20 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

स्वास्थ्य:

  1. भारत में सिकल सेल एनीमिया का निदान किस प्रकार हो रहा है?

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

राजव्यवस्था:

  1. एक राजनेता की अयोग्यता:

पर्यावरण:

  1. हरियाली लाने का एक प्रयास:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. तेजा लाल मिर्च (Teja Red Chilli):

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. ओडिशा बाल विवाह को समाप्त करने के लिए व्यवहारिक और सामाजिक परिवर्तन लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है:
  2. भारत सौर ऊर्जा निर्यात करने की योजना बना रहा है: आधिकारी
  3. विक्रमादित्य के सेवानिवृत्त होने से पहले नौसेना की एक और विक्रांत-आकार के वाहक को तैयार करने की योजना:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

भारत में सिकल सेल एनीमिया का निदान किस प्रकार हो रहा है?

स्वास्थ्य:

विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: सिकल सेल एनीमिया से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: सिकल सेल एनीमिया – भारत में इस बीमारी का प्रसार, बीमारी को खत्म करने के प्रयास और इससे जुड़ी मुख्य चुनौतियाँ।

प्रसंग:

  • केंद्रीय वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2023-24 ( Union Budget 2023-24) पेश करते हुए घोषणा की है कि सरकार वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए “मिशन मोड” में काम करेगी।

सिकल सेल एनीमिया/ लाल रक्त कोशिकाओं की कमी:

  • सिकल सेल एनीमिया एक व्यक्ति को विरासत में मिला रक्त विकार या लाल रक्त कोशिका (RBCc) विकार है।
    • लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन होता है जो कि एक प्रोटीन है और यह शरीर के माध्यम से ऑक्सीजन ले जाता (प्रवाह करता) है।
  • आमतौर पर आरबीसी डिस्क के आकार के एवं लचीले होते हैं ताकि नसों के माध्यम से यह आसानी से शरीर में संचालित हो सकें।
  • सिकल सेल एनीमिया के मामले में आरबीसी अर्ध चंद्राकार या सिकल (हासियां) के आकार के हो जाते हैं जिससे रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है या कई बार अवरुद्ध हो जाता है।
  • हीमोग्लोबिन में आम तौर पर चार प्रोटीन सबयूनिट होते हैं जिनमें दो अल्फा और दो बीटा होते हैं।
  • हालांकि,कुछ मामलों में जीन में उत्परिवर्तन जो बीटा सबयूनिट बनाता है, रक्त कोशिका के आकार को प्रभावित करता है और इसे विकृत करता है जिसके बाद यह सिकल की तरह दिखने लगता हैं।
  • शरीर में अवरुद्ध रक्त प्रवाह से एनीमिया, दर्द, थकान, तीव्र छाती सिंड्रोम, स्ट्रोक, आंखों की समस्याएं और संक्रमण जैसे गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।
  • इसके अलावा ऐसे सिकल सेल आमतौर पर जल्दी मर जाते हैं जो आरबीसी की कमी का कारण बनता है और इसलिए यह शरीर को ऑक्सीजन से वंचित करता है।
  • सिकल सेल रोग को आजीवन बीमारी कहा जाता है तथा रक्त और अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण को इस रोग का एकमात्र कुशल इलाज कहा जाता है।
  • जीन थेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट को भी बीमारी के संभावित इलाज के रूप में देखा जाता है।

भारत में रोग की व्यापकता:

  • सिकल सेल एनीमिया के साथ अनुमानित जन्मों के मामले में भारत को दूसरा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश कहा जाता है।
  • भारत में आदिवासी बच्चों में सिकल सेल एनीमिया अत्यधिक देखा जाता है।
  • भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी के बीच जन्मे 86 बच्चों में से लगभग 1 बच्चा सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित होता है।
  • शोधकर्ताओं का मानना है कि मलेरिया के स्थानिक क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों में इस बीमारी का प्रसार अधिक है।
    • भारत में आदिवासी आबादी वाले क्षेत्रों या इन क्षेत्रों में मलेरिया के मामलों की एक बड़ी संख्या पाई जाती है।
  • रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि सिकल सेल एनीमिया का प्रसार उन समुदायों में अधिक देखा जाता है जिनमे एंडोगैमी (सगोत्र विवाह) बहुत अधिक होता हैं क्योंकि सिकल सेल का प्रसार एक जैसी विशेषता वाले माता-पिता में इस रोग को और अधिक होने की संभावना को बढ़ाता है।
  • इस बीमारी का प्रसार भारत के मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी भागों में अधिकता से देखा जाता है।
  • गुजरात में भारत में सिकल सेल एनीमिया के मामलों की संख्या सर्वाधिक है, इसमें महाराष्ट्र का दूसरा स्थान है।

