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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 22 Apr, 2022 UPSC CNA in Hindi

22 अप्रैल 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

बुनियादी ढांचा:

  1. नीति आयोग ने बैटरी-स्वैपिंग नीति के माध्यम से EV को प्रोहत्साहित करने का लक्ष्य निर्धारित किया:

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. यह भारत के लिए हिसाब किताब का क्षण है:
  2. बढ़ती महत्वाकांक्षा (Growing ambitions):
  3. यह शरणार्थी निवारक योजना दोषपूर्ण है:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. जॉनसन की भारत यात्रा गुजरात से शरु :
  2. प्रधानमंत्री द्वारा सिविल सेवकों से ‘राष्ट्र प्रथम’ (Nation First) को प्राथमिकता देने का आह्वान:
  3. भारत-यू.एस.संबंध वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

नीति आयोग ने बैटरी-स्वैपिंग नीति के माध्यम से EV को प्रोहत्साहित करने का लक्ष्य निर्धारित किया:

बुनियादी ढांचा:

विषय: ऊर्जा

प्रारंभिक परीक्षा: ड्राफ्ट बैटरी-स्वैपिंग नीति।

मुख्य परीक्षा: बैटरी-स्वैपिंग पर नीति आयोग की मसौदा नीति के महत्वपूर्ण प्रस्ताव।

प्रसंग:

  • नीति आयोग ने एक मसौदा बैटरी-स्वैपिंग नीति तैयार की हैं,जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बड़े पैमाने पर अपनाने में तेजी लाना है।

बैटरी अदला-बदली नीति (Battery swapping):

  • बैटरी अदला-बदली एक विकल्प है, जिसके तहत चार्ज की गई बैटरी के लिए चार्ज ख़त्म हो चुकी बैटरी को बदला जाता है। बैटरी अदला-बदली; वाहन और ईंधन (इस सन्दर्भ में बैटरी) को अलग कर (delinking) देती है और इस प्रकार वाहनों की अग्रिम लागत को कम करती है।
  • वाहन और ईंधन को अलग करने की यह सुविधा बैटरी को अलग से चार्ज करने की सुविधा प्रदान करती है,जिसमे वाहन बहुत ही कम समय के लिए रुकता हैं,क्योंकि यह चेंज होने में बहुत कम समय लेता हैं ।
  • बैटरी की अदला-बदली का उपयोग आमतौर पर छोटे वाहनों जैसे दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए की जाती है।
  • नीति आयोग ने माना है कि बैटरी-स्वैपिंग प्रक्रिया बैटरी-एज-ए-सर्विस (Battery-as-a-service (BaaS) ) बिजनेस मॉडल के तहत संपन्न की जायगी। ऐसे मॉडलों के सफल कार्यान्वयन के लिए EV और बैटरी के बीच अंतरसंचालनीयता की आवश्यकता होती है।

नीति आयोग का बैटरी अदला-बदली नीति का मसौदा:

  • नीति आयोग एक ऐसी नीति लेकर आया है जो अदला-बदली बैटरी (swappable batteries) वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन, अदला-बदली बैटरी (swappable batteries) के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और तकनीकी और परीक्षण आवश्यकताओं को प्रस्तावित करती है।
  • नीति आयोग इसके प्रथम चरण (1-2) के वर्षों के तहत बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क के विकास के लिए महानगरीय शहरों को प्राथमिकता देने की योजना बना रहा है।

बैटरी अदला-बदली नीति के मसौदे की विशेषताएँ:

