04 नवंबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: शिक्षा:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: जैव विविधता एवं पर्यावरण:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
---|
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में भी पूर्व-प्राथमिक नामांकन में गिरावट जारी: सरकारी रिपोर्ट
शिक्षा:
विषय: शिक्षा से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) रिपोर्ट से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: UDISE+ रिपोर्ट के महत्वपूर्ण निष्कर्ष।
संदर्भ:
- हाल ही में शिक्षा मंत्रालय द्वारा यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस/शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस (UDISE+) रिपोर्ट जारी की गई है।
शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस (Unified District Information System for Education Plus (UDISE+) रिपोर्ट:
- यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (UDISE) की शुरुआत वर्ष 2013 में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के लिए DISE को एकीकृत करके की गई थी।
- इसके बाद से ही यह स्कूली शिक्षा पर सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणाली में से एक रही है, जिसके तहत 1.49 मिलियन से अधिक स्कूल, 9.5 मिलियन से अधिक शिक्षक और लगभग 265 मिलियन बच्चे आते हैं।
- UDISE+ रिपोर्ट UDISE का एक अद्यतन संस्करण है और अब इस पूरी प्रणाली को ऑनलाइन कर दिया गया है तथा वर्ष 2018-19 से वास्तविक समय आधार पर डेटा एकत्र किया जा रहा है।
- UDISE+ रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की जाती है।
- UDISE+ को कक्षा I से XII तक औपचारिक शिक्षा प्रदान करने वाले सभी स्कूलों से डेटा एकत्र करने का कार्य सौंपा गया है।
- UDISE+ स्कूलों को डेटा संग्रह की इकाई और जिलों को डेटा वितरण की इकाई के रूप में मानता है।
- UDISE+ स्कूल, बुनियादी ढांचा, शिक्षक, नामांकन, परीक्षा परिणाम आदि जैसे मापदंडों के आधार पर एक ऑनलाइन डेटा संग्रह फॉर्म (DCF) के माध्यम से डेटा एकत्र करता है।
नवीनतम UDISE+ रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
चित्र स्रोत: The Hindu
- इस रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में प्री-प्राइमरी (पूर्व-प्राथमिक) कक्षाओं में प्रवेश करने वाले छात्रों की संख्या में और कमी आ गई है। स्कूल के इस वर्ग में कोविड-पूर्व समय की तुलना में 30% कम छात्रों ने दाखिला लिया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में लगभग 94.95 लाख छात्रों ने प्री-प्राइमरी (पूर्व-प्राथमिक) कक्षाओं में प्रवेश लिया, जबकि वर्ष 2020-21 में करीब 1.06 करोड़ छात्रों ने प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश लिया था। इस प्रकार इसमें लगभग 10% की गिरावट आई है।
- हालाँकि, वर्ष 2019-2020 में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में 1.35 करोड़ छात्र नामांकन की तुलना में वर्ष 2020-2021 में नामांकन में 21% की गिरावट आई थी। 2019-2020 स्कूल बंद होने और कक्षाओं के ऑनलाइन होने से पहले का वर्ष था।
- इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में दूरस्थ शिक्षा की पहुंच कम है, वहां के युवा छात्र COVID महामारी की वजह से सीखने की हानि के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
- प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा 1 से 5) में नामांकन में भी पहली बार गिरावट देखी गई हैं।
- शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में नामांकन घटकर 12.18 लाख हो गया है, जो 2020-2021 में 12.20 लाख था।
- हालांकि रिपोर्ट यह भी बताती है कि प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक के छात्रों की कुल संख्या करीब 19 लाख बढ़कर 25.57 करोड़ हो गई है।
