Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 26 March, 2023 UPSC CNA in Hindi

26 मार्च 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

  1. ऑनलाइन RTI पोर्टल

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) का विकास

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. भारत ने टीबी की दवा पर J&J के पेटेंट को क्यों खारिज कर दिया?
  2. क्या मेगा टेक्सटाइल पार्क इस सेक्टर को बढ़ावा देने में मदद करेंगे?

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. फैटी लीवर रोग

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. अंजी खड्ड पुल
  2. परमाणु ईंधन की उत्पत्ति

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

ऑनलाइन RTI पोर्टल

विषय: शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पहलू

मुख्य परीक्षा: पारदर्शिता जैसे सुशासन के तत्वों को प्राप्त करने में RTI की भूमिका।

संदर्भ:

  • ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल पर उच्चतम न्यायालय का निर्देश।

भूमिका:

  • भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली उच्चतम न्यायालय की पीठ ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन महीने के भीतर ऑनलाइन सूचना का अधिकार (RTI) पोर्टल स्थापित करने और संचालित करने का निर्देश दिया है।
  • पीठ ने राज्यों के उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरलों को भी उनके संबंधित उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों में ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने और संचालित करने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
  • प्रवासी लीगल सेल (Pravasi Legal Cell) द्वारा दायर एक याचिका में तर्क दिया गया कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (1) में यह निर्धारित किया गया है कि सूचना प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करने का वैधानिक अधिकार है।
    • हालाँकि, कई उच्च न्यायालय और अधिकांश जिला अदालतें केवल भौतिक रूप से किए गए RTI आवेदनों पर ही विचार करती हैं।
  • उच्चतम न्यायालय ने नवंबर 2022 में नागरिकों को अदालत से संबंधित मामलों में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत आवेदन दाखिल करने और उन तक पहुंचने में मदद करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया था।
    • इस वेब पोर्टल का उपयोग केवल भारतीय नागरिक ही आवेदन दाखिल करने के लिए कर सकते हैं।

ऑनलाइन RTI पोर्टल का महत्व:

  • इंटरनेट कनेक्शन के साथ कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन RTI पोर्टल का आसानी से उपयोग कर सकता है, जिसका अर्थ है कि देश के सभी हिस्सों के लोग सरकारी कार्यालयों की यात्रा किए बिना वहां से सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
  • यह पोर्टल 24/7 उपलब्ध है, जो कार्यालय के खुलने या बंद होने के समय की प्रतीक्षा किए बिना किसी भी समय अनुरोध दर्ज करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल यह पोर्टल समय और प्रयास बचा सकता है।
  • ऑनलाइन RTI पोर्टल नागरिकों को समय पर और कुशल तरीके से जानकारी उपलब्ध कराकर पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। इससे भ्रष्टाचार को कम करने और सरकार की जवाबदेही बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

सारांश:

  • उच्चतम न्यायालय ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और उच्च न्यायालयों को शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन महीने के भीतर ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने का निर्देश दिया है। यह कदम सरकार तक पहुंच, सहूलियत, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) का विकास

विषय: वृद्धि, विकास और रोजगार

मुख्य परीक्षा: भारत के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र का महत्व

संदर्भ:

  • इस लेख में भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई है।

मुख्य विवरण:

  • वित्त मंत्रालय ने इस “धारणा” को खारिज करने की मांग की है कि भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) का विकास स्थिर हो गया है। मंत्रालय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए यह मांग की है जिसमें दावा किया गया है कि हाल के वर्षों में छोटी फर्में बड़ी इकाइयों में विकसित हो रही हैं।
  • मंत्रालय के अनुसार, सूक्ष्म इकाइयों (Micro Units) से विकसित होकर लघु इकाइयों (Small Units) में परिवर्तित होने वाली इकाइयों की संख्या 2021-22 के 28,881 से बढ़कर 2022-23 में 65,140 हो गई है।
  • MSME क्षेत्र ने विनिर्माण, सेवा और व्यापार इकाइयों के बीच उर्ध्वगामी अंतर-श्रेणी गतिशीलता (upward inter-category mobility) देखी है।
  • ‘लघु’ इकाइयों से विकसित होकर ‘मध्यम’ इकाइयों में परिवर्तित होने वाली इकाइयों की संख्या में भी 75% की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2022 के 3,699 से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 6,474 हो गई है।
    • ये उर्ध्वगामी गतिशील इकाइयां महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक से हैं।
  • हालांकि, उद्योग के प्रतिनिधियों को मंत्रालय के निष्कर्षों पर संदेह है।
    • एसोसिएशन ऑफ इंडियन एंटरप्रेन्योर्स, जो MSME के एक हालिया सर्वेक्षण से जुड़ा था, के अनुसार 72% MSME का विकास पिछले पांच वर्षों में स्थिर हो गया है।

