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RPSC RAS परीक्षा पद्धति

राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा – RPSC (RAS exam) शीघ्र आयोजित होने वाली है । यह राजस्थान राज्य की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है । इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर आप उच्च प्रशासनिक व पुलिस पदों पर नियुक्त हो सकते हैं । यह परीक्षा  कुल 3 चरणों में आयोजित की जाती है :- 1.प्रारंभिक परीक्षा, 2.मुख्य परीक्षा एवं 3.साक्षात्कार ।

इस लेख में हम राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा – RPSC (RAS exam) के तीनों चरणों की पद्धति व योजना से जुड़ी सभी जानकरी आपको उपलब्ध करा रहे हैं । इस लेख को अंग्रेजी माध्यम में पढने के लिए देखें RPSC RAS Exam Pattern

हिंदी माध्यम में UPSC से जुड़े मार्गदर्शन के लिए अवश्य देखें हमारा हिंदी पेज  आईएएस हिंदी 

1.प्रारंभिक परीक्षा : प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary test) इस परीक्षा का पहला चरण है । यह महज एक ‘स्क्रीनिंग टेस्ट’ है । इसका अर्थ यह है कि इस परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम मेधा सूचि में नहीं शामिल किया जाता । प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान का  वस्तुनिष्ठ प्रकार का एक प्रश्न-पत्र होता है, जो कि अधिकतम 200 अंकों  का होता है । प्रश्नपत्र का स्तरमान स्नातक (Graduation) स्तर का होता है ।

राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी (प्रा.) परीक्षा की पद्धति

प्रश्नपत्र विषय अधिकतम अंक समय
1 सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान 200 3 घण्टे

 

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न -पत्र में बहुविकल्पीय प्रकार के 150 प्रश्न होंगे व सभी प्रश्न समान अंक के होंगे । इनके मूल्यांकन में ऋणात्मक अंकन (Negative Marking) किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगे । प्रारंभिक परीक्षा में निम्नलिखित क्षेत्रों से प्रश्न पूछे जाते हैं : 

1.राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत : राजस्थान  के प्रागैतिहासिक स्थल- पुरापाषाण से ताम्र पाषाण एवं कांस्य युग तक ,ऐतिहासिक राजस्थान: प्रारंम्भिक ईस्वी काल के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केन्द्र ,प्राचीन राजस्थान में समाज, धर्म एवं संस्कृति,प्रमुख राजवंशों के महत्वपूर्ण शासकों की राजनीतिक एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों-गुहिल, प्रतिहार, चौहान, परमार, राठौड़, सिसोदिया और कच्छावा ,मध्यकालीन राजस्थान में प्रशासनिक तथा राजस्व व्यवस्था,आधुनिक राजस्थान का उदय -19वीं- 20वीं शताब्दी के दौरान राजस्थान में सामाजिक जागृति के कारक। राजनीतिक जागरण: समाचार पत्रों एवं राजनीतिक संस्थाओं की भूमिका ,20वीं शताब्दी में जनजाति तथा किसान आन्दोलन, 20वीं शताब्दी के दौरान विभिन्न देशी रियासतों में प्रजामण्डल आन्दोलन। राजस्थान का एकीकरण,राजस्थान की वास्तु परम्परा :मंदिर, किले, महल एवं मानव निर्मित जलीय संरचनाएँ, चित्रकला की विभिन्न शैलियों और हस्तशिल्प।प्रदर्शन कला : शास्त्रीय संगीत एवं शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत एवं वाद्य, लोक नृत्य एवं नाट्य ,भाषा एवं साहित्य :राजस्थानी भाषा की बोलियाँ , राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य ,धार्मिक जीवन : धार्मिक समुदाय, राजस्थान में संत एवं सम्प्रदाय। राजस्थान के लोक देवी-देवता। राजस्थान में सामाजिक जीवन :मेले एवं त्योहार, सामाजिक रीति-रिवाज तथा परम्पराये, वेशभूषा एवं आभूषण ,राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व ।

