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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 14 July, 2022 UPSC CNA in Hindi

14 जुलाई 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

सामाजिक मुद्दे:

  1. जेंडर गैप इंडेक्स में भारत 146 में से 135वें स्थान पर पहुंचा:

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. उच्च-रिज़ॉल्यूशन में: रात के आसमान के रहस्यों का खुलासा:

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. भारत-दक्षिण कोरिया द्विपक्षीय साझेदारी का विस्तार:

राजव्यवस्था:

  1. राष्ट्रपति महज एक रबर स्टैंप नहीं:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. ‘भारत ने समय सीमा से 9 साल पहले स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य हासिल कर लिया है’:
  2. चीन से भारत का आयात वर्ष 2022 की प्रथम छमाही में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

जेंडर गैप इंडेक्स में भारत 146 में से 135वें स्थान पर पहुंचा:

सामाजिक मुद्दे:

विषय: महिलाएं एवं उनसे सम्बंधित संगठन,उनकी भूमिका और संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा : लिंग अंतर सूचकांक (जेंडर गैप इंडेक्स)।

मुख्य परीक्षा: वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक (ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स) 2022 में भारत का प्रदर्शन।

संदर्भ:

  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने जेंडर गैप रिपोर्ट 2022 जारी की है जिसके मुताबिक लिंग समानता में भारत दुनिया के 146 देशों में 135 वें स्थान पर है।
    • गत वर्ष भारत 140वें स्थान पर था। एक वर्ष में भारत ने पांच स्थानों की छलांग लगाई है।

वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक (Global Gender Gap Index):

  • यह सूचकांक लैंगिक समानता को मापता है।
  • इस सूचकांक का उद्देश्य उन देशों में उपलब्ध संसाधनों और अवसरों के वास्तविक स्तर के बजाय देशों में संसाधनों और अवसरों तक पहुंच में लिंग आधारित अंतराल को मापना हैं।

यह सूचकांक राज्य और लिंग समानता के विकास का मानक है एवं इसे चार प्रमुख स्तंभों में मापा जाता है:

  1. आर्थिक भागीदारी एवं अवसर
  2. शिक्षा प्राप्ति
  3. स्वास्थ्य और उत्तरजीविता
  4. राजनीतिक अधिकारिता
  • वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक में लिंग अंतर को 0 से लेकर 100 तक की संख्या में मापा जाता हैं,और पहले इस सूचकांक की व्याख्या समानता की दिशा में किए गए प्रयासों या बंद किए गए लिंग अंतर के प्रतिशत के रूप में की जाती है।

वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक 2022:

  • इस वर्ष 146 देशों का मूल्यांकन किया गया।
  • इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, वैश्विक लिंग अंतर 68.1% पर आकर बंद हो गया है अतः प्रगति की इस वर्तमान दर के साथ पूर्ण समानता हासिल करने में अभी हमें लगभग 132 साल लगेंगे।
  • 146 देशों में भारत 135वें स्थान पर है। (2021 में भारत 156 देशों में 140वें स्थान पर था)।

वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक 2022 में भारत का प्रदर्शन:

Image Source: Indian Express

Image Source: Indian Express

  • भारत ने अपने पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश (71वें स्थान पर), नेपाल (96वें स्थान पर), श्रीलंका (110वें स्थान पर) और भूटान (126वें स्थान पर) की तुलना में इस सूचकांक में खराब प्रदर्शन किया है।
  • हालांकि, भारत ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है जो क्रमश: 145 और 146वें स्थान पर हैं।

आर्थिक भागीदारी और अवसर (Economic Participation and Opportunity):

  • इस उप-सूचकांक में श्रम बल में महिलाओं का प्रतिशत, पुरुषों और महिलाओं के बीच मजदूरी की समानता, महिलाओं द्वारा अर्जित आय आदि जैसे पहलूओं को शामिल किया जाता हैं।
  • इस सूचकांक में भारत 146 देशों में से 143वें स्थान पर है।
  • भारत के स्कोर में 2021 के मुकाबले इस सूचकांक में थोड़ा सुधार देखा गया हैं।
  • भारत का स्कोर वैश्विक औसत से काफी कम है और इस पैमाने पर भारत से केवल ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही पीछे हैं।

