09 अप्रैल 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: राजव्यवस्था:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतरराष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
मामलों का स्थानांतरण
विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली
मुख्य परीक्षा: सर्वोच्च न्यायालय की विवेकाधीन शक्तियां
संदर्भ:
- विचाराधीन मामलों के स्थानांतरण पर सर्वोच्च न्यायालय।
भूमिका:
- सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में एक फैसले में कहा कि विचाराधीन आपराधिक मामलों को केवल “असाधारण परिस्थितियों” में एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
- न्यायालय ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता (Cr.PC) की धारा 406 के तहत मामलों को स्थानांतरित करने की शक्ति का उपयोग संयम से और केवल तब किया जाना चाहिए जब न्याय स्पष्ट रूप से गंभीर संकट में हो क्योंकि मामलों के अनावश्यक स्थानांतरण से राज्य न्यायपालिका और अभियोजन एजेंसी का मनोबल प्रभावित होगा।
स्थानांतरण के लिए संभावित स्थितियां:
- इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों की एक श्रृंखला को सारांशित किया गया है जिसमें उन संभावित स्थितियों को बताया गया है जिनमें मुकदमे को स्थानांतरित किया जा सकता है।
- इनमें ऐसे उदाहरण शामिल हैं जिनमें,
- राज्य या अभियोजन अभियुक्त के साथ घनिष्ठ सहयोग करता है;
- जब साक्ष्य से यह पता चले कि अभियुक्त अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित कर सकता है या शिकायतकर्ता को शारीरिक रूप से चोट पहुँचा सकता है;
- जब अभियुक्त के तुलनीय रूप से अधिक कठिनाई का सामना करने की संभावना हो;
- जब साम्प्रदायिक रूप से तनावपूर्ण स्थिति हो जो लगाए गए आरोपों और अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध की प्रकृति के कारण निष्पक्ष और तटस्थ मामला (trial) चलाने में असमर्थता का संकेत देती हो;
- संबद्ध पक्षों द्वारा न्याय में हस्तक्षेप किये जाने की संभावना हो।
- पक्षकारों और गवाहों की सुविधा के साथ-साथ उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा भी याचिका के स्थानांतरण का निर्णय करते समय प्रासंगिक कारक के रूप में कार्य कर सकती है।
धारा 406:
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 406A के तहत एक आपराधिक मामले को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित किया जा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस शक्ति का प्रयोग असाधारण मामलों में यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि न्याय के उद्देश्य की पूर्ति हो।
- किसी मामले को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने के लिए, भारत के सर्वोच्च न्यायालय में अभियुक्त या अभियोजन पक्ष या मामले से संबंधित किसी अन्य पक्ष द्वारा एक आवेदन दायर करने की आवश्यकता होती है। आवेदन में कारण बताए जाने चाहिए कि स्थानांतरण क्यों आवश्यक है, जैसे कि पक्षों की सुविधा या गवाहों की अवस्थिति।
- सर्वोच्च न्यायालय किसी मामले को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने से पहले विभिन्न कारकों पर विचार करेगा, जिसमें अपराध की प्रकृति, ट्रायल का चरण, साक्ष्य की उपलब्धता, पक्षों की सुविधा और न्याय के हित शामिल हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय यह सुनिश्चित करने के लिए शर्तें भी लगा सकता है या निर्देश दे सकता है कि मामले के स्थानांतरण के कारण शामिल पक्षों को अनुचित देरी या असुविधा का सामना न करना पड़े।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
चीन की ओर से नाम बदलने की होड़ के पीछे कारण क्या है?
