Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 16 March, 2023 UPSC CNA in Hindi

16 मार्च 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था:

  1. राजनीति में महिलाओं के लिए आरक्षण:

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. AUKUS समझौता:
  2. आधुनिकीकरण के लिए चीन की राह:

पर्यावरण:

  1. ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संकट:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. यूरेशियाई ऊदबिलाव:
  2. चमेली देवी पुरस्कार:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. मैकमोहन रेखा पर अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव पेश किया गया:
  2. राज्यपाल एक निर्वाचित सरकार के गिरने का कारण नहीं बन सकते: सर्वोच्च न्यायालय:
  3. विदेशी वकील और फर्में भारत में काम कर सकती हैं: BCI

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजनीति में महिलाओं के लिए आरक्षण:

राजव्यवस्था:

विषय: भारत का संविधान-ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।

प्रारंभिक परीक्षा: महिला आरक्षण विधेयक।

मुख्य परीक्षा: राजनीति में महिलाओं के लिए आरक्षण की आवश्यकता, इसका महत्व एवं आलोचना।

प्रसंग:

  • हाल ही में देश में कई राजनीतिक दलों ने लंबे समय से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने की मांग को लेकर एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।

भारत में महिलाओं के लिए राजनीतिक आरक्षण का इतिहास:

  • राजनीति में महिलाओं का आरक्षण बढ़ाने का मामला बेगम शाह नवाज़ और सरोजिनी नायडू जैसी नेत्रियों के रूप में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में देखा जा सकता है, जिन्होंने भारत में महिलाओं के आरक्षण के लिए आवाज उठाई थी।
  • तत्पश्चात संविधान सभा की बहसों में भी महिला आरक्षण का मामला देखने को मिला।
  • हालाँकि महिला आरक्षण के मुद्दे को अनावश्यक विषय होने के कारण खारिज कर दिया गया, क्योंकि तब यह मान लिया गया था कि लोकतंत्र ही सभी समूहों के प्रतिनिधित्व की सुविधा प्रदान करेगा।
  • लेकिन बाद के वर्षों में राजनीति में महिलाओं के बड़े पैमाने पर अल्प प्रतिनिधित्व ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि महिला आरक्षण का मुद्दा राजनीतिक बहसों में फिर से उभरेगा।
  • भारत में महिलाओं की स्थिति पर गठित समिति, जिसे 1971 में स्थापित किया गया था, ने भारत में महिलाओं के घटते राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाया था।
  • इसके बाद आने वाले दिनों में विभिन्न राज्य सरकारों ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण देना शुरू किया।
  • 1988 में, महिलाओं के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना ने सिफारिश की कि महिलाओं को पंचायत के स्तर से लेकर संसद के स्तर तक आरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।
  • ये सिफारिशें संविधान के 73वें और 74वें संशोधन को पारित करने में मदद करती हैं।
  • संविधान के 73वें और 74वें संशोधन (1992) ने राज्य सरकारों को पंचायती राज संस्थाओं (Panchayati Raj Institutions ) में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें और पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी स्थानीय निकायों ( urban local bodies) के सभी स्तरों पर अध्यक्ष के पदों में से एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने का अधिकार प्रदान किया।
  • इसके अलावा, इन आरक्षित सीटों में से एक तिहाई अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
  • हाल के दिनों में, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, बिहार, झारखंड और असम जैसे विभिन्न राज्यों ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण के प्रावधान पेश किए हैं।

महिला आरक्षण विधेयक:

  • महिला आरक्षण विधेयक का मुख्य उद्देश्य संसद के निचले सदन के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करना है।
  • ऐसा विधेयक पहली बार लोकसभा में 81वें संशोधन विधेयक के रूप में सितंबर 1996 में संयुक्त मोर्चा (UF) सरकार द्वारा पेश किया गया था।
  • हालाँकि विधेयक को सदन की स्वीकृति नहीं मिली और इसे एक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया लेकिन लोकसभा भंग होने के कारण यह विधेयक व्यपगत हो गया था।
  • वर्ष1998 में 12 वीं लोकसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार द्वारा इस विधेयक को फिर से प्रस्तुत किया गया था, लेकिन विधेयक संसद सदस्यों का समर्थन पाने में विफल रहा और फिर से समाप्त हो गया।
  • इस विधेयक को 1999, 2002 और 2003 में फिर से प्रस्तुत किया गया और प्रमुख राजनीतिक दलों के समर्थन के बावजूद, विधेयक बहुमत का मत प्राप्त करने में विफल रहा।
  • वर्ष 2008 में राज्यसभा में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार द्वारा एक विधेयक पेश किया गया था तथा मार्च 2010 में इसे 186-1 मतों से पारित किया गया था।
  • हालाँकि इस विधेयक को लोकसभा में विचार के लिए कभी नहीं लाया गया था तथा यह 15 वीं लोकसभा के विघटन के साथ समाप्त हो गया।

