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Question

The Centre for Study of Science, Technology and Policy (CSTEP) conducted an urban poverty survey to understand the dynamics between livelihoods, mobility and shelter. This would provide insights into patterns that can help design sustainable and democratic policy alternatives and initiatives. CSTEP surveyed slums within and on the outskirts of the city, and compared the living conditions between them.

Though a majority of the slums surveyed have pucca or semi-pucca houses, 90% of the households in the core slums have fewer than two rooms as opposed to 65% houses in the peripheral areas. There is a pattern where people are willing to give up better living conditions (more space and toilets on premises) for better opportunities in the core areas. Some of them do not move to the new/relocated areas as their livelihood is deeply rooted in these slums (core) and the new areas have poor accessibility and livelihood options are limited. Intrinsic skills like zari making are related to specific markets. Relocation renders these skills redundant. The credit ecosystem that existed based on trust, social relationship and nurtured for generations is also lost. Unemployment and credit opportunities have a cyclical impact on each other. Credit makes it easy for people to start small businesses and skill-based work such as carpentry, driving auto rickshaws and taxis, and employment makes it easy for people to get and pay back credit on time.

It is, thus, crucial to understand the link between shelter and livelihood options. This is the reason for the failure of most of the slum relocation schemes — these disconnect the urban functions. It is imperative that thoughtful planning be done to rehabilitate the economic opportunities for these people.

Accessibility to basic facilities like water and sanitation is inferior in the peripheral areas. Waste flows into pits (not septic tanks), which are dug in every house, due to a lack of sewage connections. Water quality and its impact on health are also areas of concern. Slums in the core areas have better access to education, especially higher education, also. Lack of accessibility to medical centres is acuter in peripheral slums.

Q34. According to the passage, what is the most pressing need of the people which discourages them to move towards better living conditions from slum areas?

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति अध्ययन केन्द्र (CSTEP) ने जीवनयापन, गतिशीलता (आवागमन) और आश्रय के बीच के गतिकी को समझने के लिये शहरी निर्धनता का एक सर्वेक्षण किया। इससे उन स्वरूपों की पहचान हो सकेगी जिनसे धारणीय और प्रजातांत्रिक नीतिगत विकल्पों और अगुवाई की परिकल्पना में सहायता प्राप्त हो सकती है। शहर के भीतरी और बाह्य सीमाओं पर स्थित बस्तियों का CSTEP ने सर्वेक्षण किया और उनके जीवन की परिस्थितियों के बीच तुलना की।

यद्यपि सर्वेक्षण में सम्मिलित अधिकतर स्लम में घर पक्के या अध-पक्के थे, लेकिन स्लम के कोर क्षेत्र के 90 प्रतिशत परिवारों के पास, बाह्य (परिधीय) क्षेत्रों के 65 प्रतिशत घरों की तुलना में दो से कम कमरे वाले घर थे। ऐसे भी रूझान सामने आये जहां लोग कोर क्षेत्र में उपलब्ध श्रेष्ठतर अवसरों के लिए, जीवन की अच्छी परिस्थितियां (अधिक बड़ा घर और घर में शौचालय की सुविधा) को भी छोड़ने के इच्छुक हैं। उनमें से कुछ तो नये/पुनर्स्थापन क्षेत्रों में भी जाने के इच्छुक नहीं होते क्योंकि उनकी आजीविका का आधार इन्हीं मलीन बस्तियों के अंदर स्थित है और नये क्षेत्रों के लिए संपर्क के साधन नगण्य हैं और आजीविका के विकल्प भी सीमित हैं। आधारभूत कौशल, जैसे ज़री बनाने का कार्य, विशिष्ट बाजारों से ही संबंधित है। पुनर्स्थापन से इस प्रकार के कौशल व्यर्थ हो जाते हैं। विश्वास और सामाजिक संबंधों पर पीढ़ियों से पोषित ऋण पारितंत्र समाप्त हो जाता है। बेरोजगारी और ऋण के अवसरों के बीच एक दूसरे पर चक्रीय प्रभाव पड़ता है। ऋण उपलब्धि से लोगां के लिए छोटे व्यापार तथा कौशल आधारित कार्य, जैसे-बढ़ईगिरी, ऑटो-रिक्शा या टैक्सी चलाना आसान हो जाता है और इस प्रकार रोजगार से लोगों के लिए ऋण प्राप्त करना तथा समय पर चुकाना सरल हो जाता है।