सरकार के वर्ष 2047 के लक्ष्य को पूरा करने के सम्मुख प्रमुख चुनौतियां:

  • चूंकि सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक विकार है, इसलिए इस रोग का पूरी तरह से उन्मूलन करना बहुत कठिन है।
  • इसके अलावा, इस बीमारी के इलाज के तरीके या तो महंगे हैं या अभी भी विकास के चरणों में हैं।
  • इसके अतिरिक्त आज भी देश में रक्त दानदाताओं की भारी कमी है, इसके अलावा रक्त की सुरक्षित आपूर्ति और रक्त आधान से जुड़े संक्रमण के जोखिम के बारे में डर भी है जिसमें दान किए गए रक्त द्वारा रोगी को आरबीसी का स्थानांतरण शामिल है।

भारत में की गई पहलें:

  • भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) सिकल सेल रोग के बेहतर प्रबंधन और नियंत्रण के लिए विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम चला रहा है।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (National Rural Health Mission (NRHM)) के तहत राज्य द्वारा भी जागरूकता अभियान और आउटरीच कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs (MoTA)) ने एक पोर्टल लॉन्च किया है जो जनजातीय समुदायों के बीच सिकल सेल एनीमिया के प्रसार के संबंध में महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करने में मदद करता है।
  • केंद्रीय बजट भाषण में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने घोषणा की हैं कि सरकार आदिवासी क्षेत्रों में 40 वर्ष से कम आयु के लोगों के बीच “विशेष कार्ड” वितरित करने की योजना बना रही है।
    • इन कार्डों को स्क्रीनिंग परिणामों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा और कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission (NHM)) के तहत धन प्राप्त होगा।
  • सरकार को रोग की उच्च घटनाओं वाले क्षेत्रों में विवाह परामर्श आयोजित करने की भी आवश्यकता है।

सारांश:

  • रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि हर साल लगभग 50,000 शिशु सिकल सेल एनीमिया के साथ पैदा होते हैं, जो न केवल भारत में विकलांग आबादी में इजाफा करता है बल्कि सरकार के लिए आर्थिक बोझ भी बन गया है। इसने केंद्र सरकार को वर्ष 2047 तक इस रोग को खत्म करने के लिए “मिशन मोड” में कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

एक राजनेता की अयोग्यता:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

राजव्यवस्था:

विषय: भारतीय संविधान

मुख्य परीक्षा: संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत सांसद/विधायक की अयोग्यता

प्रसंग:

  • केरल उच्च न्यायालय ने हत्या के प्रयास के मामले में लक्षद्वीप के सांसद के खिलाफ 10 साल की कारावास की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया हैं।

पृष्ठभूमि:

  • इससे पहले कवारत्ती सत्र न्यायालय ने मोहम्मद फैजल पी.पी. सहित चार लोगों को दोषी ठहराया था। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दंडनीय अपराध करने के लिए लक्षद्वीप के तत्कालीन सांसद (सांसद) को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
  • 13 जनवरी को, लोकसभा ने फ़ैज़ल को दोषसिद्धि की तारीख से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने की घोषणा की।
  • 18 जनवरी को, भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव की तारीख 27 फरवरी तय की।
  • केरल उच्च न्यायालय में एक अपील के बाद 25 जनवरी को उनकी दोषसिद्धि और सजा निलंबित हो गई।
    • हाईकोर्ट ने अपील के निस्तारण तक उनकी सजा पर रोक लगा दी।
  • फैजल ने भारत के उच्चतम न्यायालय में ECI की घोषणा को भी चुनौती दी, जिसके कारण ECI ने चुनाव स्थगित कर दिया।
    • निर्वाचित उम्मीदवार के पास मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल के अंत तक कार्यकाल के लिए सिर्फ 15 महीने होंगे।

