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A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
रूस में विद्रोह
विषय: भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
मुख्य भाग: भारत के लिए यूक्रेन संकट के निहितार्थ
संदर्भ: रूस में वैगनर समूह के भाड़े के सैनिकों द्वारा विद्रोह।
भूमिका:
- विद्रोही वैगनर समूह ने अपने कदम वापस लेने की घोषणा करने से पहले 24 जून 2023 को मास्को की तरफ मार्च करने की धमकी दी थी।
- यूक्रेन ने इस अराजकता का फायदा उठाते हुए यूक्रेन में रूसी ठिकानों पर नए सिरे से हमला करना शुरू कर दिया है।
- यूक्रेन ने घोषणा की है कि उसकी सेनाओं ने डोनबास क्षेत्र में और अधिक बढ़त हासिल कर ली है, जिससे कई क्षेत्रों में नए जवाबी हमले शुरू हो गए हैं।
- निजी वैगनर सेना ने दक्षिणी रूस में एक प्रमुख सैन्य मुख्यालय पर कब्जा कर लिया था, और क्रेमलिन प्रमुख व्लादिमीर पुतिन की गृह युद्ध की चेतावनी को खारिज करते हुए, राजधानी को अपने अधिकार में लेने के लिए सैनिकों को भेज दिया था।
- लेकिन इस गंभीर सुरक्षा संकट के बीच, वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने घोषणा की है कि उनके सैनिक रूसी राजधानी में रक्तपात से बचने के लिए वापस लौट रहे हैं।
वैगनर समूह क्या है?
- वैगनर समूह पहली बार 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया पर कब्जे के दौरान सामने आया था। यह मूल रूप से ठेकेदारों का एक नेटवर्क है जो किराए पर सैनिकों की आपूर्ति करता है। इस समूह को 2022 में पंजीकृत किया गया था और इसने सेंट पीटर्सबर्ग में अपना नया मुख्यालय खोला था।
- यह संगठन रूस के एक कुलीन वर्गीय व्यक्ति येवगेनी प्रिगोझिन द्वारा समर्थित है।
- वैगनर समूह कथित तौर पर यूक्रेन के अलावा पश्चिम एशिया और अफ्रीका के कई देशों में भी सक्रिय है।
- पिछले साल रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से, कई समाचार रिपोर्टों में दावा किया गया है कि, यह समूह – जिसके यूक्रेन में 50,000 से अधिक भाड़े के सैनिक हैं (ब्रिटेन रक्षा मंत्रालय के अनुसार) – रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन कर रहा है।
- इस समूह पर न केवल यूक्रेन में बल्कि अफ्रीका में भी हजारों लोगों की हत्या, सामूहिक बलात्कार, यातना, जबरन गायब करने और विस्थापन को अंजाम देने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
- हाल ही में, इस पर मार्च 2022 में यूक्रेन के बुचा में नरसंहार, बलात्कार और नागरिकों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया गया था।
वैगनर समूह और रूसी सेना के बीच मतभेद क्यों हो गए हैं?
- प्रिगोझिन ने रूसी सेना पर समूह के शिविरों पर हमला करने और “बड़ी संख्या में लड़ाकों” को मारने का आरोप लगाया है।
- उन्होंने आगे आरोप लगाया कि रूसी सैन्य अधिकारियों ने यूक्रेन के साथ संघर्ष में शामिल होने के उद्देश्यों के बारे में पुतिन को धोखा दिया है।
- रूस ने वैगनर समूह के मॉस्को की तरफ मार्च को “तख्तापलट” बताया है।
- वैगनर समूह और रूसी सेना के बीच मई की शुरुआत में टकराव हुआ था। इस घटना के दौरान, प्रिगोझिन ने असंतोष व्यक्त करते हुए दावा किया था कि रूसियों ने शहर पर कब्जा करने के लिए उसके लड़ाकों को पर्याप्त रूप से गोला-बारूद उपलब्ध नहीं कराया था। उसने अपने लड़ाकों को युद्ध से हटा लेने की धमकी भी दी थी।
सारांश:
- विद्रोही वैगनर समूह के भाड़े के सैनिकों ने पीछे हटने से पहले रूस को धमकी दी, जिससे यूक्रेन को रूसी स्थिति के खिलाफ नए हमले शुरू करने का मौका मिल गया। इस समूह के नेता ने रूसी सेना पर पुतिन पर हमला करने और उन्हें धोखा देने का आरोप लगाया है।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में और पढ़ें: Russia-Ukraine Conflict
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
चीन-पाकिस्तान परमाणु समझौता
विषय: भारत और उसके पड़ोसी-संबंध
मुख्य परीक्षा: चीन-पाकिस्तान के बीच हालिया परमाणु समझौते के व्यापक निहितार्थ
संदर्भ: चीन और पाकिस्तान के बीच परमाणु ऊर्जा संयंत्र को लेकर हालिया समझौता।
भूमिका:
- चीन और पाकिस्तान ने 20 जून को पाकिस्तान के चश्मा परमाणु परिसर में 1,200 मेगावाट की परमाणु ऊर्जा सुविधा स्थापित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- $4.8 बिलियन की कथित कीमत के साथ, यह समझौता पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऊर्जा और आर्थिक मंदी से जूझ रहा है।