शिक्षा प्राप्ति (Educational Attainment):

  • इस उप-सूचकांक में शिक्षा प्रणाली के विभिन्न स्तरों में साक्षरता दर और नामांकन दर जैसे आयाम शामिल किये गए हैं।
  • भारत को इसमें 107वां स्थान प्राप्त हुआ है और इसका स्कोर 2021 की तुलना में थोड़ा कम हुआ है।

स्वास्थ्य और उत्तरजीविता (Health and Survival):

  • इसमें जन्म के समय लिंगानुपात और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा जैसे पैमाने शामिल किये गए हैं।
  • इतने देशों में भारत अंतिम यानि 146वें स्थान पर है।

राजनीतिक अधिकारिता (Political Empowerment):

  • इस उप-सूचकांक में संसद में महिलाओं का प्रतिशत, मंत्री पदों पर महिलाओं का प्रतिशत आदि जैसे पहलुओं को शामिल किया गया हैं।
  • इसमें भारत 146 में से 48वें स्थान पर है।
  • हालांकि, वर्ष 2021 के बाद से इसमें भारत का स्कोर कम हुआ है।

सारांश:

  • भारत को वैश्विक लिंग अंतर सूचकांक 2022 में सबसे कम प्रदर्शन करने वाले देशों के रूप में स्थान मिला है। हालाँकि भारत राजनीतिक सशक्तिकरण के पहलू में काफी बेहतर है, लेकिन स्वास्थ्य और जीवन रक्षा, शैक्षिक प्राप्ति और आर्थिक भागीदारी एवं अवसर जैसे अन्य उप-सूचकांकों में खराब स्थान पर है। जिसमे सुधार की आवश्यकता हैं।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

उच्च-रिज़ॉल्यूशन में: रात के आसमान के रहस्यों का खुलासा:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।

प्रारंभिक परीक्षा: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST), SMACS 0723, NGC 3324, सदर्न रिंग नेबुला, स्टीफ़न क्विंटेट (Stephan’s quintet), WASP-96 b3 के बारे में जानकारी।

मुख्य परीक्षा: JWST का महत्व और इसके अवलोकन।

संदर्भ:

  • नासा द्वारा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) द्वारा ली गई की गई छवियों का विमोचन किया गया हैं।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope (JWST)):

  • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) या जिसे वेब भी कहा जाता है, सबसे बड़ी अवरक्त दूरबीन है जिसे मुख्य रूप से अवरक्त खगोल विज्ञान के व्यवहार को जानने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
  • गौरतलब हैं कि इस टेलीस्कोप को वर्ष 2021 में फ्रेंच गुयाना से एरियन 5 रॉकेट में लॉन्च किया गया था।
  • इसके लिए नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (सीएसए) के बीच एक अंतरराष्ट्रीय समझौता किया गया था ।
  • इसके द्वारा किये जा रहे प्रयासों का सम्पूर्ण प्रबंधन नासा का गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर कर रहा है।
  • इस टेलीस्कोप से ब्रह्मांड के इतिहास के विभिन्न चरणों, बिग बैंग सिद्धांत,सौर मंडल के गठन और विकास जैसे पहलुओं के अध्ययन में मदद की उम्मीद है।
  • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST)के बारे में अधिक जानकरी के लिए इस लिंक पर कीजिए: James Webb Space Telescope (JWST)

JWST द्वारा ली गई छवियां:

  • नासा द्वारा अब तक जारी की गई पहली पांच छवियों में निम्न शामिल हैं:
  1. एसएमएस 0723(SMACS 0723)
  2. एनजीसी 3324(NGC 3324)
  3. दक्षिणी रिंग नेबुला (Southern Ring Nebula)
  4. स्टीफ़न क्विंटेट (Stephan’s quintet)
  5. WASP-96 b3(WASP-96 b3)

SMACS 0723 आकाशगंगाओं का समूह:

 Image Source: The Hindu

Image Source: The Hindu

  • SMACS 0723 को आकाशगंगाओं का एक समूह कहा जाता है जो लगभग 5.12 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है और Volans के दक्षिण के तारा मंडल की दिशा में स्थित है।
  • SMACS 0723 आकाशगंगा समूह बड़ा है और, आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता सिद्धांत के अनुसार, यह स्पेसटाइम (देश-काल के सिद्धांत का एकीकरण) के ताने-बाने को विकृत करता है।
  • JWST द्वारा ली गई आकाशगंगाओं के SMACS 0723 समूह की अंदरूनी क्षेत्र की छवियां उस समय की हैं जब तारों का जन्म हुआ था।
  • इन छवियों में से एक छवि 4.6 अरब साल पहले की प्रतीत होती है,इसे उस समय की कहा गया है जब सूर्य और पृथ्वी विकास हुआ था ।

एनजीसी 3324(NGC 3324):

 Image Source: The Hindu

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  • JWST ने NGC 3324 (विशाल अंतरतारकीय गैस बादलों-giant interstellar gas clouds) की एक छवि ली हैं जो कि कैरिना निहारिका की दिशा में पृथ्वी से लगभग 7,600 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
  • कैरिना निहारिका जिसे एटा कैरिने निहारिका भी कहा जाता है, आकाशगंगा के कैरिना-सैजिटेरियस में स्थित नक्षत्र कैरिना में निहारिका का उज्ज्वल और अंधेरे वाला एक बड़ा ही जटिल क्षेत्र है।
  • यह पृथ्वी से लगभग 8,500 प्रकाश वर्ष दूर है।
  • एनजीसी 3324 को सूर्य से भी अधिक विशाल और युवा सितारों का घर कहा जाता है।
  • तारे और तारा समूह इन विशाल अंतरतारकीय गैस बादलों से बनते हैं, इसलिए उन्हें “स्टार नर्सरी” भी कहा जाता है।
  • एनजीसी 3324 के किनारे की छवि को “कॉस्मिक क्लिफ” कहा जाता है जो पहाड़ों और घाटियों के आकार की है।
  • हालांकि,आकाशीय “पहाड़ों” से उठने वाली “भाप” वास्तव में एक गर्म, आयनित गैस और नीहारिका से दूर बहने वाली गर्म धूल होती है।

दक्षिणी रिंग निहारिका (Southern Ring Nebula):

Image Source: The Hindu

  • JWST ने दक्षिणी वलय ग्रहीय नीहारिका (NGC 3132) की छवियों का भी खुलासा किया है जिसे आठ-विस्फोट निहारिका भी कहा जाता है।
  • ग्रह से सम्बंधित नीहारिकाएं मरने वाले तारों से निकलने वाली गैस और धूल के गोले होते हैं।
  • यह वेला नक्षत्र में पृथ्वी से लगभग 2,500 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।
  • JWST द्वारा कैप्चर की गई छवियां निष्कासित गोले कि लगातार लहरों /वेब को दिखाती है।

स्टीफ़न क्विंटेट (Stephan’s quintet):

 Image Source: The Hindu

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  • स्टीफ़न क्विंटेट (Stephan’s quintet) पांच आकाशगंगाओं का एक दृश्य समूह है और स्टीफ़न क्विंटेट की इन पांच आकाशगंगाओं को एक साथ हिक्सोन कॉम्पैक्ट ग्रुप 92 (Hickson Compact Group 92-HCG 92) के रूप में भी जाना जाता है।
  • यह नक्षत्र पेगासस में स्थित है और पृथ्वी से लगभग 290 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है।
  • इसकी खोज 1877 में फ्रांसीसी खगोलशास्त्री एडौर्ड स्टीफ़न ने की थी।
  • इनमें से चार आकाशगंगाएं एक साथ हैं,और एक ब्रह्मांडीय चक्राकार गति में फंसी हुई हैं।

WASP-96 b3:

  • WASP-96 b एक गर्म गैस विशाल एक्सोप्लैनेट (एक ग्रह जो सौर मंडल के बाहर एक तारे की परिक्रमा करता है।) है जो सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा करता है जो कि फीनिक्स नक्षत्र में स्थित है ,एवं पृथ्वी से लगभग 1500 प्रकाश वर्ष दूर है।
  • यह ग्रह अपने तारे के बेहद करीब परिक्रमा करता है और पृथ्वी के साढ़े तीन दिनों से भी कम समय में एक कक्षा पूरी करता है।
  • JWST के नियर-इन्फ्रारेड इमेजर और स्लिटलेस स्पेक्ट्रोग्राफ (Near-Infrared Imager and Slitless Spectrograph (NIRISS)) का उपयोग करके एकल अवलोकन से बनाए गए एक ट्रांसमिशन स्पेक्ट्रम WASP-96 b की वायुमंडलीय विशेषताओं को प्रकट करता है।

JWST का महत्व और इसके अवलोकन:

  • JWST की तेज दृष्टि, बड़े प्रकाश-संग्रहण क्षेत्र और अदृश्य अवरक्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने की बेहतर क्षमता के साथ ब्रह्मांड को समझने की क्षमता का विस्तार करने में मदद करने की उम्मीद है।
  • JWST किसी भी अन्य इन्फ्रारेड टेलीस्कोप की तुलना में अधिक फोटॉन एकत्र करता है और यहां तक कि ब्रह्मांड के सबसे दूर के क्षेत्रों से भी धुंधली झिलमिलाहट का निरीक्षण कर पता लगा सकता है।
  • JWST का नियर-इन्फ्रारेड कैमरा (NIRCam) वस्तुओं की विशेषताओं के बारे में विस्तृत विवरण के साथ-साथ आश्चर्यजनक चित्र भी प्रदान करता है।
  • JWST की यह क्षमता खगोलीय पिंडों के बारे में विवरण प्रकट करने में मदद करती है जो पहले खगोलविदों के लिए अज्ञात थे।
  • JWST के अवलोकन खगोलविदों के लिए JWST डेटा का उपयोग करने और खगोलीय घटनाओं के बारे में और अध्ययन करने के लिए एक आधार के रूप में कार्य करेंगे।
  • JWST के स्पेक्ट्रोस्कोपिक अवलोकन से पता चलता है कि WASP-96 b के वातावरण में महत्वपूर्ण मात्रा में जल वाष्प मौजूद है, लेकिन भीषण गर्मी के कारण, WASP-96 में जीवन संभव नहीं है।
  • इसी तकनीक का उपयोग खगोलविद अन्य एक्सोप्लैनेट से सम्बंधित जानकारी जुटाने के लिए कर सकते हैं,जो केंद्रीय तारे के क्षेत्र में हैं,एवं जल वाष्प, हाइड्रोकार्बन, मीथेन आदि का पता लगाने एवं जीवन की उपस्थिति का संकेत देते हैं।

सारांश:

  • JWST द्वारा कैप्चर किए गए स्पेक्ट्रोस्कोपिक अवलोकन और छवियों को खगोल विज्ञान के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है क्योंकि यह इतिहास और ब्रह्मांड के विकास में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।

संपादकीय-द हिन्दू

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

भारत-दक्षिण कोरिया द्विपक्षीय साझेदारी का विस्तार:

विषय: विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।

मुख्य परीक्षा: भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों की चुनौतियाँ और अवसर तथा प्रमुख सुझाव।

संदर्भ:

  • इस लेख में भारत और दक्षिण कोरिया (India and South Korea relations) के संबंधों की वर्तमान स्थिति, विभिन्न अवसरों और चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है।

भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों की प्रमुख चुनौतियां:

  • हाल के वर्षों में, भारत और कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) राष्ट्रीय नीतियों में काफी भिन्नता आई है।
    • इस भिन्नता को क्वाड (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान) के बहुपक्षीय सुरक्षा समूह के मामले में देखा जा सकता है, जिसमें दक्षिण कोरिया ने समूह से दूरी बना ली, जबकि भारत ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया है।
  • दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी उतने मजबूत नहीं है।
  • इसके अलावा, दोनों देशों द्वारा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) को मजबूत करने के प्रयासों के भी अपेक्षित परिणाम नहीं निकले।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के अवसर:

  • दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय नीतियों में बदलाव:
    • नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने दक्षिण कोरिया की विदेश और सुरक्षा नीतियों में एक बड़ा बदलाव किया है।
    • नवीन नेतृत्व के साथ दक्षिण कोरिया का लक्ष्य एक “वैश्विक निर्णायक देश, उदार मूल्यों और एक नियम-आधारित व्यवस्था को अपनाना” है, जो “उदार लोकतांत्रिक मूल्यों एवं पर्याप्त सहयोग के माध्यम से स्वतंत्रता, शांति और समृद्धि को आगे बढ़ा सके”।
    • दक्षिण कोरिया की नीतियों में इस बदलाव से बहु-आयामी भारत-कोरिया साझेदारी को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
  • दक्षिण कोरिया के चीन के साथ संबंधों में बदलाव:
    • दक्षिण कोरिया ने चीन के साथ “तीन नहीं करने वाले (three no’s)” समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें शामिल हैं: कोई अतिरिक्त टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) की तैनाती नहीं होगी, अमेरिका के मिसाइल रक्षा नेटवर्क में कोई भागीदारी नहीं होगी तथा अमेरिका एवं जापान के साथ कोई त्रिपक्षीय सैन्य गठबंधन नहीं होगा।
    • हालाँकि, दक्षिण कोरिया चीन पर भारी निर्भरता और झुकाव को कम करना चाह रहा है जिससे भारत एवं दक्षिण कोरिया के लिए नवीन आर्थिक अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
  • रक्षा क्षेत्र:
    • 2020 में, भारत और दक्षिण कोरिया ने रक्षा उद्योग सहयोग समझौते के लिए एक रोडमैप पर हस्ताक्षर किए, लेकिन राजनीतिक और रणनीतिक संरेखण की कमी के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।
    • उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और आधुनिक लड़ाकू हथियारों में भी दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।
  • नए अवसर:
    • दोनों देशों के बीच रणनीतिक संरेखण और अभिसरण सार्वजनिक स्वास्थ्य, हरित विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में अवसरों को खोलेगा।
    • दोनों देश व्यापार निवेश को और बढ़ा सकते हैं और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार कर सकते हैं और 2030 तक 50 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार कर सकते हैं।

सुझाव:

  • भारत को हिंद महासागर में विभिन्न समुद्री सुरक्षा अभ्यासों जैसे मालाबार तथा क्वाड देशों के साथ होने वाले अभ्यासों को छोड़ कर अन्य अभ्यासों में दक्षिण कोरिया को भागीदार बनाने का प्रयास करना चाहिए।
    • इससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के नौसैनिक प्रभाव को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • भारत को दक्षिण कोरिया और जापान के बीच त्रिपक्षीय सुरक्षा वार्ता को मजबूत करने की आवश्यकता है क्योंकि यह संयुक्त क्षेत्रीय सुरक्षा नीतियों को तैयार करने में मदद करता है।
  • दक्षिण कोरिया को जापान, ऑस्ट्रेलिया और वियतनाम जैसे देशों के साथ भारत की इंडो-पैसिफिक रणनीति में चौथे स्तंभ के रूप में देखा जाना चाहिए।
  • दोनों देशों के प्रयासों को राजनीतिक, राजनयिक और सुरक्षा डोमेन स्तरों पर द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
    • महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, साइबर सुरक्षा और बाहरी अंतरिक्ष के क्षेत्र में दक्षिण कोरिया की प्रगति भारत के लिए अत्यधिक सहायक हो सकती है।
  • भारत को चीनी दबाव का मुकाबला करने के लिए दक्षिण कोरिया की भी मदद करनी चाहिए तथा उत्तर कोरिया के खतरों को देखते हुए एक सुरक्षित, मजबूत और लोकतांत्रिक दक्षिण कोरिया, भारत का दीर्घकालिक भागीदार हो सकता है।

सारांश:

  • भारत और दक्षिण कोरिया दोनों को देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी के अवसर पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए भी पारस्परिक रूप से फायदेमंद होगा।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राज्यव्यवस्था:

राष्ट्रपति महज एक रबर स्टैंप नहीं:

विषय: कार्यपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली।

मुख्य परीक्षा: भारत में राष्ट्रपति की भूमिका तथा भारत के संविधान में संबंधित प्रावधानों का महत्वपूर्ण मूल्यांकन।

संदर्भ:

  • भारत के आगामी राष्ट्रपति चुनाव ने राष्ट्रपति के सिर्फ रबर स्टैंप होने की बहस को जन्म दिया है।

राष्ट्रपति का कार्यालय एक मात्र रबर स्टैम्प है:

  • संविधान के अनुच्छेद 53 के अनुसार, “संघ की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी तथा संविधान के अनुसार उनके द्वारा या तो प्रत्यक्ष या उनके अधीनस्थ अधिकारियों के माध्यम से प्रयोग की जाएगी।”
    • इसका अर्थ यह है कि राष्ट्रपति केवल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर ही अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।
  • इस तरह के प्रावधान के कारण आलोचक कहते है कि भारत में राष्ट्रपति का कार्यालय महज एक रबर स्टैंप है।
  • अतीत में राजनीतिक विशेषज्ञों ने महसूस किया था कि राष्ट्रपति “प्रधान मंत्री का मात्र ग्रामोफोन” है।
  • डॉ. बी.आर. अम्बेडकर ने कहा था कि ” राष्ट्रपति केवल एक नाममात्र के व्यक्ति हैं। उसके पास न हीं कोई स्वविवेक है और न हीं कोई प्रशासनिक शक्ति है।”

तर्क जो राष्ट्रपति के कार्यालय के महत्व को उजागर करते हैं:

  • राष्ट्रपति का चुनाव – राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल के माध्यम से अप्रत्यक्ष चुनाव प्रक्रिया द्वारा किया जाता है, निर्वाचक मंडल में अनुच्छेद 54 के अनुसार संसद के दोनों सदनों के केवल निर्वाचित सदस्य और राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं।
    • वोट का मूल्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह राज्यों की जनसंख्या और अंततः देश की जनसंख्या के अनुसार अलग-अलग है।
    • विधायकों द्वारा दिए गए एक सदस्य, एक वोट के कारण राष्ट्रपति को व्यापक मजबूत आधार मिलता है।
    • यह राष्ट्रपति को अधिक नैतिक जिम्मेदारी प्रदान करता है।
  • विधायी शक्तियाँ – भारत के राष्ट्रपति के पास मंत्रिपरिषद के निर्णय से असहमत होने, उन्हें सावधान करने और उन्हें परामर्श देने की शक्तियाँ हैं।
    • राष्ट्रपति मंत्रिमंडल के निर्णयों को पुनर्विचार करने के लिए भेज सकता है।
    • इस प्रावधान के माध्यम से, भारत के संविधान ने यह सुनिश्चित किया है कि राष्ट्रपति का कार्यालय सतर्क और उत्तरदायी है।
    • यह प्रावधान राष्ट्रपति को उन चीजों के बारे में व्यापक दृष्टिकोण रखने की स्वतंत्रता भी देता है जो कार्यपालिका के राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावित नहीं होती हैं।
  • राष्ट्रपति की शपथ – शपथ के माध्यम से, राष्ट्रपति संविधान की रक्षा और बचाव करने तथा भारत के लोगों की सेवा और कल्याण के लिए खुद को समर्पित करने का वादा करता है।
    • इन वादों से यह सुनिश्चित होता है कि राष्ट्रपति की भूमिका केवल रबर स्टैंप या प्रधान मंत्री या मंत्रिपरिषद के ग्रामोफोन से कहीं अधिक बड़ी है।

अधिक जानकारी के लिए – राष्ट्रपति कार्यालय (Office of President)

सारांश:

  • राष्ट्रपति का कार्यालय केवल एक रबर स्टैंप नहीं है क्योंकि राष्ट्रपति देश के विधि के शासन और नागरिकों की स्वतंत्रता की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह संविधान के संरक्षण, रक्षा और बचाव की शपथ लेता है।

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.’भारत ने समय सीमा से 9 साल पहले स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य हासिल कर लिया है’:

  • भारत ने 162 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित की है,जो नवंबर 2021 तक स्थापित 402 गीगावॉट बिजली का 41% है।
  • भारत ने वर्ष 2015 में यह प्रतिबद्धता जाहिर की थी कि उसकी ऊर्जा का 40% राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के हिस्से के रूप में वर्ष 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से होगा और भारत ने निर्धारित समय से नौ साल पहले यह स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य हासिल कर लिया है।
  • इसके अलावा, भारत के प्रधान मंत्री ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई हैं।
  • दुनिया में सबसे कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जक होने के बावजूद, भारत ने ऊर्जा रूपांतरण में भारी निवेश किया है।

2. चीन से भारत का आयात वर्ष 2022 की प्रथम छमाही में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा:

  • वर्ष 2022 की प्रथम छमाही में चीन से भारत का आयात रिकॉर्ड 57.51 अरब डॉलर तक पहुंच गया हैं।
  • हालाँकि भारत का व्यापार घाटा भी बढ़ रहा है क्योंकि चीन को भारत द्वारा किये जाने वाले निर्यात में 35% की गिरावट आई है और कुल 67.08 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार में भारत का योगदान केवल 9.57 अरब डॉलर है।
  • भारत द्वारा आयात किये जाने वाले सबसे बड़े घटकों में इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल मशीनरी, औद्योगिक उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले रसायन, सक्रिय दवा सामग्री, ऑटो इत्यादि वस्तुऐं शामिल हैं।
  • गौरतलब हैं कि भारत ने महामारी के दौरान बड़ी मात्रा में चिकित्सा उपकरणों का भी आयात किया था।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को स्वतंत्रता के बाद 1969 में अपने पहले विभाजन का सामना करना पड़ा।
  2. “पुरानी” कांग्रेस के पास जुते हुए दो बैलों की जोड़ी वाला पार्टी चिन्ह बरकरार रहा तथा कांग्रेस से अलग हुए गुट को बछड़े के साथ गाय का चिन्ह दिया गया था।
  3. किसी राजनीतिक दल में विभाजन के मामले में भारत का चुनाव आयोग, पार्टी के चुनाव चिन्ह के आवंटन का निर्धारण करता है।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: सन 1969 में, भारत की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी को पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
  • अंततः कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो गया जिसमे इंदिरा गांधी ने एक प्रतिद्वंद्वी संगठन की स्थापना की जिसे कांग्रेस (R) के रूप में जाना जाने लगा।
  • कथन 2 सही है: “पुरानी” कांग्रेस ने जुते हुए दो बैलों की जोड़ी के पार्टी चिन्ह को बरकरार रखा; तथा कांग्रेस से अलग हुए गुट को बछड़े के साथ गाय का पार्टी चिन्ह दिया गया था।
  • कथन 3 सही है: एक राजनीतिक दल में विभाजन के मामले में, भारत का चुनाव आयोग पार्टी के चुनाव चिन्ह के आवंटन का निर्धारण करता है।

प्रश्न 2. अनुच्छेद 21 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)

  1. मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) मामलें में, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अनुच्छेद 21 में ‘व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ में “विभिन्न प्रकार के अधिकार शामिल हैं जो मनुष्य की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का निर्धारण करते हैं”।
  2. इससे पहले, सतवंत सिंह साहनी बनाम डी. रामारत्नम सहायक पासपोर्ट अधिकारी (1967)मांमले में, विदेश यात्रा के अधिकार को अनुच्छेद 21 का आंतरिक भाग माना गया था।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न हीं 2