2.भारत का इतिहास : भारत के सांस्कृतिक आधार- सिन्धु एवं वैदिक काल: छठी शताब्दी ई. पू. की श्रमण परम्परा और नये धार्मिक विचार- आजीवक, बौद्ध तथा जैन,प्रमुख राजवंशों के महत्वपूर्ण शासकों की उपलब्धियाँ :मौर्य, कुषाण, सातवाहन, गुप्त, चालुक्य, पल्लव एवं चोल,प्राचीन भारत में कला एवं वास्तु। प्राचीन भारत में भाषा एवं साहित्य का विकास : संस्कृत , प्राकृत एवं तमिल । सल्तनतकाल: प्रमुख सल्तनत शासकों की उपलब्धियों ,विजयनगर की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ,मुगलकाल : राजनीतिक चुनौतियाँ एवं सुलह-अफगान, राजपूत, दक्कनी राज्य और मराठा। मध्यकाल में कला एवं वास्तु ,चित्रकला एवं संगीत का विकास। भक्ति तथा सूफी आंदोलन का धार्मिक एवं साहित्यिक योगदान। आधुनिक भारत का विकास एवं राष्ट्रवाद का उदय : बौद्धिक जागरण ,प्रेस, पश्चिमी शिक्षा; 19वीं शताब्दी के दौरान सामाजिक-धार्मिक सुधार- विभिन्न नेता एवं संस्थाएँ,स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन- विभिन्न अवस्थाएँ, धाराएँ, महत्वपूर्ण योगदानकर्ता एवं ,देश के अलग-अलग हिस्सों का योगदान,स्वातंत्र्योत्तर राष्ट्र निर्माण- राज्यों का भाषायी पुनर्गठन; नेहरू युग में सांस्थानिक निर्माण, विज्ञान एवं तकनीकी का विकास,

3.विश्व एवं भारत का भूगोल : प्रमुख स्थलाकृतियाँ- पर्वत, पठार, मैदान एवं मरूस्थल ,प्रमुख नदियों एवं झीलें,कृषि के प्रकार,प्रमुख औद्योगिक प्रदेश,पर्यावरणीय मुद्दे- मरूस्थलीकरण, वनोन्मूलन, जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग (ऊष्मीकरण),ओजन अवक्षय,प्रमुख स्थलाकृतियाँ- पर्वत पठार एवं मैदान,मानसून तंत्र व वर्षा का वितरण,प्रमुख नदियों एवं झीलें,प्रमुख फसले- गेहूँ, चावल, कपास, गन्ना, चाय एवं कॉफी,प्रमुख खनिज-लौह अयस्क, मैगनीज, बॉक्साइट एवं अभ्रक,ऊर्जा संसाधन परम्परागत एवं गैर-परम्परागत,प्रमुख औद्योगिक प्रदेश,राष्ट्रीय राजमार्ग एवं प्रमुख परिवहन गलियारे,

4.राजस्थान का भूगोल : प्रमुख भू-आकृतिक प्रदेश एवं उनकी विशेषताएं,जलवायु की विशेषताएं,प्रमुख नदियाँ एवं झीलें,प्राकृतिक वनस्पति एवं मृदा,प्रमुख फसलें- गेहूँ मक्का, जौ, कपास, गन्ना, एवं बाजरा,प्रमुख उद्योग,प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ एवं जल संरक्षण तकनीकें,जनसंख्या वृद्धि, घनत्व, साक्षरता, लिंगानुपात एवं प्रमुख जनजातियाँ,खनिज- धात्विक एवं अधात्विक,ऊर्जा संसाधन- परम्परागत एवं गैर-परम्परागत,जैव-विविधता एवं इनका संरक्षण,पर्यटन स्थल एवं परिपथ ।

5.भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन प्रणाली :

भारतीय संविधानः दार्शनिक तत्व : संविधान सभा, भारतीय संविधान की विशेषताएं, संवैधानिक संशोधन। उद्देशिका, मूल अधिकार, राज्य नीति के निदेशक तत्व मूल कर्तव्य 

भारतीय राजनीतिक व्यवस्था : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद्, संसद, उच्चतम न्यायालय और न्यायिक पुनरावलोकन ,भारत निर्वाचन आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक नीति आयोग, केन्द्रीय सतर्कता आयोग, लोकपाल, केन्द्रीय सूचना आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,संघवाद, भारत में लोकतांत्रिक राजनीति गठबंधन सरकारें राष्ट्रीय एकीकरण ।

6.राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था :

राज्य की राजनीतिक व्यवस्था :

राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद्, विधानसभा, उच्च न्यायालय

प्रशासनिक व्यवस्था: 

जिला प्रशासन, स्थानीय स्वशासन एवं पंचायती राज संस्थाएं।

संस्थाएं: 

राजस्थान लोक सेवा आयोग, राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य 

सूचना आयोग।

लोक नीति एवं अधिकार :