विषय: भारत और पड़ोस संबंध
मुख्य परीक्षा: भारत-चीन संबंध
संदर्भ:
- चीन की सरकार ने घोषणा की कि वह अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नामों का “मानकीकरण” करेगी।
विवरण:
- 2 अप्रैल 2023 को, चीनी सरकार ने घोषणा की कि वह अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम का “मानकीकरण” करेगी।
- चीन में नागरिक मामलों के मंत्रालय ने चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश को प्रदर्शित करने वाले मानचित्र के साथ 11 स्थानों की एक सूची प्रकाशित की।
- भारत ने नाम बदलने को खारिज कर दिया है और इस बात पर प्रकाश डाला है कि इस कदम से सीमा विवाद पर कोई बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
- हालांकि, इसने सीमा पर चीन के सख्त रुख और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को रेखांकित किया है।
अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: China Renames 11 Places in Arunachal Pradesh [UPSC Current Affairs]
स्थानों के बारे में विवरण:
- चीन, भारत-चीन सीमा के पूर्वी क्षेत्र में लगभग 90000 वर्ग किमी. भूमि पर अपना दावा करता है।
- सभी 11 स्थल भारतीय क्षेत्र में हैं तथा अधिसूचना में मंदारिन, तिब्बती और अंग्रेजी भाषा में सार्वजनिक उपयोग के लिए इन नामों की घोषणा की गई है।
- विशेष रूप से, चीन इन स्थलों के स्थान को “जांगनान”, या “दक्षिण तिब्बत” के रूप में संदर्भित करता है।
- प्रबंधन नियमों के नए समूह में स्थानों के नामकरण, नाम बदलने और मानकीकरण संबंधी दिशानिर्देश शामिल हैं।
- 2017 और 2021 के बाद यह तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल में जगहों के लिए नाम बदले हैं।
- 2017 में, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के दौरे के बाद इसे एक बदले की कार्रवाई के रूप में देखा गया था।
- 2021 में, जारी की गई सूची, चीन के नए सीमा कानून के साथ मिलती-जुलती है। इस सूची में आठ शहरों, चार पहाड़ों, दो नदियों और सेला पर्वत दर्रे के नाम शामिल थे।
चीन का नया सीमा कानून:
कानून के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक कीजिए: China’s New Land Boundary Law UPSC Notes – About the Legislation, and Indo-China Relations |
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चीन का रुख:
- चीनी सरकार क्षेत्रीय विवादों पर अपना रुख सख्त कर रही है।
- नाम बदलने और नए सीमा कानून जैसे कदम इस बात को उजागर करते हैं कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्र की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है।
- स्थानीय स्तर के अधिकारियों ने भी नई नागरिक बस्तियों और सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के निर्माण के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है।
- चीन अरुणाचल प्रदेश में अपने दावे के बारे में बहुत मुखर रहा है और उसने दोहराया है कि किसी भी समझौते के लिए भारत को पूर्व में क्षेत्र पर अपना अधिकार छोड़ने की आवश्यकता होगी।
सीमा विवाद पर प्रभाव:
- यह सुझाव दिया जाता है कि यह एक प्रतीकात्मक संकेत है और इसका जमीन पर वास्तविक प्रभाव नहीं हो सकता है।
- हालाँकि, यह सीमाओं के साथ लगे क्षेत्रों पर बदलती स्थितियों की ओर इशारा करता है।
- 1988 में, चीन और भारत संबंधों को सामान्य बनाने और मतभेदों को दूर करने पर सहमत हुए थे। उन्होंने विवाद का समाधान खोजने के लिए 2003 में विशेष प्रतिनिधि (SRs) भी नियुक्त किए थे।
- चीन द्वारा 2020 के अतिक्रमण ने इस व्यवस्था को चरमरा दिया है।
- दोनों तरफ से बड़ी संख्या में सैनिक अग्रिम इलाकों में तैनात हैं और डिसइंगेजमेंट वार्ता से अभी कुछ खास हासिल नहीं हुआ है।
- अरुणाचल प्रदेश राज्य में क्षेत्रों का नाम बदलने के कदम ने समाधान के पहले से कहीं अधिक मंद होने की संभावनाओं को जन्म दिया है।
संबंधित लिंक:
India – China Relations: Updates about the Recent Clashes at the LAC and other Events
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
प्रमुख तेल उत्पादकों ने उत्पादन में कटौती का संकल्प क्यों लिया है?