- इस परमाणु समझौते के निहितार्थ पाकिस्तान से आगे तक हैं। इस समझौते से परमाणु व्यापार के वैश्विक विनियमन के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं क्योंकि चीन ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) से आवश्यक छूट प्राप्त किए बिना समझौता किया है।
इस समझौते के बारे में:
- नया रिएक्टर चश्मा परमाणु परिसर (C-5) में पांचवां रिएक्टर होगा।
- C-5 चश्मा में सबसे बड़ा रिएक्टर होगा, जहां चीन ने पहले ही परिसर (कॉम्प्लेक्स) के चार चरणों का निर्माण कर लिया है, जिसमें लगभग 325 मेगावाट के चार रिएक्टर होंगे।
- इसमें चीन के हुआलोंग वन रिएक्टर का उपयोग किया जाएगा, जिसे कराची में दो संयंत्रों में भी स्थापित किया गया है।
- पाकिस्तान वर्तमान में चीन निर्मित छह परमाणु संयंत्रों (चश्मा कॉम्प्लेक्स में 4 छोटे रिएक्टर और कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KANUPP) में 2 रिएक्टर) का संचालन कर रहा है।
- KANUPP-3 के लिए एक समझौते पर 2013 में हस्ताक्षर किए गए थे, जिस वर्ष चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) लॉन्च की थी, और यह BRI के चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के हिस्से के रूप में एक प्रमुख ऊर्जा परियोजना बन गई थी।
व्यापक निहितार्थ:
- NSG द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण पाकिस्तान के साथ चीन के असैन्य परमाणु सहयोग को जांच का सामना करना पड़ा है।
- NSG सदस्य देशों को उन देशों को परमाणु प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करने से रोकता है जिन्होंने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
- हालांकि, चीन 2004 में NSG का सदस्य बन गया था, लेकिन उसने तर्क दिया कि चश्मा 3 और चश्मा 4 रिएक्टरों को NSG सदस्यता से पहले पाकिस्तान के साथ किये गए पिछले समझौतों के कारण छूट दी गई थी।
यह भारत-अमेरिका परमाणु समझौते से कितना अलग है?
- चीनी विश्लेषकों ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का हवाला देकर इस परमाणु सहयोग को उचित ठहराने का प्रयास किया है।
- हालांकि, दोनों मामलों के बीच उल्लेखनीय अंतर हैं।
- भारत-अमेरिका समझौते के लिए NSG से छूट की आवश्यकता थी, जो 2008 में दी गई, जिससे भारत को वैश्विक परमाणु व्यापार में भाग लेने की अनुमति मिल गई।
- भारत को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के सुरक्षा उपायों के तहत सुविधाओं को रखने, नागरिक और सैन्य परमाणु कार्यक्रमों को अलग करने तथा परीक्षण पर रोक बनाए रखने जैसी प्रतिबद्धताएं निभानी पड़ीं।
- दूसरी ओर, चीन ने NSG से छूट की मांग नहीं की और पाकिस्तान ने भी ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है। चीन ने तर्क दिया है कि रिएक्टरों पर IAEA सुरक्षा उपाय पर्याप्त होंगे।
- इसके अतिरिक्त, चीन के विरोध ने NSG का पूर्ण सदस्य बनने के भारत के प्रयास को बाधित कर दिया है, क्योंकि चीन ने 2015 में भारत की सदस्यता को पाकिस्तान की सदस्यता से जोड़ दिया था, जिससे इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हुई।
- इन हालिया समझौतों के कारण वैश्विक परमाणु व्यापार नियमों के क्षरण के बारे में विशेषज्ञों द्वारा चिंता व्यक्त की गई है, जो NSG के भविष्य और महत्व तथा वैश्विक परमाणु व्यापार के प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं।
सारांश:
- चीन और पाकिस्तान ने पाकिस्तान में 1,200 मेगावाट के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए 4.8 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता वैश्विक परमाणु व्यापार नियमों के बारे में चिंता पैदा करता है और भारत की NSG सदस्यता पहल में बाधा डालता है। विशेषज्ञ NSG के भविष्य पर सवाल उठा रहे हैं।
प्रीलिम्स तथ्य:
- भारत-अमेरिका MQ-9B रीपर ड्रोन सौदा
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
प्रारंभिक परीक्षा: मानव रहित हवाई वाहन
संदर्भ:
- 31 MQ-9B सशस्त्र हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) मानवरहित हवाई वाहन (UAV) की खरीद के लिए सौदा।
मुख्य विवरण:
- केंद्रीय रक्षा मंत्रालय जल्द ही विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के माध्यम से 31 MQ-9B सशस्त्र हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) मानव रहित हवाई वाहन (UAV) की खरीद के लिए अमेरिका को अनुरोध पत्र (LoR) जारी करने वाला है।