लोक नीति, विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र।

7.आर्थिक अवधारणाएँ एवं भारतीय अर्थव्यवस्था : अर्थशास्त्र की मूलभूत अवधारणाएं-, बजट निर्माण, बैंकिंग, लोक वित्त, वस्तु एवं सेवा कर. राष्ट्रीय आय, संवृद्धि ज्ञान एवं विकास का आधारभूत ज्ञान ,लेखांकन- अवधारणा, उपकरण एवं प्रशासन में उपयोग ,स्टॉक एक्सचेंज एवं शेयर बाजार,राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियाँ,सब्सिडी, लोक वितरण प्रणाली,ई-कॉमर्स,मुद्रास्फीति- अवधारणा प्रभाव एवं नियंत्रण तंत्र

आर्थिक विकास एवं आयोजन: अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र: कृषि, उद्योग, सेवा एवं व्यापार क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति मुद्दे एवं पहल,प्रमुख आर्थिक समस्याएं एवं सरकार की पहल, आर्थिक सुधार एवं उदारीकरण।

मानव संसाधन एवं आर्थिक विकास: मानव विकास सूचकांक,वैश्विक खुशहाली सूचकांक,गरीबी एवं बेरोजगारी- अवधारणा, प्रकार, कारण, निदान एव वर्तमान फ्लेगशिप योजनाएं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता:

कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान।

8.राजस्थान की अर्थव्यवस्था : अर्थव्यवस्था का वृहत् परिदृश्य,कृषि ,उद्द्योग व सेवा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे,संवृद्धि ,विकास एवं आयोजना,आधारभूत संरचना एवं संसाधन,प्रमुख विकास परियोजनायें,राज्य सरकार की प्रमुख कल्याणकारी योजनाऐं: अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यको निःशक्तजनों, निराश्रितों, महिलाओं, बच्चों वृद्धजनों कृषकों एवं श्रमिकों के लिए।

9.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी : दैनिक जीवन में विज्ञान के मूलभूत तत्व,कम्प्यूटर्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी,रक्षा प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एवं उपग्रह,नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी एवं अनुवंशिक-अभियांत्रिकी,आहार एवं पोषण, रक्त समूह एवं Rh कारक,स्वास्थ्य देखभाल, संक्रामक, असंक्रामक एवं पशुजन्य रोग,पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव,जैव-विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संधारणीय विकास,कृषि-विज्ञान, उद्यान-विज्ञान, वानिकी एवं पशुपालन राजस्थान के विशेष संदर्भ में,विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास राजस्थान के विशेष संदर्भ में।

10.तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता : तार्किक दक्षता (निगमनात्मक, आगमनात्मक, अपवर्तनात्मक ), कथन एवं मान्यताएं,कथन एवं तर्क,कथन एवं निष्कर्ष, कथन-कार्यवाही,. विश्लेषणात्मक तर्कक्षमता, मानसिक योग्यता : संख्या / अक्षर अनुक्रम,कूटवाचन (कोडिंग-डीकोडिंग),संबंधों से संबंधित समस्याएं,दिशा ज्ञान परीक्षण,तार्किक वेन आरेख,दर्पण / पानी प्रतिबिम्ब,आकार और उनके उपविभाजन, आधारभूत संख्यात्मक दक्षता : अनुपात -समानुपात तथा साझा,प्रतिशत,साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज,समतलीय चित्रों के परिमाप एवं क्षेत्र,आंकडों का विश्लेषण (सारणी दण्ड-आरेख, रेखीय आलेख पाई चार्ट) ,माध्य (समांतर, गुणोत्तर एवं हरात्मक),माध्यिका एवं बहुलक,क्रमचय एवं संचय,प्रायिकता ( सरल समस्याए )

11.समसामयिक घटनाएं : राजस्थान, भारतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख समसामयिक घटनाएं एवं मुद्दे

  • वर्तमान में चर्चित व्यक्ति, स्थान एवं संस्थाए, खेल एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियां

2.मुख्य  परीक्षा : प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को मुख्य  परीक्षा के लिए बुलाया जाता है । इसमें प्रविष्ट किये जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या, विभिन्न सेवाओं और पदों की उस वर्ष में भरी जाने वाली रिक्तियों (प्रवर्गवार) की कुल अनुमानित संख्या का 15 गुणा होती है , किन्तु उक्त रेंज में उन समस्त अभ्यर्थियों को, जिन्होंने अंकों का वही प्रतिशत प्राप्त किया है, जैसा राजस्थान लोक सेवा  आयोग द्वारा किसी निम्नतर रेंज के लिए नियत किया जाये, मुख्य परीक्षा में प्रवेश दिया जाता है ।