विषय: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
प्रारंभिक परीक्षा: ओपेक (OPEC) और ओपेक (OPEC) +
मुख्य परीक्षा: कच्चे तेल के उत्पादन में कमी
संदर्भ:
- प्रमुख तेल उत्पादक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की है।
विवरण:
- सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और रूस जैसे कई तेल उत्पादक देशों ने तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा की है जो 2023 के अंत तक जारी रह सकती है।
- इससे कच्चे तेल की कीमतों में अचानक तेजी आई है।
- 3 अप्रैल 2023 को पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने संयुक्त मंत्रिस्तरीय निगरानी समिति की 48वीं बैठक में इस घोषणा को स्वीकार किया।
- ये कटौती अक्टूबर 2022 में घोषित की गई कटौती के अतिरिक्त है।
- अमेरिका ने ओपेक के फैसले को अनुचित बताया है।
पृष्ठभूमि विवरण:
- ओपेक के आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्पादन में कटौती का उद्देश्य बाजार की स्थिरता में सहयोग देना है।
- फरवरी 2023 में, पश्चिमी देशों द्वारा रूसी कच्चे तेल पर मूल्य कैप की प्रतिक्रिया के रूप में, रूस ने कच्चे तेल के उत्पादन में एक दिन में आधा मिलियन बैरल की कटौती करने की घोषणा की थी।
- अमेरिका और यूरोप में सिलिकॉन वैली बैंक और क्रेडिट सुइस जैसे बैंकिंग क्षेत्र की हालिया घटनाक्रमों ने आने वाली मंदी की संभावना को हवा दी है।
- यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मार्च 2023 में, मंदी की अटकलों को उजागर करते हुए तेल की कीमतें 1% गिरकर दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गईं।
- रॉयटर्स के अनुसार, उत्पादन में कटौती छोटे विक्रेताओं को दंडित करने का भी एक तरीका है जो तेल की कीमतों में गिरावट पर दांव लगाते हैं।
- अक्टूबर 2022 में घोषित दो मिलियन बैरल प्रतिदिन कटौती के अलावा, विभिन्न देशों में स्वैच्छिक कटौती का विवरण इस प्रकार है:
देश |
कटौती (प्रति दिन बैरल में) |
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सऊदी अरब |
5,00,000 |
इराक |
2,11,000 |
संयुक्त अरब अमीरात |
1,44,000 |
कुवैत |
1,28,000 |
कजाकिस्तान |
78,000 |
अल्जीरिया |
48,000 |
ओमान |
40,000 |
गैबॉन |
8,000 |
भारत के लिए निहितार्थ:
- भारत तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक (चीन और अमेरिका के बाद) है तथा कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में क्रमशः 21 और 26 वें स्थान पर है।
- इस प्रकार यह अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए भारत की उच्च निर्भरता को दर्शाता है।
- रूस से कच्चे तेल का आयात उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 1.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी ओर इराक और सऊदी अरब से आपूर्ति घटी है।
संबंधित लिंक:
Crude Oil Pricing – Mechanism, Effects on Economy
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
- डेंगू वायरस का क्रमिक विकास
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
प्रारम्भिक परीक्षा: जीनोम अनुक्रम; टीके; वाहक जनित रोग
संदर्भ:
- इस लेख में भारत में डेंगू वायरस के क्रमिक विकास की चिंताओं पर चर्चा की गई है।
मुख्य विवरण:
- भारतीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं की एक टीम ने पिछले 60 वर्षों में के 184 पूर्ण-जीनोम डेंगू अनुक्रमों और 408 E जीन अनुक्रमों का अध्ययन करके भारत में डेंगू वायरस के क्रमिक विकास और विविधता का विश्लेषण किया है।
- शोधकर्ताओं ने पाया है कि डेंगू के चार सीरोटाइप में से किसी भी एक संक्रमण द्वारा प्रदान किया गया क्रॉस-प्रोटेक्शन दो से तीन वर्षों के बाद कम होना शुरू हो जाता है, और वह वायरस जो पहले संक्रमण का कारण बने सीरोटाइप के समान होता है, अन्य सीरोटाइप की तुलना में गंभीर बीमारी पैदा करने की अधिक क्षमता रखता है।
