14 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अर्थव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
रूस के खिलाफ UNGA का प्रस्ताव:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान।
मुख्य परीक्षा: UN में भारत।
संदर्भ:
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक मसौदा प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें भारत ने भाग नहीं लिया। इसमें रूस द्वारा कराए गए “अवैध” जनमत संग्रह और यूक्रेन के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने के प्रयास की निंदा की गई है।
मुख्य विवरण:
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों में रूस द्वारा “अवैध जनमत संग्रह कराने और यूक्रेन के डोनेट्स्क, खेरसॉन, लुहान्स्क तथा ज़ापोरिज्जिया क्षेत्रों पर अवैध रूप से कब्जा करने के प्रयास की निंदा करने के लिए एक प्रस्ताव पर मतदान किया था।
- 143 देशों ने ‘यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता: संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों की रक्षा’ प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि रूस, बेलारूस, उत्तर कोरिया, सीरिया और निकारागुआ ने इसके खिलाफ मतदान किया। भारत सहित 35 देश इस मतदान में शामिल नहीं हुए।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( resolution in United Nations Security Council (UNSC) ) में भी इसी तरह के एक प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया था, जिसमे मॉस्को के “अवैध जनमत संग्रह” की निंदा की गयी थी और चार यूक्रेनी क्षेत्रों पर रूस के कब्जे को अमान्य घोषित किया गया था।
- 10 समर्थन मत मिलने के बावजूद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था क्योंकि रूस ने इस संकल्प प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था।
- यूक्रेन के चार क्षेत्रों के रूस के विलय के बारे में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Russia’s annexation of four regions of Ukraine
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
इंटरपोल महासभा की बैठक:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां
मुख्य परीक्षा: आधुनिक अपराधों से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समन्वय।
संदर्भ:
- अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (Interpol ) की महासभा की बैठक 18 अक्टूबर, 2022 से चार दिनों के लिए दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
विवरण:
- इंटरपोल महासभा अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन (Interpol) का सर्वोच्च शासी निकाय है और इसमें सदस्य देशों की सरकारों द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
- इसके सदस्य वर्ष में एक बार बैठक करते हैं और सामान्य नीति, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए आवश्यक संसाधनों, कार्य विधियों, वित्त और गतिविधियों को प्रभावित करने वाले सभी प्रमुख निर्णय लेते है। ये निर्णय संकल्प के रूप में होते हैं।
- यह इंटरपोल महासभा का 90वां सत्र होगा।
- इस सत्र के एजेंडे में निम्न पर प्रस्तुतियों, कार्यशालाओं और चर्चाओं को शामिल किये जाने की उम्मीद है,
- पुलिसिंग का भविष्य- तेजी से डिजिटल होती दुनिया में पुलिसिंग के भविष्य पर विविध दृष्टिकोण।
- पुलिस द्वारा वर्तमान अपराधों जैसे वित्तीय अपराध, साइबर अपराध और बच्चों के खिलाफ अपराध आदि में कानून और व्यवस्था बनाए रखना।
- महासभा कार्यकारी समिति के पदाधिकारी के कार्यकाल की समाप्ति पर नए सदस्यों का चुनाव भी करती है।
- कार्यकारी समिति में एक अध्यक्ष और 3 उपाध्यक्ष सहित 13 सदस्य होते हैं। यह एक अंशकालिक और अवैतनिक भूमिका होती है।
- कार्यकारी समिति महासभा के निर्णयों के कार्यान्वयन की देखरेख करती है।
छवि स्रोत: इंटरपोल
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-3 से संबंधित:
अर्थव्यवस्था:
गिरते भंडार और RBI की भूमिका का महत्त्व:
विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, संसाधन, प्रगति , विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: विदेशी मुद्रा भंडार, नोस्ट्रो और वोस्ट्रो खातों के बारे में।
मुख्य परीक्षा: विदेशी मुद्रा भंडार के घटने के कारण एवं प्रभाव और विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन में RBI की भूमिका।
संदर्भ
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के मद्देनजर, यह लेख विदेशी मुद्रा भंडार के संरक्षक के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भूमिका के बारे में बात करता है।
पृष्टभूमि
- देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी ने आम भ्रांतियों को जन्म दिया है कि RBI रुपये की कीमत को कम करने के लिए भंडार को कम कर रहा है।
- हालांकि, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार का दुरुपयोग नहीं कर सकता है जो मुख्य रूप से फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क, यू.एस.ए. के पास रखे अपने नोस्ट्रो खाते को चार्ज करके डॉलर के रूप में भंडारित किया जाता है।
- भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर (सितंबर 2021) से घटकर 537 अरब डॉलर (सितंबर 2022) हो गया है।
नोस्ट्रो खाता
वोस्ट्रो खाता
उदाहरण:
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विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन में RBI की भूमिका
- RBI को भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का संरक्षक माना जाता है और इसे विदेशी मुद्रा भंडार के निवेश के प्रबंधन का काम सौंपा जाता है।
- प्रमुख विदेशी मुद्रा बाजार के भागीदार RBI और केवल वे बैंक हैं जिन्हें RBI द्वारा वैयक्तिक और कॉर्पोरेट्स के रूप में लाइसेंस दिया गया है, ये बैंक बाजार में प्रवेश नहीं कर सकते हैं और केवल अपने संबंधित बैंकों के साथ सौदा कर सकते हैं।
- इसलिए RBI नियामक, एक संचालनकर्ता और जूरी होने के कारण विदेशी मुद्रा बाजार पर हावी है। इस प्रकार विदेशी मुद्रा भंडार और डॉलर/रुपये की दर न केवल बाजार निर्धारित होती है बल्कि इसमें RBI की भी अहम भूमिका होती है।
- RBI अधिनियम, 1934 की धारा 40 के अनुसार, केंद्र सरकार वह दर निर्धारित करती है जिस पर RBI को बैंकों से विदेशी मुद्रा खरीदना या उन्हें बेचना चाहिए और यह “दर” अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के लिए भारत के दायित्वों द्वारा प्रशासित होती है।
- इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता है कि RBI भारत के विदेशी मुद्रा भंडार को कम कर रहा है।
- RBI ने विदेशी मुद्रा बाजार को बैंकों के लिए अनिवार्य कड़े विनिमय नियंत्रण मानदंडों के साथ विनियमित किया है, जिनका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।
- उदाहरण के लिए, यदि RBI किसी विशिष्ट दिन विदेशी मुद्रा बाजार में एक अरब डॉलर बेचता है और बैंकों में से कोई एक आयातक को विदेशों में भेजने के लिए इन डॉलर को खरीदता है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में यह एक अरब कमी RBI के हस्तक्षेप के कारण नहीं है, बल्कि यह वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिए गए आयात लाइसेंस के कारण है।
- ये फंड वैसे भी विदेश चले गए होंगे क्योंकि आयात लाइसेंस रखने वाले आयातक को अधिकार के रूप में विदेश में धन भेजने की अनुमति है।
अनुमानों पर RBI
- क्रय करने वाले बैंक द्वारा सट्टेबाजी की संभावना की अनुमति नहीं है क्योंकि RBI किसी बैंक को RBI से डॉलर खरीदने और इंटरबैंक बाजार में सट्टेबाजी की अनुमति नहीं देता है।
- RBI बैंकों को इन डॉलर को विदेशी क्रॉस-करेंसी बाजारों में बेचने से भी रोकता है।
- इसलिए, RBI डॉलर को इंटरबैंक बाजार में तब तक नहीं बेच सकता जब तक कि बैंक के ग्राहकों से विदेशी स्थानों पर डॉलर भेजने की मांग न हो।
भावी कदम
- व्यापार और चालू खातों के संबंध में भारत का दोहरा घाटा चिंता का एक बड़ा कारण बन गया है। इसलिए, यह आवश्यक हो गया है कि व्यापार नियंत्रण और विनिमय नियंत्रण से संबंधित विनियमों को आरबीआई द्वारा कड़ाई से प्रशासित किया जाए।
- यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनिमय नियंत्रण नियमों के प्रभावी संचालन के कारण 2008 में लेहमैन ब्रदर्स संकट के बाद से भारत वैश्विक आर्थिक संकट से काफी हद तक अप्रभावित रहा है।
- आरबीआई रुपये को सहारा देने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार को कम करने में अपनी भूमिका निभा रहा है जैसी भ्रांतियों का निराकरण करना होगा।
- रुपये के मूल्य में उल्लेखनीय गिरावट ने मुद्रास्फीति, पूंजी का पलायन और बढ़ते आयात बिलों के साथ अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। इसके लिए नीति निर्माताओं को RBI के साथ मिलकर काम करने और इन संवेदनशील मामलों को संबोधित करने की आवश्यकता है जो भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. हिम तेंदुआ (Snow Leopard):
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: जैव विविधता और संरक्षण।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य।
संदर्भ:
- अरुणाचल प्रदेश में वन्यजीव अधिकारी नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य में हिम तेंदुए की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
विवरण:
- हिम तेंदुआ (Snow leopard), जिसे प्रायः पहाड़ी भूत (mountain ghost) के रूप में जाना जाता है, अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान और बाघ अभयारण्य में न ही कभी देखा गया है और न ही दर्ज किया गया है।
- नमदाफा तीन अन्य बड़ी बिल्लियों बाघ, तेंदुआ और धूमिल तेंदुआ का घर है। यह विश्वास कि राष्ट्रीय उद्यान हिम तेंदुए का भी निवास स्थान है, लिसू नृजातीय समुदाय के एक शिकारी के दावे पर आधारित है जिसने दावा किया था कि उसके पास हिम तेंदुए की खाल थी।
- अरुणाचल प्रदेश में हिम तेंदुए का स्थानीय नाम लामाफू (Lamaphu) है। लिसू भाषा में बाघ को लामा कहा जाता है।
- वन्यजीव अधिकारियों को सर्वेक्षण के बाद हिम तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि का इंतजार है, जिन्होंने पश्चिम में तवांग और पूर्व में अनिनी से 11 वन्यजीव प्रभागों में उच्च ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र से डेटा एकत्र किया था।
नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान:
- नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1983 में अरुणाचल प्रदेश में स्थापित एक विशाल संरक्षित क्षेत्र है।
- 1,000 से अधिक फूलों और लगभग 1,400 जीव प्रजातियों के साथ, यह पूर्वी हिमालय में एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है।
- म्यांमार की सीमा से सटे 1,985 वर्ग किमी. के अभयारण्य की समुद्र तल से ऊंचाई 200 मीटर से लेकर 4,571 मीटर तक है।
- भारत में पाई जाने वाली एकमात्र ‘वानर’ प्रजाति, हूलॉक गिबन्स, इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।
- यह मिश्मी पहाड़ियों के दाफा बम रेंज और पटकाई रेंज के बीच समुद्र तल से 200 मीटर से 4,571 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
- नोआ दिहिंग नदी इस उद्यान से गुजरते हुए पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है जो भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित चौकान दर्रे से निकलती है।
2.नेक्स्ट-जेन लॉन्च व्हीकल (NGLV):
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
प्रारंभिक परीक्षा: इसरो, पीएसएलवी (PSLV)।
संदर्भ:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भविष्य में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (Polar Satellite Launch Vehicle (PSLV)) जैसी परिचालन प्रणालियों को बदलने के लिए अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (Next-Gen Launch Vehicle (NGLV)) पर काम कर रहा है।
परिचय:
- ‘इंजीनियर्स कॉन्क्लेव-2022’ में मुख्य भाषण देते हुए, इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम और उद्योग के लिए अपने भविष्य के दृष्टिकोण को साझा किया।
- रॉकेट प्रौद्योगिकी में बड़े पैमाने पर क्रांतिकारी परिवर्तनों और भारत को उनके अनुकूल कैसे होना चाहिए, पर बात करते हुए डॉ. एस. सोमनाथ ने अपने सहयोगियों और भारत में सभी क्षेत्रों के प्रमुख इंजीनियरों से कहा कि PSLV को 1980 के दशक की तकनीक के रूप में जल्द ही या कुछ समय बाद में सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा और वर्ष 2030 के दशक में मिशनों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
- तीन दिवसीय इंजीनियर्स कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र, वलियामाला, केरल में हो रहा है।
नेक्स्ट-जेन लॉन्च व्हीकल (NGLV):
- डॉ. एस सोमनाथ के अनुसार, इसरो NGLV के लिये जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में दस टन की पेलोड क्षमता वाले लागत प्रभावी, तीन चरण वाला, पुन: प्रयोज्य भारी-लिफ्ट वाहन के निर्माण पर विचार कर रहा है।
- NGLV को बूस्टर चरणों के लिए अर्ध-क्रायोजेनिक प्रणोदन की सुविधा के साथ विकसित किया जाएगा जो सस्ती और कुशल है।
- इसकी साधारण और मज़बूत डिज़ाइन थोक विनिर्माण, मॉड्यूलरिटी इन सिस्टम, सब-सिस्टम और चरणों में न्यूनतम टर्नअराउंड समय (टर्नअराउंड समय किसी प्रक्रिया को पूरा करने में लगने वाला समय है) की अनुमति देता है।
- इसका संभावित उपयोग संचार उपग्रहों, गहन अंतरिक्ष मिशनों, भविष्य के मानव अंतरिक्ष उड़ानों और कार्गो मिशनों को लॉन्च करने में होगा।
3.पराली जलाना:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण।
प्रारंभिक परीक्षा: वायु प्रदूषण पर नीतियां।
संदर्भ:
- हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने उद्योगपतियों और उद्यमियों को धान की पराली पर आधारित पेलेटाइजेशन और टॉरफेक्शन संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 50 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है।
विवरण:
- ताप विद्युत संयंत्रों और उद्योगों को धान के भूसे की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार व्यक्तियों और कंपनियों को एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ने एकमुश्त वित्तीय सहायता के अनुदान के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (central pollution control board– (CPCB)) के दिशानिर्देश जारी किए हैं।
- यह वित्तीय सहायता केवल दिल्ली, पंजाब तथा हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों में उत्पन्न धान के भूसे का उपयोग करके नए संयंत्र और इकाइयां स्थापित करने वाले व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
- 13 अक्टूबर, 2022 के बाद स्थापित नई इकाइयां ऐसे संयंत्र स्थापित करने के लिए पूंजी के रूप में सरकारी सहायता हेतु पात्र होंगी।
- एक टन प्रति घंटे की क्षमता वाले एक नियमित पेलेटाइजेशन प्लांट स्थापित करने की अनुमानित लागत 35 लाख रुपये है।
- इस योजना के तहत, केंद्र सरकार ऐसे संयंत्रों को क्षमता के अधीन अधिकतम 70 लाख रुपये तक निधि प्रदान करेगी।
- नियमित पेलेट प्लांट कुल हिस्से के 40 करोड़ रुपये के पात्र होंगे।
- एक टॉरफेक्शन संयंत्र स्थापित करने की लागत 70 लाख रुपये है। इस योजना के तहत, यह अधिकतम 1.4 करोड़ रुपये के वित्त पोषण के लिए पात्र है।
योजना का महत्व:
- भारत सरकार ने पराली जलाने (stubble burning) की समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं और धान की पराली की एक बड़ी मात्रा का प्रबंधन अब यथा-स्थान/इन-सीटू (in-situ-अपने मूल अथवा प्राकृतिक स्थिति में) और पर स्थान/एक्स-सीटू (-EX-SITU) प्रबंधन विकल्पों के माध्यम से किया जा रहा है।
- तापीय विद्युत सयंत्रों को बायोमास आधारित पेलेट्स, टॉरफाइड पेलेट्स को को-फायर (co-fire) करने के लिए वैधानिक निर्देश जारी किए गए हैं।
- इसके कारण बायोमास आधारित पेलेट की मांग में वृद्धि हुई है, हालांकि आपूर्ति कम मात्रा में हो रही है। इस प्रकार, CPCB दिशानिर्देश बायोमास आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण अंतर को पाटेंगे।
- ये संयंत्र, एक बार स्थापित हो जाने के बाद, अप्रबंधित धान के भूसे के एक बड़े हिस्से का उपयोग करेंगे और फसल अवशेष जलाने एवं इसके परिणामस्वरूप पैदा होने वाली वायु प्रदूषण (air pollution ) की समस्या को हल करने में मदद करेंगे।
- संयत्रों की मदद से धान के भूसे को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है जिसे तापीय विद्युत सयंत्रों में कोयले के साथ ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- यह कोयले की बचत करता है और साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम करता है जो अन्यथा खेतों में पराली जलाने के परिणामस्वरूप उत्सर्जित होता जोकि पंजाब और हरियाणा के अधिकांश किसानों की नियमित प्रथा है।
- हालाँकि टॉरफेक्शन संयंत्र महंगा है लेकिन यह उच्च ऊर्जा वाला एक ऐसा उत्पाद प्रदान कर सकता है जो सैद्धांतिक रूप से विद्युत संयंत्रों में कोयले को प्रतिस्थापित कर सकता है।
धान की पराली और पराली जलाने की समस्या:
- भारत के उत्तरी क्षेत्रों में धान की पराली जलाना सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक के रूप में उभरा है, खासकर दिल्ली-एनसीआर में।
- इस क्षेत्र में लगभग 11 मिलियन टन का प्रबंधन किया जाता है और शेष को आमतौर पर जला दिया जाता है जो दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट को और बढ़ा देता है।
- वर्षों से सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उन्हें दंडित करने के साथ-साथ उन्हें इसके प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया है।
- पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि “पर्यावरण मंत्रालय को अब तक एक ऐसे संगठन के रूप में देखा गया है जो सभी को पर्यवरण प्रदुषण को फ़ैलाने से रोकता है। लेकिन मैं इस योजना को तैयार करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को बधाई देना चाहता हूं जो अपशिष्ट को धन में बदलने में मदद करेगा और पंजाब तथा हरियाणा में हमारे ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा”।
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 39A में प्रावधान है कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक तंत्र इस प्रकार काम करे कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो और वह विशिष्टतया यह सुनिश्चित करने के लिए, उपयुक्त विधान या योजना द्वारा या किसी अन्य रीति से निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करेगा।
- अनुच्छेद 14 और 22(1) भी राज्य के लिए कानून के समक्ष समानता और सभी के लिए समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने वाली कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य बनाते हैं।