विधेयक के पक्ष में तर्क:

  • महिलाओं के लिए आरक्षण के समर्थकों का मानना है कि महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए इस तरह के सकारात्मक कार्यों की आवश्यकता है, क्योंकि राजनीतिक दल स्वाभाविक रूप से पितृसत्तात्मक प्रवृति के होते हैं।
  • अंतर-संसदीय संघ की रिपोर्ट के अनुसार, संसद में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में भारत 193 देशों में से 144वें स्थान पर है।
  • वर्तमान में, भारतीय संसद के निचले सदन में लगभग 14% सदस्य महिलाएं हैं जो नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों की तुलना में कम है।
  • महिला आरक्षण विधेयक के समर्थकों का तर्क है कि विभिन्न प्रयासों के बावजूद संसद में अभी भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है,लेकिन महिला आरक्षण देश में नीति निर्माण में महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा जो अक्सर अनदेखा किए जाने वाले विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डालने में मदद करेगा।
  • उदाहरण: स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने से विभिन्न सामाजिक मिथकों को दूर करने, शराब उद्योग को विनियमित करने, सार्वजनिक वस्तुओं में निवेश बढ़ाने, समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करने, भ्रष्टाचार को कम करने आदि में मदद मिली है।
  • इसके अलावा महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने से भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों का उच्च प्रतिशत, कार्यबल में महिलाओं की कम भागीदारी, अल्प पोषण स्तर और विषम लिंग अनुपात जैसे मुद्दों को सुलझाने में भी मदद मिलेगी।
  • विधेयक के समर्थकों के अनुसार, इस तरह के विधेयक से न केवल निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि सुनिश्चित होगी बल्कि भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में शक्तिशाली और अंतर्निहित हितों में भी बदलाव आएगा।

विधेयक के खिलाफ मुख्य तर्क:

  • विधेयक के आलोचकों का मानना है कि महिलाओं को आरक्षण देने का विचार भारतीय संविधान में निहित समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
  • आलोचकों का यह भी मानना है कि आरक्षण प्रदान करने का मतलब यह होगा कि महिलाएं योग्यता के आधार पर प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगी जो समाज में उनकी स्थिति को निम्न कर सकती हैं।
  • साथ ही, महिलाओं को आरक्षण देने से मतदाताओं के लिए विकल्प सीमित हो जाएंगे।
  • विशेषज्ञों ने इसके बजाय राजनीतिक दलों के भीतर महिलाओं के लिए आरक्षण प्रदान करने या दोहरे सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों की अवधारणा को पेश करने जैसे वैकल्पिक तरीकों का सुझाव दिया है, जिसमें ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में दो सांसद होंगे और उनमें से एक महिला होगी।
  • इसके अलावा विधेयक के विरोधियों का तर्क है कि जाति समूह के विपरीत महिलाएं एक समरूप समुदाय से नहीं आती हैं और इसलिए जाति आधारित आरक्षण के पक्ष में दिए गए तर्क महिलाओं के लिए लागू नहीं किए जा सकते हैं अतः महिलाओं के हितों को अन्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तरों से अलग नहीं किया जा सकता है।
  • कुछ आलोचकों ने यह भी तर्क दिया है कि महिलाओं को आरक्षण देने से “आदर्श परिवार” नष्ट हो सकता है क्योंकि राजनीति में प्राथमिक शक्ति और प्रमुख पद पुरुषों के पास ही रहते हैं।

सारांश:

  • हालांकि हाल के वर्षों में भारतीय राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है, लेकिन यह अभी भी दुनिया भर के कई देशों की तुलना में बहुत कम है। लेकिन महिलाओं के लिए केवल आरक्षण का विस्तार करने से उन्हें प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों का समाधान नहीं हो सकता है, फिर भी यह कदम उनके समग्र विकास की दिशा में एक सही फैसला होगा क्योंकि राजनीति में महिलाओं की अधिक हिस्सेदारी के परिणामस्वरूप बेहतर सामाजिक परिणाम सामने देखने को मिले हैं।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

AUKUS समझौता:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

मुख्य परीक्षा:हिंद-प्रशांत देशों के AUKUS सदस्यों के बीच चल रही वार्ताओं का महत्व।

प्रसंग:

  • AUKUS संवर्धित सुरक्षा साझेदारी के तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु संचालित पनडुब्बियां मिलेंगी।

भूमिका:

  • AUKUS समझौते की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तीन चरणों में पूर्ण होने की उम्मीद है।
  • पहले चरण में, यू.एस. और यू.के. की नौसेनाएं ऑस्ट्रेलियाई कर्मियों को जोड़ेंगी, और एक साथ प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के बंदरगाहों के दौरों को बढ़ाएंगी।
  • दूसरे चरण में, यू.एस. और यू.के. की परमाणु पनडुब्बियां बारी-बारी से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगी, और यू.एस. ऑस्ट्रेलिया को पांच परमाणु-संचालित वर्जीनिया-श्रेणी की पनडुब्बियाँ बेचेगा।
    • AUKUS ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के लिए 2030 के दशक की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया को पारंपरिक रूप से सशस्त्र, परमाणु-संचालित अटैक पनडुब्बियाँ प्रदान करने की योजना का अनावरण किया।
    • ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बड़े इस सौदे में 368 अरब डॉलर खर्च होने की उम्मीद है जिसमें ब्रिटिश डिजाइन और अमेरिकी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।
    • SSN-AUKUS नामक एक नई पनडुब्बी का निर्माण और उपयोग तीनों नौसेनाओं द्वारा अंतर-संचालन कार्यप्रणाली के साथ किया जाएगा।

परमाणु पनडुब्बियां ऑस्ट्रेलिया की मदद कैसे करेंगी?

  • सबसे पहले, समझौता ऑस्ट्रेलिया के रणनीतिक रुख में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र में संभावित विरोधियों का बेहतर तरीके से प्रतिरोध करने के लिए अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाना चाहता है।
  • परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का अधिग्रहण ऑस्ट्रेलिया को अपनी सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने और चीन के सामने अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण प्रदान करेगा।
  • परमाणु संचालित पनडुब्बियां समुद्र में दूर तक पहुंच सकती हैं और दुश्मन पर हमले की शुरुआत कर सकती हैं, जो नौसेनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता है।
  • वर्जीनिया वर्ग की पनडुब्बियां और SSN-AUKUS रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को दक्षिण चीन सागर में अपनी संपत्ति की रक्षा करने और गश्त करने की क्षमता प्रदान करेंगी, एक ऐसी क्षमता जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के पास नहीं है।

चीन कारक:

  • परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता प्रदान करने के इस कदम को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
  • समझौते ने चीन की चिंता बढ़ा दी है, जो इसे एक उकसाने वाले कदम के रूप में देखता है जो क्षेत्र में तनाव बढ़ा सकता है। चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया पर चीन के उदय को रोकने के उद्देश्य से “नया शीत युद्ध गुट” बनाने का आरोप लगाया है।
  • चीन ने परमाणु अप्रसार व्यवस्था पर इसके संभावित प्रभाव के लिए भी समझौते की आलोचना की है।
  • इससे चीन और अमेरिका के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और गिरावट आ सकती है। इसने जापान और दक्षिण कोरिया सहित क्षेत्र के अन्य देशों के बीच भी चिंता उत्पन्न की है, जिन्हें डर है कि समझौता क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है और शास्त्रों की प्रतिस्पर्धा को गति दे सकता है।

सारांश:

  • ऑस्ट्रेलिया में परमाणु-संचालित पनडुब्बियों से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने की उम्मीद है। यह ऑस्ट्रेलिया को अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने और चीन के खिलाफ अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा। इस कदम से अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा सहयोग के गहरा होने की क्षमता है।

