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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 04 June, 2022 UPSC CNA in Hindi

04 जून 2022 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. अमेरिका और भारत व्यापार मंच से लाभ प्राप्त करने की स्थिति पर कार्य कर रहे हैं

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

सामाजिक न्याय:

  1. न्यू इंडिया को चाहिए निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा

शासन

  1. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी एवं विनियमन

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. ई-कचरा पुनर्चक्रण करने वालों के लिए नए अवसर:
  2. भारत रूसी तेल का वाहक नहीं: विदेश मंत्री
  3. पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) को वनों के 1 किमी आसपास रखें: उच्चतम न्यायालय

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

अमेरिका और भारत व्यापार मंच से लाभ प्राप्त करने की स्थिति पर कार्य कर रहे हैं

विषय: भारत से संबंधित द्विपक्षीय समझौते।

मुख्य परीक्षा: भारत अमेरिका व्यापार नीति फोरम (TPF) का महत्व और भावी कदम

प्रसंग

नवंबर 2022 में भारत अमेरिका व्यापार नीति फोरम (TPF) के सत्र का आयोजन किया जाना है।

व्यापार नीति फोरम (TPF)

  • व्यापार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जुलाई 2005 में इसकी स्थापना की गई थी।
  • भारत सरकार का वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) इसकी नोडल एजेंसियां हैं।
    • भारत की ओर से इसकी सह-अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्री तथा अमेरिका की ओर से अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय द्वारा की जाती है।
  • उद्देश्य: द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में वृद्धि हेतु कार्य करना
  • इसमें कृषि-व्यापार के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों की वस्तुओं और सेवाओं को शामिल किया जाता है।
  • हाल ही में चार कार्य समूहों की पहचान की गई जिसमें निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया जाता है:
    • कृषिगत वस्तुएँ
    • गैर-कृषिगत वस्तुएँ
    • सेवाएं और निवेश (डिजिटल व्यापार सहित)
    • बौद्धिक संपदा (IP)

इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए 24 नवंबर 2021 के विस्तृत समाचार विश्लेषण का अध्ययन कीजिए।

प्रमुख व्यापार बाधाएं जिन पर अगले व्यापार नीति फोरम सत्र में चर्चा एवं उनके समाधान होने की उम्मीद है

  • अमेरिका के लिए, कृषि वस्तुओं की श्रेणी में भारत को इथेनॉल और संबद्ध पशु चारा घटक जिसे डिस्टिलर्स ड्राइड ग्रेन्स विद सॉल्यूबल्स (DDGS) कहा जाता है, का निर्यात करना महत्वपूर्ण है।
    • इथेनॉल में व्यापार के मामले में, भारत में घरेलू इथेनॉल उत्पादकों को ध्यान में रखते हुए आरक्षण प्रदान किया जाता है।
    • हालांकि, अमेरिका से इथेनॉल का व्यापार घरेलू स्रोतों का पूरक हो सकता है तथा भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण है।
      • भारत ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति में पेट्रोल में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण प्राप्त करने के अपने लक्ष्य वर्ष को संशोधित करके 2025-26 कर दिया है, जो प्रारंभ में 2030 तक था।
  • भारत का अमेरिका को कैराबीफ (पानी की भैंस का मांस) और अंगूर का निर्यात कृषि क्षेत्र में सर्वोच्च प्राथमिकता है।
  • अमेरिका में भारतीय झींगा के निर्यात को फिर से शुरू करना भी भारत के लिए प्राथमिकता बताया जा रहा है।
    • यदि संरक्षित समुद्री कछुए की प्रजातियां इस प्रक्रिया में प्रभावित होती हैं, तो अमेरिकी क़ानून झींगा और उससे जुड़े उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाते हैं। भारत इसे व्यापार के लिए एक तकनीकी बाधा के रूप में देखता है।
    • झींगा मछली पकड़ने के दौरान टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइसेज (TED) का उपयोग इस मुद्दे के समाधान में सहायक हो सकता है।