अयोग्यता का प्रावधान:

  • यदि किसी सांसद को किसी आपराधिक अपराध का दोषी ठहराया जाता है, तो संसद से उनकी अयोग्यता के प्रावधान हैं।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 में संसद सदस्य की अयोग्यता के प्रावधान हैं। इस अनुच्छेद के अनुसार, एक सांसद को निम्नलिखित आधारों पर अयोग्य ठहराया जा सकता है:
  1. यदि वह भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन लाभ का पद धारण करता/करती है, जो संसद द्वारा अपने धारक को अयोग्य घोषित नहीं करने के लिए विधि द्वारा घोषित पद के अलावा अन्य हो;
  2. यदि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है और सक्षम न्यायालय द्वारा ऐसा घोषित किया गया है;
  3. यदि वह अनुन्मुक्त (undischarged) दिवालिया है;
  4. यदि वह भारत का नागरिक नहीं है, या उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त कर ली है, या किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या पालन की अभिस्वीकृति के तहत है;
  5. यदि वह संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा या उसके तहत अयोग्य घोषित किया गया है।
      • इसका अर्थ यह है कि संसद किसी अन्य आधार पर भी सांसदों को अयोग्य घोषित करने के लिए कानून बना सकती है।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 में प्रावधान है कि अगर किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है और दो साल या उससे अधिक के लिए कारावास की सजा सुनाई जाती है तो उसे अयोग्य घोषित किया जाएगा।
    • व्यक्ति कारावास की अवधि और एक और छह साल के लिए अयोग्य होगा।

विभेदक उपचार:

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत मौजूदा सदस्यों के लिए एक अपवाद है:
    • मौजूदा सदस्यों को अपील करने के लिए सजा की तारीख से तीन महीने की अवधि प्रदान की गई है; अपील का निर्णय होने तक अयोग्यता लागू नहीं होगी।
  • अनुच्छेद 14 के तहत चुनावों और मौजूदा सदस्यों के लिए उम्मीदवारों के विभेदक उपचार (differential treatment) को चुनौती दी गई थी।
  • के. प्रभाकरन बनाम पी. जयराजन 2005 मामले में उच्चतम न्यायालय ने विभेदक उपचार को मान्य किया क्योंकि एक प्रतियोगी और एक मौजूदा सदस्य को अयोग्य घोषित करने के परिणाम अलग-अलग थे।
    • एक सांसद या विधायक की अयोग्यता के सदन के कामकाज और उस राजनीतिक दल के लिए कई निहितार्थ हैं जिससे सदस्य संबंधित है।
    • एक सांसद या विधायक की अयोग्यता के कारण उस निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया जाता है जहाँ से उक्त अयोग्य सदस्य का चुनाव हुआ होता है। इससे न केवल सरकार को अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है बल्कि सदन में राजनीतिक संतुलन भी प्रभावित होता है।
  • न्यायालय ने यह भी कहा कि किसी उम्मीदवार के बरी होने के मामले में अयोग्यता को हटाना भावी (भविष्य के) चुनावों के लिए होगा न कि पूर्वव्यापी प्रभाव से क्योंकि इसके लिए चुनाव के परिणामों को रद्द करने की आवश्यकता होगी।
  • हालांकि, 2013 में, लिली थॉमस बनाम भारत संघ मामले में उच्चतम न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा कि अयोग्यता की शर्तें उम्मीदवारों और मौजूदा सदस्यों पर समान रूप से लागू होंगी। इसलिए, मौजूदा सदस्यों के लिए अलग किया गया अपवाद असंवैधानिक था।
    • इस निर्णय में अनुच्छेद 101 का हवाला दिया गया कि यदि संसद सदस्य को अनुच्छेद 102 के तहत अयोग्य घोषित किया गया, तो “उसकी सीट खाली हो जाएगी”। इसलिए, अयोग्यता स्वचालित थी और अनुच्छेद 102 की शर्तों के पूरा होने पर इसका तत्काल प्रभाव था।
    • निर्णय में यह भी कहा गया है कि एक अयोग्य व्यक्ति अपनी सजा पर स्थगन प्राप्त कर सकता है, और स्थगन आदेश की तारीख से अयोग्यता को हटा दिया जाएगा।