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: मेनका गांधी बनाम भारत संघ (1978) मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 21 में “व्यक्तिगत स्वतंत्रता” का व्यापक आयाम” है, जिसमें “विभिन्न प्रकार के अधिकार शामिल हैं जो मनुष्य की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का गठन करते हैं”।
  • कथन 2 सही है: सतवंत सिंह साहनी बनाम डी. रामारत्नम सहायक पासपोर्ट अधिकारी (1967)मांमले में, विदेश यात्रा के अधिकार को अनुच्छेद 21 का आंतरिक भाग माना गया था।

प्रश्न 3. भारत की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. 2015 में, भारत ने 2022 तक अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के भाग के रूप में अपनी ऊर्जा का 40% नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है।
  2. भारत पहले ही 162 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर चुका है, जो कि कुल 402 गीगावाट ऊर्जा क्षमता का 41% है।
  3. पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र COP21 में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य को 500 गीगावॉट तक बढ़ा दिया है।

सही कथन का चयन कीजिए:

(a) केवल 1 और 2

(bकेवल 2 और 3

(c) केवल 1 और 3

(d) उपर्युक्त सभी

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: वर्ष 2015 में भारत यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की थी कि उसकी ऊर्जा का 40% राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के हिस्से के रूप में वर्ष 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से होगा और भारत ने निर्धारित समय से नौ साल पहले यह स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्य हासिल कर लिया है।
  • कथन 2 सही है: भारत ने 162 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित की है,जो नवंबर 2021 तक स्थापित 402 गीगावॉट बिजली का 41% है।
  • कथन 3 सही है: भारत के प्रधान मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सीओपी26 (2021) में वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा स्थापित करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन ‘विंडफॉल टैक्स’ को सबसे अच्छी तरह परिभाषित करता है? (स्तर – सरल)

(a) किसी विशेष कंपनी या उद्योग के अचानक हुए बड़े मुनाफे पर उच्च कर दर।

(b) आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने के लिए कम कर दर।

(c) सरकार के राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए एक अल्पकालिक कर दर।

(d) एक पूर्वप्रभावी कर निर्णय।

उत्तर: a

व्याख्या:

  • विंडफॉल टैक्स मुनाफे पर एक उच्च कर दर है जो किसी विशेष कंपनी या उद्योग को अचानक अप्रत्याशित लाभ से प्राप्त होता है।
  • अप्रत्याशित या अप्रत्याशित रूप से बड़े लाभ पर, विशेष रूप से गलत तरीके से प्राप्त किए गए, एक कंपनी पर सरकार द्वारा लगाया गया विंडफॉल टैक्स एकमुश्त कर है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित प्राणियों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. जाहक (हेज्हाॅग)
  2. शैलमूषक (मर्मोट)
  3. व्रजशल्क (पैन्गोलिन)

उपर्युक्त में से कौन से जीव परभक्षियों द्वारा पकड़े जाने की संभावना को कम करने के लिए स्वयं को लपेटकर /लुढ़क कर अपने कमजोर/सुमेघ अंगों की रक्षा करता/करते है?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2

(c) केवल 3

(d) केवल 1 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • हेजहोग जब लुढ़कते हैं तो उसकी पीठ पर जो स्पाइक्स होते हैं वे उन्हें किसी भी खतरे से बचाते हैं,और उनके कमजोर हिस्सों की रक्षा करते हैं।
  • मार्मोट्स को रोलिंग अप मैकेनिज्म के लिए नहीं जाना जाता है,इसके बजाय, मर्मोट्स शिकारियों से बचने और सुरक्षा के लिए विस्तृत बिल बनाते हैं।
  • पैंगोलिन की पीठ पर सख्त स्केल जैसी लाइन बनी होती हैं जो लुढ़कने पर इसके कमजोर हिस्सों की रक्षा करने में मदद करते हैं।
  • अत: विकल्प d सही है

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. भारत और दक्षिण कोरिया के बीच एक मजबूत साझेदारी दोनों देशों और भारत-प्रशांत क्षेत्र पर एक दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

प्रश्न 2. भारत को वर्तमान जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त करने के लिए सभी उपाय करते हुए भविष्य में इस जनसांख्यिकीय लाभांश में कमी के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस I – जनसंख्या और संबंधित मुद्दे)