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31 अक्टूबर 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक 8.1 प्रतिशत (अंनतिम) बढ़ा
  2. गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (GMC) – 2023 का समापन
  3. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर ‘मेरा युवा भारत’ मंच का शुभारंभ किया
  4. वर्ष 2023 के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का “विशेष ऑपरेशन पदक” 4 विशेष अभियानों के लिए प्रदान किया गया
  5. गोवा में आयोजित होने वाले 54वें इफ्फी के लिए अंतर्राष्ट्रीय जूरी की घोषणा
  6. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022’ पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की

सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक 8.1 प्रतिशत (अंनतिम) बढ़ा

सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र: 3

आर्थिक विकास

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा संसाधनों को जुटाने से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: आठ प्रमुख उद्योगों के संयुक्त सूचकांक (ICI); आठ प्रमुख उद्योग से संबंधित तथ्य।

प्रसंग:

  • आठ प्रमुख उद्योगों (ICI) के संयुक्त सूचकांक में सितंबर 2022 के सूचकांक की तुलना में सितंबर 2023 में 8.1 प्रतिशत (अनंतिम) की वृद्धि हुई। कोयला, इस्पात, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट और उर्वरक के उत्पादन में सितंबर 2023 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।

विवरण:

  • ICI आठ प्रमुख उद्योगों जैसे सीमेंट, कोयला, कच्चा तेल, बिजली, उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात के उत्पादन के संयुक्त और विशिष्ट निष्पादन को मापता है। आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल वस्तुओं का 40.27 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।
  • जून 2023 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर को संशोधित कर 8.4 प्रतिशत कर दिया गया है। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान ICI की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.8 प्रतिशत (अनंतिम) दर्ज की गई।

आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक का सारांश नीचे दिया गया है:

  • सीमेंट- सीमेंट उत्पादन (भारांक: 5.37 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 4.7 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11.5 प्रतिशत बढ़ गया।
  • कोयला- कोयला उत्पादन (भारांकः10.33 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 16.1 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 12.2 प्रतिशत बढ़ गया।
  • कच्चा तेल- कच्चे तेल का उत्पादन (भारांक: 8.98 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 0.4 प्रतिशत कम हो गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.4 प्रतिशत कम हो गया।
  • बिजली- बिजली उत्पादन (भारांक:19.85 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 9.3 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.0 प्रतिशत बढ़ गया।
  • उर्वरक- उर्वरक उत्पादन (भारांक: 2.63 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 4.2 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.0 प्रतिशत बढ़ गया।
  • प्राकृतिक गैस- प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक: 6.88 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 6.5 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.3 प्रतिशत बढ़ गया।
  • पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद- पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (भारांक: 28.04 प्रतिशत) सितंबर 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 5.5 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर, 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.0 प्रतिशत बढ़ गया।
  • इस्पात- इस्पात उत्पादन (भारांक: 17.92 प्रतिशत) सितंबर, 2022 की तुलना में सितंबर 2023 में 9.6 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल से सितंबर 2023-24 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14.2 प्रतिशत बढ़ गया।

गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (GMC) – 2023 का समापन

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र: 3

सुरक्षा

विषय: विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (GMC) – 2023 से संबंधित जानकारी।

प्रसंग:

  • भारतीय नौसेना द्वारा गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव (GMC) का चौथा संस्करण गोवा स्थित नवल वॉर कॉलेज के सौजन्य से 29 से 31 अक्टूबर 23 तक आयोजित किया गया।

विवरण:

  • इस सम्मेलन की विषयवस्तु “हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा: सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक शमन ढांचे में परिवर्तित करना” है।
  • यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सागर (इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास) दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में निहित ‘क्षमताओं और शक्तियों में सामंजस्य व सहयोग’ के लिए वर्तमान तथा आवश्यक अनिवार्यता को उजागर करता है।
  • इस कार्यक्रम में बांग्लादेश, कोमोरॉस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मॉलदीव, मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड सहित 12 हिंद महासागरीय देशों के मंत्रियों/नौसेना प्रमुखों तथा समुद्री सुरक्षा बलों के प्रमुखों की मेजबानी की गई।
  • भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव में समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों के एक छोटे से सहयोग से एक कार्यात्मक व्यवस्था के रूप में विकसित होने के बारे में चर्चा की, जो हिंद महासागर क्षेत्र में आने वाली अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटता है।
  • उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि “क्षेत्र में पनपने वाली समुद्री चुनौतियां इसमें स्थित देशों को सबसे अधिक प्रभावित करती हैं”।
  • उन्होंने कहा कि हमारा विचार इन मुद्दों को सहयोगात्मक तरीके से हल करने का दायित्व लेना है। इस प्रकार से साल 2021 में गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव के पिछले संस्करण में ‘सामान्य न्यूनतम प्राथमिकताएं’ तय की गईं और इस वर्ष का उद्देश्य इन प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए ‘सहयोगात्मक शमन रूपरेखा’ तैयार करना है।

कार्यक्रम के पहले दिन सम्मेलन के मुख्य विषय के अनुरूप चार उप-विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया:

  • हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियामक और कानूनी ढांचे में कमियों की पहचान करना।
  • समुद्री खतरों एवं चुनौतियों के सामूहिक शमन के लिए गोवा मैरीटाइम कॉन्क्लेव देशों के लिए एक सामान्य बहुपक्षीय समुद्री रणनीति और संचालन प्रोटोकॉल का निर्माण।
  • संपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के साथ सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का निर्धारण और शुभारंभ।
  • सामूहिक समुद्री दक्षताओं को उजागर करने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूदा बहुपक्षीय संगठनों के माध्यम से संचालित की जाने वाली गतिविधियों का लाभ उठाना।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर ‘मेरा युवा भारत’ मंच का शुभारंभ किया

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र: 2

मानव संसाधन

विषय: मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: ‘मेरा युवा भारत (MY Bharat)’ मंच

मुख्य परीक्षा: युवाओं को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने और “विकसित भारत” के निर्माण में योगदान देने के लिए सशक्त बनाने हेतु समान अवसर प्रदान करना।

प्रसंग:

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर कर्तव्य पथ पर देश के युवाओं के लिए ‘मेरा युवा भारत (MY Bharat)’ मंच का शुभारंभ किया।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 अक्टूबर, 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए “मेरा युवा भारत (MY Bharat)” नामक एक स्वायत्त निकाय की स्थापना को मंजूरी प्रदान की थी।

विजन :

  • ‘मेरा युवा भारत (MY Bharat)’ की परिकल्पना युवाओं के विकास और युवाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए एक महत्वपूर्ण, प्रौद्योगिकी-संचालित सुविधाप्रदाता के रूप में की गई है, जिसका लक्ष्य सरकार के संपूर्ण दायरे में युवाओं को उनकी आकांक्षाओं को साकार करने और “विकसित भारत” के निर्माण में योगदान देने के लिए सशक्त बनाने हेतु समान अवसर प्रदान करना है।
  • यह एक ऐसे ढांचे की परिकल्पना करता है, जहां हमारे देश के युवा- कार्यक्रमों, मार्गदर्शकों और अपने स्थानीय समुदायों के साथ सहजता से जुड़ सकें। इस सहभागिता का निरुपण स्थानीय मुद्दों के बारे में उनकी समझ को बेहतर बनाने और उन्हें रचनात्मक समाधानों में योगदान देने के लिए सशक्त बनाने के लिए किया गया है।

मेरा युवा भारत (MY Bharat) के बारे में:

  • मेरा युवा भारत (MY Bharat), एक स्वायत्त निकाय है, जो राष्ट्रीय युवा नीति में दी गई ‘युवा’ की परिभाषा के अनुरूप, 15-29 वर्ष के आयु वर्ग के युवाओं को लाभान्वित करेगा। लाभार्थियों की आयु 10-19 वर्ष होगी।
  • मेरा युवा भारत (MY Bharat) एक ‘फिजिटल प्लेटफॉर्म’ (फिजिकल+डिजिटल) है, जिसमें भौतिक गतिविधि के साथ ही साथ डिजिटल रूप से जुड़ने का अवसर भी शामिल है।