सारांश:

  • सजा के आधार पर एक सांसद की अयोग्यता भारत में विवाद और बहस का विषय रही है। इसका एक मुख्य कारण यह है कि यह प्रावधान उस सांसद पर लागू नहीं होता है जिसे दोषी ठहराया गया हो लेकिन उसने सजा के खिलाफ अपील दायर की हो। एक सांसद उच्च न्यायालय द्वारा अपील का फैसला होने तक संसद में अपने पद को बनाए रख सकता है।

हरियाली लाने का एक प्रयास:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

पर्यावरण:

विषय: संरक्षण पर दिशानिर्देश, कानून और अन्य कार्यक्रम

मुख्य परीक्षा: समुदाय आधारित पर्यावरण संरक्षण प्रयासों की भूमिका

प्रसंग:

  • तेलंगाना राज्य सरकार की हरित पहल पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करती है।

भूमिका:

  • भारत में तेलंगाना राज्य को पर्यावरण के प्रति अपनी पहल के लिए भारत के अग्रणी राज्यों में से एक के रूप में मान्यता मिली है। इसने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न हरित पहल को लागू किया है, जिसने राज्य के लोगों के बीच पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद की है।
  • पिछले दो वर्षों में, हैदराबाद को बढ़ते वन क्षेत्र के साथ हरित शहर के तौर पर कई पुरस्कार मिले हैं।
    • हैदराबाद के साथ ही मुंबई भारत के उन दो शहरों में से एक है, जिसे आर्बर डे फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र के FAO द्वारा ‘ट्री सिटीज़ ऑफ द वर्ल्ड -2021’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
    • हैदराबाद को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूसर्स (AIPH) 2022 वर्ल्ड ग्रीन सिटी अवार्ड्स 2022 में समग्र ‘वर्ल्ड ग्रीन सिटी अवार्ड 2022’ से भी सम्मानित किया गया है।
  • तेलंगाना सरकार की हरित पहल ने न केवल पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद की है, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न किए हैं।
    • हरिता हरम कार्यक्रम ने नर्सरी में हजारों नौकरियां पैदा की हैं, और वाहन स्क्रैपपेज नीति ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं।

हरित पहल:

  1. हरिता हरम:
  • हरिता हरम तेलंगाना राज्य सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे जुलाई 2015 में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में हरित आवरण अर्थात ग्रीन कवर को पांच वर्षों में 230 करोड़ पौधे लगा कर मौजूदा 24% से बढ़ाकर 33% तक करना था।
  • राज्य सरकार ने 9.65 लाख एकड़ जमीन पर पुनर्रोपण किया और 109 शहरी जंगलों को विकसित किया। इस साल, 13 लाख एकड़ में मौजूद जंगल का कायाकल्प “1,500 करोड़ की धनराशि के साथ” किया गया है।
  • यह कार्यक्रम पेड़ों को लगाने और पर्यावरण की रक्षा करने के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने में सफल रहा है। सरकार ने स्कूलों, कॉलेजों, गैर सरकारी संगठनों और कॉर्पोरेट कंपनियों सहित विभिन्न हितधारकों को शामिल किया है, ताकि वे पौधे लगा सकें और उनकी देखभाल कर सकें।
  1. स्वच्छ तेलंगाना:
  • स्वच्छ तेलंगाना को राज्य में एक स्वच्छ और स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए 2014 में लॉन्च किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया है, डस्टबिन स्थापित किए हैं, और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए एक बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू किया है।
  • यह कार्यक्रम सफाई और स्वच्छता के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने में सफल रहा है।
  1. मिशन काकतीय:
  • मिशन काकतीय की शुरुआत 2014 में राज्य में झीलों और तालाबों को फिर से जीवंत करने और भूजल स्तर में सुधार करने के लिए की गई थी। इस कार्यक्रम के तहत, सरकार ने राज्य में 45,000 से अधिक तालाबों और झीलों की पहचान और उसकी स्थिति में सुधार किया है।
  • मिशन काकतीय कार्यक्रम ने राज्य में भूजल स्तर में सुधार करने में योगदान दिया है। झीलों और तालाबों की स्थिति में सुधार से जल भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई है, जिससे भूजल स्तर को रिचार्ज करने में मदद मिली है।

