(क) सरला ने कहा– मैं दही का मट्ठा चला दूँगी।
दही का मट्ठा चलाने का मतलब है–
– दही बिलोना
– दही से लस्सी या छाछ बनाना
सरला को इस काम के लिए किन-किन चीज़ों की ज़रूरत होगी, उनके नाम लिखो।
(ख) बिलोना, घोलना, फेंटना
इन तीनों कामों में क्या फ़र्क है? बातचीत करो और पता लगाओ।
(ग) किन्हीं दो-दो चीज़ों के नाम बताओ जिन्हें बिलोते, घोलते और फेंटते हैं।
बिलोते हैं |
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................................ |
घोलते हैं |
................................ |
................................ |
फेंटते हैं |
................................ |
................................ |
(घ) सरला ने रई से मट्ठा बिलोया।
रई को मथनी भी कहते हैं। रसोई के दूसरे बर्तनों को तुम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं? कक्षा में इस पर बातचीत करो और एक सूची बनाओ।
(क) दही का मट्ठा चलाने का मतलब है- दही बिलोना। इस काम के लिए मटका, मथनी व दही कि ज़रूरत होती है।
(ख) बिलोना – रई या मथनी से बिलोया जाता है। इसमें मथनी को रस्सी की सहायता से लपेट लिया जाता है। अब रस्सी के सिरे को एक-एक करके खींचा जाता है। मथनी उसमें गोल-गोल घूमती है। इसे बिलोना कहते हैं।
घोलना – पानी व अन्य चीज़ों में नमक या शक्कर को मिलाते हैं, तो इसे घोलना कहा जाता है। इसे चम्मच के सहारे घोला जाता है।
फेंटना –पूरी तरह गोल-गोल घुमाना फेंटना कहलाता हैं। ऑमलेट बनाते समय जैसे कप या कटोरी में अण्डे को डालकर चम्मच की सहायता से फेंटा जाता है।
(ग)
बिलोते हैं .......दही........
घलोते हैं ......शक्कर....... .........नमक........
फेंटते हैं .......अंडे............ ......केक का घोल....
(घ) छात्र स्वयं करें।