MSME क्षेत्र:

  • MSME क्षेत्र अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। MSME क्षेत्र का 2020-21 तक समग्र सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 26.8% और विनिर्माण GVA में 38.5% की हिस्सेदारी थी।
  • उद्यमशीलता संस्कृति को विकसित करने में इस क्षेत्र का योगदान गुणात्मक रूप से महत्वपूर्ण है।
  • विनिर्माण क्षेत्र एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है, जो इस क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार सृजित करता है।

MSME क्षेत्र के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: MSME Sector

उद्यम पोर्टल:

  • उद्यम पोर्टल भारत में MSME के पंजीकरण और वर्गीकरण के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा जुलाई 2020 में शुरू किया गया एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। इस पोर्टल ने उद्योग आधार पंजीकरण की पुरानी प्रणाली को प्रतिस्थापित कर दिया है।
  • MSME अपना आधार नंबर, पैन नंबर और अन्य विवरण जैसे व्यवसाय का नाम, उद्यम का प्रकार और बैंक खाते की जानकारी प्रदान करके उद्योग पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण प्रक्रिया निःशुल्क है और पूरी तरह से ऑनलाइन है।
  • उद्यम पोर्टल MSME के टर्नओवर (कारोबार) और संयंत्र तथा मशीनरी या उपकरण में निवेश के आधार पर वर्गीकरण की भी अनुमति देता है।
  • उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण के लाभों में ऋण, सब्सिडी और विभिन्न अन्य सरकारी योजनाओं तक आसान पहुंच शामिल है।
  • यह MSME को एक विशिष्ट पहचान संख्या भी प्रदान करता है, जिसका उपयोग विभिन्न व्यावसायिक लेनदेन और सरकार से लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
  • कुल मिलाकर उद्यम पोर्टल का उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाकर और उनके विकास के लिए विभिन्न लाभ तथा अवसर प्रदान करके भारत में MSME के विकास को बढ़ावा देना है।

सारांश:

  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस दावे का खंडन किया है कि भारत के MSME का विकास स्थिर हो गया है। मंत्रालय ने आंकड़ों का हवाला देते हुए इस दावे का खंडन किया है जिसमें बताया गया है कि हाल के वर्षों में छोटी फर्में बड़ी इकाइयों में विकसित हो रही हैं। हालांकि, उद्योग प्रतिनिधियों ने उद्यम पोर्टल पर MSME के गलत पंजीकरण का हवाला देते हुए मंत्रालय द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर संदेह जताया है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

भारत ने टीबी की दवा पर J&J के पेटेंट को क्यों खारिज कर दिया?

विषय: बौद्धिक संपदा अधिकार

प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय पेटेंट अधिनियम; तपेदिक

मुख्य परीक्षा: टीबी दवाओं के लिए पेटेंट आवेदन

संदर्भ:

  • जॉनसन एंड जॉनसन के एक पेटेंट आवेदन को भारतीय पेटेंट कार्यालय ने खारिज कर दिया था।

विवरण:

  • जॉनसन एंड जॉनसन (J&J) द्वारा बेडाक्विलाइन दवा पर अपने पेटेंट का जुलाई 2023 से आगे विस्तार करने के लिए किए गए एक आवेदन को भारतीय पेटेंट कार्यालय द्वारा खारिज कर दिया गया था।
    • बेडाक्विलाइन ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • इससे दवा निर्माताओं को बेडाक्विलाइन के जेनेरिक वर्जन का उत्पादन करने और इसे और अधिक किफायती बनाने में मदद मिलेगी।
  • यह 2025 तक टीबी को खत्म करने के भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

साथ ही इसे पढ़िए: Patents Act in India| Patent Law- Designs and Trademarks, Advantages

ड्रग रेसिस्टेंट टीबी और इसका उपचार:

  • भारत में मल्टी-ड्रग-रेसिस्टेंट (multi-drug-resistant- MDR) टीबी और व्यापक ड्रग-रेसिस्टेंट (extensively-drug-resistant- XDR) टीबी (2017 के निष्कर्षों के अनुसार) के मामलों की संख्या विश्व के कुल मामलों का लगभग एक-चौथाई है।
    • MDR टीबी के मामले में आइसोनियाज़िड और रिफैम्पिसिन नामक कम से कम दो फ्रंटलाइन दवाओं द्वारा उपचार का प्रतिरोध देखा जाता है।
    • XDR टीबी के मामले में आइसोनियाजिड, रिफैम्पिसिन, फ्लोरोक्विनोलोन और किसी भी दूसरी पंक्ति की इंजेक्टेबल दवा द्वारा उपचार का प्रतिरोध देखा जाता है। 2017 में XDR टीबी के लगभग 2650 मामले थे।
  • 2021 में भारत में MDR टीबी के लगभग 124000 मामले थे।
  • भारत में टीबी के मामलों में कमी के बावजूद, MDR और XDR टीबी स्थानीय स्तर पर इस बीमारी को खत्म करने के प्रयासों को खतरे में डालते हैं।
  • इसके अलावा, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान, दवाओं की अनुपलब्धता और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण कोविड-19 महामारी ने दो साल तक इस बीमारी के उपचार को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
  • दवा की खुराक का सख्ती से अनुपालन करके टीबी का इलाज किया जा सकता है। दवा सूची का सही से अनुपालन न करने के परिणामस्वरूप बैक्टीरिया दवा प्रतिरोधी (ड्रग रेसिस्टेंट) बन सकता है।
  • ड्रग रेसिस्टेंट (दवा प्रतिरोधी) टीबी का इलाज करना कठिन होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2018 में, MDR टीबी के लिए इंजेक्शन से दी जाने वाली दो दवाओं के स्थान पर बेडाक्विलाइन युक्त मौखिक दवा को मंजूरी दी थी।

बेडाक्विलाइन

  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि दूसरी पंक्ति के उपचार के विकल्प ज्यादातर इंजेक्ट किए जाते हैं और इसके सुनने की शक्ति के नुकसान जैसे गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। बेडाक्विलाइन टैबलेट के रूप में उपलब्ध है और कम हानिकारक है।
  • हालांकि, यह पाया गया कि इसका हृदय और यकृत पर प्रभाव पड़ सकता है और इस प्रकार उपचार के अंतिम उपाय के रूप में इसकी सिफारिश की जाती है।
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार, राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत MDR टीबी के प्रोग्रामेटिक प्रबंधन के हिस्से के रूप में बेडाक्विलाइन का उपयोग किया जाना चाहिए।

पेटेंट उपचार की अस्वीकृति के बारे में विवरण:

  • J&J का पेटेंट आवेदन बेडाक्विलाइन गोलियों के उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले एक यौगिक के फ्यूमरेट लवण के लिए था।
  • आवेदन का इस आधार पर पर विरोध किया गया था कि बेडाक्विलाइन की “ठोस दवा संरचना” का उत्पादन करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली विधि “स्पष्ट” है और इसके लिए “आविष्कार संबंधी कार्रवाई” (inventive step) की आवश्यकता नहीं है।
    • भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 2 (1) (ja) में “आविष्कार संबंधी कार्रवाई” से किसी आविष्कार का ऐसा अभिलक्षण अभिप्रेत है, जो आविष्कार को “कला में कुशल व्यक्ति के लिए स्पष्ट नहीं बनाता है”।
  • यह भी तर्क दिया गया था कि वर्तमान आवेदन काफी हद तक पिछले पेटेंट (WO 2004/011436) पर आधारित था। यह 2002 में चर्चा किए गए यौगिक के समान है।
  • विरोधी समूहों ने ‘एवरग्रीनिंग’ जो भारत में अस्वीकृत है, के कृत्य पर भी प्रकाश डाला।
    • एवरग्रीनिंग एक ऐसी विधि है जिसमें पेटेंट-मालिक लगातार अपने अधिकारों का विस्तार करता है और/या एक ही उत्पाद के लिए कई पेटेंट लागू करता है।
  • पेटेंट कार्यालय ने इन आधारों पर आवेदन को खारिज कर दिया। इसने अधिनियम की धारा 3d और 3e का भी उल्लेख किया।