इसलिए आश्रयस्थल और आजीविका के विकल्पों के बीच की कड़ी को समझना परमावश्यक है। अधिकांश पुनर्वास योजनाओं की असपफलता का कारण यही है- ये शहरी कार्यां के बीच अंतराल पैदा कर देते हैं। इसलिए यह अनिवार्य है कि इन लोगों के लिए आर्थिक अवसरों के पुनर्वास हेतु भी विचारशील उपाय किये जायें।

बाह्य क्षेत्रों में पेयजल और शुचिता की सुलभता जैसी आधारभूत सुविधाएँ अति न्यून हैं। अपशिष्ट उन गढढों (सेप्टिक टैंक नहीं) में बहता है, जो जल निकासी संयोजन के अभाव में प्रत्येक घर में खोदे जाते हैं। इन क्षेत्रों में जल की गुणवत्ता और इसका स्वास्थ्य पर प्रभाव भी चिंता का विषय है। कोर क्षेत्र के स्लम में शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा तक पहुंच भी सरल है। स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच की समस्या भी बाह्य क्षेत्रों में ही अधिक है।

Q34. इस परिच्छेद के अनुसार, लोगों की कौन-सी आवश्यकता सबसे अधिक महत्वपूर्ण या आवश्यक है, जो उन्हें स्लम को छोड़ अच्छे जीवन शैली वाले क्षेत्रों की ओर जाने से रोकती है?


A

(a) Inadequate facilities of higher education.

(a) उच्च शिक्षा की अपर्याप्त सुविधाएँ।

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B

(b) Lack of accessibility to medical facilities

(b) स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता का अभाव।

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C

(c) Poor accessibility to mobility and livelihood options

(c) गतिशीलता (आवागमन) और आजीविका के विकल्पों की खराब उपलब्ध्ता।

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D

(d) Insufficient drinking water sanitation facilities

(d) अपर्याप्त पेय जल और शुचिता सुविधाएँ।

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The correct option is C

(c) Poor accessibility to mobility and livelihood options

(c) गतिशीलता (आवागमन) और आजीविका के विकल्पों की खराब उपलब्ध्ता।


From the 2nd paragraph, “There is a pattern where people are willing to give up better living conditions for better opportunities in the core areas. Some of them do not move to the new/relocated areas as their livelihood is deeply rooted in these slums (core) and the new areas have poor accessibility and livelihood options are limited” Thus, correct answer is C.

दूसरे अनुच्छेद से, “ऐसे भी रुझान सामने आये जहां लोग कोर क्षेत्र में उपलब्ध श्रेष्ठतर अवसरों के लिए, जीवन की अच्छी परिस्थितियों (अधिक बड़ा घर और घर में शौचालय की सुविधा) को भी छोड़ने के इच्छुक हैं। उनमे से कुछ तो नये/पुनस्र्थापन क्षेत्रों में भी जाने के इच्छुक नहीं होते क्योंकि उनकी आजीविका का आधार इन्हीं मलिन बस्तियों के अंदर स्थित है और नये क्षेत्रों के लिए संपर्क के साधन नगण्य हैं और आजीविका के विकल्प भी सीमित हैं।” इसलिए सही उत्तर (c) है।


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Q.

he Centre for Study of Science, Technology and Policy (CSTEP) conducted an urban poverty survey to understand the dynamics between livelihoods, mobility and shelter. This would provide insights into patterns that can help design sustainable and democratic policy alternatives and initiatives. CSTEP surveyed slums within and on the outskirts of the city, and compared the living conditions between them.

Though a majority of the slums surveyed have pucca or semi-pucca houses, 90% of the households in the core slums have fewer than two rooms as opposed to 65% houses in the peripheral areas. There is a pattern where people are willing to give up better living conditions (more space and toilets on premises) for better opportunities in the core areas. Some of them do not move to the new/relocated areas as their livelihood is deeply rooted in these slums (core) and the new areas have poor accessibility and livelihood options are limited. Intrinsic skills like zari making are related to specific markets. Relocation renders these skills redundant. The credit ecosystem that existed based on trust, social relationship and nurtured for generations is also lost. Unemployment and credit opportunities have a cyclical impact on each other. Credit makes it easy for people to start small businesses and skill-based work such as carpentry, driving auto rickshaws and taxis, and employment makes it easy for people to get and pay back credit on time.

It is, thus, crucial to understand the link between shelter and livelihood options. This is the reason for the failure of most of the slum relocation schemes — these disconnect the urban functions. It is imperative that thoughtful planning be done to rehabilitate the economic opportunities for these people.