  • यह नीति मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स में इस्तेमाल होने वाले बैटरी-स्वैपिंग सिस्टम के लिए बैटरी-स्वैपिंग पर केंद्रित है।
  • इस नीति में जीएसटी परिषद को लिथियम-आयन बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरणों पर कर की दरों को कम करने के तरीकों की तलाश करने की सिफारिश की गई हैं।
  • वर्तमान में लिथियम-आयन बैटरी पर कर की दर 18% और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति उपकरण पर 5% है।
  • इसके तहत स्वैपेबल बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को भी इसी तरह के प्रोत्साहन का प्रस्ताव है जो वर्तमान में पूर्व-सुसज्जित फिक्स्ड बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को भी कवर करता हैं।
  • इन प्रोत्साहनों का आकार बैटरी की kWh (किलोवाट-घंटे) रेटिंग और EV के अनुरूप समानुपाती हो सकता है।
  • इसके अलावा सरकार EV उपयोगकर्ताओं और बैटरी प्रदाताओं के बीच एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए न्यूनतम अनुबंध अवधि का निर्धारण भी करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सब्सिडी प्राप्त करने के बाद बैटरी स्वैपिंग सेवाएं प्रदान कर रहा है।
  • इस नीति का उद्देश्य कई स्थानों पर सार्वजनिक बैटरी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना है जिसमें खुदरा ईंधन आउटलेट, सार्वजनिक पार्किंग क्षेत्र, मॉल, किराना दुकानें और सामान्य स्टोर शामिल होंगे।
  • मसौदा नीति में राज्य सरकारों को सार्वजनिक बैटरी चार्जिंग स्टेशनों के लिए EV हेतु बिजली कनेक्शन पर रियायती शुल्क का विस्तार करने का आदेश दिया गया है।
  • इस नीति के तहत सार्वजनिक बैटरी चार्जिंग स्टेशनों को कर व्यवस्था के तहत दिन के समय (टीओडी) नामित करने के भी अवसर खोजे जा रहे है,जिससे कम मांग वाली अवधि के दौरान बिजली की दरें कम होने से स्वैपेबल बैटरियों को चार्ज करने में आसानी होती है।
  • परिवहन विभाग और राज्य परिवहन प्राधिकरण इस प्रकार के वाहनों की पंजीकरण प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
  • बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों के लिए योजना, ज़ोनिंग अनुमति और भूमि आवंटन के लिए नगर निगम जिम्मेदार हैं।
  • इसमें विनिर्माण चरण के दौरान स्वैपेबल बैटरियों को एक विशिष्ट पहचान संख्या (UIN) प्रदान करने का भी प्रस्ताव है जो बैटरियों को ट्रैक करने और निगरानी करने में मदद करता है।
  • बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों को यूआईएन (Unique Identification Number (UIN) )नंबर भी दिए जाएंगे।

EV की सुरक्षा पर मसौदा नीति:

  • इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में विस्फोटों की हालिया घटना के बाद, मसौदा नीति में विद्युत इंटरफ़ेस स्तर पर उच्च स्तर की सुरक्षा और एक कठोर परीक्षण प्रोटोकॉल अपनाने का प्रस्ताव रखा है।
  • मसौदे में सुझाव दिया गया है कि बैटरियों को AIS 156 (2020) और AIS 038 Rev 2 (2020) मानकों के आधार पर परीक्षण और प्रमाणित किया जाना चाहिए।
  • इस मसौदे में नीति आयोग ने बैटरियों के बचाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इनको उन्नत सुविधाओं जैसे IoT- आधारित बैटरी मॉनिटरिंग सिस्टम, रिमोट मॉनिटरिंग और इमोबिलाइजेशन क्षमताओं और विभिन्न नियंत्रण सुविधाओं से लैस करने का प्रस्ताव है।

सारांश:

  • नीति आयोग की मसौदा नीति को न केवल ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बल्कि भारत को शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने में मदद करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है,क्योंकि इसमें अन्य प्रमुख पहलों के साथ निर्माताओं को सब्सिडी देने की कोशिश की जा रही है।

संपादकीय-द हिन्दू

सम्पादकीय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

यह भारत के लिए हिसाब किताब का क्षण है:

विषय:भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों, राजनीति का प्रभाव और भारतीय डायस्पोरा।

मुख्य परीक्षा: वर्तमान में चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष का दुनिया और भारत के लिए भू-आर्थिक परिप्रेक्ष्य; भारत के लिए सिफारिशें।

सन्दर्भ :

भारत के पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा लिखित इस लेख में भू-आर्थिक दृष्टिकोण से भारत के तटस्थ रुख के महत्व का विश्लेषण किया गया है,और रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत के तटस्थ रुख के पक्ष और विपक्ष में तर्क दिए गए हैं I

वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पर संघर्ष का प्रभाव:

  • 1989 में बर्लिन की दीवार के गिरने से वैश्विक भू-आर्थिक व्यवस्था में एक निर्णायक परिवर्तन आया। तब से बाधाओं रहित सीमाओं और खुली अर्थव्यवस्थाओं का उदय हुआ है, जिसने दुनिया भर में लोगों, वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के मुक्त आवागमन की राह आसान की है। विशेष रूप से वैश्विक व्यापार और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद इस अवधि में लगभग दोगुना हो गया। आर्थिक समृद्धि और आर्थिक अन्योन्याश्रयता के परिणामस्वरूप व्यापक शांति और समृद्धि का युग आया है।
  • हालाँकि, रूस-यूक्रेन संघर्ष से विश्व व्यवस्था को खतरा है।
  • संघर्ष के परिणामस्वरूप वैश्विक अनिश्चितता पैदा हुई है और महत्वपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है जिसके परिणामस्वरूप वस्तुओं में तेज वृद्धि हुई है।
    • मिस्रवासी गेहूँ की कमी से जूझ रहे हैं।
    • रूसी गैस पर जर्मनी की निर्भरता के कारण जर्मनी में बिजली की दरें बढ़ी हैं, रूसी निकल (Nickel)पर निर्भर कार बैटरी की अनुपलब्धता के कारण अमरीका इलेक्ट्रिक कारों की कमी का सामना कर रहा है और भारतीय किसान वैश्विक कमी के कारण उच्च उर्वरक कीमतों का जोखिम उठा रहें हैं।
  • रूस-यूक्रेन संघर्ष एक वैश्विक भू-आर्थिक संघर्ष है जो विश्व को दो समूहों (Blocs) में बाँट सकता है। एक समूह जिसने रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की और दूसरा जिसने रूस की निंदा की। रूस-चीन ब्लॉक, बढ़ती ऊर्जा खपत वाले बड़े उत्पादक हैं जबकि पश्चिमी ब्लॉक बड़ा उपभोक्ता हैं। यह विभाजन जुड़े हुए वैश्विक आर्थिक संतुलन के लिए बड़ी उथल-पुथल का कारण बनेगा।
  • रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंधों का उपयोग वैश्विक आर्थिक प्रणाली पर हानिकारक प्रभावों का मार्ग प्रशस्त करेगा।
    • रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध वैकल्पिक भुगतान प्रणालियों के उद्भव को जन्म दे सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान एकीकृत भुगतान प्रणाली का विघटन और गैर-डॉलर मुद्राओं का उदय हो सकता है। इसका वैश्विक आर्थिक व्यवस्था और लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा ।

भारत पर प्रभाव:

  • भारत वैश्विक आर्थिक अंतर्संबंध का एक प्रमुख लाभार्थी रहा है। वैश्विक व्यापार का भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान है और इसने भारत में बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करने में भी मदद की है। इसलिए विघटन और अलगाववादी आंदोलन का भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
  • दोनों पक्षों में से किसी एक का पक्ष लेना भारत के हित में नहीं होगा क्योंकि दोनों पक्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत का व्यापार इन दोनों शक्ति ब्लॉकों और मुक्त व्यापार की वर्तमान वैश्विक आर्थिक संरचनाओं, आरक्षित मुद्रा और लेनदेन प्रणालियों पर निर्भर है।

भारत के लिए सिफारिशें:

आने वाले अवसरों का उपयोग करें:

  • जैसा कि राष्ट्रों का पश्चिमी गुट रूस-चीन राष्ट्रों के गुट पर निर्भरता को कम करना चाहता है, यह भारत के लिए व्यापार के विस्तार के लिए नए रास्ते खोलेगा। यह भारत के लिए विश्व के लिए एक बड़ा उत्पादक और एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने का अवसर प्रस्तुत करता है। भारत को इन आर्थिक अवसरों का उपयोग करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। भारत को अपने बाजारों तक मुफ्त पहुंच और व्यापार के लिए एक स्वीकृत और स्थापित वैश्विक मुद्रा की आवश्यकता है। इस दिशा में लेख में भारत की गुटनिरपेक्षता की पारंपरिक नीति को बदलने का संकेत दिया है।
  • गुटनिरपेक्षता की विदेश नीति शीत युद्ध के दौर में प्रासंगिक थी जब व्यापार भारत की अर्थव्यवस्था का एक छोटा हिस्सा था। वर्तमान परिदृश्य इस नीति को बदलने की जरूरत है, क्योंकि आज व्यापार भारत के सकल घरेलू उत्पाद के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। भारत स्थापित व्यापारिक व्यवस्था के तहत भारतीय निर्यात के लिए पश्चिमी ब्लॉक बाजारों में निरंकुश पहुंच से अधिक हासिल कर सकता है।

उन कदमों से दूर रहें जो वैश्विक आर्थिक प्रणालियों को खतरा पैदा कर सकते हैं:

  • लेख में भारत-रूबल समझौते जैसी द्विपक्षीय स्थानीय मुद्रा व्यवस्थाओं के खिलाफ तर्क दिया गया है, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर और इसके परिणामस्वरूप भारतीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक हानिकारक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा 1970 और 1980 के दशक के विपरीत जहां इस तरह का समझौता प्रासंगिक था क्योंकि तब व्यापार अर्थव्यवस्था का एक छोटा हिस्सा था और यह समझौता कुछ व्यापारिक भागीदारों तक सीमित था, लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है । भारत को सभी देशों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध स्थापित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है।

उपयुक्त भू-आर्थिक नीति अपनाएं:

  • भारत को रियायती तेल या वस्तुओं को खरीदने या डॉलर-आधारित व्यापार समझौते की व्यवस्था से विचलित होने से बचना चाहिए क्योंकि यह पश्चिमी ब्लॉक के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों को खतरे में डाल सकता है और भारत की निर्यात क्षमता पर दीर्घकालिक प्रभाव डालसकता है।
  • लेख से पता चलता है कि भारत गुटनिरपेक्ष सिद्धांत का पालन करता है, लेकिन उसे एक गैर-विघटनकारी भू-आर्थिक नीति का भी पालन करना चाहिए जिससे वर्तमान वैश्विक आर्थिक संतुलन बना रहे। भारत को दोनों पक्षों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध और एक स्थिर और स्थापित वैश्विक आर्थिक वातावरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

सारांश :

  • भारत को अपनी गुटनिरपेक्ष विदेश नीति के व्यापक प्रतिमान के अंतर्गत एक रणनीतिक आर्थिक स्वहित सिद्धांत अपनाना चाहिए। यह लघु और दीर्घावधि दोनों में भारत की आर्थिक संभावनाओं के लिए शुभ संकेत है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

बढ़ती महत्वाकांक्षा (Growing ambitions)

विषय:भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते।

मुख्य परीक्षा: सोलोमन द्वीप समूह के साथ चीन के सुरक्षा समझौते के क्षेत्रीय और वैश्विक निहितार्थ

सन्दर्भ :

  • सोलोमन द्वीप के साथ चीन का सुरक्षा समझौता |

विवरण:

  • समझौते के प्रावधानों के अनुसार सोलोमन द्वीप चीन से पुलिस और सैन्य कर्मियों से “सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने का ” अनुरोध कर सकता है। यह चीन को जहाजों का दौरा करने और रसद के लिए सोलोमन द्वीप के बंदरगाहों का उपयोग करने की भी अनुमति देता है।
  • यह अपनी तरह का पहला समझौता है जिस पर चीन ने किसी देश के साथ सहमति जताई है।

चिंताएं :

क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताएं:

  • समझौता चीन को सोलोमोन द्वीप समूह में अपने सुरक्षा बलों को तैनात करने की अनुमति देगा। सुरक्षा बलों की तैनाती सोलोमन द्वीप की संप्रभुता के लिए शुभ संकेत नहीं है।
  • यह समझौता चीन के जहाजों को प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक आधार प्रदान करेगा। समझौते ने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के लिए प्रबल चुनौती पैदा की है। सोलोमन द्वीप में लॉजिस्टिक सुविधा ऑस्ट्रेलिया और गुआम के करीब होगी, जहां यू.एस. का नौसैनिक अड्डा है।

