Q. With reference to the Tele-Law Scheme, which was recently in the news, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. हाल ही में चर्चा में रही टेली-लॉ योजना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation: Tele-Law has touched a new milestone in October 2020 with 4 Lakh beneficiaries having received legal advice under this through CSCs (Common Service Centres).
Statement 1 is correct: The Tele-Law Scheme aims to address issues at the pre-litigative stage. It is a service that uses video conferencing facilities and telephone services to connect lawyers to litigants who need legal advice. This service aims to reach out to the needy especially the marginalized and the disadvantaged.
Statement 2 is correct: Under Tele-Law Scheme, the Department of Justice (Ministry of Law and Justice) has partnered with National Legal Service Authority (NALSA) and CSC e-Governance Service India Limited for mainstreaming legal aid to the marginalised communities through Common Services Center (CSC). It uses Common Service Centres (CSCs) as access points in providing legal aid. The scheme connects citizens with lawyers through video conferencing facilities by the Para-Legal Volunteers stationed at identified panchayats through the CSCs.
Statement 3 is incorrect: The Tele-Law Scheme enables anyone to seek legal advice without wasting precious time and money. The service is free for those who are eligible for free legal aid as mentioned under Section 12 of the Legal Services Authority Act, 1987 (such as women and children, persons with a disability, etc.). For all others, a nominal fee is charged.
व्याख्या: टेली लॉ के अंतर्गत अक्टूबर 2020 में 4 लाख लाभार्थियों को CSC (सामान्य सेवा केंद्र) के माध्यम से कानूनी सलाह प्रदान की गई है।
कथन 1 सही है: टेली-लॉ योजना का उद्देश्य पूर्व मुकदमेबाजी चरण पर मुद्दों को संबोधित करना है। यह एक ऐसी सेवा है जो वकीलों को कानूनी सलाह की आवश्यकता वाले वादकारी से जोड़ने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं और टेलीफोन सेवाओं का उपयोग करती है। इस सेवा का उद्देश्य जरूरतमंदों, विशेष रूप से हाशिए के समुदायों और वंचितों, तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
कथन 2 सही है: टेली-लॉ योजना के तहत, न्याय विभाग (कानून और न्याय मंत्रालय) ने सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से सीमांत समुदायों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और CSC ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। यह कानूनी सहायता प्रदान करने में पहुंच बिंदुओं के रूप में सामान्य सेवा केंद्रों (CSCs) का उपयोग करती है। योजना CSC के माध्यम से पहचान की गई पंचायतों में तैनात पैरा कानूनी वास्वयंसेवक द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाओं के माध्यम से वकीलों के साथ नागरिकों को जोड़ती है।
कथन 3 गलत है: टेली-लॉ योजना किसी को भी अपना कीमती समय और धन बर्बाद किए बिना कानूनी सलाह प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। यह सेवा उन लोगों के लिए नि: शुल्क है जो मुफ्त कानूनी सहायता के लिए पात्र हैं जैसा कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 (जैसे महिलाओं और बच्चों, विकलांग व्यक्ति आदि) के तहत उल्लिखित है। इसके अलावा, अन्य सभी से मामूली शुल्क लिया जाता है।