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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 07 December, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

  1. बांग्लादेश में जमीनी स्तर के स्कूलों में शिक्षा में एक प्रयोग:

राजव्यवस्था:

  1. संसद की विशेष जांच समितियों की भूमिका:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. अमेरिका-चीन संबंधों को आगे बढ़ाना:

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए 114 सीटें, प्रवासी कोटा को मंजूरी:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. एआईसीटीई विशेषज्ञों द्वारा जांचे गए पाठ्यक्रम के साथ बीबीए और बीसीए कार्यक्रमों को विनियमित करेगा:
  2. गुजरात का गरबा नृत्य यूनेस्को की सूची में शामिल हुआ:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

बांग्लादेश में जमीनी स्तर के स्कूलों में शिक्षा में एक प्रयोग:

शासन:

विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के उद्देश्य से सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

मुख्य परीक्षा: भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली की पड़ोसी देशों की शिक्षा प्रणाली के बीच तुलना।

प्रसंग:

  • वैदुषिक स्वाति नारायण की पुस्तक, “अनइक्वल” (Unequal), पड़ोसी देशों के साथ सामाजिक संकेतकों की तुलना करके, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में असमानताओं को उजागर करके भारत में प्रणालीगत असमानताओं को उजागर करती है।

विवरण:

  • स्वाति नारायण, अपनी पुस्तक “अनइक्वल” (Unequal) में, भारत में प्रणालीगत और बर्बर असमानताओं की पड़ताल करती हैं, और पड़ोसी देशों – बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल के साथ तुलना करती हैं।
  • नारायण के पांच साल के अध्ययन से स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और स्वच्छता जैसे सामाजिक संकेतकों में असमानताएं सामने आती हैं, जहां गरीब पड़ोसी देशों ने भी कुछ भारतीय राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया हैं।

बांग्लादेश में प्रेरक प्रारंभिक बचपन शिक्षा:

  • स्वाति नारायण बांग्लादेश में प्रचलित काजोली प्रारंभिक बचपन शिक्षा मॉडल का वर्णन करती हैं, जिसमें खेल और साथियों के साथ बातचीत के माध्यम से जॉयफुल लर्निंग (Joyful Learning) पर जोर दिया जाता है। (जॉयफुल लर्निंग सीखने की वह विधा है जिसमें शिक्षार्थियों को सहपाठियों/सहकर्मी समूह और शिक्षकों के एक सहायक समुदाय के माध्यम से सार्थक सामग्री के साथ बातचीत करते हुए, आनंददायक तरीकों से आश्चर्य की भावनाओं का अनुभव करने, उनकी जिज्ञासा को पोषित करने का अवसर दिया जाता है।)
  • सीमित संसाधनों के बावजूद, बांग्लादेशी प्रीस्कूल शिक्षक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए नवीन तरीकों और सामूहिक वित्तपोषण का उपयोग करते हैं।
  • सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि बांग्लादेशी छात्र अपने भारतीय समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं, कक्षा 5 के लगभग 90% छात्र बंगाली में कम से कम ग्रेड 2 स्तर का पैराग्राफ पढ़ते हैं।

सीमाओं के पार सीखने की क्षमताएँ:

  • अध्ययन में सीमाओं के पार सीखने के स्तर की तुलना की गई है, जिससे भारतीय राज्यों और पड़ोसी देशों के बीच उल्लेखनीय अंतर का पता चलता है।
  • भारत के बिहार में, कक्षा 5 के आधे से भी कम छात्र धाराप्रवाह पढ़ सकते थे, और पारिवारिक आय के आधार पर असमानताएँ स्पष्ट थीं।
  • बिहार में ‘डिग्री लाओ, नौकरी पाओ’ योजना का उद्देश्य स्थानीय शिक्षकों की भर्ती करना था, जिसके अनपेक्षित परिणाम हुए, अयोग्य शिक्षकों की भर्ती से शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता किया गया।

बिहार के स्कूलों में पतन के लक्षण:

  • बिहार के सरकारी स्कूलों में भी शिक्षा में पतन के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, ऐसे उदाहरण देखने को मिले हैं जहाँ शिक्षक एक साथ अलग-अलग कक्षाओं को निर्देश देते दिख रहे हैं और यहां तक कि अंधेरे में पढ़ाने का नाटक भी कर रहे हैं।
  • गैरकानूनी होने के बावजूद, शारीरिक दंड आज भी विद्यालयों में प्रचलित है, और कई नामांकित छात्र कक्षाओं में भाग नहीं लेते हैं, जिससे निजी कोचिंग केंद्रों द्वारा बड़े पैमाने पर विस्थापन की चिंता पैदा होती है।
  • बिहार में छात्रों का एक बड़ा प्रतिशत निजी ट्यूशन मेंकक्षाओं में जाता है, जिससे सरकारी स्कूलों में उपस्थिति में गिरावट आई है।