- ऐसा इसलिए है क्योंकि एंटीबॉडी विभिन्न सीरोटाइप से संबंधित वायरस को बेअसर करने में सक्षम नहीं होती है, जबकि वायरस एंटीबॉडी से बेहतर ढंग से जुड़ने में सक्षम होता है जिससे कोशिकाओं के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और इस प्रकार गंभीरता और वायरल लोड में वृद्धि होती है। इसे क्रॉस-रिएक्टिव एंटीबॉडी द्वारा मध्यस्थ एंटीबॉडी-निर्भर वृद्धि (antibody-dependent enhancement mediated by cross-reactive antibodies) कहा जाता है।
- प्रमुख प्रतिरक्षा चयन दबाव के कारण सीरोटाइप 4 (DENV-4) से संबंधित एक अनूठी भारतीय डेंगू वंश (DENV-4-Id) का उदय हुआ है।
- उन्होंने सीरोटाइप 4 (DENV-4) से संबंधित एक अनूठी भारतीय डेंगू वंश (DENV-4-Id) की पहचान की, जो दक्षिण भारत में प्रभावी है, और दक्षिण भारत में लगभग 50% संक्रमण इसी वंश के कारण हैं।
- शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सीरोटाइप में वायरस के क्रमिक विकास का टीके की प्रभावकारिता पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि वर्तमान भारतीय वंश सभी प्रमुख टीकों में उपयोग किए जाने वाले वंशों से अत्यधिक भिन्न है।
चित्र स्रोत: The Hindu
महत्वपूर्ण तथ्य:
- दुर्लभ मृदा भंडार:
- राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI), जो कि वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एक संघटक अनुसंधान प्रयोगशाला है, के वैज्ञानिकों ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में दुर्लभ-मृदा तत्वों (REE) की मौजूदगी की सूचना दी है।
- उन्होंने “संपूर्ण रॉक विश्लेषण” में दुर्लभ-मृदा तत्वों के विशाल भंडार की खोज की है।
- कम से कम एक किलोमीटर तक गहरी ड्रिलिंग से तत्वों की मौजूदगी की निरंतरता का पता लगाने में मदद मिलेगी।
- खोजे गए दुर्लभ मृदा तत्वों में लैंथनम, सेरियम, प्रेसियोडीमियम, नियोडिमियम, येट्रियम, हेफ़नियम, टैंटलम, नाइओबियम, जिरकोनियम और स्कैंडियम शामिल हैं।
- ये तत्व कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किये जाने वाले प्रमुख घटक हैं और इनका इमेजिंग, एयरोस्पेस तथा रक्षा जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक अनुप्रयोग किया जाता है।
- 16वां वित्त आयोग:
- केंद्र सरकार 2026-27 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व साझा करने के फार्मूले की सिफारिश करने के लिए नवंबर, 2023 में सोलहवें वित्त आयोग का गठन करने की योजना बना रही है।
- वित्त आयोग का गठन संविधान के अनुच्छेद 280 के अनुसार प्रत्येक पांच वर्ष में किया जाता है।
- हालाँकि, एन.के. सिंह की अध्यक्षता वाले पंद्रहवें वित्त आयोग को 2025-26 तक छह साल के लिए सिफारिशें करने हेतु विस्तारित कार्यकाल दिया गया था।
- इससे पहले जून 1987 में गठित नौवें वित्त आयोग को भी छह साल का कार्यकाल दिया गया था। लेकिन, दसवें वित्त आयोग का गठन जून 1992 में संविधान द्वारा निर्दिष्ट पांच साल की समय सीमा के लिए किया गया था।
- सोलहवें आयोग के लिए एक नई चुनौती एक अन्य संवैधानिक निकाय – वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद, जिसे 2016 में बनाया गया था, द्वारा लिए गए निर्णयों के प्रभाव के कारक का पता लगाना है।
- वित्त आयोग एक स्थायी निकाय नहीं है, लेकिन GST परिषद है, और इसलिए कर की दर और व्यवस्था में बदलाव के संबंध में GST परिषद के फैसले वित्त आयोग के अनुमानों को प्रभावित कर सकते हैं।
- भारत गौरव योजना:
- भारतीय रेलवे, साउथ स्टार रेल के सहयोग से, मई, 2023 से भारत गौरव योजना के तहत कश्मीर घाटी के लिए एक पर्यटक ट्रेन शुरू कर रहा है।
- 12 दिन का दौरा कोयम्बटूर से शुरू होगा। पर्यटकों को श्रीनगर, मुगल गार्डन, डल झील, सोनमर्ग, अमृतसर, गुलमर्ग, ताजमहल, भारत-पाकिस्तान सीमा और अन्य स्थानों पर ले जाया जाएगा।