भावी कदम

  • अमेरिका के लिए प्राथमिकता चिकित्सा उपकरणों और डिजिटल व्यापार के मामले में भारतीय बाजार तक पहुंच को बढ़ाना है।
  • भारत के लिए प्राथमिकता अमेरिका के तरजीही बाजार पहुंच कार्यक्रम के लाभार्थी के रूप में अपने आपको पुनः स्थापित करना है जिसे सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (GSP) कहा जाता है।
    • 2019 में अमेरिका द्वारा भारत को सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (GSP) कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया था।
    • इस कार्यक्रम द्वारा अमेरिका को 5.6 बिलियन डॉलर से अधिक का भारतीय निर्यात किया गया था और इन उत्पादों के माध्यम से कर बचत लगभग 190 मिलियन डॉलर थी।
    • यह कार्यक्रम दिसंबर 2020 में समाप्त हो गया और इसके नवीनीकरण का प्रावधान हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स अमेरिका प्रतिस्पर्धा अधिनियम (2022), और सीनेट के यूएस इनोवेशन एंड कॉम्पिटिशन एक्ट, 2021, (USICA) में किया गया है।

सारांश:

  • नवंबर 2021 में आयोजित व्यापार नीति फोरम (TPF) की भूमिका भारतीय आम के निर्यात को आगे बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला में अन्य महामारी-प्रेरित चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण थी। अगले सत्र का बेसब्री से इंतजार है क्योंकि दोनों देश मौजूदा व्यापार बाधाओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करना चाहते हैं।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

सामाजिक न्याय

न्यू इंडिया को चाहिए निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा

विषय: शिक्षा से संबंधित मुद्दे

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति

मुख्य परीक्षा: भारत में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की आवश्यकता और इसे प्राप्त करने के तरीके।

प्रसंग: इस आलेख में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और देश में शिक्षा को वहनीय बनाने के लिए आवश्यक सुधारों पर प्रकाश डाला गया है।

भारत में वर्तमान परिदृश्य:

  • सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से संबंधित विभिन्न चुनौतियां मौजूद हैं।
  • जैसा कि अभी विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान की मांग अपने चरम पर है, वहीं विश्वविद्यालयों द्वारा मांग की जाने वाली ट्यूशन फीस छात्रों की पहुंच से बाहर है।
  • ट्यूशन फीस का बोझ असहनीय होता जा रहा है, क्योंकि शिक्षा को व्यवसाय में तब्दील किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उसकी गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।
  • इसी वजह से विशेष रूप से उच्च शिक्षा में ड्रॉप आउट दर भारत में बहुत अधिक है।
  • देश के आर्थिक रूप से वंचित वर्ग के अधिकांश छात्र विश्व स्तरीय शिक्षा सुविधाओं और बुनियादी ढांचे से वंचित हैं।
  • सरकारी द्वारा संपार्श्विक गारंटी के साथ शैक्षिक ऋण की उपलब्धता से भी समस्या का हल उस हद तक नहीं हुआ है। इसने ऐसे शिक्षा ऋणों में वृद्धि हुई है जिसमें विकास और लोक कल्याण की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाने की प्रवृत्ति होती है।

हस्तक्षेप करने वाले कदम:

  • सरकार द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को समग्र और व्यापक तरीके से शिक्षा प्रणाली को नवीनीकृत करने का एक ऐतिहासिक कदम माना गया है।
  • इस नीति में क्रियान्वयन प्रक्रिया में प्रभावशीलता तथा केंद्र और राज्यों के बीच आम सहमति की आवश्यकता है।
  • राष्ट्रीय शैक्षिक नीति में युवाओं की बुनियादी नींव को सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया गया।
  • जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो युवाओं का कौशल विकास आत्मनिर्भर भारत की उपलब्धि की आधारशिला बनेगा।
  • समग्र शिक्षा अभियान के तहत, एक एकीकृत और समग्र तरीके से प्रारंभिक चरण में लाखों बच्चों को शिक्षित करने और कौशल प्रशिक्षण देने की दृष्टि से कई स्कूलों की स्थापना की गई है।
  • पिछले छह वर्षों में व्यावसायिक शिक्षा के क्रियान्वयन में वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2014-15 में देश भर में स्कूलों की संख्या 960 थी जो बढ़कर 2021-22 में 11,710 हो गई।
  • वर्तमान में, समग्र शिक्षा अभियान के तहत 1.5 मिलियन से अधिक छात्र व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे हैं।
  • माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर 62 कौशल पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
  • सीबीएसई भी व्यावसायिक प्रशिक्षण को समग्र शिक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक मानता है।
  • सीबीएसई द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले पाठ्यक्रम स्कूलों और छात्रों के लिए प्रासंगिक योग्यता-आधारित पाठ्यक्रमों में से चुनने के लिए व्यापक विकल्प प्रदान करते हैं।
  • नई शिक्षा नीति न केवल संज्ञानात्मक विकास के लिए बल्कि 21वीं सदी की मांग को पूरा करने वाले आवश्यक कौशल के साथ चरित्र निर्माण के लिए अधिगम परिवर्तन के उद्देश्य पर केंद्रित है।