निहित समस्याएँ:

  • तेलंगाना के वन संरक्षण प्रयासों के सामने मौजूद सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं में से एक पेड़ों की अवैध कटाई है। कई लोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इस गतिविधि में संलग्न हैं, जिसके कारण राज्य के कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई हुई है। वन कानूनों की उचित निगरानी और प्रवर्तन की कमी ने इस समस्या में योगदान दिया है।
    • पर्यावरण कार्यकर्ताओं को कायाकल्प किए गए वनों और पेड़ों की संख्या पर संदेह है क्योंकि शहर में लगातार बढ़ते निर्माण कार्यों के कारण वृक्षों के आवरण का लगातार नुकसान हो रहा है।
  • पुरस्कारों को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। ‘ट्री सिटी ऑफ द वर्ल्ड’ के लिए नामांकन पेड़ों की संख्या पर मेयर से प्राप्त प्रमाणन प्रदान करके प्रस्तुत किया गया था और जानकारी की सत्यता को स्थापित करने के लिए कोई बाहरी ऑडिटिंग उपलब्ध नहीं है।
  • राज्य को स्थानीय लोगों द्वारा वन भूमि में अतिक्रमण की चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। उन क्षेत्रों जिन्हें कभी जंगल माना जाता था, में स्थायी बस्ती का अधिकार, एक विभाजनकारी मुद्दा रहा है जो मतदान पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।
    • हाल ही में, जंगल में सीमाओं को चिह्नित करने की कोशिश करते हुए एक वन अधिकारी की ह्त्या हो गई थी।
  • तेलंगाना में वनाग्नि एक आम घटना है, खासकर गर्मियों के महीनों के दौरान। ये आग अक्सर मानव जनित गतिविधियों जैसे कि कृषि अपशिष्ट, सिगरेट धूम्रपान और कैम्पफायर से उत्पन्न होती हैं। यह आग जंगलों की वनस्पतियों और जीवों को व्यापक नुकसान पहुंचाती है, और उन्हें रोकने के लिए सरकार के प्रयास अपर्याप्त रहे हैं।

सारांश:

  • तेलंगाना राज्य सरकार की हरित पहल पर्यावरण के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को धारणीय प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में सफल रही है। इन पहलों ने न केवल प्रदूषण के स्तर को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने में मदद की है, बल्कि राज्य में रोजगार के अवसर भी उत्पन्न किए हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. तेजा लाल मिर्च (Teja Red Chilli):

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

विषय: कृषि – कृषि उपज का विपणन।

प्रारंभिक परीक्षा: लाल मिर्च की तेजा किस्म।

प्रसंग:

  • तेजा लाल मिर्च कई देशों में एक उच्च मांग वाली वस्तु बन गई है और लाल मिर्च की इस किस्म का निर्यात मौजूदा ₹2,000 करोड़ प्रति वर्ष से बढ़कर आने वाले वर्ष में ₹2,500 करोड़ होने का अनुमान है।

तेजा लाल मिर्च:

  • तेजा लाल मिर्च जिसे S-17 के नाम से भी जाना जाता है, भारत में उत्पादित लाल मिर्च की सबसे उच्च मांग वाली किस्मों में से एक है।
  • तेजा मिर्च गुंटूर मिर्च की एक अच्छी किस्म है जो ज्यादातर भारत के दक्षिणी राज्यों में पैदा होती है।
  • तेलंगाना का खम्मम जिला लाल मिर्च की तेजा किस्म का सबसे बड़ा उत्पादक है।
  • तेजा लाल मिर्च अपने पाक, औषधीय और अन्य व्यापक उपयोगों के लिए प्रसिद्ध हैं जैसे कि काली मिर्च स्प्रे बनाने में मुख्य सामग्री।
  • इस किस्म की मिर्च से बनाया गया पेस्ट का प्रयोग कुछ एशियाई देशों में जहाजों के नीचे एक सुरक्षात्मक परत के रूप में होता है जिसके कारण इसके पेस्ट की भी मांग है।
  • खम्मम से तेजा लाल मिर्च का बड़े पैमाने पर चीन, बांग्लादेश और कुछ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में निर्यात किया जा रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. ओडिशा बाल विवाह को समाप्त करने के लिए व्यवहारिक और सामाजिक परिवर्तन लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है:

  • वर्तमान में जब असम में बाल विवाह को लेकर बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां देखी जा रही है, एवं अचानक से इस अभियान को अत्यधिक द्रुत गति से चलाने के लिए आलोचना भी हो रही है, ऐसे समय में ओडिशा ने बाल विवाह के मुद्दे को हल करने के लिए सामाजिक और व्यवहारिक परिवर्तन लाने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाया है।

बाल विवाह को समाप्त करने के लिए इस बहु-आयामी रणनीति में निम्न शामिल हैं:

  • जिलों को स्कूलों और गांवों में लड़कियों की अनुपस्थिति को ट्रैक करने का कार्य दिया गया है,फिर जिला प्रशासन को इसकी संख्या को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया हैं, जो इसके बाद वहां परामर्श अर्थात काउंसलिंग हेतु अपने प्रतिनिधियों को भेजेगा।
  • “अद्विका-एवरी गर्ल इज यूनिक” ( “Advika — Every Girl is Unique” ) प्लेटफॉर्म तैयार करना, जो 10 से 19 साल तक की लड़कियों को लक्षित करने वाली सभी योजनाओं को जोड़ेगा।
  • मुख्यमंत्री द्वारा गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के दिशा-निर्देश।
  • विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (particularly vulnerable tribal groups (PVTGs)) के लिए मौद्रिक प्रोत्साहन का विस्तार।
  • ओडिशा में बाल विवाह के प्रसार के मामले में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण -4 के 21.3% से राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में 20.5% की समग्र गिरावट देखी गई हैं।
  • इसके अलावा, पुलिस निरीक्षकों को पंचायत सदस्यों, माता-पिता और बच्चों के साथ स्कूल छोड़ने वाले और बाल विवाह की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए समुदाय में नियमित बैठकें आयोजित करने का काम सौंपा गया हैं।
  • पुलिस स्टेशनों को चाइल्ड फ्रेंडली भी बनाया गया है जो लड़कियों को पुलिस के पास जाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि अभियोजन पर अत्यधिक जोर से प्रशासन की पहल उपयुक्त दिशा में नहीं जाएगी क्योंकि यह समस्या संस्कृति और सामाजिक मानदंडों में गहराई से निहित है।

2. भारत सौर ऊर्जा निर्यात करने की योजना बना रहा है: आधिकारी

  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, भारतीय उद्योग हर साल सौर मॉड्यूल का निर्माण करने में सक्षम होगा जो 100 गीगावाट बिजली पैदा कर सकता है, और यह वर्ष 2026 तक देश को सौर ऊर्जा का शुद्ध निर्यातक बनने में मदद करेगा।
    • इस कदम से भारत को वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 GW बिजली क्षमता स्थापित करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • हालाँकि भारत को दिसंबर 2022 तक सौर (100 GW), पवन, बायोमास और छोटे जलविद्युत स्रोतों से 175 GW नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करनी चाहिए थी।जबकि यह केवल 122 GW ही स्थापित किया गया है।
  • इसकी प्रमुख चुनौतियों में से एक सौर मॉड्यूल की लागत रही है क्योंकि भारत मॉड्यूल बनाने के लिए आवश्यक पॉलीसिलिकॉन वेफर्स जैसे चीनी निर्मित घटकों पर निर्भर है, जिन पर उच्च सीमा शुल्क लगाया जाता है।
    • इसके अलावा, सौर ऊर्जा निर्माताओं के लिए भूमि अधिग्रहण भी एक बड़ी चुनौती रही है क्योंकि एक मेगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए औसतन लगभग चार एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है।
  • अधिकारी के मुताबिक भारत के नवीकरणीय ऊर्जा विकास के भविष्य के स्थिति को मजबूती हाइब्रिड परियोजनाओं और नवीकरणीय ऊर्जा पार्कों से मिलेगी जिसमें बैटरी भंडारण प्रणालियों के साथ-साथ सौर और पवन परियोजनाएँ होंगी।
  • प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्तम महाभियान (Pradhan Mantri Kisan Urja Suraksha evam Uttham Mahabhiyan (PM KUSUM)) योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग करने में सहायता करना है जो बिजली सब्सिडी को कम करता है और कृषि को डीकार्बोनाइज करने में मदद करता है।