- महामारी के बाद पहली बार रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि स्कूलों के बंद होने और शिक्षकों की कमी के कारण स्कूलों की संख्या में कमी आई है।
- शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में 15.09 लाख की तुलना में शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 (14.89 लाख) में देश में स्कूलों की संख्या में लगभग 20,000 की गिरावट आई है।
- इसके अतिरिक्त, शिक्षकों की संख्या भी शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 में 96.96 लाख से घटकर शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 में 95.07 लाख हो गई है।
- लगभग 44.75% स्कूलों में कंप्यूटर और लगभग 33.9% स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है।
- हालाँकि, पूर्व-कोविड वर्षों की तुलना में कंप्यूटर सुविधाओं और इंटरनेट की उपलब्धता में सुधार हुआ है क्योंकि इससे पहले केवल 38.5% स्कूलों में कंप्यूटर थे और 22.3% में इंटरनेट की सुविधा थी।
- इसके अलावा, लिंग समानता सूचकांक (Gender Parity Index (GPI)), जिसका मान 1 है, लड़कियों के पक्ष में है। लिंग समानता सूचकांक संबंधित आयु वर्ग में लड़कियों की जनसंख्या के संबंध में स्कूल में उनकी संख्या को इंगित करता है।
सारांश:
|
---|
संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
जैव विविधता एवं पर्यावरण:
जलवायु परिवर्तन प्रवासन:
विषय: अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसियां और समझौते।
मुख्य परीक्षा: जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीतियां।
संदर्भ:
- वानुअतु ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि का समर्थन किया है।
भूमिका:
- प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र वानुअतु ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में देशों से जीवाश्म ईंधन अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने, सभी नई कोयला, तेल और गैस परियोजनाओं को समाप्त करने और मौजूदा परियोजनाओं को चरणबद्ध रूप से खत्म करने का आह्वान किया है।
- इस तरह की संधि का आह्वान करने वाला यह पहला देश है। वेटिकन, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया भर में जीवाश्म ईंधन के उत्पादन को समाप्त करने का समर्थन किया है।
- कोयले के उपयोग पर इसी तरह का आह्वान ग्लासगो में आयोजित COP26 सम्मेलन में भी किया गया था।
- कई देशों, विशेष रूप से भारत के कड़े विरोध के बाद COP26 में कोयला चालित संयंत्रों और अक्षम ईंधन सब्सिडी को “चरणबद्ध तरीके से ख़त्म करने (फेज आउट)” के बजाय “चरणबद्ध तरीके से कम करने (फेज डाउन)” का निर्णय लिया गया था। भारत का कहना था कि मध्यावधि में कोयले से उत्पादित विद्युत पर अत्यधिक निर्भर देशों के लिए ‘फेज आउट’ शब्द का प्रयोग अनुचित था।
- वानुअतु ने वैश्विक नेताओं से लोगों को जलवायु हानि से संरक्षण के लिए देशों के कानूनी दायित्वों पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से सलाहकार राय देने का अनुरोध करने के अपने अभियान का समर्थन करने का भी आग्रह किया है।
- 1,300 किमी. क्षेत्र में फैले 80 से अधिक द्वीपों वाला वानुअतु समुद्र के बढ़ते स्तर और तीव्र चक्रवातों के प्रति अत्यधिक सुभेद्य है।
- पलाऊ और मार्शल द्वीप समूह ने भी वर्ष 2012 में ICJ से इसी तरह की सलाहकार राय देने का अनुरोध करने का प्रयास किया था, लेकिन ये राष्ट्र बहुमत हासिल करने में विफल रहे थे।
संधि बनाम सम्मेलन:
- संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के तहत प्रस्तुत किये जाने की तुलना में संयुक्त राष्ट्र में जनादेश के माध्यम से जीवाश्म ईंधन को समाप्त करने के आह्वान के बहुत अलग निहितार्थ हैं।
- इस प्रकृति के संयुक्त राष्ट्र अधिदेश विकसित देशों की कानूनी जिम्मेदारी से अलग होते हैं जिसमें जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के तहत जिम्मेदारी, क्षमता और राष्ट्रीय परिस्थितियों के आधार पर अपने उत्सर्जन को कम करने की जरुरत होती है।