- सौदे में स्वदेशी सामग्री और सोर्सिंग को बढ़ाने के लिए चर्चा चल रही है। इसे प्रस्तावित 8-9% से बढ़ाकर 15-20% करने का लक्ष्य है।
- कुछ घटकों और इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्माण संभावित रूप से भारत में किया जा सकता है, तथा जनरल एटॉमिक्स समझौते के हिस्से के रूप में भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग कर रहा है।
- राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि MQ-9B को भारत में बनाया जाएगा, जिससे सशस्त्र बलों की खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं में वृद्धि होगी।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की क्षमता और उनकी लागत-प्रभावशीलता के कारण भारतीय नौसेना की इन मानव रहित वाहनों में विशेष रुचि है।
MQ-9B ड्रोन के बारे में और पढ़ें: MQ-9B Drone
महत्वपूर्ण तथ्य:
- अमेरिका 100 से अधिक भारतीय पुरावशेषों को वापस करेगा:
- तमिलनाडु पुलिस की आइडल विंग-सीआईडी (IW-CID) ने अमेरिकी अधिकारियों की सहायता से तमिलनाडु में स्थित चोल-काल के मंदिरों से चुराई गई 16 मूल्यवान प्राचीन मूर्तियों को बरामद करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
- हाल ही में अमेरिका के संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में पाई गई मूर्तियाँ कोरुक्कई, मयिलादुरई, वीरचोलापुरम, कल्लाकुरिची और अलाथुर, मन्नारकुडी के मंदिरों से चुराई गई थीं।
- IW-CID मूर्तियों को उनके संबंधित मंदिरों में वापस लाने के लिए होमलैंड सिक्योरिटी और मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय जैसी अमेरिकी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
- चोरी की गई मूर्तियों से संबंधित साक्ष्य और दस्तावेज संबंधित अमेरिकी अधिकारियों को सौंप दिए गए थे, जिन्होंने सफलतापूर्वक उनका पता लगा लिया है।
- जांचकर्ताओं ने प्रलेखित मूर्तियों की तस्वीरें इकट्ठा करने के लिए फ्रांसीसी इंस्टीट्यूट ऑफ पांडिचेरी के साथ सहयोग किया और दुनिया भर में संग्रहालयों और कला दीर्घाओं में उनकी खोज के लिए विशेष टीमों का गठन किया।
- व्यापक प्रयासों के माध्यम से, शिव, पार्वती, नटराज, सुंदरर और परवई नचियार, वीणाधारा/दक्षिणमूर्ति, और नंदिकेश्वर सहित गायब मूर्तियां संयुक्त राज्य अमेरिका में क्लीवलैंड संग्रहालय और क्रिस्टी नीलामी घर में पाई गईं थीं।
- हाथी स्थानांतरण और मानव-पशु संघर्ष:
- हाल ही में केरल के एक हाथी ‘अरीकोम्पन’ का तमिलनाडु के कलक्कड़ मुंडनथुराई वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरण सफल स्थानांतरण में शामिल जटिलताओं को उजागर करता है।
- स्थानांतरण का उद्देश्य दो स्तरीय है:
- खाद्य फसलों पर संभावित हमलों को रोकने के साथ-साथ ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए हाथी को वन्य जीवन जीने का एक नया मौका देना।
- वन विभाग एक हितधारक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो जानवरों और मनुष्यों दोनों की भलाई का महत्वपूर्ण कार्य करता है।
- संरक्षणवादियों का सुझाव है कि जहाँ स्थानांतरण और उन्हें पकड़ना अस्थायी उपाय हैं, वहीँ सह-अस्तित्व के क्षेत्रों को बढ़ावा देना, गैर-स्वादिष्ट फसलों की खेती करना, आवासों को बहाल करना और निगेटिव कंडीशनिंग (negative conditioning) विधियों के प्रयोग से मानव-हाथी संघर्ष को अधिक प्रभावी ढंग से कम करने में मदद मिल सकती है।
- हाथियों की दीर्घकालिक भलाई के लिए उन्हें बार-बार स्थानांतरण और चोट पहुंचाने के बजाय हाथी शिविरों में स्थानांतरित करने जैसे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
- नए सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART) नियम:
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में दाताओं और रोगियों के लिए चिकित्सा देखभाल और सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विनियम (ART), 2023 पेश किया था।
- हालाँकि, नए प्रावधान के कारण चिकित्सा लागत में वृद्धि हो रही है और सीमित दाता संसाधनों के कारण डॉक्टरों तथ्य ART की मदद लेने के इच्छुक जोड़ों के लिए चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं।
- सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी संबंधी प्रावधान एक दाता द्वारा कितनी बार दान किया जा सकता है, इस पर सीमा लगाते हैं और दाताओं के लिए आयु सीमा निर्दिष्ट करते हैं।
- अंडाणु/शुक्राणु दाता विवाहित होने चाहिए और उनका कम से कम एक जीवित बच्चा होना चाहिए। वे अपने जीवनकाल में केवल एक बार अंडाणु दान कर सकते हैं और सात से अधिक अंडाणुओं को उससे प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