शिक्षा के विभिन्न मॉडल:

  • न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रॉसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन का उदाहरण उल्लेखनीय है क्योंकि इसने अपने एमडी कार्यक्रम (चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिग्री) में नामांकित अपने सभी छात्रों के लिए ट्यूशन फीस के भुगतान (उनकी वित्तीय जरूरतों से परे) की घोषणा की थी। ऐसा करने वाला यह पहला बड़ा अमेरिकी मेडिकल स्कूल है।
  • यह वैश्विक शिक्षा में एक मॉडल हो सकता है जिसे अन्य देशों में अपनाया और लागू किया जा सकता है।
  • अधिकांश नॉर्डिक देश अपने लोगों और विदेशी छात्रों को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करते हैं। हालाँकि, डेनमार्क में, 2006 में यूरोपीय संघ और यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र के बाहर के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए ट्यूशन फीस की शुरुआत की गई थी।
  • वर्तमान में, फिनलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और जर्मनी नॉर्डिक देश हैं जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों से ट्यूशन फीस नहीं लेते हैं।
  • शिक्षा के नॉर्डिक मॉडल ने दुनिया भर के कई छात्रों को अपनी इच्छा के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने और रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया है।

भारत के लिए भावी कदम:

  • सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों, विशेष रूप से समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की सुविधा के लिए धन की उचित उपलब्धता हो और यह सुनिश्चित हो कि धन जरूरतमंदों तक पहुंच रहा है।
  • भारत में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए परोपकार और सामुदायिक भागीदारी की एक मजबूत भावना की आवश्यकता है।
  • लड़कियों द्वारा स्कूल छोड़ने की दर को कम करने और उनकी उच्च शिक्षा पर लगने वाले विराम को रोकने के लिए और अधिक जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए।
  • सामाजिक, आर्थिक और लैंगिक पूर्वाग्रहों के आलोक में शिक्षा में व्याप्त असमानताओं से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान किया जाना चाहिए क्योंकि ये समान शिक्षा की दिशा में प्रमुख बाधाएं हैं।
  • इसलिए, युवाओं को कुशल बनाने और जनसांख्यिकीय लाभांश की क्षमता का मंथन करने का उच्च लक्ष्य राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाली संपूर्ण शिक्षा प्रणाली के सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव हो सकता है।
  • उम्मीद है कि सरकार देश में उच्च शिक्षा को वहनीय और अनुसंधान को कर मुक्त बनाने के लिए उदारता के साथ कार्य करेगी।

सारांश: शिक्षा की एक समावेशी प्रणाली स्थापित करने के लिए कॉरपोरेट्स, पूर्व छात्रों और सरकार के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है। इससे मजबूत परोपकारी समर्थन और कर छूट का मार्ग प्रशस्त होगा।

संपादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की निगरानी एवं विनियमन

विषय: सरकारी नीतियां एवं हस्तक्षेप

प्रारंभिक परीक्षा: आईटी नियम 2021, अनुच्छेद- 19

मुख्य परीक्षा: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आलोक में नवीन आईटी नियम 2021 का समालोचनात्मक विश्लेषण।

प्रसंग: सरकार ने एक पैनल स्थापित करने की योजना बनाई है जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा लिए गए कंटेंट मॉडरेशन निर्णयों की निगरानी और उसका विनियमन कर सकता है। इस पर वृहत संख्या में टीका-टिप्पणी देखी गई है।

विश्लेषण:

  • आईटी नियम 2021 के संशोधन के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी कंटेंट मॉडरेशन मुद्दे पर अंतिम निर्णय देने के लिए एक या अधिक अपीलीय समितियों का गठन किया जाएगा।
  • सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट के नियमन पर सरकार की नीतियों का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं के लिए एक खुली, सुरक्षित, भरोसेमंद और जवाबदेह इंटरनेट सेवा सुनिश्चित करना है।
  • सोशल मीडिया का अरबों लोगों के जीवन पर उल्लेखनीय प्रभाव है और इसलिए, लोकतंत्र को बाधित करने वाले सोशल मीडिया के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए उपाय करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।
  • सोशल मीडिया की प्रमुख चिंताओं में सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट की प्रमाणिकता की कमी, झूठी खबरें, राजनीति से प्रेरित तर्क, लोगों को हिंसा के लिए उकसाना, नकारात्मक और सरकार विरोधी भावनाएं फैलाना हैं।

सरकार की मजबूत पकड़:

  • सोशल मीडिया पर कंटेंट के नियमन के लिए पैनल बनाने से वैकल्पिक आवाजों के प्रसार पर अंकुश लगेगा।
  • यह सरकार को एक ऐसे मुद्दे पर जिसमें पीड़ित उपयोगकर्ता एक सरकारी इकाई या सत्तारूढ़ दल का सदस्य है, पर निर्णय लेने के लिए एक प्राधिकरण प्रदान करेगा।
  • इस तरह के हस्तक्षेप से असंतोष और लोगों की अभिव्यक्ति का दायरा भी कम हो जाएगा, जिसके लिए सोशल मीडिया एक प्रभावी मंच के रूप में कार्य करता है। यह लोकतंत्र के लोकाचार के लिए एक आघात होगा।
  • विशेषज्ञों के अनुसार नवीन संशोधन के माध्यम से अत्यधिक आलोचना का शिकार आईटी नियमों को और अधिक जटिल बना दिया गया है।

भावी कदम:

  • यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित किया जाए।
  • हालांकि, यह स्पष्ट है कि सरकारी समितियों का गठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की प्रमुख चिंताओं से निपटने के वास्तविक उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा और निश्चित रूप से मौजूदा मुद्दों का सटीक उपाय नहीं है।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आईटी नियमों में नए संशोधनों के परिणामस्वरूप होने वाली सख्ती संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (A) में निहित लोगों के स्वतंत्र वाक् और अभिव्यक्ति के अधिकार के लिए हानिकारक है।

सारांश:

  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कंटेंट को विनियमित करने की शक्ति को सरकारी समितियों को सौंपने से मौजूदा मुद्दों का समाधान नहीं होगा जिसमें कंटेंट की प्रमाणिकता और उन प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रचारित नफरत पर प्रश्न उठाया जाता है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की जीवंत प्रकृति को नष्ट कर सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. ई-कचरा पुनर्चक्रण करने वालों के लिए नए अवसर:

  • भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कचरा प्रबंधन कंपनियों में से एक, अटेरो रीसाइक्लिंग से अगले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट रीसाइक्लिंग सुविधाओं को बेहतर करने के लिए लगभग 1 बिलियन डॉलर का निवेश करने की उम्मीद है।
    • भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती हिस्सेदारी के कारण लिथियम-आयन बैटरी को रीसायकल करने के लिए इसका 70% से अधिक परिचालन यूरोप, अमेरिका और इंडोनेशिया में स्थापित है।
  • इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के तहत विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) में इलेक्ट्रॉनिक-सामान निर्माताओं के लिए अनिवार्य रीसाइक्लिंग लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
  • EPR से पहले, पुनर्चक्रणकर्ताओं को ई-कचरे की खरीद हेतु भुगतान करना पड़ता था, जो कीमती धातुओं को निकालते थे और उन्हें बेच दिया करते थे। यहाँ तक कि, अनौपचारिक पुनर्चक्रणकर्ताओं ने अधिक लाभ अर्जित करने के लिए खतरनाक तरीकों का इस्तेमाल किया।
  • EPR व्यवस्था में, मूल उपकरण निर्माता पुनर्चक्रण के लिए भुगतान कर रहे हैं और इसलिए औपचारिक क्षेत्र में अधिक ई-कचरा एकत्र किया जाता है।
  • हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मसौदा नियमों का एक नया सेट जारी किया है जो उन पंजीकृत इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट पुनर्चक्रणकर्ताओं को और प्रोत्साहित करता है जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा पुनर्चक्रण करने वालों को प्रदान किए जाने वाले गुणवत्ता प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्माण कंपनियों द्वारा उनके लक्ष्यों की पूर्ति हेतु लाया जा सकता है।