भारत गौरव योजना के बारे में और पढ़ें: Bharat Gaurav Scheme
- स्पॉट बिल्ड पेलिकन:
- स्पॉट-बिल्ड पेलिकन भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य हिस्सों में पाया जाने वाला एक बड़ा जल पक्षी है।
- यह एकमात्र पेलिकन प्रजाति है जो भारत में प्रजनन के लिए जानी जाती है, और यह निवास स्थान के नुकसान तथा शिकार के कारण IUCN लाल सूची में संकटासन्न (Near Threatened) के रूप में सूचीबद्ध है।
- स्पॉट-बिल्ड पेलिकन आर्द्रभूमियों, झीलों, नदियों और मुहानों में पाया जा सकता है, जहाँ यह मछलियों, मेंढकों और अन्य जलीय शिकार को खाता है।
- उनके पैर की मांसपेशियां कमजोर होती हैं, इसलिए वे पानी की सतह के पास मछलियों का शिकार करते हैं।
- यह प्रजाति कभी-कभी समूहों में मछली पकड़ती है। समूह में ये एक अर्ध-वृत्त बनाते हैं जो मछली को उथले पानी की ओर आने के लिए विवश करते है। ये छोटे जलकाग के साथ साझेदारी भी करते हैं।
- जलकाग जल में गोता लगाते हैं, और उनके गोता लगाने से गहरे क्षेत्रों में मौजूद मछलियाँ सतह की ओर आ जाती हैं, जहाँ पेलिकन उनका शिकार कर लेते हैं।
- वयस्क स्पॉट-बिल्ड पेलिकन का वजन 4.5-5 किलोग्राम होता है। थैली, जिसे गूलर (gular) कहते हैं, मछली पकड़ने के लिए होती है।
- स्पॉट-बिल्ड पेलिकन अन्य जल पक्षियों के साथ स्थिर कॉलोनी का निर्माण करते हैं। पेड़ों पर घोंसले बनाते हैं और दो-तीन अंडे देते हैं। जब चूजे लगभग एक महीने के हो जाते हैं, तो वे घोंसलों को नष्ट कर देते हैं।
- प्रजनन कॉलोनियां गांवों के बहुत करीब या भीतर भी होती हैं। ग्रामीण स्पॉट-बिल्ड पेलिकन के मल का उपयोग उर्वरक के रूप में करते हैं।
- प्रजनन के मौसम के बाद, पेलिकन की आबादी भोजन की तलाश में विशाल क्षेत्र में फैल जाती है।
- भारत में स्पॉट-बिल्ड पेलिकन को देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में राजस्थान में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, आंध्र प्रदेश में पुलीकट झील, तमिलनाडु में वेदांथंगल पक्षी अभयारण्य, ओडिशा में चिल्का झील, कर्नाटक में कोकरे बेलूर और करंजी झील हैं।
चित्र स्रोत: ebird
- सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान:
- राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू ने 8 अप्रैल, 2023 को असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन से भारतीय वायु सेना (IAF) के सुखोई-30MKI लड़ाकू विमान में उड़ान भरी।
- वह इस तरह की उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं।
- राष्ट्रपति ने ब्रह्मपुत्र और तेजपुर घाटी को कवर करते हुए लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी।
सुखोई-30MKI:
- सुखोई Su-30MKI भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए रूस के सुखोई द्वारा विकसित और भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा लाइसेंस के तहत निर्मित एक मल्टीरोल लड़ाकू विमान है।
- यह विमान Su-30 का एक प्रकार है, जिसमें भारतीय वायुसेना की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए उन्नत एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियाँ लगी हुई हैं।
- Su-30MKI की अधिकतम गति 2 Mach (2120 किमी/घंटा) है, जिसकी रेंज 3000 किमी. है, और यह विभिन्न प्रकार की हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, बम और रॉकेट ले जा सकता है।
- यह विमान 2002 से भारतीय वायुसेना की सेवा में है और इसने विभिन्न सैन्य अभ्यासों तथा अभियानों में भाग लिया है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. कार्बन की मात्रा के आधार पर निम्न प्रकार के कोयले को अवरोही (घटते) क्रम में व्यवस्थित कीजिए: (स्तर-मध्यम)
- बिटुमिनस, लिग्नाइट, पीट, एन्थ्रेसाइट
- पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस, एन्थ्रेसाइट