3. विक्रमादित्य के सेवानिवृत्त होने से पहले नौसेना की एक और विक्रांत-आकार के वाहक को तैयार करने की योजना:

  • भारतीय नौसेना INS विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) के सेवा-मुक्त होने से पहले पहले कुछ परिवर्तनों के साथ एक INS विक्रांत-आकार के स्वदेशी विमान वाहक (IAC) -2 को विकसित करना चाह रही है।
  • प्रारंभिक योजना IAC-2 को IAC-1 (INS विक्रांत) से बड़ा बनाने की थी।
    • आईएनएस विक्रांत के लगभग 44,000 टन के आकार की तुलना में IAC-2 को लगभग 65,000 टन रकने की योजना थी।
  • भारतीय नौसेना को तीन विमान वाहक की आवश्यकता है, क्योंकि जब जहाज मरम्मत में जाता है,तो इसके आकार को देखते हुए समय लगता है और देरी की संभावना बनती है।
  • कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) जिसने आईएनएस विक्रांत के साथ एक विमान वाहक के निर्माण में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता हासिल की है, ने ऑर्डर जाने के 8 साल के भीतर आईएनएस विक्रांत-आकार के वाहक (संशोधन के साथ) के निर्माण को लेकर विश्वास व्यक्त किया है।
  • आईएनएस विक्रांत (IAC-1) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए:INS Vikrant (IAC-1)

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. कूनो राष्ट्रीय उद्यान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कितना/कितने सत्य है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. यह मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों में स्थित है।
  2. इसे एशियाई शेरों को रखने का स्थल माना जाता था।
  3. इसमें उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वनस्पति और घास के मैदान शामिल हैं।

विकल्प:

(a) केवल एक कथन

(b) केवल दो कथन

(c) सभी तीनों कथन

(d) इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: कूनो राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित है।
  • कथन 2 सही है: कूनो राष्ट्रीय उद्यान को एशियाई शेरों को रखने का स्थल माना जाता है।
  • कथन 3 सही है: कूनो राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पतियों में एनोजिसस पेंडुला (Anogeissus pendula ) वन एवं झाड़ी, बोसवेलिया और बुटिया वन (Boswellia and Butea forest), शुष्क सवाना वन एवं घास के मैदान तथा उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन शामिल हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कितना/कितने विकल्प भुगतान संतुलन में शामिल है/हैं: (स्तर – मध्यम)

  1. सेवाओं का निर्यात और आयात
  2. अंतरण अदायगी (Transfer Payments)
  3. वित्तीय संपत्तियों में विनिमय
  4. वस्तुओं का निर्यात और आयात

विकल्प:

(a) उपर्युक्त में से केवल एक

(b) उपर्युक्त में से केवल दो

(c) उपर्युक्त में से केवल तीन

(d) उपर्युक्त सभी चार

उत्तर: d

व्याख्या:

  • भुगतान संतुलन शेष विश्व के साथ एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक लेन-देन को सारांशित करता है।
  • भुगतान संतुलन में विदेशी सहायता जैसे अंतरण अदायगी के साथ वस्तुओं, सेवाओं और वित्तीय संपत्तियों के निर्यात और आयात शामिल होते हैं।

प्रश्न 3. भारत में अंग दान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सत्य है/हैं? (स्तर – कठिन)