मुख्य  परीक्षा में 200 -200 अंक के 4  प्रश्न-पत्र होते हैं  जो वर्णनात्मक / विश्लेषणात्मक होते हैं ।  अभ्यर्थी को सभी 4  प्रश्नपत्र में उपस्थित होना अनिवार्य होता है ।  प्रश्नपत्र का स्तरमान सामान्यतया  स्नातक (Graduation) स्तर का होता है । सामान्य हिन्दी और सामान्य अंग्रेजी का स्तर उच्चतर माध्यमिक (सीनियर सैकेण्डरी) स्तर का होता है । प्रत्येक प्रश्न-पत्र के लिए  3 घण्टे का समय  होता है । तत्पश्चात मुख्य  परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है जो कि 100 अंकों का होता है । इस लेख में आप RPSC RAS परीक्षा से जुड़ी आयु सीमा ,शैक्षणिक योग्यता इत्यादि  योग्यता शर्तों सम्बंधी  सम्पूर्ण जानकारी पा सकते हैं । 

राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा संयुक्त प्रतियोगी (मुख्य) परीक्षा की पद्धति

प्रश्न पत्र प्रश्न पत्र विषय अधिकतम अंक समय
1 सामान्य अध्ययन- 1  200 3 घंटे
2 सामान्य अध्ययन- 2 200 3 घंटे
3 सामान्य अध्ययन- 3 200 3 घंटे
4 सामान्य हिन्दी एवं सामान्य अंग्रेजी 200 3 घंटे

प्रश्न पत्र -1 में राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य परम्परा और धरोहर, भारतीय इतिहास एवं संस्कृति:,आधुनिक विश्व का इतिहास (1950 ईस्वी तक), भारत ,विश्व एवं राजस्थान की अर्थव्यवस्था, समाजशास्त्र, प्रबंधन ,लेखांकन एवं अंकेक्षण आदि से प्रश्न पूछे जाते हैं ।

प्रश्न पत्र -2 में प्रशासकीय नीतिशास्त्र,सामान्य विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी ,भूगोल एवं भू-विज्ञान से प्रश्न पूछे जाते हैं ।

प्रश्न पत्र -3 में भारतीय राजनीतिक व्यवस्था, विश्व राजनीति एवं समसामयिक मामले,लोक प्रशासन एवं प्रबंधन की अवधारणाएँ मुद्दे एवं गत्यात्मकता ,खेल एवं योग , व्यवहार एवं विधि, से प्रश्न पूछे जाते हैं ।

प्रश्न पत्र -4 में हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा से प्रश्न पूछे जाते हैं । इसका विवरण निम्नलिखित है : 

सामान्य हिन्दी : कुल अंक 120, इस प्रश्न पत्र का उद्देश्य अभ्यर्थी की भाषा-विषयक क्षमता तथा उसके विचारों की सही, स्पष्ट एवं प्रभावपूर्ण अभिव्यक्ति की परख करना है।

भाग अ- (अंक 50) संधि एवं संधि विच्छेद- दिए हुए शब्दों में संधि करना और संधि विच्छेद करना।,उपसर्ग- उपसर्गों  से शब्दों की संरचना और शब्दों में विद्यमान उपसर्गों को पृथक करना।,प्रत्यय: प्रत्ययों  से शब्दों की संरचना और शब्दों में विद्यमान प्रत्ययों को पृथक करना।पर्यायवाची शब्द,विलोम शब्द,समश्रुत भिन्नार्थक शब्द – शब्द-युग्मों का अर्थ भेद,वाक्यांश के लिए एक सार्थक शब्द,वाक्य एवं शब्द शुद्धि,मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ: अनुप्रयोग,पारिभाषिक शब्दावली:  प्रशासन से संबंधित अंग्रेजी शब्दों के समानार्थक हिन्दी शब्द।

