Q49. Consider the following statements.
1. The Right to Property is not conferred to the citizens by the Constitution of India.
2. Fundamental Rights are available only against the arbitrary action of the State.
Which of the above statement(s) is/are correct?
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. संपत्ति का अधिकार नागरिकों को भारत के संविधान द्वारा प्रदान नहीं किया जाता है।
2. मौलिक अधिकार केवल राज्य की मनमानी कार्रवाई के खिलाफ उपलब्ध हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
(d) None of the above
(d) इनमें से कोई नहीं
The right to property was deleted from the list of Fundamental Rights by the 44th amendment act, 1978. Now it is just a legal right Under Article 300-A in part XII and not a Fundamental Right.
Fundamental Rights are constraints and obligations upon the actions of both the state and individuals or groups.
44 वें संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा मौलिक अधिकारों की सूची से संपत्ति का अधिकार हटा दिया गया था। अब यह भाग XII में अनुच्छेद 300-ए के तहत एक कानूनी अधिकार है और मौलिक अधिकार नहीं है।
मौलिक अधिकार राज्य और व्यक्तियों या समूहों दोनों के कार्यों पर निर्बंधन और दायित्व हैं।