बांग्लादेश और नेपाल में विरोधाभासी दृष्टिकोण:

  • नेपाल प्रदर्शित करता है कि पारिवारिक आय सीखने के स्तर को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करती है, जो अधिक न्यायसंगत शैक्षिक परिणामों की संभावना को उजागर करती है।

निजी ट्यूशन रुझान:

  • बिहार में, निजी स्कूलों में 82% और सरकारी स्कूलों में 44% छात्र निजी ट्यूशन का विकल्प चुनते हैं, जो पूरक शिक्षा पर निर्भरता का संकेत देता है।
  • बांग्लादेश और नेपाल में निजी ट्यूशन का प्रतिशत कम है, बांग्लादेश निजी कोचिंग सेंटरों और ट्यूशन पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहा है।

सारांश:

  • अनइक्वल” (Unequal) में, स्वाति नारायण ने भारत में गंभीर सामाजिक असमानताओं का खुलासा किया हैं, तथा बांग्लादेश और नेपाल में शैक्षिक सफलताओं की तुलना बिहार की प्रणालीगत खामियों से करते हुए, परिवर्तनकारी परिवर्तनों की आवश्यकता को दर्शाया हैं।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

संसद की विशेष जांच समितियों की भूमिका:

राजव्यवस्था:

विषय: संसद और राज्य विधानमंडल-संरचना, कामकाज, व्यवसाय का संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: आचार समिति, विशेषाधिकार समिति।

मुख्य परीक्षा: समितियों और उनके कामकाज के बारे में, सांसद को संसद से निष्कासित करने के मुद्दे।

प्रसंग:

  • लोकसभा (Lok Sabha) की आचार समिति ने कथित अनैतिक आचरण के लिए तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने का सुझाव दिया है, जिससे संवैधानिक वैधता और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व संबंधी चिंताओं पर बहस छिड़ गई है।

आचार समिति की भूमिका:

  • लोकसभा में सदस्यों के सदाचार-पूर्ण और नैतिक आचरण की निगरानी के लिए 2000 में गठित किया गया।
  • सदस्यों के खिलाफ अन्य सदस्यों, किसी सदस्य के माध्यम से बाहरी लोगों या अध्यक्ष द्वारा संदर्भित शिकायतों की जांच करता है।
  • किसी शिकायत की जांच करने का निर्णय लेने से पहले प्रथम दृष्टया जांच करता है।
  • किसी विशिष्ट परिभाषा के बिना यह निर्धारित करता है कि कोई कार्य ‘अनैतिक’ है या नहीं।
  • सदन द्वारा विचार के लिए अध्यक्ष (Speaker) को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • पिछले उदाहरणों में ‘अनैतिक’ व्यवहार के आधार पर निलंबन की सिफारिशें शामिल हैं।

विशेषाधिकार समिति:

  • विशेषाधिकार समिति या विशेष जाँच समिति किसी सदस्य पर लगे अधिक गंभीर आरोपों की जाँच करती है।
  • वित्तीय लाभ के लिए व्यावसायिक हितों को बढ़ावा देने या ‘पूछताछ के बदले नकद’ जैसे घोटालों में शामिल होने जैसे गंभीर आरोपों की जांच करता है।
  • 2005 में, एक विशेष समिति ने 10 लोकसभा सांसदों से जुड़े ‘क्वेरी के बदले नकद’ घोटाले की जांच की, और उनके निष्कासन की सिफारिश की।

निष्कासन की संवैधानिक वैधता:

  • संविधान का अनुच्छेद 101 एक सांसद की सीट खाली करने का आधार बताता है लेकिन स्पष्ट रूप से निष्कासन का उल्लेख नहीं करता है।
  • सुप्रीम कोर्ट के विरोधाभासी फैसले: राजा राम पाल बनाम माननीय स्पीकर (2007) ने सदस्यों को निष्कासित करने की संसद की शक्ति को बरकरार रखा, जबकि अमरिंदर सिंह बनाम विशेष समिति, पंजाब विधानसभा (2010) ने राज्य विधानसभा द्वारा निष्कासन को असंवैधानिक माना।
  • निष्कासन लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप है या नहीं, इस संबंध में व्याख्याएं अलग-अलग हैं।

सदन का विशेषाधिकार बनाम लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व:

  • सदन को अधिनायकवाद से बचाने और लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक रूप से विकसित सदन के विशेषाधिकारों को संतुलित करना महत्वपूर्ण है।
  • महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ जैसे गंभीर आरोप सजा के रूप में निष्कासन की आनुपातिकता पर सवाल उठाते हैं।
  • निष्कासन नागरिकों को अगले चुनाव या उप-चुनाव तक प्रतिनिधित्व के बिना छोड़ देता है, जो संभावित रूप से लोकतांत्रिक अधिकारों को प्रभावित करता है।
  • संसदीय समिति की कार्यवाही में साक्ष्य अधिनियम द्वारा शासित न्यायिक मामले की गहराई का अभाव है।

सुझाया गया समाधान:

  • ऐसे मामलों की 60 दिनों के भीतर समय पर सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक अदालतें स्थापित करें। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (Representation of the People Act, 1951) के तहत दोषसिद्धि के परिणामस्वरूप अयोग्यता होनी चाहिए, जबकि बरी किए गए सदस्यों की सदन सदस्यता जारी रहेगी।

सारांश:

  • नैतिक आचरण की निगरानी के लिए गठित संसदीय आचार समिति ने कथित अनैतिक व्यवहार के लिए एक सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की। विशेषाधिकार समितियाँ गंभीर आरोपों को देखती हैं, जबकि निष्कासन की संवैधानिक वैधता अस्पष्ट बनी हुई है। लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के साथ सदन के विशेषाधिकारों को संतुलित करना महत्वपूर्ण है, जो सजा की आनुपातिकता और घटक प्रतिनिधित्व की निरंतरता के बारे में सवाल उठाता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अमेरिका-चीन संबंधों को आगे बढ़ाना:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: अमेरिका-चीन संघर्ष और ताइवान एंगेल।

प्रसंग:

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच दूसरा शिखर सम्मेलन 15 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को में संपन्न हुआ और जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच चल रहे तनावपूर्ण संबंधों को हल कर द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित करना था, जो वर्तमान में 1979 के बाद के सबसे कमजोर दौर से गुजर रहे है।

हालिया शिखर सम्मेलन और परिणाम:

  • राष्ट्रपति जो बाइडेन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग सम्मेलन के दौरान सैन फ्रांसिस्को में मुलाकात की।
  • बिगड़ते अमेरिका-चीन संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से, शिखर सम्मेलन की महत्वपूर्ण उपलब्धि सैन्य-से-सैन्य संचार को बहाल करने का निर्णय था।
  • परमाणु-सशस्त्र राष्ट्रों के बीच संभावित गलतफहमी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सैन्य समुद्री परामर्श समझौता फिर से शुरू होगा।

ताइवान संघर्ष:

  • 2022 में नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के कारण अमेरिका और चीन के बीच सैन्य संचार चैनल बंद हो गए।
  • हालाँकि ताइवान एक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है, जबकि चीन एकजुट होने की कोशिश कर रहा है जबकि अमेरिका बीजिंग को चीन की वैध सरकार के रूप में मान्यता देता है लेकिन ताइवान संबंध अधिनियम के तहत ताइवान के साथ संबंध बनाए रखता है।
  • बीजिंग ने अमेरिकी अधिकारियों की ताइवान यात्रा, गंभीर परिणामों की चेतावनी और ताइवान के तट के पास सैन्य अभ्यास करने की निंदा की।

व्यापार विवाद:

  • राजनीतिक शत्रुता के बीच अमेरिका और चीन एक अस्थिर आर्थिक और व्यापार नीति ढांचे पर काम कर रहे हैं।
  • राष्ट्रपति बिडेन ने 2019 में ट्रम्प प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाइयों के आधार पर चीनी रक्षा और निगरानी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया।
  • दोनों देश नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं, जैसे अमेरिका सेमीकंडक्टर निर्यात पर नियंत्रण लगाता है वहीँ दूसरे ओर चीन महत्वपूर्ण सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है।

निर्यात नियंत्रण और प्रतिउपाय:

  • AI और सुपरकंप्यूटिंग में चीन की प्रगति को कमजोर करने के लिए अमेरिका ने उन्नत कंप्यूटर चिप्स पर निर्यात नियंत्रण लागू किया।
  • चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गैलियम, जर्मेनियम और ग्रेफाइट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे माइक्रोचिप और इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी उत्पादन प्रभावित हुआ है।
  • अतिरिक्त उपायों में चीन द्वारा जासूसी विरोधी और डेटा सुरक्षा कानूनों को कड़ा करना, डिजिटल टूल और सर्वर संचालन को प्रभावित करना शामिल है।

भावी दृष्टिकोण और व्यावहारिक सह-अस्तित्व:

  • सत्ता संघर्ष की विशेषता वाले द्विपक्षीय विवाद का बढ़ना राष्ट्रपति बिडेन के नेतृत्व में जारी है।
  • सह-अस्तित्व के व्यावहारिक मार्गों की खोज करने की दिशा में एक सूक्ष्म बदलाव आया है, जिसमें विघटन या ‘अलग होने’ के बजाय दोनों अर्थव्यवस्थाओं ने जोखिम से मुक्त करने पर जोर दिया गया है।
  • यह सूक्ष्म दृष्टिकोण जटिल अमेरिकी-चीन संबंधों को सुलझाने में थोड़ा यथार्थवाद का प्रतिनिधित्व करता है, जो अल्पावधि में जटिलत को सुलझाने की आशा प्रदान देता है।

सारांश:

  • तनावपूर्ण अमेरिकी-चीन संबंधों के मद्देनजर, राष्ट्रपति बिडेन और शी के बीच सैन फ्रांसिस्को शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण सैन्य संचार बहाली हुई, जिसका उद्देश्य विनाशकारी गलतफहमी को दूर करना था। व्यापार विवादों और भू-राजनीतिक तनावों के बीच, व्यावहारिक सह-अस्तित्व की दिशा में एक सतर्क धुरी है, जो इस जटिल महाशक्ति गतिशीलता के प्रबंधन में एक सूक्ष्म बदलाव की ओर इशारा करती है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए 114 सीटें, प्रवासी कोटा को मंजूरी:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: राजव्यवस्था

प्रारंभिक परीक्षा: जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक से सम्बन्धित जानकारी।

प्रसंग:

  • लोकसभा ने हाल ही में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 को मंजूरी दे दी हैं।
  • फोकस का पहला क्षेत्र जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से विस्थापित व्यक्तियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करने पर केंद्रित है।

विधेयकों के मुख्य बिंदु:

a. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक:

    • यह नई 114 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों, पीओके-विस्थापित व्यक्तियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करना चाहता है।
    • कुल विधानसभा सीटें 107 से बढ़कर 114 हो गईं।
    • उपराज्यपाल को तीन सदस्यों को नामांकित करने का अधिकार दिया गया है, जिनमें दो कश्मीरी प्रवासी समुदाय से और एक पीओके शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करता है।

b.जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक:

    • इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर आरक्षण अधिनियम, 2004 में “कमजोर और वंचित वर्ग (सामाजिक जातियां)” शब्द को केंद्र शासित प्रदेश द्वारा घोषित “अन्य पिछड़ा वर्ग” से बदलना है।
    • साथ ही यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए व्यावसायिक संस्थानों में नियुक्ति और प्रवेश में आरक्षण से संबंधित है।

आतंकवाद संबंधी चिंताओं पर सरकार की प्रतिक्रिया:

  • केंद्रीय गृह मंत्री ने तीन साल पहले तैयार की गई “शून्य-आतंकवाद” योजना के कार्यान्वयन पर जोर दिया और आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने के लिए इसे 2026 तक पूरी तरह से क्रियान्वित किया जाएगा।
  • विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों के लिए आरक्षण का उद्देश्य उनकी आवाज़ को बढ़ाना और संकटों को रोकना है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. एआईसीटीई विशेषज्ञों द्वारा जांचे गए पाठ्यक्रम के साथ बीबीए और बीसीए कार्यक्रमों को विनियमित करेगा:

  • अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education (AICTE)) शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) और बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों को विनियमित करेगी।
  • एआईसीटीई ने वर्ष 2024-25 से 2026-27 की अवधि के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों को कवर करते हुए एक नई अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका जारी की हैं।
  • नई हैंडबुक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के लिए अनुमोदन के विस्तार, भूमि दस्तावेजों से संबंधित अनुपालन में कमी और संबद्ध विश्वविद्यालयों और राज्यों से अनापत्ति प्रमाण पत्र के प्रावधान शामिल हैं।
  • एआईसीटीई स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए एक नया पाठ्यक्रम पेश करेगा, जिसकी देश भर के विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाएगी।
  • यह कदम एमबीए और एमसीए जैसे स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के मौजूदा विनियमन के अलावा बीबीए और बीसीए कार्यक्रमों को शामिल करने के लिए एआईसीटीई के नियामक निरीक्षण का विस्तार करता है।
  • एआईसीटीई करियर में उन्नति की सुविधा के लिए तकनीकी शिक्षा में कार्यरत पेशेवरों के लिए लचीले अध्ययन समय की भी शुरुआत कर रहा है।
  • पॉलिटेक्निक कॉलेजों को स्वायत्तता देने के मानदंड भी अगले शैक्षणिक वर्ष से लागू किए जाएंगे।