ऐसे निकाय की आवश्यकता:

  • अमृत काल में युवाओं की भूमिका: भारत के युवाओं को देश का भविष्य रचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, ख़ासकर भारत की आजादी के 75वें साल के निर्णायक पड़ाव पर, क्योंकि देश 2047 तक यानी अगले 25 वर्षों में अमृत भारत का निर्माण करने की एक परिवर्तनकारी विकास यात्रा पर बढ़ रहा है।
  • विभिन्न क्षेत्रों के युवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए फ्रेमवर्क बनाना: विजन 2047 के लिए एक ऐसे फ्रेमवर्क की ज़रूरत है जो ग्रामीण युवाओं, शहरी युवाओं और ग्रामीण-शहरी युवाओं को एक मंच पर ला सके। सरकार की मौजूदा योजनाएं हमारे समाज में ग्रामीण युवाओं की जरूरतों की तत्कालीन प्रचलित समझ के साथ बीते 50 वर्षों में अलग-अलग समय पर बनाई और शुरू की गईं। शहरी-ग्रामीण परिदृश्य में निरंतर बदलावों ने इन नज़रियों का पुनर्मूल्यांकन करने की ज़रूरत पैदा कर दी है। अब ऐसा फ्रेमवर्क बनाना जरूरी है जो ग्रामीण, शहरी और ग्रामीण-शहरी युवाओं को एक साझे मंच पर एकजुट करे। मेरा युवा भारत ऐसा फ्रेमवर्क तैयार करने में मदद करेगा।
  • आज के युवाओं के साथ जुड़ने के लिए एक नया समकालीन प्रौद्योगिकी-आधारित प्लेटफॉर्म बनाना: आज की तेज़-तर्रार दुनिया, जिसमें त्वरित संचार, सोशल मीडिया का प्रसार और नए डिजिटल टूल एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का विकास शामिल है, वहां एक प्रौद्योगिकी-संचालित मंच युवाओं को ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ सकता है जो उनकी क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं और उन्हें सामुदायिक गतिविधियों से भी जोड़ सकते हैं।
  • एक ‘फिजिटल’ इकोसिस्टम बनाकर पहुंच सुनिश्चित करना: मेरा युवा भारत प्लेटफॉर्म एक ‘फिजिटल’ इकोसिस्टम बनाएगा और युवाओं को सामुदायिक बदलाव के उत्प्रेरक बनने में सशक्त करेगा। वे सरकार को उसके नागरिकों से जोड़ने वाले “युवा सेतु” का काम करेंगे। हाल ही में, युवा कार्यक्रम विभाग के एक वेब पोर्टल yuva.gov.in ने “मेरी माटी मेरा देश” नाम के एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की मेजबानी की, जिसमें 50 मिलियन युवाओं ने भाग लिया और भारत में अमृत वाटिकाएं बनाने के लिए 23 मिलियन पौधे लगाने में मदद की। मेरा युवा भारत एक ऐसे ‘फिजिटल’ इकोसिस्टम को बनाने और बनाए रखने में मदद करेगा जो सहज रूप से लाखों युवाओं को एक नेटवर्क में जोड़ता है।

उद्देश्य:

मेरा युवा भारत (MY Bharat) का प्राथमिक उद्देश्य इसे युवाओं की उन्नति के लिए समर्पित एक संपूर्ण सरकारी मंच बनाना है। इसके उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • युवाओं में नेतृत्व विकास
    • अलग-अलग भौतिक गतिविधियों को कार्यक्रम कौशल में बदलाव करके अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से नेतृत्व कौशल में सुधार करना।
    • युवाओं को सामाजिक अन्वेषकोंप्र और समुदायों का अगुआ बनाने के लिए उनमें निवेश करना।
  • युवाओं की आकांक्षाओं और समुदाय की जरूरतों के बीच बेहतर तालमेल।
  • मौजूदा कार्यक्रमों के समन्वय के माध्यम से दक्षता में वृद्धि।
  • युवा लोगों और मंत्रालयों के बीच वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करना।
  • एक केंद्रीकृत युवा डेटाबेस तैयार करना।
  • सरकारी पहलों और युवाओं के साथ जुड़ने वाले अन्य हितधारकों की गतिविधियों के साथ युवाओं को जोड़ने के लिए दोतरफा संचार में सुधार।
  • भौतिक और डिजिटल अनुभवों का मिश्रण-फिजिकल इकोसिस्टम बनाकर पहुंच सुनिश्चित करना।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. वर्ष 2023 के लिए केंद्रीय गृह मंत्री का “विशेष ऑपरेशन पदक” 4 विशेष अभियानों के लिए प्रदान किया गया
    • वर्ष 2023 के लिए “केंद्रीय गृह मंत्री का विशेष ऑपरेशन पदक” 4 विशेष अभियानों के लिए प्रदान किया गया है।
    • इस पदक का गठन 2018 में उच्च स्तर की योजना के माध्यम से संचालित अभियानों को मान्यता देने के उद्देश्य से किया गया था जिनका देश/राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सुरक्षा के लिए काफी महत्व होता है और इसका समाज के व्यापक वर्गों की सुरक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
    • यह पुरस्कार आतंकवाद विरोधी, सीमा कार्रवाई, हथियार नियंत्रण, नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम और बचाव कार्यों जैसे क्षेत्रों में विशेष अभियान के लिए प्रदान किया जाता है।
    • हर वर्ष 31 अक्टूबर को इसकी घोषणा की जाती है। एक वर्ष में, आमतौर पर पुरस्कार के लिए 3 विशेष अभियानों पर विचार किया जाता है और असाधारण परिस्थितियों में, राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस को प्रोत्साहित करने के लिए 5 विशेष अभियानों तक के लिए पुरस्कार प्रदान किए जा सकते हैं।
  2. गोवा में आयोजित होने वाले 54वें इफ्फी के लिए अंतर्राष्ट्रीय जूरी की घोषणा:
    • 54वें भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव (IFFI) में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता और निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ प्रथम फीचर फिल्म का आकलन करने के लिए दुनिया भर के प्रसिद्ध फिल्मकारों, छायाकारों, फिल्म निर्माताओं को अंतर्राष्ट्रीय जूरी के रूप में आमंत्रित किया गया है।
    • इस वर्ष इस फिल्‍म महोत्सव के लिए 105 देशों से रिकॉर्ड 2926 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं।
    • ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता’ महत्वपूर्ण शैलियों की 15 प्रसिद्ध फीचर फिल्मों का संग्रह है, जो दिग्‍गजों और युवाओं द्वारा समान रूप से परिकल्पित फिल्म के सौंदर्यबोध और फिल्‍म राजनीति में उभरते रुझानों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अंतर्राष्ट्रीय जूरी प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार के विजेता का चयन करेगी, जिसमें स्‍वर्ण मयूर के तहत 40 लाख रुपये और निर्देशक और निर्माता को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।
    • यह जूरी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अलावा, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और विशेष जूरी पुरस्कार श्रेणियों के भी विजेताओं का निर्धारण करेगी।
    • ‘निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ प्रथम फीचर फिल्म के लिए प्रतियोगिता’ फिक्शन फीचर डेब्यू का एक संग्रह है जो इस बात का उदाहरण है कि अगली पीढ़ी के फिल्म निर्माता स्क्रीन पर किस प्रकार की परिकल्पना कर रहे हैं। 7 नवोदित कलाकार प्रतिष्ठित रजत स्‍वर्ण, 10 लाख रुपये और प्रमाण पत्र के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे।

    अंतर्राष्ट्रीय जूरी के सदस्यों में फिल्म निर्माण के आवश्यक पहलुओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सिने जगत के विख्‍यात दिग्‍गज शामिल हैं:

    1. श्री शेखर कपूर (फिल्म निर्माता) – अध्यक्ष, जूरी – शेखर कपूर विख्‍यात फिल्मकार, अभिनेता, सूत्रधार और निर्माता हैं।
    2. श्री होजे लुइ अल्काइन (छायाकार) – होजे लुइ अल्काइन 1970 के दशक में मुख्य प्रकाश व्यवस्था के रूप में फ्लोरोसेंट ट्यूब का उपयोग करने वाले पहले छायाकार हैं।
    3. श्री जेरोम पैलार्ड (फिल्म निर्माता और फिल्म मार्केट के पूर्व प्रमुख) – शास्त्रीय संगीतकार।
    4. सुश्री कैथरीन डुसार्ट (फिल्म निर्माता) – कैथरीन डुसार्ट ने लगभग 15 देशों में करीब 100 फिल्मों का निर्माण या सह-निर्माण किया है।
    5. सुश्री हेलेन लीक (फिल्म निर्माता) – हेलेन लीक एएम ऑस्ट्रेलिया की सम्मानित रचनात्मक निर्माताओं में से एक हैं।

    गोवा में 20 से 28 नवंबर, 2023 तक IFFI का आयोजन किया जाएगा। दक्षिण एशिया में आयोजित होने वाले विश्व सिनेमा के इस सबसे बड़े उत्सव के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय फिल्म जगत की प्रतिभाएं और हजारों सिनेप्रेमी एकत्र होंगे।

  3. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022’ पर वार्षिक रिपोर्ट जारी की
    • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022’ पर वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
    • यह रिपोर्ट एशिया प्रशांत सड़क दुर्घटना डेटा (APRAD) आधार परियोजना के अंतर्गत एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (UNESCAP) द्वारा प्रदान किए गए मानकीकृत प्रारूपों में कैलेंडर वर्ष के आधार पर राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त डेटा/जानकारी पर आधारित है।
    • रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 1,68,491 लोगों ने जान गंवाई और 4,43,366 लोग घायल हो गए। पिछले वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं में 11.9 प्रतिशत, मृत्यु में 9.4 प्रतिशत और चोटों में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
    • रिपोर्ट इन दुर्घटनाओं में योगदान देने वाले कारकों का समाधान करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की तात्कालिकता पर बल देती है, जिसमें तेज गति, लापरवाही से गाड़ी चलाना, नशे में गाड़ी चलाना और यातायात नियमों का अनुपालन न करना शामिल है।
    • रिपोर्ट के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि हम प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करें, ड्राइवर शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाएं तथा सड़कों और वाहनों की स्थिति में सुधार करने में निवेश करें।
    • मंत्रालय सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मजबूत उपाय कार्यान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
    • मंत्रालय सड़क उपयोगकर्ता व्यवहार, सड़क बुनियादी ढांचे, वाहन मानकों, यातायात नियमों को लागू करने और दुर्घटना की रोकथाम में प्रौद्योगिकी की भूमिका जैसे विभिन्न पहलुओं पर भी कार्य कर रहा है।
    • चूँकि सड़क दुर्घटनाएँ प्रकृति में बहु-कारणीय होती हैं, इसलिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों की सभी एजेंसियों के ठोस प्रयासों के माध्यम से समस्याओं को कम करने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण को अपनाने की आवश्यकता होती है।
    • मंत्रालय ने विभिन्न अन्य संबंधित संगठनों के साथ-साथ हितधारकों के साथ मिलकर शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल सहित सभी 4E पर ध्यान केंद्रित करते हुए सड़क सुरक्षा के मुद्दे का समाधान करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति तैयार की है।
    • इसके अलावा, मंत्रालय आधुनिक परिवहन प्रणालियों के कार्यान्वयन, सड़क सुरक्षा ऑडिट और वैश्विक सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल है।
    • सड़क दुर्घटनाओं से निपटने के लिए वास्तविक समय डेटा विश्लेषण और स्वचालित वाहन निरीक्षण केंद्रों के लिए इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (e-DAR) जैसी पहल भी चल रही हैं।
    • “भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022” प्रकाशन सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में कार्य करता है। यह सड़क दुर्घटनाओं के विभिन्न पहलुओं, उनके कारणों, स्थानों और सड़क उपयोगकर्ताओं की विभिन्न श्रेणियों पर उनके प्रभावों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। रिपोर्ट उभरते रुझानों, चुनौतियों और मंत्रालय की सड़क सुरक्षा पहलों का भी उल्लेख करती है।

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