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A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
10 July 2024 Hindi CNA
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
पुतिन ने भारतीय सैन्य भर्तियों को रिहा करने के मोदी के अनुरोध को स्वीकार किया:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत-रूस संबंध।
विवरण:
- रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में सेवारत भारतीय सैनिकों को रिहा करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।
- यह निर्णय निजी रात्रिभोज और उसके बाद की वार्ताओं के दौरान मोदी के सीधे हस्तक्षेप के बाद लिया गया है।
राजनयिक प्रयास और पृष्ठभूमि:
- अस्ताना में एससीओ (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मास्को में भारतीय दूतावास और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मुद्दे को उठाया था।
- विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने सभी भारतीय सैन्य भर्तियों की वापसी पर मोदी के कड़े रुख की पुष्टि की हैं।
- उच्च वेतन और रूसी निवास के कागजात के झूठे वादों पर भर्ती के कारण बर्खास्तगी की मांग बढ़ी।
बढ़ती चिंताएँ और सरकारी प्रतिक्रिया:
- हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और सरकार पर बढ़ते दबाव को रेखांकित किया।
- हालाँकि विदेश मंत्रालय ने इस समस्या को स्वीकार तो किया लेकिन शुरू में इसे कम करके आंका, परन्तु बाद में इस तथ्य को स्वीकार किया कि संघर्ष में कम से कम 50 भारतीय सैनिक सेवारत थे।
- संघर्ष में चार भारतीय सैनिक मारे गए हैं, तथा कई को औपचारिक रिहाई के लिए डिस्चार्ज पेपर मिल गए हैं।
द्विपक्षीय व्यापार और समझौते:
- मोदी और पुतिन ने वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने पर सहमति जताई, जिसमें राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- रूस के सुदूर पूर्व में सहयोग परियोजनाओं तथा व्यापार एवं आर्थिक सहयोग पर एक संयुक्त दृष्टिकोण वक्तव्य पर चर्चा की गई।
- जलवायु परिवर्तन, ध्रुवीय अनुसंधान, कानूनी मध्यस्थता और दवा प्रमाणन पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
आर्थिक और कूटनीतिक विकास:
- मोदी ने कज़ान और येकातेरिनबर्ग में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की घोषणा की।
- द्विपक्षीय व्यापार पहले ही लगभग 65 बिलियन डॉलर का हो चुका है, जिसमें रूसी कच्चे तेल के आयात में छूट के कारण उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना सैन्य आपूर्ति और रणनीतिक साझेदारी पर केन्द्रित पिछले शिखर सम्मेलनों से बदलाव का संकेत था।
रक्षा और रणनीतिक साझेदारी:
- रक्षा आपूर्ति में देरी पर चर्चा की गई, जिसमें रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन का पता लगाने की प्रतिबद्धता जताई गई।
- मोदी ने रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल स्वीकार किया।
- मोदी को आगामी महीनों में कज़ान में होने वाले पहले “विस्तारित ब्रिक्स” शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया।
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सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
निरंतर क्रूरता:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत के हितों पर भारतीय परिदृश्य पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियां और राजनीति का प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: रूस-यूक्रेन संघर्ष का कूटनीतिक समाधान।
विवरण:
- 08 जुलाई 2024 को यूक्रेन में रूस के मिसाइल हमलों के परिणामस्वरूप कम से कम 38 मौतें हुईं।
- कीव में ओखमतदित चिल्ड्रेन हॉस्पिटल सहित नागरिक स्थानों पर हमला किया गया।
- रूस का दावा है कि उसने सैन्य और औद्योगिक ठिकानों को निशाना बनाया है, लेकिन नागरिक क्षेत्र भी काफी प्रभावित हुए हैं।
- यह हमला वाशिंगटन में नाटो (NATO) शिखर सम्मेलन के साथ हुआ है जिसमें यूक्रेन के लिए दीर्घकालिक सैन्य सहायता पर चर्चा की गई है।
हाल ही में क्षेत्रीय लाभ और चुनौतियाँ:
- रूस ने खार्किव ओब्लास्ट और डोनेट्स्क में वृद्धिशील लाभ अर्जित किया है।
- यूक्रेनी सेना चासिव यार के एक इलाके से हट गयी।
- कुछ प्रगति के बावजूद, नाटकीय लाभ की कमी के कारण रूस की क्षमताओं पर सवाल उठ रहे हैं।
- यूक्रेन लगातार ड्रोन के ज़रिए रूसी जहाजों, ऊर्जा डिपो और सीमावर्ती क्षेत्रों को निशाना बना रहा है।