- यह तकनीकी और वित्तीय नवाचारों के लिए भी कोई प्रावधान नहीं करता है जो संक्रमण/परिवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
- कुछ महीने पहले, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक मसौदा प्रस्ताव को खारिज कर दिया था जिसमें जलवायु-संबंधी सुरक्षा जोखिम को संयुक्त राष्ट्र संघर्ष-रोकथाम रणनीतियों में एक केंद्रीय घटक के रूप में एकीकृत करने का प्रावधान था। इसका उद्देश्य संघर्ष पुनरावृत्ति के जोखिम का मुकाबला करने में मदद करना था।
- ऐसा मुख्य रूप से वैश्विक दक्षिण के विरोध के कारण किया गया था क्योंकि इसने इसे कुछ चुनिंदा लोगों की इच्छाओं को दूसरों पर थोपने के प्रयास के रूप में माना था।
इस दलील का महत्व:
- वानुअतु छोटे द्वीपीय-विकासशील राष्ट्रों के एक मजबूत और मुखर समूह का प्रतिनिधित्व करता है, जिसकी आवाज संयुक्त राष्ट्र में ध्यान और सहानुभूति के साथ सुनी जाती है क्योंकि यह मामला जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक वार्ता को प्रभावित करेगा।
- यह द्वीप समूह विभिन्न क्षेत्रों- सरकारों, कॉर्पोरेट जगत और नागरिक समाज से समर्थन प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है।
- कोलकाता के मेयर ने समर्थन की बात कही है जोकि भारत के सबसे बड़े कोयला उत्पादक राज्यों में से एक की राजधानी है।
- इस प्रकार की संधि के लिए आह्वान ने मिस्र में आयोजित होने वाले पक्षकारों के 27वें (COP27) सम्मेलन से पहले इस मुद्दे को चर्चा का विषय बना दिया है।
- यदि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिकांश देश ICJ को कार्य करने का आदेश देते हैं, तो अदालत को यह व्याख्या करने का काम सौंपा जाएगा कि जलवायु परिवर्तन के कारणों और प्रभावों पर कार्रवाई करने हेतु देशों की जिम्मेदारी के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार और पर्यावरण कानूनों का क्या अर्थ है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा उन कुछ निकायों में से एक है जो देशों के बीच कानूनी विवादों को सुलझाने वाले ICJ से सलाहकार राय देने का अनुरोध करने के लिए अधिकृत है।
- यह दुनिया भर में जलवायु मुकदमों को सूचित कर सकता है और अंतरराष्ट्रीय वार्ता में अधिक समर्थन के लिए कमजोर देशों के आवाह्न को मजबूती प्रदान कर सकता है।
भावी कदम:
- विकसित अर्थव्यवस्थाओं में प्राकृतिक संसाधनों की खपत का अनिश्चित स्तर और उपभोक्ताओं की असाधारण जीवन शैली वैश्विक उत्सर्जन में वृद्धि के एक बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार है।
- हाल ही में भारत द्वारा शुरू किया गया पर्यावरण के लिए जीवन शैली (LiFE) अभियान इस संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है।
- कोयले को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने के अलावा वैश्विक उत्सर्जन को कम करने के अन्य तरीके भी हैं। भारत सहित कई देशों में, कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है और उनकी ऊर्जा प्रणाली का मौलिक तथा अभिन्न अंग है।
- कोयला चालित विद्युत संयंत्रों की संख्या को कम करने से सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की प्रगति बाधित हो सकती है।
- कम उत्सर्जन वाली दुनिया में संक्रमण टिकाऊ और न्यायसंगत होना चाहिए।
- संक्रमण के दौरान ऊर्जा तक समान पहुंच और सभी के लिए सुरक्षित ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- विकासशील देशों में जलवायु-प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के निर्माण को उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- ऊर्जा मिश्रण में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से कम करने के साथ-साथ ऊर्जा नवाचारों और वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों में अधिक निवेश किये जाने की आवश्यकता है।
सारांश:
|
---|
प्रीलिम्स तथ्य:
1. कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs):