2. भारत रूसी तेल का वाहक नहीं: विदेश मंत्री

  • भारतीय विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट जिसमें यह आरोप है कि भारतीय निजी रिफाइनरी रूसी कच्चे तेल को रियायती दरों पर खरीदकर और फिर इसे दूसरों को उच्च कीमतों पर बेचकर “मुनाफाखोरी” कर रहे हैं क्योंकि भारत में तेल की भारी कमी है , को खारिज कर दिया।
  • हाल के दिनों में, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों ने रूस से कच्चे तेल के आयात में तेज वृद्धि का दावा किया है जो पश्चिम से प्रतिबंधों के कारण तेल पर छूट दे रहा है।
  • मंत्री ने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत को उत्तरदायी ठहराने के दोहरे मानकों के लिए यूरोप की आलोचना की, क्योंकि अधिकांश यूरोपीय देश रूसी तेल और गैस का आयात कर रहे हैं।

3. पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) को वनों के 1 किमी आसपास रखें: उच्चतम न्यायालय

  • उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि भारत भर में प्रत्येक संरक्षित वन, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य की सीमांकित सीमाओं से कम से कम एक किमी तक का अनिवार्य पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ESZ) होना चाहिए।
  • पर्यावरण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ESZ घोषित करने का मुख्य उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों के लिए “शॉक एब्जॉर्बर” बनाना है और ESZ उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों से कम सुरक्षा वाले क्षेत्रों में संक्रमण क्षेत्र के रूप में कार्य करेंगे।
  • न्यायालय ने कहा कि यदि किसी राष्ट्रीय उद्यान या संरक्षित वन में पहले से ही एक किमी से अधिक का बफर ज़ोन है, तो यह मान्य होगा और आगे कहा कि राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के भीतर खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1.आर्य समाज के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह समाज मूर्तियों की पूजा, पशु बलि, श्राद्ध (पूर्वजों के हित में अनुष्ठान), जाति निर्धारण योग्यता के आधार पर नहीं अपितु जन्म के आधार पर, अस्पृश्यता, बाल विवाह, तीर्थयात्रा, पुरोहित कौशल (priestly craft) और मंदिर प्रसाद का विरोध करता है।
  2. इसने महिला शिक्षा और अंतरजातीय विवाह को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है, विधवाओं के लिए मिशन, अनाथालय और घर बनाए हैं, स्कूलों और कॉलेजों का एक समूह स्थापित किया है, तथा अकाल राहत और चिकित्सा कार्य किया है।
  3. यह वेदों की अचूकता (infallibility) और कर्म के सिद्धांतों का समर्थन करता है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर:

विकल्प d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है, आर्य समाज मूर्तियों की पूजा, पशु बलि, श्राद्ध (पूर्वजों के हित में अनुष्ठान), जाति निर्धारण योग्यता के आधार पर नहीं अपितु जन्म के आधार पर, अस्पृश्यता, बाल विवाह, तीर्थयात्रा, पुरोहित कौशल और मंदिर प्रसाद का विरोध करता है। .
  • कथन 2 सही है, आर्य समाज ने महिला शिक्षा और अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा दिया, विधवाओं के लिए मिशन, अनाथालय और घर, स्कूलों और कॉलेजों के एक समूह की स्थापना की, तथा अकाल राहत और चिकित्सा का कार्य किया।
  • कथन 3 सही है, आर्य समाज वेदों की अचूकता, कर्म के सिद्धांत (पिछले कर्मों का संचित प्रभाव) और संसार (मृत्यु और पुनर्जन्म की प्रक्रिया), गाय की पवित्रता और संस्कारों के महत्व (व्यक्तिगत संस्कार) का समर्थन करता है।

प्रश्न 2.ऑस्ट्रेलिया की शार्क खाड़ी में हाल ही में खोजा गया पौधा – रिबन वीड, या पोसिडोनिया ऑस्ट्रेलिस, अनूठा है क्योंकि यह :