AUKUS के बारे में और पढ़ें: AUKUS

आधुनिकीकरण के लिए चीन की राह:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।

मुख्य परीक्षा:एशियाई शताब्दी की कल्पना को साकार करने के लिए भारत-चीन सहयोग का महत्व।

प्रसंग:

  • इस लेख में चीन के कायाकल्प और आधुनिकीकरण की दिशा में किये जा रहे हाल के उपायों पर चर्चा की गई है।

भूमिका:

  • चीन उच्च गुणवत्ता वाले विकास पर फोकस करने के साथ अपनी प्रथाओं के आधार पर आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसका अर्थ एक विशाल जनसंख्या का आधुनिकीकरण है, जहाँ सभी के लिए समान समृद्धि हो, भौतिक और सांस्कृतिक-नैतिक उन्नति हो, मानवता और प्रकृति के बीच सामंजस्य हो, और शांतिपूर्ण विकास हो।
  • इससे दुनिया के सभी देशों, खासकर पड़ोसी देशों के लिए नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
  • दो पड़ोसी और प्राचीन सभ्यताओं के रूप में, 2.8 बिलियन की संयुक्त आबादी के साथ, चीन और भारत विकासशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
  • दोनों भारत और चीन में राष्ट्रीय कायाकल्प की प्रक्रिया और आधुनिकीकरण की एक महत्वपूर्ण अवधि के चलते मतभेदों की तुलना में साझा हित कहीं अधिक हैं।

चीन के फोकस क्षेत्र:

  • स्थिर विकास: 2022 में, कुल 12.06 मिलियन शहरी नौकरियों के साथ चीन की अर्थव्यवस्था में 3% की वृद्धि हुई। चीन की GDP बढ़कर 121 ट्रिलियन युआन (लगभग $18 ट्रिलियन) हो गई, पिछले पांच वर्षों में 5.2% की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की गई और पिछले एक दशक में 6.2% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 70 ट्रिलियन युआन की वृद्धि हुई।
  • लोगों का कल्याण: चीन ने करीब 100 मिलियन ग्रामीण निवासियों को गरीबी से मुक्त किया है। सरकार का 70% से अधिक खर्च लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने में हुआ। बुनियादी वृद्धावस्था बीमा 1.05 अरब लोगों को कवर करता है, इसमें 140 मिलियन की वृद्धि हुई है।
  • विस्तार: 2022 में, चीन की वस्तुओं के व्यापार की कुल मात्रा 8.6% की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज करते हुए 40 ट्रिलियन युआन से अधिक हो गई। चीन का विदेशी पूंजी का वास्तविक उपयोग 8% बढ़ा था और देश विदेशी निवेशकों के लिए शीर्ष स्थलों में से एक बना रहा। समग्र टैरिफ स्तर में 9.8% से 7.4% तक कमी के साथ गिरावट जारी है।
  • विन-विन सहयोग: 2013-2021 की अवधि में, वैश्विक आर्थिक विकास में चीन का योगदान औसतन 38.6% था, जो G-7 देशों के संयुक्त योगदान (25.7%) से अधिक था। 2021 से 60 से अधिक देश चीन के वैश्विक विकास पहल (GDI) के मित्रों के समूह (Group of Friends) में शामिल हो गए हैं।

भारत-चीन गठजोड़:

  • भारत और चीन के बीच संबंध सहयोग, प्रतिस्पर्धा और संघर्ष के जटिल मिश्रण द्वारा चिह्नित किए गए हैं।
  • वर्षों से, दोनों देशों के कई साझा हित रहे हैं, जिनमें लंबे समय तक सीमा विवाद, व्यापार असंतुलन और भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता सहित असहमति और तनाव के कई क्षेत्रों के बावजूद आर्थिक विकास, क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक शासन शामिल हैं।
  • चीन और भारत महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं, द्विपक्षीय व्यापार की मात्रा 2022 में 135.984 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।
  • भारी व्यापार घाटे के बावजूद, भारत द्वारा चीन से उपकरणों और सामग्रियों के आयात से “मेड-इन-इंडिया” उत्पादों की कुल लागत कम हो जाती है।
    • यह भारतीय डाउनस्ट्रीम उद्योगों और उपभोक्ताओं को लाभान्वित करता है और भारतीय निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।
  • चीनी उद्यमों द्वारा निवेश ने भारतीय लोगों के लिए बड़ी संख्या में रोजगार सृजित किए हैं और भारत के आर्थिक विकास में योगदान मिला है।
  • इसके अतिरिक्त, दोनों देश ब्रिक्स समूह और शंघाई सहयोग संगठन जैसे क्षेत्रीय और वैश्विक मंचों में शामिल रहे हैं, जहां उन्होंने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर सहयोग किया है।
  • एशियाई शताब्दी की कल्पना को साकार करने के लिए भारत और चीन के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है, एक ऐसी अवधि जिसमें एशिया के दुनिया के प्रमुख आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र बनने की उम्मीद है। दुनिया की दो सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, उनके पास क्षेत्र के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है।
  • दोनों देश संचार और समन्वय को मजबूत कर सकते हैं और विकासशील देशों के समान हितों में आधुनिकीकरण के मार्ग पर भागीदार बन सकते हैं, तथा क्षेत्र के विकास और उससे परे शांति और स्थिरता में योगदान कर सकते हैं।

सारांश:

  • आधुनिकीकरण पर चीन का ध्यान सामान्य समृद्धि और शांतिपूर्ण विकास के उद्देश्य से है। चीन ने स्थिर आर्थिक विकास किया है और लोगों के कल्याण में सुधार किया है। कुछ असहमतियों के बावजूद, भारत और चीन के आर्थिक विकास और वैश्विक शासन में साझा हित हैं तथा उनमें क्षेत्र के विकास और उससे परे शांति और स्थिरता को मजबूत करने की क्षमता है।

भारत-चीन संबंधों के बारे में और पढ़ें: India-China Relations

ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संकट:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

विषय: पर्यावरण प्रदूषण और निम्नीकरण को संबोधित करने के लिए कानून और नीतियां।

मुख्य परीक्षा: लैंडफिल की आग से निपटने के लिए नीतिगत उपाय।

प्रसंग:

  • कोच्चि में ब्रह्मपुरम प्लांट लैंडफिल में 02 मार्च, 2023 को आग लग गई थी।

मुख्य विवरण:

  • ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र कोच्चि शहर के प्रमुख आईटी पार्कों के पास 110 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
  • वर्तमान में, कोच्चि निगम के अलावा, अन्य नगरपालिकाएं और पंचायतें भी अपना कचरा ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में फेंकती हैं।
  • ब्रह्मपुरम अपशिष्ट संयंत्र में प्रतिदिन 390 टन कचरा डाला जाता है।
    • इसमें से 64 प्रतिशत जैव-निम्नीकरणीय है जबकि बाकी प्लास्टिक और अन्य गैर-जैव-निम्नीकरणीय सामग्री है।
  • राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कई हस्तक्षेपों के बावजूद, कोच्चि निगम ब्रह्मपुरम अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र के कामकाज में सुधार नहीं कर सका।
  • हाल ही में लगी आग के आलोक में, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोच्चि निगम पर अपशिष्ट निपटान नियमों का पालन न करने के लिए 14.92 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि, निगम ने उच्च न्यायालय से इस पर रोक की मांग की है।

लैंडफिल की आग के बारे में और पढ़ें: Landfill Fires

प्रीलिम्स तथ्य:

1.यूरेशियाई ऊदबिलाव:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण:

विषय: जैव विविधता

प्रारंभिक परीक्षा: यूरेशियाई ऊदबिलाव से सम्बन्धित तथ्यात्मक जानकारी।

प्रसंग

  • जम्मू और कश्मीर में नीरू धारा के पास इंफ्रारेड कैमरे में यूरेशियाई ऊदबिलाव (Eurasian Otter) का पहला फोटोग्राफिक रिकॉर्ड प्राप्त हुआ है।