- पीट, बिटुमिनस, एन्थ्रेसाइट, लिग्नाइट
- एन्थ्रेसाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट, पीट
उत्तर: d
व्याख्या:
कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयले के प्रकार का अवरोही क्रम इस प्रकार है:
- एन्थ्रेसाइट: यह कोयले की उच्चतम श्रेणी है और इसमें 86% से 97% कार्बन होता है। यह सबसे कठोर, सबसे भंगुर और सबसे प्राचीन कोयला प्रकार है।
- बिटुमिनस: यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कोयला है और इसमें 75% से 86% तक कार्बन होता है। यह बिजली उत्पादन, धातु विज्ञान और सीमेंट उत्पादन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
- लिग्नाइट: लिग्नाइट कोयला हल्के भूरे रंग का होता है। लिग्नाइट में 55-65%% तक कार्बन होता है। लिग्नाइट सबसे नया और समयपूर्व जीवाश्म ईंधन (premature fossil fuel) है।
- पीट: पीट में कार्बन की मात्रा कम (30-40%) होती है और नमी अधिक होती है। यह ज्यादातर बागवानी के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 2. सी. राजगोपालाचारी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)
- वेदारण्यम मार्च, 1930 में सी.राजगोपालाचारी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक हिस्सा था।
- उन्होंने कांग्रेस पार्टी में ‘नो चेंजर्स’ के समूह का नेतृत्व किया, जो वल्लभभाई पटेल और अजमल खान के साथ इंपीरियल और प्रांतीय विधान परिषदों (लेजिसलेटिव काउंसिल) में प्रवेश के खिलाफ थे।
- वे स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 01 सही है, वेदारण्यम मार्च 1930 में सी. राजगोपालाचारी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन का एक हिस्सा था। उन्होंने अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर लगाए गए नमक कर के विरोध में दांडी मार्च के विस्तार के रूप में मार्च का नेतृत्व किया।
- 150 स्वयंसेवकों का एक समूह उनके साथ तमिलनाडु के त्रिचिनोपोली से वेदारण्यम तक गया।
- मार्च के प्रमुख सदस्य रुक्मिणी लक्ष्मीपति, के. कामराज, अरंथंगी सी. कृष्णास्वामी, एम. भक्तवत्सलम और राजाजी के पुत्र सी. आर. नरसिम्हन थे।
- वेदारण्यम मार्च 28 अप्रैल 1930 को इसके सदस्यों की गिरफ्तारी के साथ समाप्त हुआ। राजगोपालाचारी को छह महीने की अवधि के लिए कैद किया गया था।
- कथन 02 गलत है, महात्मा गांधी ने कांग्रेस पार्टी में नो चेंजर्स अर्थात ‘अपरिवर्तनकारी’ समूह का नेतृत्व किया जो वल्लभभाई पटेल और अजमल खान, सी. राजगोपालाचारी और एम. ए. हंसारी के साथ इंपीरियल और प्रांतीय विधान परिषदों में प्रवेश के खिलाफ थे।
- कथन 03 गलत है, लॉर्ड माउंटबेटन (1947-48) ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य के अंतिम वायसराय और स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल थे।
- सी.राजगोपालाचारी, जिन्हें ‘राजाजी’ के नाम से भी जाना जाता है, स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल थे।
प्रश्न 3. भारत गौरव योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-मध्यम)
- इसे भारतीय रेलवे द्वारा भारत की विशाल पर्यटन क्षमता का दोहन करने के लिए लॉन्च किया गया था।
- ये ट्रेनें निजी कंपनियों और IRCTC दोनों द्वारा चलाई जाएंगी।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- नवंबर 2021 में, भारतीय रेलवे ने भारत की विशाल पर्यटन क्षमता का दोहन करने के लिए यह योजना शुरू की।
- इसने निजी संस्थाओं को विभिन्न सर्किटों में विषय-आधारित ट्रेन सेवाओं को संचालित करने की अनुमति दी।
- ये ट्रेनें निजी कंपनियों और IRCTC दोनों द्वारा संचालित की जाएंगी।
- दक्षिण रेलवे ‘भारत गौरव’ योजना के तहत पहला पंजीकृत सेवा प्रदाता प्राप्त करने वाला भारतीय रेलवे का पहला मंडल बन गया है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)