  1. विश्व का सबसे पुराना (oldest) पौधा है।
  2. विश्व का सबसे बड़ा पौधा है।
  3. विश्व स्तर पर सबसे अधिक क्षेत्र में फैला हुआ (widest) पौधा है।
  4. विश्व का सबसे जहरीला पौधा है।

उत्तर:

विकल्प b

व्याख्या:

  • हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के शार्क बे में खोजे गए रिबन वीड (पोसिडोनिया ऑस्ट्रेलिस) विश्व का सबसे बड़ा पौधा है।
    • यह एक समुद्री घास है जिसकी लंबाई लगभग 180 किलोमीटर है।
  • रिबन वीड 20,000 हेक्टेयर के क्षेत्र को कवर करता है और दूसरा सबसे बड़ा पौधा यूटा स्थित क्वेकिंग एस्पेन ट्री है, जो 43.6 हेक्टेयर को कवर करता है।
  • भारत में सबसे बड़ा पेड़ हावड़ा के बॉटनिकल गार्डन में ग्रेट बरगद है जो 1.41 हेक्टेयर में फैला है।

प्रश्न 3. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह एक सरकारी संगठन है जो भारत में संगठित क्षेत्र में लगे कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि और पेंशन खातों का प्रबंधन करता है।
  2. यह कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 को लागू करता है।
  3. यह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रशासित होता है।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर:

विकल्प a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक सरकारी संगठन है जो भारत में संगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मचारियों के भविष्य निधि और पेंशन खातों का प्रबंधन करता है।
  • कथन 2 सही है, EPFO कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के माध्यम से अस्तित्व में आया।
  • कथन 3 सही नहीं है, EPFO श्रम और रोजगार मंत्रालय के तत्वावधान में कार्य करता है।

प्रश्न 4.राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) देश की स्कूली शिक्षा प्रणाली की स्थिति की निगरानी के लिए प्रतिवर्ष किया जाने वाला एक अभ्यास है।
  2. इसमें कक्षा 3, 5, 8 और 10 के अंतिम भाग में छात्रों का मूल्यांकन किया जाता है।
  3. इसका पहला संस्करण 2001 में पूर्ण हुआ था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. उपर्युक्त सभी

उत्तर:

विकल्प b

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है, NAS शिक्षा प्रणाली में अधिगम के परिणामों और स्थिति का आकलन करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण है।
    • यह प्रत्येक तीन साल में एक बार आयोजित किया जाता है।
  • कथन 2 सही है, NAS के तहत कक्षा 3, 5, 8 और 10 के अंत में छात्रों का मूल्यांकन किया जाता है।
  • कथन 3 सही है, इसके पहले संस्करण का आयोजन 2001 में किया गया था।

प्रश्न 5. खगोलीय दूरियाँ प्रकाश-वर्ष में मापे जाने का कारण निम्नलिखित में से कौन सा है ?

  1. तारकीय पिंडों के बीच की दूरियां परिवर्तित नहीं होती हैं।
  2. तारकीय पिंडों का गुरुत्व परिवर्तित नहीं होता है।
  3. प्रकाश सदैव सीधी रेखा में यात्रा करता है।
  4. प्रकाश की गति (स्पीड) सदैव एक-समान होती है।

उत्तर:

विकल्प d

व्याख्या:

  • प्रकाश वर्ष उस दूरी को संदर्भित करता है जो प्रकाश की किरण एक वर्ष में निर्वात में यात्रा करती है।
  • प्रकाश वर्ष में खगोलीय दूरियों को मापने का कारण यह है कि ब्रह्मांड की विशालता का वर्णन करने के लिए किलोमीटर और मील जैसी इकाइयाँ छोटी होती हैं लेकिन प्रकाश की गति लगभग 2.998 x 108 m/s के मान के साथ परिमित(finite) और स्थिर होती है।
  • अत: विकल्प d सही है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

  1. भारत में इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापार योग्य ‘विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व’ प्रमाणपत्रों के विचार का मूल्यांकन कीजिए। साथ ही इस विचार से जुड़ी चुनौतियों का भी उल्लेख कीजिए।

(250 शब्द; 15 अंक) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र III – पर्यावरण)

  1. भारत-अमेरिकी व्यापार में सबसे बड़ी बाधाएं क्या हैं? इन बाधाओं से निपटने के कुछ उपाय का सुझाव दीजिए।

(250 शब्द; 15 अंक) (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

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