यूरेशियाई ऊदबिलाव

चित्र स्रोत: IUCN Red List

  • यूरेशियाई ऊदबिलाव (लुट्रा लुट्रा/Lutra lutra) एक पकड़ में न आने वाली अर्ध-जलीय मांसाहारी स्तनपायी प्रजाति है।
  • यूरेशियाई ऊदबिलाव का वितरण बहुत व्यापक है क्योंकि इसकी सीमा में तीन महाद्वीप (यूरोप, एशिया और अफ्रीका) शामिल हैं।
  • भारत में, यूरेशियाई ऊदबिलाव भारत के उत्तरी, उत्तरपूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में पाए जाते हैं।
  • यूरेशियाई ऊदबिलाव के छोटे अंग, भूरे रंग के फर और थूथन के पास संवेदनशील मूंछें होती हैं जो शिकार का पता लगाने में मदद करती हैं।
    • उनके पास झिल्लीदार पैर और पंजे भी हैं और उनमें पानी के नीचे छोटे कानों और नाक को बंद करने की क्षमता होती है जिससे उन्हें जलीय जीवन शैली के अनुकूल होने में मदद मिलती है।
  • यूरेशियाई ऊदबिलाव आमतौर पर प्रकृति में निशाचर होते हैं और स्वच्छ जल पर्यावरण जैसे झीलों, नदियों, धारओं, दलदल और दलदली जंगलों के पास पाए जा सकते हैं।
  • यूरेशियाई ऊदबिलाव के आहार में मछली, क्रस्टेशियन, उभयचर, पक्षी, अंडे और कीड़े और वर्म शामिल हैं।
  • यूरेशियन ओटर को एक प्रमुख प्रजाति और उच्च गुणवत्ता वाले जलीय आवासों का संकेतक माना जाता है।
  • संरक्षण की स्थिति:
    • IUCN रेडलिस्ट: संकटापन्न
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची II
    • CITES: परिशिष्ट I

नीरू धारा:

  • नीरू नदी जम्मू और कश्मीर में स्थित है।
  • नीरू धारा चिनाब नदी की सहायक नदी है।
  • नीरू एक 30 किलोमीटर लम्बी बारहमासी धारा है जो औसत समुद्र तल से 3,900 मीटर ऊपर कैलाश झील से निकलती है और डोडा जिले में पुल-डोडा में चिनाब नदी में मिल जाती है।
  • यूरेशियाई ऊदबिलाव की उपस्थिति नीरू धारा के स्वास्थ्य के लिए उत्साहजनक है।

2.चमेली देवी पुरस्कार:

विषय: विविध

प्रारंभिक परीक्षा: चमेली देवी पुरस्कार के बारे में।

प्रसंग

  • धन्या राजेंद्रन, जो द न्यूज मिनट पोर्टल की सह-संस्थापक और प्रधान संपादक हैं, को 2022 के लिए चमेली देवी जैन पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है।

चमेली देवी पुरस्कार:

  • पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं के उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देने के लिए चमेली देवी पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
  • पुरस्कार का नाम चमेली देवी जैन के नाम पर रखा गया है जो स्वतंत्रता के लिए भारतीय संघर्ष के दौरान एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थीं।
  • पुरस्कार मीडिया फाउंडेशन द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और इसे 1980 में स्थापित किया गया था।
    • मीडिया फाउंडेशन की स्थापना 1979 में बी.जी. वर्गीस और चमेली देवी के परिवार द्वारा की गई थी।
  • योग्यता: फोटोग्राफर्स, कार्टूनिस्ट्स और न्यूजपेपर डिजाइनरों के साथ प्रिंट, डिजिटल और ब्रॉडकास्ट में पत्रकार।
  • चयन के मानदंड में सामाजिक सरोकार, समर्पण, साहस और करुणा शामिल हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. मैकमोहन रेखा पर अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव पेश किया गया:
  • अमेरिकी सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया गया है जिसका उद्देश्य मैकमोहन रेखा को चीन और भारत (अरुणाचल प्रदेश) के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता देना है।
  • द्विदलीय सीनेट के इस प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में माना गया है।
  • सीनेटर बिल हेगर्टी ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा है कि ऐसे समय में अमेरिका के लिए भारत और क्षेत्र के अन्य रणनीतिक भागीदारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है, जब चीनी कार्रवाइयां मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए खतरा बन रही हैं।

