मियाँ नसीरुद्दीन को अपने काम से बहुत प्यार है। उनका काम रोटी बनाने का है परन्तु वे उसे काम के रूप में नहीं एक कला के रूप में देखते हैं। उनकी यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी। जब हम अपने काम से प्यार करने लगे, तो वह बस काम नहीं रह जाता है। उन्हें बहुत प्रकार की रोटियाँ बनानी आती हैं। इसलिए वे स्वयं पर गर्व करते हैं। अपने काम का उन्हें इतना गहरा ज्ञान है कि उसने उन्हें गर्व से भर दिया है। लोग प्रायः अपने काम को इतने गर्व से नहीं लेते हैं। काम उनके लिए पैसे कमाने का जरिया है।