वैश्विक निहितार्थ:

  • संधि का प्रभाव प्रशांत क्षेत्र में तत्काल क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं से परे हैं। यह कदम वैश्विक मामलों में बड़ी भूमिका निभाने के लिए चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।
  • विदेश में सैन्य अड्डा नहीं बनाने के बार-बार दावों के बावजूद, चीन ने 2017 में जिबूती में अपने पहले विदेशी सैन्य अड्डे का निर्माण किया था।
  • चीनी सैन्य रणनीतिकारों ने कहा है कि उनकी नौसेना के लिए और अधिक ठिकानों बनाने का काम चल रहा है और यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

सारांश:

  • सोलोमन द्वीप समूह के साथ चीन का सुरक्षा समझौता न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं को जन्म देता है बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

यह शरणार्थी निवारक योजना दोषपूर्ण है:

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.जॉनसन की भारत यात्रा गुजरात से शरु :

  • ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन भारत की अपनी पहली यात्रा पर अहमदाबाद पहुंचे।
  • यहाँ उन्होंने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का दौरा किया और बाद में विभिन्न व्यापार और निवेश के अवसरों पर चर्चा करने के लिए गुजरात के उद्योगपतियों से मुलाकात की।
  • ब्रिटिश प्रधान मंत्री ने वडोदरा के पास हलोल में मशीनों और उपकरणों के निर्माण के लिए ब्रिटेन की प्रमुख जेसीबी कंपनी द्वारा स्थापित एक नए कारखाने का भी दौरा किया।
  • ब्रिटिश प्रधान मंत्री से अपनी यात्रा के दौरान भारत में प्रमुख उद्योगों में बड़े निवेश और व्यापार की घोषणा करने की उम्मीद है।

2. प्रधानमंत्री द्वारा सिविल सेवकों से ‘राष्ट्र प्रथम’ (Nation First)को प्राथमिकता देने का आह्वान:

  • भारत के प्रधान मंत्री ने कहा कि सिविल सेवकों की मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता बनाये रखना हैं, जिस पर कोई समझौता नहीं हो सकता था और अपने फैसलों में ‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति को हमेशा सर्वोपरि रखना चाहिए।
  • उन्होंने कहा कि सरकारी पदाधिकारियों को मुख्य रूप से तीन लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए;
  1. आम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना।
  2. वैश्विक संदर्भ में निर्णय लेना।
  3. देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना।

3. भारत-यू.एस. संबंध वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं:

  • भारत के रक्षा मंत्री ने एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सामरिक परिप्रेक्ष्य में,भारत और यू.एस. लोकतंत्र, बहुलवाद और कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता साझा करते हैं।
  • उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत-यू.एस. के “व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी” के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
  • उन्होंने अमेरिका स्थित कंपनियों से “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप संयुक्त अनुसंधान और विकास,रक्षा उपकरणों के निर्माण और रखरखाव का आग्रह किया।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. विशेष प्रयोजन अधिग्रहण कंपनी (SPAC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह किसी अन्य कंपनी को खरीदने हेतु प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्यम से धन जुटाने के लिए स्थापित की गई इकाई है।
  2. जब SPAC का IPOs आया था तब उस समय इसके पास कोई मौजूदा व्यवसाय संचालन या अधिग्रहण के लिए लक्ष्य भी निर्धारित नहीं किये गए थे।
  3. SPAC के पास अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए दो वर्ष का समय होता है,अन्यथा उसे निवेशकों को उनका धन वापस लौटाना पड़ता है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a)केवल 1 और 2

(b)केवल 2 और 3

(c)केवल 1 और 3

(d)1, 2 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: SPAC का उद्देश्य किसी अन्य कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के माध्यम से धन जुटाना है।
  • कथन 2 सही है: जब SPAC का IPOs आया था जब उस समय इसके पास कोई मौजूदा व्यवसाय संचालन या अधिग्रहण का लक्ष्य भी निर्धारित नहीं किया गया था।
  • कथन 3 सही है: यदि IPO के दो साल के भीतर अधिग्रहण नहीं किया जाता है, तो SPAC को हटा दिया जाता है और निवेशकों को पैसा वापस कर दिया जाता है।

