हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?
लेखक ने हामिद को कहा कि वह बढ़िया खाना खाने मुसलमानी होटल जाते हैं। वहाँ हिंदू-मुसलमान में कोई फर्क नहीं किया जाता है। हिंदू-मुसलमान दंगे भी न के बराबर होते हैं तो हामिद को विश्वास नहीं हुआ। वह अपनी आँखों से यह सब देखना चाहता था।