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां।
प्रारंभिक परीक्षा: कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स।
संदर्भ:
- वैज्ञानिकों के एक सहयोगी प्रयोग से विकसित कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (Cor-AuNPs) को जर्मनी से एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त हुआ है।
कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स:
- ये नैनोकण हैं जो कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस और सोने के लवण के अर्क के संश्लेषण से प्राप्त होते हैं।
- कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस (Cordyceps militaris) एक उच्च मूल्य वाला परजीवी कवक है। इसके उल्लेखनीय औषधीय गुणों के कारण इसे “सुपर मशरूम” (super mushroom) भी कहा जाता है।
- सोने के लवण सोने के आयनिक रासायनिक यौगिक होते हैं, जिनका उपयोग चिकित्सा में किया जाता है।
- इन कॉर्डी गोल्ड नैनोपार्टिकल्स से मानव शरीर में दवा का वितरण अधिक तीव्र और सटीक तरीके से होता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार जब दवा के कण छोटे होते हैं तो शरीर की कोशिकाओं में दवा का प्रवेश बेहतर तरीके से और अधिक कुशलता से होता है। इस संदर्भ में कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस बेहतर पेनेट्रेशन के लिए सोने के नैनोकणों के संश्लेषण में बायोएक्टिव घटकों को जोड़ता है।
- जैवसंश्लेषित नैनोगोल्ड कणों पर शोध चिकित्सीय दवाओं के विकास में नैनोकणों के एक नए अनुप्रयोग का मार्ग प्रशस्त करता है। इसे मलहम, टैबलेट और कैप्सूल के रूप में वितरित किया जा सकता है।
- भारत के वैज्ञानिकों का एक समूह पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में उगाए जाने वाले जंगली कॉर्डिसेप्स मशरूम की आनुवंशिक विविधता और औषधीय गुणों पर बड़े पैमाने पर शोध कर रहा था और उन्होंने अब रोगाणुरोधी, मधुमेह-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त इस मशरूम की खेती को मान्यता प्रदान की है।
2. वांगला नृत्य (Wangala dance):
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:
कला एवं संस्कृति:
विषय: कला रूपों के मुख्य पहलू।
प्रारंभिक परीक्षा: वंगाला नृत्य से सम्बंधित तथ्य।
संदर्भ:
- मेघालय में उमियम झील के तट पर आयोजित “द राइजिंग सन वाटर फेस्ट-2022” के अवसर पर गारो आदिवासी समुदाय के सदस्यों ने वांगला नृत्य किया।
वांगला नृत्य:
- वांगला नृत्य मेघालय के गारो में सबसे लोकप्रिय लोक नृत्य रूपों में से एक है।
- वांगला नृत्य वांगला उत्सव के दौरान किया जाता है जिसे “100 ड्रम उत्सव” (100 drums festival) के रूप में भी जाना जाता है।
- वांगला एक फसल उत्सव है जो उर्वरता के सूर्य-देवता, सालजोंग के सम्मान में आयोजित किया जाता है।
- यह त्योहार परिश्रम की अवधि के अंत का भी प्रतीक है जिससे खेतों में अच्छा उत्पादन होता है। यह सर्दियों की शुरुआत का संकेत देता है।
- नृत्य करते समय लोग रंगीन पोशाक पहनते हैं और सिर पर पंख धारण करते हैं।
- पुरुष और महिलाएं अपनी-अपनी पोशाकें धारण करके दो समानांतर कतारों में पंक्तिबद्ध होकर यह नृत्य करते हैं।
- नृत्य के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले वाद्ययंत्रों में लंबे अंडाकार ड्रम, घडि़याल और भैंस के सींग से बनी बांसुरी शामिल हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1.अमूर बाज़ों से परे अब नगालैंड पक्षी विविधता का जश्न मनाएगा और जनगणना आयोजित करेगा:
- नागालैंड पहले पक्षी दस्तावेज़ीकरण अभ्यास तोखु एमोंग बर्ड काउंट (Tokhü Emong Bird Count (TEBC)) को आयोजित करने जा रहा है।यह अभ्यास नागालैंड वन प्रबंधन परियोजना (Nagaland Forest Management Project (NFMP)) की मंडल प्रबंधन इकाई वोखा वन प्रभाग और बर्ड काउंट इंडिया के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
