''साहित्य थके हुए मनुष्य के लिए विश्रांति ही नहीं है। वह उसे आगे बढ़ने के लिए उत्साहित भी करता है।'' स्पष्ट कीजिए।
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साहित्य की रचना के पीछे एक नहीं अनेक कारण हैं। वह थके हुए मनुष्य के लिए विश्रांति के साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए उत्साहित भी करता है। समाज को नई दिशा देना, थके हारे मनुष्य को नई राह देना, मन को शांति प्रदान करना, उदासी को प्रसन्नता में बदल देना, सड़ी-गली परंपराओं के स्थान पर नई परंपराओं को मार्ग देना तथा मनुष्य में पुनः उत्साह का संचार करना है। इसका कार्य ही है मनुष्य को जीने की अनेक राहें उपलब्ध करवाना। वह ऐसा मार्गदर्शक बन जाता है, जो जीवन की सभी विसंगति को भुलाकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। यही कारण है कि साहित्य में उसे अपने जीवन की झलक ही नहीं मिलती बल्कि जीवन में आने वाली मुसीबतों से निकलने की प्रेरणा भी मिलती है। यही कारण है कि साहित्य मनुष्य को प्रेरणा, उद्देश्य, मार्ग, शांति, विश्राम और नया उत्साह भी देता है। साहित्य के महत्व को हम इसी से जान सकते हैं कि एक लेखक या कवि के लिखी रचना को लोगों द्वारा बड़े चाव से पढ़ा जाता है और आने वाले समय में भी पढ़ा जाता रहेगा।