2. गुजरात का गरबा नृत्य यूनेस्को की सूची में शामिल हुआ:

  • गुजरात के पारंपरिक नृत्य रूप ‘गरबा’ को यूनेस्को द्वारा अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage by UNESCO) की सूची में शामिल किया गया है।
  • यह मान्यता अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए 2003 कन्वेंशन के प्रावधानों के तहत बनाई गई थी।
  • ‘गरबा’ को भारत में किया जाने वाला एक अनुष्ठानिक और भक्तिपूर्ण नृत्य के रूप में वर्णित किया गया है।
  • यह समावेश यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त होने वाली भारत की 15वीं सांस्कृतिक धरोहर है।
  • भारत से आखिरी बार कोलकाता की दुर्गा पूजा को शामिल किया गया था, जिसे दो साल पहले जोड़ा गया था।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह विधेयक जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल सीटें 107 से बढ़ाकर 114 कर देता है।

2. नौ सीटें पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं।

3. उपराज्यपाल को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तीन सदस्यों को नामित करने का अधिकार दिया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • तीनों कथन सही हैं।

प्रश्न 2. आचार समिति की भूमिका के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. 2000 में स्थापित आचार समिति सदन के सदस्यों के सदाचार-पूर्ण और नैतिक आचरण की देखरेख करती है।

2. समिति किसी सदस्य के खिलाफ शिकायत की जांच करने का निर्णय लेने से पहले प्रथम दृष्टया जांच करती है।

3. ‘अनैतिक’ शब्द को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जो समिति के निर्णयों का मार्गदर्शन करता है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 3 ग़लत है। ‘अनैतिक’ शब्द को स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया गया है, इसे समिति के विवेक पर छोड़ दिया गया है।

प्रश्न 3. संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

1. सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों के बाद वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए 2010 में एसडीजी को अपनाया गया था।

2. कुल 17 एसडीजी हैं जो सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय आयामों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हैं।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: b

व्याख्या:

  • वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए 17 एसडीजी लक्ष्य लोगों और पृथ्वी ग्रह के लिए वर्तमान और भविष्य में शांति और समृद्धि के लिए एक साझा खाका प्रदान करते हैं।

प्रश्न 4. निम्नलिखित सांस्कृतिक वस्तुओं पर विचार कीजिए:

1. दुर्गा पूजा

2. गरबा

3. मुडियेट्टु

4. रम्मन

5. छऊ नृत्य

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा भारत की उपर्युक्त सांस्कृतिक वस्तुओं में से कितनी को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया है?

(a) केवल दो

(b) केवल तीन

(c) केवल चार

(d) सभी पाँच

उत्तर: d

व्याख्या:

  • हाल ही में, गुजरात के पारंपरिक नृत्य रूप ‘गरबा’ को यूनेस्को द्वारा सूची में शामिल किया गया था। इस सूची में जगह बनाने वाली यह भारत की 15वीं सांस्कृतिक वस्तु है। कोलकाता की दुर्गा पूजा आखिरी बार दो साल पहले जोड़ी गई थी।

प्रश्न 5. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. AICTE ने 1945 में वैधानिक दर्जा प्राप्त किया और तकनीकी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर की परिषद के रूप में कार्य किया।

2. एआईसीटीई के उद्देश्यों में मान्यता के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन सुनिश्चित करना और भारत में तकनीकी शिक्षा प्रणाली का प्रबंधन करना शामिल है।

3. यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कितने सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • पहला और तीसरा कथन गलत हैं, क्योंकि AICTE की स्थापना नवंबर 1945 में हुई थी, लेकिन इसे 1987 में वैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। AICTE शिक्षा मंत्रालय के अधीन है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. अमेरिका-चीन संबंधों में किसी भी प्रकार के बदलाव का सीधा असर भारत पर पड़ता है। ऐसे संभावित प्रभाव का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए और भारत को ऐसे प्रभाव की भरपाई करने के तरीके सुझाएं। जीएस II – (250 शब्द, 15 अंक) (Any alterations in the US-China relationship have a direct impact on India. Critically analyse such possible impact and suggest ways for India to offset such an impact. GS II – (250 words, 15 marks))

प्रश्न 2. उच्च शिक्षा संस्थानों के फलने-फूलने के लिए भारत के प्राथमिक शिक्षा मॉडल को एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है। चर्चा कीजिए। जीएस II – (250 शब्द, 15 अंक) (India’s primary education model needs to evolve into an efficient supply chain for higher education institutions to flourish. Discuss. GS II – (250 words, 15 marks))

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)