- कोई भी सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी बैंक एकल दाता से ART सेवाएं चाहने वाले एक से अधिक जोड़े को प्रजनन कोशिकाओं की आपूर्ति नहीं कर सकता है।
- ART सेवाएं चाहने वाले पक्षों को अंडाणु दाता को बीमा कवरेज प्रदान करना आवश्यक है। क्लीनिकों को पूर्व-निर्धारित लिंग का बच्चा देने से प्रतिबंधित किया गया है, और भ्रूण प्रत्यारोपण से पहले आनुवंशिक रोग की जांच करना अनिवार्य है।
- विशेषज्ञों ने जहाँ सुरक्षा और पारदर्शिता का स्वागत किया गया है, वहीं ART सेवा के इच्छुक जोड़ों के लिए उपयुक्त दाताओं को खोजने के अवसरों को सीमित करने वाले सीमाओं के बारे में चिंता व्यक्त की है।
- नए सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी कानूनों के साथ – साथ प्रजनन दर में गिरावट से और अधिक चुनौतियां प्रकट होने की आशंका है क्योंकि ये भारत और विश्व स्तर पर दाताओं की उपलब्धता को और सीमित कर देंगे।
मानव-वन्यजीव संघर्ष के बारे में और पढ़ें: Human-Wildlife conflict
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. प्रायः चर्चा में देखा जाने वाला वैगनर समूह निम्नलिखित में से क्या है?
- रूसी अर्धसैनिक संगठन
- चीन समर्थित हैकिंग समूह
- अमेरिका स्थित एक गैर-सरकारी मिलिशिया संगठन
- ईरानी हैकर समूह
उत्तर: a
वैगनर समूह (ग्रुप) जिसे PMC वैगनर के नाम से भी जाना जाता है, एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है। यह माना जाता है कि इसकी स्थापना 2014 में हुई थी।
प्रश्न 2. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) के सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह एक बहुपक्षीय परमाणु निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है।
- NSG का गठन 1974 में भारत द्वारा किए गए परमाणु परीक्षणों के परिणामस्वरूप किया गया था।
- भारत NSG का सदस्य नहीं है।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीन
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
सभी तीनों कथन सही हैं।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के बारे में और पढ़ें: Nuclear Suppliers Group
प्रश्न 3. हाल ही में चर्चा में रहा ‘वीरचोलापुरम’ निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध है?
- सूर्य मंदिर
- तिरुवलंगाडु तांबे की प्लेट
- त्रिपुरसुंदरी मूर्ति
- शिव मंदिर
उत्तर: d
- कल्लाकुरिची जिले में मौजूद वीरचोलापुरम मंदिर अपने शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह चर्चा में था क्योंकि चोल-युग के मंदिरों से चोरी हो गई या गायब हो गई कुछ मूर्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
प्रश्न 4. सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?
- कर्नाटक
- तमिलनाडु
- केरल
- तेलंगाना
उत्तर: b
- सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व तमिलनाडु के इरोड जिले में पूर्वी घाट में एक संरक्षित क्षेत्र और टाइगर रिजर्व है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
- इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)
- अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI)
- क्रायोप्रिजर्वेशन
उपर्युक्त में से कितनों को सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART) के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीन
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
- सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART), जैसा कि आमतौर पर समझा जाता है, में इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF), अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI), अंडाणु और शुक्राणु दान, क्रायोप्रिजर्वेशन जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं और इसमें सरोगेसी भी शामिल है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. रूस में हाल ही में हुए विद्रोह के प्रयास तथा रूस की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक भू-राजनीति पर पड़ने वाले इसके प्रभाव का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)
प्रश्न 2. मनरेगा में आधार आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS) के अनिवार्य क्रियान्वयन के फायदे और नुकसान पर टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)