  1. 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को अनुमति नहीं है कि वे स्वयं को अंग प्राप्तकर्ता के रूप में पंजीकृत कराएँ।
  2. इन प्राप्तकर्ताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने अधिवास राज्य में स्वयं को पंजीकृत कराएँ।

विकल्प:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 गलत है: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत की अंग दान नीति में बड़े बदलाव की घोषणा की है।
  • 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए मृतक दाता से शव अंग प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, इस खंड को अब हटा दिया गया है।
  • कथन 2 गलत है: इसके अलावा एक अंग प्राप्तकर्ता को केवल अपने अधिवास राज्य में अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण करवाने की आवश्यकता होती थी जिसे गुजरात उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ऐसी नीति प्रकृति में भेदभावपूर्ण हैं।
  • उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरूप, केंद्र सरकार ने इस खंड को हटा दिया है और अब कोई भी रोगी चाहे वह किसी भी राज्य का हो, प्रत्यारोपण के लिए किसी अन्य राज्य में पंजीकरण करा सकता है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सत्य है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म से 500GW बिजली क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
  2. राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत, भारत को 2022 तक 100GW सौर ऊर्जा स्थापित करनी थी।
  3. पीएम कुसुम (PM KUSUM ) योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी कम करना है।

विकल्प:

(a) 1 और 2

(b) 2 और 3

(c) 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: भारत का वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म से 500 GW बिजली क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य है।
  • कथन 2 सही है: राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत, भारत को वर्ष 2022 तक 100 GW सौर ऊर्जा स्थापित करनी थी।
  • 100 GW सौर ऊर्जा क्षमता को निम्न में विभाजित किया गया है:
    • रूफटॉप सौर बिजली उत्पादन – 40 गीगावॉट
    • बड़े और मध्यम पैमाने की ग्रिड से जुड़ी सौर परियोजनाएँ – 60 GW
  • कथन 3 सही है: प्रधान मंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्तम महाभियान (पीएम कुसुम) योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए विश्वसनीय दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग करने में सहायता करना है जो बिजली सब्सिडी को कम करता है और कृषि को डीकार्बोनाइज करने में मदद करता है।

प्रश्न 5. मेघाच्छादित रात में ओस की बूँदें क्यों नहीं बनतीं? (PYQ 2019) (स्तर-सरल)

(a) भूपृष्ठ से निर्मुक्त विकिरण को बादल अवशोषित कर लेते हैं।

(b) पृथ्वी के विकिरण को बादल वापस परावर्तित कर देते हैं

(c) मेघाच्छादित रातों में भूपृष्ठ का तापमान कम होता है।

(d) बादल बहते हुए पवन को भूमितल की ओर विक्षेपित कर देते हैं।

उत्तर: b

व्याख्या:

  • ओस तब बनती है जब नमी ठोस वस्तुओं (सतह के ऊपर हवा में नाभिक के बजाय) की ठंडी सतहों पर पानी की बूंदों के रूप में जमा हो जाती है, जैसे कि पत्थर, घास की पतियों के सिरे और पौधों की पत्तियां।
  • जब आसमान साफ होता है और रात में पेड़-पौधे ठंडे हो जाते हैं, तो अधिक पानी वाष्पित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक ओस बनती है।
  • हालांकि, जब आसमान में बादल छाए रहते हैं, तो पेड़-पौधे रात में ठंडे नहीं होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ओस कम बनती है।
  • साफ आसमान, शांत हवा, उच्च सापेक्ष आर्द्रता और ठंडी और लंबी रात इसके बनने के लिए आदर्श स्थितियाँ हैं। ओस बनने के लिए उपयुक्त परिस्थितियों के तहत ओस बिंदु जमाव बिंदु से अधिक होना चाहिए।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. सिकल सेल एनीमिया क्या है? इस बीमारी की व्यापकता के संदर्भ में इसके विशिष्ट लक्षणों तथा इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) (जीएस II – स्वास्थ्य)

प्रश्न 2. संसद से सदस्यों की अयोग्यता से संबंधित प्रावधानों की विवेचना कीजिए। साथ ही निरर्हताओं से संबंधित उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णयों पर प्रकाश डालिए। (15 अंक, 250 शब्द) (जीएस II – राजव्यवस्था)