भाग ब (अंक 50) संक्षिप्तीकरण- गद्यावतरण का उचित शीर्षक एवं एक-तिहाई शब्दों में संक्षिप्तीकरण (गद्यावतरण की शब्द सीमा 150 शब्द ),पल्लवन – किसी सूक्ति, काव्य की पंक्ति, प्रसिद्ध कथन आदि का भाव विस्तार (शब्द सीमा 100 शब्द) ,पत्र लेखन-सामान्य  कार्यालयी पत्र ,निविदा, परिपत्र, विज्ञप्ति,अनुवाद : अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद (शब्द सीमा -75 शब्द )

भाग स (अंक 20)

किसी समसमायिक एवं अन्य विषय पर  निबंध लेखन (शब्द सीमा 250 शब्दों में)

General English (Total marks 80)

Part A-Grammar & Usage (20 Marks) Correction of Sentences: 10 sentences for correction with errors related to : Articles & Determiners, Prepositions,Tenses & Sequence of Tenses,Modals,Voice- Active & Passive,Narration- Direct & Indirect,Synonyms & Antonyms,Phrasal Verbs & Idioms, One Word Substitute,Words often Confused or Misused.

Part B-Comprehension, Translation & Precis Writing (30 Marks) Comprehension of an Unseen Passage (250 Words approximately) 05 Questions based on the passage. Question No. 05 should preferably be on vocabulary.,Translation of five sentences from Hindi to English,Precis Writing (a short passage of approximately 150-200 words)

Part C-Composition & Letter Writing (30 Marks) Paragraph Writing- Any 01 paragraph out of 03 given topics (approximately 200 words),Elaboration of a given theme (Any 1 out of 3, approximately 150 words) ,Letter Writing or Report Writing (approximately 150 words)

प्रश्न पत्र पद्धति  सा. ज्ञा. प्रश्न पत्र-1  सा. ज्ञा. प्रश्न पत्र-2 सा. ज्ञा. प्रश्न पत्र-3
लघु उत्तर वाले प्रश्न  25 प्रश्न  15 प्रश्न 25 प्रश्न
मध्यम उत्तर वाले प्रश्न 16 प्रश्न 14 प्रश्न 16 प्रश्न
दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न 7 प्रश्न 10 प्रश्न 7 प्रश्न
कुल  48 प्रश्न (200 अंक) 39 प्रश्न (200 अंक) 48 प्रश्न (200 अंक) 

 

नोट: लघु उत्तर वाले प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक होता है और इनकी शब्द सीमा 15 होती है ।

मध्यम उत्तर वाले प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक होता है और इनकी शब्द सीमा 50 होती है ।

दीर्घ उत्तर वाले प्रत्येक प्रश्न का मान 10 अंक होता है और इनकी शब्द सीमा 100 होती है ।

3.साक्षात्कार: मुख्य परीक्षा में कटऑफ से ऊपर स्कोर करने पर उम्मीदवार साक्षात्कार के चरण में पहुंचते हैं । मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू में उम्मीदवार के स्कोर के आधार पर अंतिम मेधा सूचि (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है । 

साक्षात्कार 100 अंकों का होता है और इसका उद्देश्य उम्मीदवार के दृष्टिकोण, व्यक्तित्व का परीक्षण करना और प्रशासन में करियर के लिए उसकी समग्र उपयुक्तता का आकलन करना है । उम्मीदवार आरएएस परीक्षा के लिए खुद को तैयार करने के लिए आईएएस साक्षात्कार प्रश्नों की समीक्षा भी कर सकते हैं क्योंकि दोनों सेवाओं का अंतिम उद्देश्य केंद्र और राज्य स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति करना है ।

साक्षात्कार में सफलता के लिए राज्य से जुड़े समसामयिक घटनाक्रम पर पैनी नज़र रखें । उदाहरण के लिए, पिछले वर्ष राजस्थान के सीकर जिले में , राजधानी जयपुर से लगभग 120 कि.मी की दूरी पर स्थित रोहिल नामक स्थान पर  यूरेनियम के विशाल भंडार की खोज की गई । ये भंडार लगभग  1086.46 हेक्टेयर क्षेत्र  में विस्तृत हैं जहाँ लगभग 12 मिलियन टन यूरेनियम और इससे जुड़े “एसोसिएटेड मिनरल्स” के भंडार का अनुमान है । इसके साथ ही आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जहां यूरेनियम की खोज की गई  है । अब इस प्रकार के घटनाक्रम साक्षात्कार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं । साक्षात्कार परिषद का एक उद्देश्य यह देखना भी होता है कि उम्मीदवार अपने राज्य संबंधी घटनाओं के प्रति कितना जागरूक है ।   

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