(क) तीसरे मकान से बाहर निकलकर जमाल साहब ने नसीरूद्दीन से क्या कहा होगा?
(ख) जमाल साहब अपने मामूली से कपड़ों में घूमने क्यों नहीं जाना चाहते होंगे?
(ग) नसीरूद्दीन अपनी अचकन के बारे में हमेशा क्यों बताते होंगे?
(क) जमाल साहब ने अचकन के बारे में कोई भी बात करने के लिए मना किया होगा। उन्होंने कहा होगा, "तुमने उसका ज़िक्र क्यों किया। तुम्हारी बात से उन्हें पता चल गया होगा कि ज़रूर कोई न कोई राज़ है।"
(ख) जमाल साहब को लगता होगा कि यदि वे मामूली से कपड़ों में घूमेंगे, तो लोग उन्हें गरीब समझेंगे। लोग उनके बारे में यह भी सोचेंगे कि गरीब आदमी है इसलिए इसके पास अच्छे कपड़े नहीं हैं। ऐसा भी हो सकता है कि लोग उन्हें नसीरूद्दीन का नौकर ही न समझ लें। अतः जमाल साहब अपने मामूली से कपड़ों में घूमने नहीं जाना चाहते होंगे।
(ग) नसीरूद्दीन मज़ाकिया इंसान थे। वे अपने दोस्त से अपनी अचकन के बारे में अकसर मज़ाक करते होगें। वह दोस्त को यह समझाना चाहते होंगे कि आदमी अपनी पोशाक से नहीं, अपने गुणों से पहचाना जाता है।