नीचे लिखे वाक्य पढ़ो। जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें आजकल कैसे लिखते हैं, यह भी बताओ।
(क) न जाने की अंधेर हो कौन छन में!
(ख) गुरु ने कहा तेज़ ग्वालिन न भग री!
(ग) इसी से गिरी, यह न मोटी घनी थी!
(घ) ये गलती न मेरी, यह गलती बिरानी!
(ङ) न ऐसी महूरत बनी बढ़िया जैसी
(क) न जाने की अंधेर हो कौन छन में। आजकल इस शब्द को 'क्षण' लिखते हैं।
(ख) गुरु ने कहा तेज़ ग्वालिन न भग री! आजकल इस शब्द को 'भाग रही' लिखते हैं।
(ग) इसी से गिरी, यह न मोटी घनी थी! आजकल इस शब्द को 'मज़बूत' लिखते हैं।
(घ) ये गलती न मेरी, यह गलती बिरानी! आजकल इस शब्द को 'परायी' लिखते हैं।
(ङ) न ऐसी महूरत बनी बढ़िया जैसी। आजकल इस शब्द को 'मुहूर्त' लिखते हैं।