प्रश्न 2. सरमत (Sarmat) के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. यह एक कनस्तर आधारित, लंबी दूरी की पनडुब्बी रोधी मिसाइल है।
  2. यह भारत और रूस के बीच का एक संयुक्त उद्यम (जेवी) है,जिसमे 70 प्रतिशत स्वदेशी इनपुट का प्रयोग किया गया हैं।

सही विकल्प का चयन कीजिए:

(a)केवल 1

(b)केवल 2

(c)दोनों

(d)कोई भी नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: सरमत या RS-28 सरमत जिसे पश्चिम में “शैतान II” के रूप में भी जाना जाता है, एक रूसी तरल-ईंधन, MIRV से सुसज्जित सुपर-भारी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
  • कथन 2 सही नहीं है: इसे रूस के मेकयेव रॉकेट डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा 2009 से विकसित किया जा रहा है।

प्रश्न 3. यूरोपा (Europa) के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन गलत है/हैं?

  1. बृहस्पति का चंद्रमा यूरोपा सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
  2. सौर मंडल के किसी भी ठोस पिंड की सबसे चिकनी सतह यूरोपा पर पाई जाती है।

सही विकल्प का चयन कीजिए:

(a)केवल 1

(b)केवल 2

(c)दोनों

(d)कोई भी नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: गैनीमेड सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है।
  • यूरोपा सौरमंडल का छठा सबसे बड़ा चंद्रमा है।
  • कथन 2 सही नहीं है: अपनी सतह पर से कटा-फटा और विवर्ण (discolored ) दिखने के बावजूद, यूरोपा को सौर मंडल में किसी भी ठोस वस्तु के लिए सबसे चिकनी सतह माना जाता है।

प्रश्न 4. अटल पेंशन योजना के संबंध में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. इस पेंशन योजना की पात्रता के लिए भारत का कोई भी नागरिक जिसकी आयु 18-50 वर्ष के बीच हो और उसका बैंक या डाकघर में खाता होना जरुरी है।
  2. अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में किया जाने वाला योगदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समान कर लाभ के लिए पात्र है।
  3. यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित है, जो आर्थिक मामलों के विभाग के अधीन है।

सही विकल्प का चयन कीजिए:

(a)केवल 1

(b)केवल 2

(c)केवल 1 और 3

(d)1, 2 और 3

उत्तर : b

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है और जिसके पास बैंक खाता है, इस योजना के लिए पात्र है।
  • कथन 2 सही है: अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में किया जाने वाला योगदान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समान कर लाभ के लिए पात्र है।
  • कथन 3 सही नहीं है: यह पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित है, जो वित्तीय सेवा विभाग (Department of Financial Services) के तहत काम करता है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सा कारक एक उदार लोकतंत्र में स्वतंत्रता की सर्वोत्तम सुरक्षा को सुनिश्चित करता है?PYQ (2021)

(a)एक प्रतिबद्ध न्यायपालिका।

(b)शक्तियों का केंद्रीकरण।

(c)चुनी हुई सरकार।

(d)अधिकारों का विभाजन।

उत्तर: d

व्याख्या:

  • शक्तियों का पृथक्करण विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की तुलना में विभिन्न विंगों पर नियंत्रण और संतुलन सुनिश्चित करता है और शक्ति के संकेंद्रण को रोकता है, जिससे स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। अत: विकल्प d सही है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. ‘सेवा के रूप में बैटरी’ के विचार को बढ़ावा देने से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – ऊर्जा)

प्रश्न 2. FTAs पर हस्ताक्षर करने की बढ़ती तात्कालिकता भारत के विकास के चालक के रूप में वैश्विक व्यापार की सरकार की स्वीकृति का संकेत देती है। विस्तार से चर्चा कीजिए।(250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – अर्थशास्त्र)

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