करना चाहते हैं, जैसे कि कंटेंट तक एक्‍सेस के लिए किसी सेवा के लिए साइन अप करना।
  • नैगिंग : इसका अर्थ निरंतर, बारबार और खीज दिलाने वाली लगातार आलोचना, शिकायतें और कार्रवाई के अनुरोध से है।
  • इंटरफ़ेस हस्तक्षेप : इस युक्ति में उपभोक्ताओं के लिए कुछ विशेष कार्रवाई को कठिन बनाना शामिल है, जैसे सदस्यता रद्द करना या खाता डिलीट करना।
  • बेट एंड स्विच : इसमें एक उत्पाद या सेवा का विज्ञापन किया जाता है, लेकिन डिलीवरी अक्सर दूसरे और कम गुणवत्ता वाले उत्‍पाद की होती है।
  • छुपी हुई लागत : इस युक्ति में उपभोक्ताओं से अतिरिक्त लागत छिपाना शामिल है जब तक कि वे पहले से ही कोई खरीदारी करने के लिए प्रतिबद्ध न हों।
  • छद्म विज्ञापन : छद्म विज्ञापन ऐसे विज्ञापन होते हैं जिनकी रूपरेखा कंटेंट के दूसरे प्रकारों जैसे न्‍यूज आर्टिकल या यूजर-जेनरे‍टेड कंटेंट की तरह दिखने के लिए बनाई जाती है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. सरकार लोथल गुजरात में ‘राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर’ विकसित करेगी:
    • सागरमाला कार्यक्रम के तहत पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय एक ‘राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर’ विकसित कर रहा है, जो गुजरात के लोथल में विश्व स्तरीय सुविधा के रूप में विकसित होगी।
    • राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर को एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ प्राचीन से आधुनिक काल तक भारत के सभी समुद्री विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा और भारत के समुद्री विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये नवीनतम तकनीक का उपयोग करके मनोरंजन युक्त शैक्षिक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा।
    • समुद्री परिसर में दुनिया का सबसे ऊंचा लाइट-हाउस संग्रहालय, दुनिया की सबसे बड़ी ओपन अक्वैटिक गैलरी, भारत का सबसे भव्य नौसैनिक संग्रहालय शामिल होगा और इसे दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में विकसित किया जाएगा।
    • इस परियोजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा मिलने से क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी वृद्धि होगी।
    • मार्च 2022 में शुरू हुआ यह परिसर लगभग 4500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।
    • इसमें कई नवीन और अनूठी विशेषताएं होंगी जैसे, हड़प्पा वास्तुकला और जीवन शैली की पुनर्रचना के लिए लोथल मिनी की रचना; चार थीम पार्क- मेमोरियल थीम पार्क, समुद्री और नौसेना थीम पार्क, जलवायु थीम पार्क और साहस और मनोरंजन थीम पार्क, हड़प्पा काल से लेकर अब तक भारत की समुद्री विरासत को उजागर करने वाली 14 दीर्घाएं, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने वाले तटीय राज्यों के मंडप आदि अन्य दूसरी संरचनाओं में शामिल हैं।
  2. सुबनसिरी लोअर जलविद्युत परियोजना पर बांध का निर्माण पूरा:
    • अरुणाचल प्रदेश व असम में स्थित और NHPC लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित की जा रही 2,000 मेगावाट की सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना को पूरा करने और एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त करने की दिशा में, सभी ब्लॉकों में शीर्ष ऊंचाई के स्तर 210 मीटर के उच्चतम स्तर तक बांध का निर्माण कार्य 29 जून, 2023 को पूरा हो गया है। [यहां ऊंचाई स्तर का मतलब समुद्र स्तर के संबंध में ऊंचाई से है।]
    • रेडियल गेटों का बचा हुआ काम मानसून सीजन के बाद पूरा हो जाएगा और वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक बिजली उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।
    • पूरा होने पर, सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना से 90 प्रतिशत-डिपेन्डबल वर्ष में, लगभग 7,500 मिलियन किलोवाट-घंटे वार्षिक की दर से बिजली पैदा की जाएगी।
    • राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम (NHPCL) ने 12 अक्टूबर 2004 को वन स्वीकृति प्राप्त करने के बाद जनवरी 2005 में सुबनसिरी लोअर जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू किया।
    • हालांकि, स्थानीय हितधारकों के आंदोलन और विरोध के कारण, परियोजना का निर्माण कार्य दिसंबर 2011 से अक्टूबर 2019 तक रुका रहा।
    • राष्ट्रीय हरित अधिकरण की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद 15 अक्टूबर, 2019 से इस परियोजना का कार्य फिर से शुरू किया गया था।

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