- यह अभ्यास तोखु एमोंग उत्सव के बीच आयोजित किया जा रहा है जो लोथस समुदाय द्वारा फसल कटाई के बाद मनाया जाने वाला त्योहार है।इस समुदाय के ज्यादातर लोग वोखा जिले में निवास करते है, जो अमूर बाजों का सबसे पसंदीदा पड़ाव है। अमूर बाज (Amur Falcons) एक प्रवासी पक्षी है जो पूर्वी एशिया से दक्षिणी अफ्रीका की यात्रा करते हैं।
- अमूर बाजों के कारण नागालैंड दुनिया के पक्षी मानचित्र में प्रमुख स्थान रखता है और राज्य के निवासियों को पक्षी जीवन तथा प्रकृति पर गर्व महसूस कराने के लिए इस अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पहल पूर्वोत्तर राज्यों के लिए महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि हाल के दिनों में इस क्षेत्र की समृद्ध पक्षी विविधता आवास के नुकसान और अवैध शिकार के कारण खतरे का सामना कर रही है।
2. RISAT-2 उपग्रह ने पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश किया:
- इसरो के RISAT-2 उपग्रह ने जकार्ता के पास हिंद महासागर में पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से पुन: प्रवेश किया है।
- RISAT-2 उपग्रह को वर्ष 2009 में PSLV-C12 प्रक्षेपण यान द्वारा लॉन्च किया गया था और इस उपग्रह का प्रारंभिक डिज़ाइन जीवनकाल केवल चार वर्ष था।
- हालांकि इसरो के अंतरिक्ष यान संचालन दल द्वारा कक्षा के उचित रखरखाव, मिशन योजना और ईंधन के किफायती उपयोग के कारण इस उपग्रह ने 13 वर्षों तक बहुत उपयोगी पेलोड डेटा प्रदान किया है।
- ISTRAC, बेंगलुरु में स्थित सुरक्षित और सतत अंतरिक्ष संचालन प्रबंधन (IS4OM) सुविधा के लिए भारतीय प्रणाली, उपग्रह के पुन: प्रवेश की निगरानी कर रही था। VSSC और ISTRAC टीमों द्वारा अपने इन-हाउस विकसित विश्लेषण सॉफ्टवेयर के माध्यम से लगातार इसका विश्लेषण किया जा रहा था और साथ ही SDSC, श्रीहरिकोटा में तैनात मल्टी-ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग रडार (MOTR) का उपयोग करके इसे ट्रैक किया जा रहा था।
3. भारत COP27 पर कार्रवाई एवं स्पष्ट रूपरेखा पर जोर देगा:
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (MoEFCC) ने कहा है कि भारत मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र के पक्षों के सम्मेलन-27 (COP27) में विकासशील देशों को लंबे समय से वादा किए गए वित्त को प्रदान के लिए विकसित देशों से “कार्रवाई” की मांग करेगा और उन्हें एक स्पष्ट मार्ग का पालन करने पर जोर देगा।
- भारत जलवायु वित्त, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और जलवायु वित्त की स्पष्ट परिभाषा पर स्पष्टता चाहता है, क्योंकि पश्चिमी देशों द्वारा दिए जा रहे धन के सम्बन्ध में कई प्रकार के दावे किए जाते हैं लेकिन भारत का कहना है कि ऋण और अनुदान स्पष्ट रूप से अलग होना चाहिए।
- विकसित देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन शमन के लिए विकासशील देशों को वर्ष 2008 से सालाना लगभग 100 अरब डॉलर दिए जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन वास्तव में अब तक इसका एक छोटा सा हिस्सा ही दिया गया है।
- इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि भारत उन पहलों का समर्थन करेगा जो विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण होने वाले नुकसान और क्षति को कम करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करती हैं और इसके लिए एक संस्थागत नेटवर्क के निर्माण पर जोर देगा।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
नृत्य राज्य
- चरी मध्य प्रदेश
- धिम्सा अरुणाचल प्रदेश
- पदयनी गोवा
- वांगला मेघालय
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक युग्म
(b) केवल दो युग्म
(c) केवल तीन युग्म
(d) सभी चारों युग्म
उत्तर: a
व्याख्या:
- युग्म 1 सुमेलित नहीं है: चरी नृत्य किशनगढ़, अजमेर और राजस्थान के अन्य स्थानों के गुज्जर और सैनी समुदायों से जुड़ा एक लोक नृत्य है।
- युग्म 2 सुमेलित नहीं है: धिम्सा एक आदिवासी नृत्य है जो मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश में पोरजा (Porja) जाति की महिलाओं द्वारा किया जाता है।