- भारत का राष्ट्रपति राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के संरक्षक के रूप में कार्य करता है।
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: भारत के संविधान के अनुच्छेद 39A के तहत राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत (Directive Principles of State Policy) यह प्रदान करते हैं कि राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक तंत्र इस प्रकार काम करे कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो और वह विशिष्टतया यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक या किसी अन्य निर्योषयता के कारण कोई नागरिक न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रह जाए, उपयुक्त विधान या योजना द्वारा या किसी अन्य रीति से निःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करेगा।
- कथन 2 सही है: अनुच्छेद 14 और 22(1) के तहत मौलिक अधिकार भी राज्य के लिए कानून के समक्ष समानता और सभी के लिए समान अवसर के आधार पर न्याय को बढ़ावा देने वाली कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना अनिवार्य बनाते हैं।
- विधिक सहायता यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि संवैधानिक दायित्व अक्षरशः और भाव से पूरा हो और गरीबों, दलितों तथा समाज के कमजोर वर्गो को समानता के आधर पर न्याय उपलब्ध हो।
- कथन 3 गलत है: भारत के मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण ( National Legal Services Authority) के संरक्षक प्रमुख (Patron-in-Chief) हैं।
प्रश्न 2. आंध्र प्रदेश में हाल ही में स्थापित ‘रयथु भरोसा केंद्र’ किसके कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है? (स्तर – मध्यम)
(a) शिशुओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं पर।
(b) स्कूल छोड़ने वाले बच्चों पर।
(c) किसानों पर।
(d) घरेलू शोषण का सामना कर रही महिलाओं पर।
उत्तर: c
व्याख्या:
- देश में पहली बार स्थापित, ‘रयथु भरोसा केंद्र’ किसानों के लिए अद्वितीय बीज-की-बिक्री हेतु एकल-खिड़की सेवा केंद्र हैं जो आंध्र प्रदेश में स्थापित किए गए हैं।
- यह किसानों की सभी जरूरतों और शिकायतों के निवारण हेतु एक ही स्थान पर समस्त समाधान प्रदान करता है।
- रयथु भरोसा केंद्र के माध्यम से पूर्व-परीक्षित उच्च गुणवत्ता वाले बीज, प्रमाणित उर्वरक और पशु चारा बेचा जाता है। किसान कृषि उपकरण खरीद या किराए पर ले सकते हैं, और यहां तक कि रायथु भरोसा केंद्रों में मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेच सकते हैं।
- हाल ही में इथियोपियाई कृषि मंत्री डॉ मेल्स मेकोनेन यिमर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया था, जिसने रायथु भरोसा केंद्रों (आरबीके) का अध्ययन करने के लिए आंध्र प्रदेश का दौरा किया था।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) रिपोर्ट जारी करता है? (स्तर – मध्यम)
(a) केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
(b) नीति आयोग
(c) भारतीय रिजर्व बैंक
(d) भारतीय गुणता परिषद
उत्तर: a
व्याख्या:
- यह केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
- लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक निर्यात और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सेवाओं की दक्षता का एक संकेतक है।
- सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है, जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए आवश्यक है।
- वार्षिक सर्वेक्षण हितधारकों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त आंकड़ों को संसाधित करता है और सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करके प्रत्येक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लॉजिस्टिक पारिस्थितिकी तंत्र को रैंक प्रदान करता है।
- पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट 2018 में जारी की गई थी।
- आंध्र प्रदेश, असम और गुजरात उन 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं जिन्हें लॉजिस्टिक्स सूचकांक चार्ट 2022 में अचीवर्स के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
- यह अरुणाचल प्रदेश राज्य में चांगलांग जिले के भीतर भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
- यह दुनिया का एकमात्र उद्यान है जहाँ बड़ी बिल्ली की चार प्रजातियाँ बाघ, तेंदुआ, हिम तेंदुआ और धूमिल तेंदुआ पाई जाती हैं।
- भारत में पाई जाने वाली एकमात्र ‘वानर’ प्रजाति, हूलॉक गिबन्स, इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।
निम्नलिखित में से किस राष्ट्रीय उद्यान का उल्लेख यहाँ किया जा रहा है?