- 1526 में पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
- जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर की आत्मकथा बाबरनामा उनकी मातृभाषा चगताई तुर्किक में लिखी गई थी।
- हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर ने राणा प्रताप को पराजित किया।
- शाहजहाँ, अशोक के बाद बल्ख और बदख्शां पहुँचने वाला पहला भारतीय शासक था।
विकल्प:
- केवल 1 और 4
- केवल 2 और 3
- 1, 2, 3 और 4
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 01 सही है, पानीपत की पहली लड़ाई बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच लड़ी गई थी, जो 21 अप्रैल 1526 को हुई थी। इसने मुगल साम्राज्य की शुरुआत की नींव रखी। यह शुरुआती लड़ाइयों में से एक थी जिसमें गनपाउडर आग्नेयास्त्रों और फील्ड आर्टिलरी का उपयोग किया गया था।
- कथन 02 सही है, जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर की आत्मकथा ‘बाबरनामा’ उसकी मातृभाषा चगताई तुर्किक में लिखी गई थी।
- बाबर ने इसे संस्मरण के रूप में लिखा था। इसे आत्मकथात्मक शैली के इस्लामी साहित्य में पहली सच्ची कृति माना जाता है।
- कथन 03 सही है, हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 को मेवाड़ के राणा, महाराणा प्रताप और आमेर के मान सिंह प्रथम के नेतृत्व में मुगल सम्राट अकबर की सेना के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में अकबर ने राणा प्रताप को पराजित किया।
- कथन 04 सही है, शाहजहाँ सम्राट अशोक के बाद बल्ख और बदख्शाँ पहुँचने वाला पहला भारतीय शासक था।
मुगल साम्राज्य पर और पढ़ें: Mughal Empire
प्रश्न 5. भारत निम्नलिखित में से किसका सदस्य है? (स्तर-कठिन) (PYQ-CSE-2008)
- एशियाई विकास बैंक
- एशिया – प्रशांत आर्थिक सहयोग
- कोलंबो योजना
- आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD)
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 4
- केवल 1, 2 और 3
- 1, 2, 3 और 4
उत्तर: a
व्याख्या:
- भारत एशियाई विकास बैंक (ADB) का संस्थापक सदस्य है जिसकी स्थापना 1966 में हुई थी।
- भारत एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) फोरम का सदस्य नहीं है। APEC एक क्षेत्रीय आर्थिक मंच है जिसमें 21 सदस्य अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य शामिल हैं। इसका प्राथमिक उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक सहयोग और एकीकरण को बढ़ावा देना है।
- भारत कोलंबो योजना का एक संस्थापक सदस्य है जिसकी स्थापना 1950 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक क्षेत्रीय संगठन के रूप में की गई थी।
- कोलंबो योजना में ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों सहित 27 देश शामिल हैं।
- कोलंबो योजना कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान करती है। भारत कोलंबो योजना के कार्यक्रमों में एक सक्रिय भागीदार रहा है और उसने संगठन के कोष में भी योगदान दिया है।
- भारत आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) का सदस्य नहीं है, जो एक वैश्विक आर्थिक संगठन है जिसमें 38 सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर विकसित अर्थव्यवस्थाएँ हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. सर्वोच्च न्यायालय ने बहुधा यह फैसला सुनाया है कि केवल असाधारण परिस्थितियों में ही आपराधिक मामलों की सुनवाई दूसरे राज्यों में स्थानांतरित की जानी चाहिए। परीक्षण कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (GSII-राजव्यवस्था)
प्रश्न 2. चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदले जाने की घटना का केवल प्रतीकात्मक महत्व है। लेकिन, यह सीमा विवाद को लेकर चीन की सख्त स्थिति को रेखांकित करता है। मूल्यांकन कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (GSII-अंतर्राष्ट्रीय संबंध)