बातचीत की ज़रूरत:
- कोई भी पक्ष सैन्य समाधान खोजने में सक्षम नहीं दिखता।
- यूक्रेन को रूसी सैनिकों को कब्ज़े वाले क्षेत्रों से बाहर निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
- रूस की आक्रामकता ने नाटो को मज़बूत किया है, जिसने यूक्रेन के लिए दीर्घकालिक सहायता का विस्तार और प्रतिबद्धता दिखाई है।
- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व के नेताओं ने बातचीत का आह्वान किया है।
- रूस और यूक्रेन दोनों को संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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सारांश:
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iCET को क्रियान्वित करने में अंतर्निहित सीमाएँ:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: iCET से सम्बन्धित जानकारी।
विवरण:
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के बीच सार्थक वार्ता के बावजूद, महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (Initiative on Critical and Emerging Technologies (iCET)) को संरचनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
- ये मुद्दे मुख्य रूप से महंगी, वाशिंगटन द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों को हस्तांतरित करने में अमेरिकी रक्षा कंपनियों की स्वायत्तता शामिल है।
- सख्त अमेरिकी निर्यात नियंत्रण कानून संयुक्त उद्यमों के माध्यम से सैन्य प्रौद्योगिकियों को साझा करने में बाधा डालते हैं, भले ही वे रणनीतिक रूप से लाभकारी हों।
iCET का वर्तमान फोकस:
- iCET के रक्षा घटक में तेजस Mk-II हल्के लड़ाकू विमान के लिए जनरल इलेक्ट्रिक GE F-414INS6 इंजन का स्थानीय विनिर्माण शामिल है।
- 3 बिलियन डॉलर की लागत से 31 सशस्त्र MQ-9 रीपर/प्रीडेटर-बी यूएवी को स्थानीय रूप से असेंबल करने की योजना भी प्रगति पर है।
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को F-414 इंजन प्रौद्योगिकी का 80% हस्तांतरित करने के लिए बातचीत में महत्वपूर्ण टरबाइन फोर्जिंग मेटलर्जी को शामिल नहीं किया गया है।
- MQ-9 यूएवी के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लगभग 10-15% है, जिसमें घरेलू रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा की योजना है।
सीमाएँ और ऐतिहासिक संदर्भ:
- अमेरिकी सरकार बौद्धिक संपदा अधिकारों के स्वामी रक्षा कंपनियों की ओर से कार्य नहीं कर सकती, जिससे प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रभावित होता है।
- अमेरिकी रक्षा विक्रेता वाणिज्यिक हितों से प्रेरित होते हैं, जिससे वे जिस सीमा तक प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए तैयार हैं, उस पर प्रभाव पड़ता है।
- इसी प्रकार के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण संबंधी मुद्दों के कारण 2012 की रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (DTTI) विफल हो गई, जिसे iCET ने व्यापक लक्ष्यों के साथ प्रतिस्थापित कर दिया गया।
नवीन समाधान और रणनीतिक बदलाव:
- भारतीय रक्षा अधिकारी हेलीकॉप्टर और विमान जैसे अमेरिकी प्लेटफार्मों के लिए जुगाड़ (नवाचार) दृष्टिकोण का उपयोग करने का सुझाव देते हैं।
- जुगाड़ ने ऐतिहासिक रूप से भारत की सेना को चरम स्थितियों और इलाकों में विदेशी प्रणालियों को सेवा योग्य बनाने की अनुमति दी है।
- हालाँकि, सक्षम प्रोटोकॉल और सख्त ‘गोल्डन सेंट्री’ अंतिम-उपयोग निगरानी कार्यक्रम अमेरिकी अधिग्रहण पर जुगाड़ के उपयोग को रोकते हैं।
- आईसीईटी, रूसी हथियारों पर भारत की निर्भरता कम करने की अमेरिकी नीति के अनुरूप है, जैसा कि सीनेट की विदेश संबंध समिति की रिपोर्ट में सुझाया गया है।
निष्कर्ष और सावधानी:
- ऐसी चिंताएं हैं कि iCET “ऑगस्टीन के नियमों” के आगे झुक सकता है, जहां अत्यधिक चर्चा कार्रवाई योग्य प्रगति की जगह ले लेती है।
- गतिरोध से बचने के लिए प्रयासों को लंबी चर्चाओं के बजाय व्यावहारिक कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. सीएम स्टालिन ने तमिलनाडु के लोक देवताओं, किलों पर किताबें जारी कीं:
विवरण:
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने दो कॉफी-टेबल किताबें जारी कीं:
- तमिलनाडु के लोक देवता: पूजा, परंपरा और रीति-रिवाज
- तमिलनाडु के किले: एक वॉक-थ्रू (A Walk-Through)
