निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर(50-60 शब्दों में) लिखिए−
'मिट्टी मे मट्टी मिले,
खोके सभी निशान,
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान'
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
कवि का कहना है कि हमारा शरीर मिट्टी का बना है और अन्त में मिट्टी में ही मिल जाना है। उसकी अपनी कोई पहचान शेष नहीं रहेगी। अत:सबको मिलजुल कर रहना चाहिए। किसी से दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए।कोई बड़ा छोटा नहीं है,अच्छा बुरा नहीं है। सबकी रचना ईश्वर ने की है।