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Question

Passge

That’s what I mean by loving ourselves: it’s called forgiveness. It is stepping free from the prison of guilt; it is being at peace with oneself. Only when we love ourselves in such a way can we know what it means to really love another, no more and no less. And please remember you do not have to be perfect, without fault, to give yourself such love. If you wait for perfection, it never arrivers. We must open the door of our heart to ourselves, whatever we have done. Once inside, then we are perfect.

Q. Which among the following is the most logical assumption that can be made from the above passage?

अपने आप को प्रेम करने से मेरा तात्पर्य है: क्षमा करना। यह स्वयं को अपराध बोध से मुक्त करने के समान है; इसका अर्थ है आन्तरिक शान्ति प्राप्त करना। जब हम स्वयं को इस प्रकार प्रेम करेंगे तभी हम जान सकेंगे कि एक-दूसरे को प्रेम करने का वास्तविक अर्थ क्या होता है, न तो इससे कम में और न ही इससे अधिक में इसे समझा जा सकता है। साथ ही, कृपया ध्यान रखिए कि स्वयं को इस प्रकार प्रेम करने के लिए आपको बिना अपराध के परिपूर्ण होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप परिपूर्णता की प्रतीक्षा करते हैं, तो जान लीजिए कि यह कभी प्राप्त नहीं होती है। हमें स्वयं के लिए अपने हृदय के द्वार खोलने ही होंगे, भले ही हम कैसे भी हों। एक बार हम स्वयं के हृदय में प्रवेश कर गए, तो हम परिपूर्ण हैं।

Q. निम्नलिखित में से, उपर्युक्त परिच्छेद से निष्कर्षित की जा सकने वाली सर्वाधिक तार्किक पूर्वधारणा कौन-सी है?

A
Human beings can forgive themselves for their faults and imperfections.

मनुष्य स्वयं को अपने अपराधों और अपूर्णताओं के लिए क्षमा कर सकता है।
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B
Human beings lack the capacity to forgive themselves.

मनुष्य में स्वयं को क्षमा करने की क्षमता का अभाव होता है।
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C
Human beings are trapped in the prison of guilt.

मनुष्य अपराधबोध से ग्रसित हैं।
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D
Human beings lack the ability to love others and themselves.

मनुष्यों में अन्य लोगों एवं स्वयं को प्रेम करने की योग्यता का अभाव होता है।
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
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Solution

The correct option is A Human beings can forgive themselves for their faults and imperfections.

मनुष्य स्वयं को अपने अपराधों और अपूर्णताओं के लिए क्षमा कर सकता है।
The passage explains that by forgiving ourselves we can free ourselves from the prison of guilt. Therefore, it can be safely assumed that we can forgive ourselves. Thus, Option (a) is the correct answer. Option (b) says the just opposite and thus is incorrect. Option (c) is incorrect. It can’t be told about every human being. Every human being is not trapped in the prison of guilt. Further, the passage advises us to love ourselves and thus Option (d) is also incorrect which says just the opposite.

परिच्छेद व्याख्या करता है कि स्वयं को क्षमा करके हम अपराधबोध से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए सरलता से यह माना जा सकता है हम स्वयं को क्षमा कर सकते हैं। इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।
विकल्प (b) ठीक विपरीत बात कहता है और इसलिए गलत है। विकल्प (c) गलत है। प्रत्येक मनुष्य के संबंध में ऐसा नहीं कहा जा सकता। प्रत्येक व्यक्ति अपराध बोध से ग्रस्त नहीं है। आगे व्याख्या हमें स्वयं को प्रेम करने की सलाह देती है और इसलिए विकल्प (d) भी गलत है जो ठीक विपरीत बात कहता है।

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Q. Passge

That’s what I mean by loving ourselves: it’s called forgiveness. It is stepping free from the prison of guilt; it is being at peace with oneself. Only when we love ourselves in such a way can we know what it means to really love another, no more and no less. And please remember you do not have to be perfect, without fault, to give yourself such love. If you wait for perfection, it never arrivers. We must open the door of our heart to ourselves, whatever we have done. Once inside, then we are perfect.

Q. Which among the following is the most logical assumption that can be made from the above passage?

अपने आप को प्रेम करने से मेरा तात्पर्य है: क्षमा करना। यह स्वयं को अपराध बोध से मुक्त करने के समान है; इसका अर्थ है आन्तरिक शान्ति प्राप्त करना। जब हम स्वयं को इस प्रकार प्रेम करेंगे तभी हम जान सकेंगे कि एक-दूसरे को प्रेम करने का वास्तविक अर्थ क्या होता है, न तो इससे कम में और न ही इससे अधिक में इसे समझा जा सकता है। साथ ही, कृपया ध्यान रखिए कि स्वयं को इस प्रकार प्रेम करने के लिए आपको बिना अपराध के परिपूर्ण होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप परिपूर्णता की प्रतीक्षा करते हैं, तो जान लीजिए कि यह कभी प्राप्त नहीं होती है। हमें स्वयं के लिए अपने हृदय के द्वार खोलने ही होंगे, भले ही हम कैसे भी हों। एक बार हम स्वयं के हृदय में प्रवेश कर गए, तो हम परिपूर्ण हैं।

Q. निम्नलिखित में से, उपर्युक्त परिच्छेद से निष्कर्षित की जा सकने वाली सर्वाधिक तार्किक पूर्वधारणा कौन-सी है?
Q. निम्नलिखित पांच परिच्छेदों को पढ़िए और प्रत्येक परिच्छेद के आगे आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नों के आपके उत्तर इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।

परिच्छेद 1
अपने आप को प्रेम करने से मेरा तात्पर्य है: क्षमा करना। यह स्वयं को अपराध बोध से मुक्त करने के समान है; इसका अर्थ है आन्तरिक शान्ति प्राप्त करना। जब हम स्वयं को इस प्रकार प्रेम करेंगे तभी हम जान सकेंगे कि एक-दूसरे को प्रेम करने का वास्तविक अर्थ क्या होता है, न तो इससे कम में और न ही इससे अधिक में इसे समझा जा सकता है। साथ ही, कृपया ध्यान रखिए कि स्वयं को इस प्रकार प्रेम करने के लिए आपको बिना अपराध के परिपूर्ण होने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप परिपूर्णता की प्रतीक्षा करते हैं, तो जान लीजिए कि यह कभी प्राप्त नहीं होती है। हमें स्वयं के लिए अपने हृदय के द्वार खोलने ही होंगे, भले ही हम कैसे भी हों। एक बार हम स्वयं के हृदय में प्रवेश कर गए, तो हम परिपूर्ण हैं।

Q. निम्नलिखित में से, उपर्युक्त परिच्छेद से निष्कर्षित की जा सकने वाली सर्वाधिक तार्किक पूर्वधारणा कौन-सी है?
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