Accessibility to basic facilities like water and sanitation is inferior in the peripheral areas. Waste flows into pits (not septic tanks), which are dug in every house, due to a lack of sewage connections. Water quality and its impact on health are also areas of concern. Slums in the core areas have better access to education, especially higher education, also. Lack of accessibility to medical centres is acuter in peripheral slums.

Q35. Why does the author say that skills of those relocating to areas having better living conditions become redundant?

विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति अध्ययन केन्द्र (CSTEP) ने जीवनयापन, गतिशीलता (आवागमन) और आश्रय के बीच के गतिकी को समझने के लिये शहरी निर्धनता का एक सर्वेक्षण किया। इससे उन स्वरूपों की पहचान हो सकेगी जिनसे धारणीय और प्रजातांत्रिक नीतिगत विकल्पों और अगुवाई की परिकल्पना में सहायता प्राप्त हो सकती है। शहर के भीतरी और बाह्य सीमाओं पर स्थित बस्तियों का CSTEP ने सर्वेक्षण किया और उनके जीवन की परिस्थितियों के बीच तुलना की।

यद्यपि सर्वेक्षण में सम्मिलित अधिकतर स्लम में घर पक्के या अध-पक्के थे, लेकिन स्लम के कोर क्षेत्र के 90 प्रतिशत परिवारों के पास, बाह्य (परिधीय) क्षेत्रों के 65 प्रतिशत घरों की तुलना में दो से कम कमरे वाले घर थे। ऐसे भी रूझान सामने आये जहां लोग कोर क्षेत्र में उपलब्ध श्रेष्ठतर अवसरों के लिए, जीवन की अच्छी परिस्थितियां (अधिक बड़ा घर और घर में शौचालय की सुविधा) को भी छोड़ने के इच्छुक हैं। उनमें से कुछ तो नये/पुनर्स्थापन क्षेत्रों में भी जाने के इच्छुक नहीं होते क्योंकि उनकी आजीविका का आधार इन्हीं मलीन बस्तियों के अंदर स्थित है और नये क्षेत्रों के लिए संपर्क के साधन नगण्य हैं और आजीविका के विकल्प भी सीमित हैं। आधारभूत कौशल, जैसे ज़री बनाने का कार्य, विशिष्ट बाजारों से ही संबंधित है। पुनर्स्थापन से इस प्रकार के कौशल व्यर्थ हो जाते हैं। विश्वास और सामाजिक संबंधों पर पीढ़ियों से पोषित ऋण पारितंत्र समाप्त हो जाता है। बेरोजगारी और ऋण के अवसरों के बीच एक दूसरे पर चक्रीय प्रभाव पड़ता है। ऋण उपलब्धि से लोगां के लिए छोटे व्यापार तथा कौशल आधारित कार्य, जैसे-बढ़ईगिरी, ऑटो-रिक्शा या टैक्सी चलाना आसान हो जाता है और इस प्रकार रोजगार से लोगों के लिए ऋण प्राप्त करना तथा समय पर चुकाना सरल हो जाता है।

इसलिए आश्रयस्थल और आजीविका के विकल्पों के बीच की कड़ी को समझना परमावश्यक है। अधिकांश पुनर्वास योजनाओं की असपफलता का कारण यही है- ये शहरी कार्यां के बीच अंतराल पैदा कर देते हैं। इसलिए यह अनिवार्य है कि इन लोगों के लिए आर्थिक अवसरों के पुनर्वास हेतु भी विचारशील उपाय किये जायें।

बाह्य क्षेत्रों में पेयजल और शुचिता की सुलभता जैसी आधारभूत सुविधाएँ अति न्यून हैं। अपशिष्ट उन गढढों (सेप्टिक टैंक नहीं) में बहता है, जो जल निकासी संयोजन के अभाव में प्रत्येक घर में खोदे जाते हैं। इन क्षेत्रों में जल की गुणवत्ता और इसका स्वास्थ्य पर प्रभाव भी चिंता का विषय है। कोर क्षेत्र के स्लम में शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा तक पहुंच भी सरल है। स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच की समस्या भी बाह्य क्षेत्रों में ही अधिक है।

Q35. लेखक क्यों कहता है कि श्रेष्ठ जीवन शैली वाले क्षेत्रों की ओर पुर्नस्थापित करने वालों के कौशल व्यर्थ हो जाते हैं?


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