अंडों के बारे में दोनों आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?
केशव और श्यामा की माता जी घर के कामों में बहुत व्यस्त रहती थीं और उनके पिता के पास पढ़ाई-लिखाई का कार्य हुआ करता था। उन दोनों के सवालों का जवाब देने के लिए कोई नहीं रहा था इसलिए वे स्वयं ही एक दूसरे के सवालों का जवाब देकर तसल्ली दे दिया करते थे।