(a) बलफकरम राष्ट्रीय उद्यान
(b) देहिंग पटकाई राष्ट्रीय उद्यान
(c) मौलिंग राष्ट्रीय उद्यान
(d) नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान
उत्तर: d
व्याख्या:
- नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान वर्ष 1983 में अरुणाचल प्रदेश में स्थापित एक विशाल संरक्षित क्षेत्र है।
- 1,000 से अधिक फूलों और लगभग 1,400 जीव प्रजातियों के साथ, यह पूर्वी हिमालय में एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है।
- यह पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश राज्य में चांगलांग जिले के भीतर भारत और म्यांमार के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है।
- यह दुनिया का एकमात्र उद्यान है जहां बड़ी बिल्ली की चार प्रजातियां हैं बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस), तेंदुआ (पैंथेरा पार्डस), हिम तेंदुआ (पैंथेरा उनसिया) और धूमिल तेंदुआ (नियोफेलिस नेबुलोसा) पाई जाती हैं।
- हालाँकि, राष्ट्रीय उद्यान में हिम तेंदुओं को अभी तक न तो देखा गया है और न ही दर्ज किया गया है और हाल के सर्वेक्षण के आधार पर वन्यजीव अधिकारियों को हिम तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि का इंतजार है।
- भारत में पाई जाने वाली एकमात्र ‘वानर’ प्रजाति, हूलॉक गिबन्स, इस राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।
प्रश्न 5. भारत के संदर्भ में, ‘अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA)’ के ‘अतिरिक्त नयाचार (एडिशनल प्रोटोकॉल)’ का अनुसमर्थन करने का निहितार्थ क्या है? (CSE-PYQ-2018)(स्तर – कठिन)
(a) असैनिक परमाणु रिएक्टर IAEA के रक्षोपायों के अधीन आ जाते हैं।
(b) सैनिक परमाणु अधिष्ठान IAEA के निरीक्षण के अधीन आ जाते हैं।
(c) देश के पास नाभिकीय पूर्तिकर्ता समूह (NSG) से यूरेनियम के क्रय का विशेषाधिकार हो जाएगा।
(d) देश स्वतः NSG का सदस्य बन जाता है।
उत्तर: a
व्याख्या:
- पुराने आईएईए (International Atomic Energy Agency (IAEA)) सुरक्षा उपायों के तहत सभी एनपीटी हस्ताक्षरकर्ता अपने परमाणु स्थलों को निर्दिष्ट करेंगे और आईएईए निर्दिष्ट स्थलों का निरीक्षण करेगा।
- इस प्रकार, आईएईए, पुराने सुरक्षा उपायों के तहत, केवल किसी देश द्वारा घोषित या निर्दिष्ट स्थलों पर ही अनधिकृत गतिविधियों के लिए निरीक्षण कर सकता था।
- इस प्रकार इसने मूल रूप से राष्ट्रों के लिए गुप्त परमाणु कार्यक्रम चलाने का एक विकल्प खुला छोड़ दिया – जैसा कि इराक के मामले में हुआ था।
- इस प्रकार, वर्ष 1993 में, IAEA ने मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के लिए अतिरिक्त प्रोटोकॉल (AP) तैयार किए।
- हालांकि, भारत विशिष्ट अतिरिक्त प्रोटोकॉल आईएईए को उन गतिविधियों में बाधा डालने या हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देते हैं जो भारत के सुरक्षा समझौतों के दायरे से बाहर हैं, इस प्रकार भारत IAEA समझौते के बाहर एक सैन्य परमाणु कार्यक्रम के संचालन का अधिकार सुरक्षित रखता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. “पेलेट संयंत्र और टॉरफेक्शन दिल्ली के प्रदूषण का जवाब हो सकता है”। व्याख्या कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक) (जीएस-3; पर्यावरण)
प्रश्न 2.”मनरेगा योजना महामारी के दौरान और बाद विफलता और एक सफलता दोनों थी”। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (जीएस-2; शासन)