मैकमोहन रेखा के बारे में और पढ़ें: McMahon Line

  1. राज्यपाल एक निर्वाचित सरकार के गिरने का कारण नहीं बन सकते: सर्वोच्च न्यायालय:
  • सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राज्यपाल लोकतंत्र को कमजोर कर सकते हैं यदि वे सत्ताधारी पार्टी के भीतर असंतोष का हवाला देते हुए अपने संवैधानिक पद का उपयोग विश्वास मत के लिए करते हैं, और एक वैध रूप से स्थापित सरकार के पतन का कारण बनते हैं।
  • सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ का नेतृत्व करने वाले भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा है कि विश्वास मत साबित करने की माँग करने से एक कार्यशील सरकार का पतन हो सकता है,और राज्यपालों को किसी विशेष परिणाम को प्रभावित करने के लिए अपने पद का उपयोग करने से बचना चाहिए और सरकार के पतन को रोकना चाहिए।
    • CJI ने आगे कहा कि एक चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए राज्यपाल द्वारा अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है।
  • खंडपीठ महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल का जिक्र कर रही थी, जिनके विधानसभा में विश्वास मत साबित करने के आह्वान के कारण अंततः 2022 में महा विकास अघडी (MVA) सरकार गिर गई।
  1. विदेशी वकील और फर्में भारत में काम कर सकती हैं: BCI
  • बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI), जो भारत में कानूनी पेशे को नियंत्रित करने वाला एक वैधानिक निकाय है, ने अब भारत में विदेशी वकीलों और कानून फर्मों के लिए लॉ प्रैक्टिस का रस्ता खोल दिया है।
  • BCI ने “भारत में विदेशी वकीलों और विदेशी कानून फर्मों के पंजीकरण के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियम, 2021” तैयार किए हैं जो विदेशी वकीलों और कानून फर्मों को पारस्परिकता के सिद्धांत के आधार पर एक सुपरिभाषित, विनियमित और नियंत्रित तरीके से भारत में विदेशी कानून, विविध अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता मामलों का प्रैक्टिस करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • BCI के अनुसार इस कदम से भारत और विदेशों के वकीलों को परस्पर लाभ होगा और भारत में कानूनी बिरादरी को कोई नुकसान नहीं होगा।
  • इसके अलावा, नवीनतम कदम से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रवाह पर चिंताओं को दूर करने की उम्मीद है और इससे भारत को अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता का केंद्र बनने में मदद मिलेगी।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्न में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. UMANG ऐप: तड़ित के पूर्वानुमान प्रदान करने वाला ऐप
  2. मौसम ऐप: मौसम की भविष्यवाणी करने वाला ऐप
  3. दामिनी ऐप: कृषि मौसम संबंधी सलाह प्रदान करने वाला ऐप

विकल्प:

  1. कोई नहीं
  2. केवल एक युग्म
  3. केवल दो युग्म
  4. सभी तीनों युग्म

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: UMANG ऐप सभी भारतीय नागरिकों को केंद्र से लेकर स्थानीय सरकारी निकायों तक की अखिल भारतीय ई-गवर्नेंस सेवाओं तक पहुंचने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • कथन 2 सही है: IMD ने मौसम पूर्वानुमान के लिए मोबाइल ऐप “मौसम” विकसित किया है।
  • कथन 3 गलत है: IMD ने तड़ित की चेतावनी के लिए मोबाइल ऐप ‘दामिनी’ विकसित किया था।
    • मेघदूत ऐप का उपयोग एग्रोमेट सलाहकार प्रसार के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2. सही कथनों की पहचान कीजिए: (स्तर – सरल)

  1. कोर मुद्रास्फीति की गणना करते समय इसमें दूध को शामिल किया जाता है।
  2. ऑपरेशन फ्लड के कारण भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध निर्यातक देश बन गया है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न ही 2

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: कोर मुद्रास्फीति खाद्य और ऊर्जा क्षेत्रों को छोड़कर अन्य वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में परिवर्तन है।
    • कोर मुद्रास्फीति की गणना करते समय दूध को शामिल नहीं किया जाता है।
  • कथन 2 गलत है: ऑपरेशन फ्लड ने भारत को दुग्ध उत्पादन के मामले में दुनिया में 50वें स्थान से कुछ ही दशकों में सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया है।
    • हालांकि घरेलू मांग के कारण भारत दूध का सबसे बड़ा निर्यातक देश नहीं है।