- ये किताबें हिंदू ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन्स ने तमिलनाडु सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर और सीई) विभाग और पर्यटन विभाग के सहयोग से प्रकाशित की गई हैं।
- पर्यटन मंत्री के. रामचंद्रन और एचआर और सीई मंत्री पी.के. शेखरबाबू ने किताबों की पहली प्रतियां प्राप्त कीं।
तमिलनाडु के लोक देवता:
- बी. कोलप्पन, द हिंदू के वरिष्ठ उप संपादक द्वारा क्यूरेट की गई।
- अनेक लोक देवताओं, उनकी पूजा, परंपराओं और रीति-रिवाजों पर केंद्रित है।
- इसमें मदुरै वीरन, कथावरायण, मुथुपट्टन, मुनीश्वरन और करुप्पासामी जैसे देवताओं पर प्रकाश डाला गया है।
- सुदलाई मदन, अय्यनार, पोन्नार-शंकर, मसानी अम्मन, बन्नारी अम्मन और अंगलम्मन पर अध्याय शामिल हैं।
- विद्वानों और लोकगीतकारों के योगदान के साथ-साथ रंगीन तस्वीरें भी शामिल हैं।
तमिलनाडु के किले:
- यह द हिंदू की वरिष्ठ उप संपादक संजना गणेश द्वारा संकलित किया गया हैं।
- तमिलनाडु के विभिन्न किलों के इतिहास और महत्व का दस्तावेजीकरण करता है।
- फोर्ट सेंट जॉर्ज, गिंगी, सदरास, थिरुमायम और अन्य किलों को प्रदर्शित करता है।
- इसमें द हिंदू के लेखकों और स्वतंत्र योगदानकर्ताओं के निबंध शामिल हैं, साथ ही तस्वीरें और अभिलेखीय चित्र भी शामिल हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. भारत के निम्नलिखित रक्षा आयातों में से कितने रूसी मूल के हैं?
1. सु 30 एमके (Su 30 MK)
2. राफेल-एम लड़ाकू विमान
3. एमक्यू-9बी स्काई गार्जियन ड्रोन
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी 3
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: a
व्याख्या:
- केवल सु 30 एमके
प्रश्न 2. उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (North Atlantic Treaty Organization) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसका गठन 1949 में वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर के साथ हुआ था।
2. यह एक सुरक्षा गठबंधन है।
3. इसका मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है।
उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी 3
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- सभी तीन कथन सही हैं।
प्रश्न 3. हाल ही में खबरों में आए सुदालाई मदन, अय्यनार, पोन्नार-शंकर और मसानी अम्मन निम्न में से क्या हैं:
(a) संगम युग के बंदरगाह
(b) संगम युग के कवि
(c) तमिलनाडु में पूजे जाने वाले देवता
(d) तमिल साहित्य के महान महाकाव्य
उत्तर: c
व्याख्या:
- ये तमिलनाडु में पूजे जाने वाले देवता हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने हाल ही में ‘तमिलनाडु के लोक देवता’ नामक एक कॉफी-टेबल बुक जारी की।
प्रश्न 4. इनमें से किस समिति ने सुझाव दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) उत्पादन की व्यापक लागत से कम से कम 50% अधिक होना चाहिए?
(a) राजमन्नार आयोग
(b) एम एस स्वामीनाथन आयोग
(c) पंछी आयोग
(d) सरकारिया आयोग
उत्तर: b
व्याख्या:
- एम एस स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) औसत उत्पादन लागत से कम से कम 50% अधिक होना चाहिए।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. भारत जैसे विकासशील देशों को महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण सतत भागीदारी और समावेशी भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस संबंध में, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर अमेरिका-भारत पहल (आईसीईटी) के महत्व पर चर्चा कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध] (Transfer of critical technology to developing countries like India is crucial for a sustained partnership and an inclusive future. In this regard, discuss the significance of the US-India Initiative on Critical and Emerging Technologies (iCET). (10 marks, 150 words) [GS-2, International Relations])
प्रश्न 2. उभरते वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य का भारत-रूस संबंधों की गतिशीलता पर क्या प्रभाव पड़ता है? (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध] (How does the evolving global geopolitical landscape impact the dynamics of the India-Russia relationship? (15 marks, 250 words) [GS-2, International Relations])
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)