- युग्म 3 सुमेलित नहीं है: पदयनी केरल राज्य में पम्पा नदी के तट पर स्थित भद्रकाली मंदिरों में किया जाने वाला एक आनुष्ठानिक कला रूप है।
- युग्म 4 सुमेलित है: वांगला नृत्य वांगला उत्सव के दौरान किया जाता है जिसे “द हंड्रेड ड्रम/100 ड्रम उत्सव” का त्योहार भी कहा जाता है जो मेघालय, नागालैंड और असम में गारो जनजातियों से जुड़ा है।
प्रश्न 2. शत्रु संपत्ति के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- शत्रु संपत्ति पाकिस्तानी और चीनी नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा भारत में छोड़ी गई संपत्ति है।
- उत्तराधिकार का नियम शत्रु संपत्ति पर लागू होता है।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: शत्रु संपत्ति वह संपत्ति हैं, जो भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों द्वारा यहाँ छोड़ी गयी हैं।
- कथन 2 सही नहीं है: उत्तराधिकार का कानून शत्रु संपत्ति पर लागू नहीं होता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन RISAT-2 के अनुप्रयोग हैं? (स्तर – मध्यम)
- भारत की सीमाओं की निगरानी करना।
- समुद्र में शत्रु के जहाजों को ट्रैक करना जिन्हें सैन्य खतरा माना जाता है।
- यह बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मानचित्रण और प्रबंधन में लाभकारी है।
- यह दिन और रात के समय में घने बादलों, वर्षा तथा बर्फीले मौसम या धुँध की स्थिति में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है।
विकल्प:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
उत्तर: d
व्याख्या:
- RISAT-2 इसरो का एक X-बैंड SAR (सिंथेटिक अपर्चर रडार) टोही उपग्रह है।
- RISAT-2 सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) के साथ भारत का पहला उपग्रह है।
RISAT-2 उपग्रह के अनुप्रयोगों में शामिल हैं:
- घुसपैठ विरोधी और आतंकवाद विरोधी अभियानों के हिस्से के रूप में भारत की सीमाओं की निगरानी करना।
- उच्च रिज़ॉल्यूशन के साथ स्थानों की तस्वीरें लेना।
- समुद्र में शत्रु के जहाजों को ट्रैक करना जिन्हें सैन्य खतरा माना जाता है।
- यह बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मानचित्रण और प्रबंधन में लाभकारी है।
- यह दिन और रात के समय में घने बादलों, वर्षा तथा बर्फीले मौसम या धुँध की स्थिति में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है।
- अत: विकल्प d सही है।
प्रश्न 4. बोनालू (Bonalu) किस राज्य में मनाया जाने वाला एक पारंपरिक त्योहार है? (स्तर – सरल)
(a) कर्नाटक
(b) केरल
(c) तमिलनाडु
(d) तेलंगाना
उत्तर: d
व्याख्या:
- बोनालू एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो तेलंगाना की देवी महाकाली को समर्पित है।
- बोनालू त्योहार हैदराबाद तथा सिकंदराबाद के जुड़वां शहरों और राज्य के अन्य हिस्सों में प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
प्रश्न 5. दक्षिण भारत की गंडिकोटा घाटी (कैन्यन) निम्नलिखित नदियों में से किस एक से निर्मित हुई है? (स्तर – मध्यम)
(a) कावेरी
(b) मंजिरा
(c) पेन्नार
(d) तुंगभद्रा
उत्तर: c
व्याख्या:
- गंडिकोटा जिसे “दक्षिण भारत का ग्रांड कैन्यन” माना जाता है, आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले में स्थित है।
- गंडिकोटा महाखड्ड पेन्नार नदी के किनारे स्थित है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. UNFCCC COP27 को हमारी पृथ्वी को बचाने हेतु राष्ट्रों के लिए ‘अभी या कभी नहीं’ के अवसर के रूप में सुपरिभाषित किया जा सकता है। क्या आप इससे सहमत हैं? टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – पर्यावरण)
प्रश्न 2. यद्यपि पिछले कुछ वर्षों में स्कूलों में नामांकन में वृद्धि हुई है, लेकिन भारत में सीखने के परिणाम अभी भी संतोषजनक नहीं हैं। इसके पीछे संभावित कारण क्या हैं? (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – शिक्षा)