प्रश्न 3. “सिक्योरिटी बॉन्ड” (Security Bond) सैन्य अभ्यास निम्न में से किन देशों के बीच आयोजित किया जाता हैं: (स्तर – मध्यम)

  1. भारत
  2. रूस
  3. चीन
  4. ईरान
  5. टर्की

विकल्प:

  1. 1 और 4
  2. 2, 3 और 4
  3. 2, 3, और 5
  4. 1, 2 और 4

उत्तर: b

व्याख्या:

  • “सिक्योरिटी बॉन्ड” चीन, रूस, ईरान के बीच आयोजित एक सैन्य अभ्यास है।
  • सिक्योरिटी बॉन्ड-2023 ओमान की खाड़ी में आयोजित होने वाला पांच दिवसीय नौसैनिक अभ्यास है।

प्रश्न 4. यदि भारत का यूको बैंक एक रूसी बैंक गज़प्रॉम (Gazprom) के लिए एक खाता खोलता है, तो इसके बारे में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सत्य हैं? (स्तर – कठिन)

  1. यह खाता एसबीआई का वोस्ट्रो खाता है।
  2. यह खाता गज़प्रोम के लिए नोस्ट्रो खाता है।
  3. इस खाते में जो मुद्रा रखी जाएगी वह रूबल होगी।

विकल्प:

  1. 1 और 2
  2. 2 और 3
  3. 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता यूको बैंक को रूस के गज़प्रॉम बैंक के साथ एक विशेष वोस्ट्रो खाता खोलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी मिल गई है।
    • इस प्रकार यह खाता SBI का वोस्ट्रो खाता है। अतः कथन 1 सत्य है।
    • यह खाता गज़प्रॉम के लिए नोस्ट्रो खाता है। अतः कथन 2 सत्य है।
  • कथन 3 गलत है: यूको बैंक को भारतीय रुपये में व्यापार भुगतान के लिए रूस के गज़प्रॉम बैंक के साथ एक विशेष वोस्ट्रो खाता (SVA) खोलने के लिए RBI की स्वीकृति प्राप्त हुई है, इसलिए खाते में रखी जाने वाली मुद्रा रुपया होगी।

प्रश्न 5. भारत की पंचवर्षीय योजनाओं के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? PYQ 2019 (स्तर – मध्यम)

  1. दूसरी पंचवर्षीय योजना से बुनियादी तथा पूँजीगत वस्तु उद्योगों के प्रतिस्थापन की दिशा में निश्चयात्मक जोर दिया गया।
  2. चौथी पंचवर्षीय योजना में संपत्ति तथा आर्थिक शक्ति के बढ़ते संकेंद्रण की पूर्व प्रवृत्ति के सुधार का उद्देश्य अपनाया गया।
  3. पाँचवीं पंचवर्षीय योजना में, पहली बार, वित्तीय क्षेत्रक को योजना के अभिन्न अंग के रूप में शामिल किया गया।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: दूसरी पंचवर्षीय योजना का मूल उद्देश्य नेहरू-महालनोबिस मॉडल को अपनाना था। इस मॉडल के तहत निवेश वस्तुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई, क्योंकि वे भारत के भावी आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण थीं।
    • इसके अलावा, बुनियादी तथा पूँजीगत वस्तु उद्योगों के प्रतिस्थापन की दिशा में निश्चयात्मक जोर दिया गया था।
  • कथन 2 सही है: चौथी पंचवर्षीय योजना में संपत्ति तथा आर्थिक शक्ति के बढ़ते संकेंद्रण की पूर्व प्रवृत्ति के सुधार का उद्देश्य अपनाया गया था।
  • कथन 3 गलत है: पांचवीं पंचवर्षीय योजना में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्रणाली पहली बार शुरू की गई थी।
    • वित्तीय क्षेत्र को चौथी पंचवर्षीय योजना से योजना के अभिन्न अंग के रूप में शामिल किया गया था, जहां 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. बदलती वैश्विक भू-राजनीति के संदर्भ में एक समूह के रूप में AUKUS की उपयोगिता पर चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध]

प्रश्न 2. ‘महिला आरक्षण के मुद्दे पर एक व्यापक जन सहमति की आवश्यकता है’। महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक की यात्रा का अनुरेखण करते हुए इस कथन पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालिए। (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-2, राजव्यवस्था]