पेटेंट आवेदन की अस्वीकृति के परिणाम:

  • बेडाक्विलाइन पर J&J के पेटेंट के परिणामस्वरूप इस दवा की कीमत प्रति व्यक्ति $400 हो गई थी।
  • आवेदन की अस्वीकृति से दवा की लागत में 80% की कमी आएगी।
  • जुलाई 2023 के बाद, जेनेरिक दवाओं के अन्य निर्माता बेडाक्विलाइन के जेनेरिक संस्करण का उत्पादन कर सकते हैं।

संबंधित लिंक:

Nikshay Poshan Yojana (NPY) – India Tuberculosis Report

सारांश:

  • भारत में टीबी के मामलों का अत्यधिक बोझ है। एक बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनी के पेटेंट आवेदन की अस्वीकृति बीमारी के लिए जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने और 2025 तक टीबी को खत्म करने के देश के प्रयास को दर्शाती है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

क्या मेगा टेक्सटाइल पार्क इस सेक्टर को बढ़ावा देने में मदद करेंगे?

विषय: वस्त्र उद्योग

प्रारंभिक परीक्षा: वस्त्र उद्योग

मुख्य परीक्षा: पीएम मित्र योजना और भारत का वस्त्र क्षेत्र।

विवरण:

  • भारत सरकार ने ₹4445 करोड़ की पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA – पीएम मित्र) योजना के तहत सात मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की घोषणा की है।
  • इस योजना का उद्देश्य कपड़ा मूल्य श्रृंखला को एक पारिस्थितिकी तंत्र में सुव्यवस्थित करना है। यह 70,000 करोड़ रुपये का निवेश उत्पन्न कर सकता है।
  • इसके अलावा, यह 20 लाख नौकरियों का सृजन कर सकता है।

पीएम मित्र योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां पढ़ें: https://byjus.com/free-ias-prep/pm-mitra-parks

पीएम मित्र और पिछली योजनाओं के बीच अंतर:

  • कपड़ा और परिधान क्षेत्र के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए परिधान पार्क योजना और एकीकृत वस्त्र पार्क योजना क्रमशः 2002 और 2005 में शुरू की गई थी।
  • पीएम मित्र योजना अन्य योजनाओं से अलग है क्योंकि यह निम्नलिखित पर जोर देती है:
    • बड़े पैमाने पर उत्पादन
    • प्लग-एंड-प्ले निर्माण केंद्रों का प्रावधान
  • इसके अलावा, वस्त्र क्षेत्र में अंतर्निहित सामर्थ्य वाले राज्यों में टेक्सटाइल पार्क (कपड़ा पार्क) स्थापित किए जाएंगे।

MSME पर पीएम मित्र का प्रभाव:

  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र भारत में वस्त्र और परिधान उद्योग का लगभग 80% कवर करता है।
  • विशेष रूप से, भारतीय कपड़ा और वस्त्र इकाइयां ज्यादातर कपास आधारित हैं।
  • पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति में बदलाव आया है और विदेशी खरीदार चीन और अन्य देशों में विकल्प तलाश रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आपूर्ति श्रृंखला में उल्लेखनीय बदलाव आया है।
  • छोटे और स्टैंडअलोन निर्माताओं की तुलना में लंबवत एकीकृत (vertically integrated) सुविधाओं वाले निर्माता अधिक लाभ में हैं।
  • एकीकृत और बड़ी सुविधाएं उद्योग की निवेश योजना को गति देंगी और निर्यात को बढ़ावा देंगी। इस प्रकार, पीएम मित्र योजना सही दिशा में एक कदम है क्योंकि इसमें मौजूदा चुनौतियों का ध्यान रखा गया है और उन्हें कम करने की कोशिश की गई है।

साथ ही, इसे भी पढ़िए: Samarth Scheme – Scheme For Capacity Building In Textile Sector (SCBTS)

सांख्यिकीय विवरण:

  • भारतीय कपड़ा और परिधानों का निर्यात पिछले चार वर्षों में लगभग $40 बिलियन के निशान पर स्थिर हो गया है।
  • इसका उद्देश्य निर्यात में $100 बिलियन का लक्ष्य और 2030 तक घरेलू रूप से $ 250 बिलियन का लक्ष्य प्राप्त करना है।
  • इसके अलावा, कुल कपड़ा और परिधान निर्यात में कपास-आधारित उत्पादों की 65% हिस्सेदारी है।
  • वस्त्र क्षेत्र में भारत के निर्यात में मुख्य रूप से यार्न, बेडशीट, तौलिए, टी-शर्ट और डेनिम फैब्रिक शामिल हैं।
  • वैश्विक बाजार में भारत का हिस्सा 5% है।

भावी कदम:

  • उद्योग के लिए कच्चे माल के चरण से मूल्य प्रतिस्पर्धी होना और अंतरराष्ट्रीय मांगों की स्थिरता तथा ट्रेसबिलिटी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
  • राज्य सरकार को पीएम मित्र योजना का समर्थन करना चाहिए। राज्यों को प्रदूषण नियंत्रण और मूल्य-वर्धक खंडों जैसे मुद्दों के लिए स्थायी और लागत प्रभावी समाधान प्रदान करना चाहिए।
  • भारत को तुर्की जैसे देशों से सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना चाहिए जिनके पास अत्यधिक कुशल एकीकृत वस्त्र पार्क हैं।
  • केंद्रीय और राज्य सरकारों को निवेश बढ़ाने के लिए MSME इकाइयों को प्रोत्साहित करना चाहिए।

संबंधित लिंक:

National Technical Textiles Mission – Objectives & Components [UPSC Notes]

सारांश:

  • वस्त्र (कपड़ा) उत्पादन और निर्यात के लिए प्रमुख गंतव्य बनने के लिए, MSME, राज्य और केंद्र सरकार जैसे सभी हितधारकों की ओर से सहयोग महत्वपूर्ण है। पीएम मित्र योजना सही दिशा में एक कदम है जिसका उद्देश्य देश में वस्त्र पारिस्थितिकी तंत्र को एकीकृत करना है।

प्रीलिम्स तथ्य:

  1. फैटी लीवर रोग

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

विषय: स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे

प्रारंभिक परीक्षा: जीवनशैली संबंधी विकार; गैर-संचारी रोग

संदर्भ:

  • इस लेख में फैटी लिवर रोग पर अपर्याप्त नींद के प्रभाव पर चर्चा की गई है।

मुख्य विवरण:

  • एक अध्ययन से पता चला है कि अपर्याप्त नींद गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग के विकास में सहायक होती है, और पर्याप्त नींद इसे रोकने में मदद करती है।
  • लैब में चूहों पर किए गए कई प्रयोगों में अपर्याप्त नींद के प्रभाव को दिखाया गया है जिससे लिवर एंजाइम, रक्त और लीवर फैट में वृद्धि होती है।
  • अपर्याप्त नींद लीवर कोशिकाओं और कुछ जीनों की गतिविधि को प्रभावित करती है जो इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाती है और लीवर कोशिकाओं के भीतर वसा की मात्रा भी बढ़ जाती है।
  • तनाव और खतरे से निपटने में मददगार लीवर को आपूर्ति करने वाली अनुकंपी तंत्रिकाएं अपर्याप्त नींद लेने वाले लोगों में अतिसक्रिय थीं।
  • अनुशंसित सात-आठ घंटे की नींद के समय में हर एक घंटे की कमी के साथ, पर्याप्त नींद लेने वालों की तुलना में अपर्याप्त नींद लेने वाले लोगों के लीवर में वसा जमा होने का जोखिम 24% बढ़ जाता है।

नींद का महत्व:

  • नींद मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण कार्य है और जीवन काल का एक तिहाई हिस्सा है। सामान्य धारणा के विपरीत, नींद के दौरान, मस्तिष्क ‘आराम’ नहीं करता है, बल्कि स्वास्थ्य में सुधार, जीवनकाल में वृद्धि और विशेष रूप से यकृत को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने के लिए आवश्यक विभिन्न गतिविधियों में संलग्न होता है।
  • यूरोप के लगभग 55,500 लोगों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग रोजाना 7-8.5 घंटे सोते थे, उनकी जीवन प्रत्याशा उन लोगों की तुलना में अधिक थी, जो सात घंटे से कम सोते थे।
  • नींद में बिना किसी व्यवधान के 50 और 75 की उम्र के बीच के लोगों के, पुरानी बीमारी के विकास के बिना लंबे समय तक जीने की उम्मीद काफी अधिक थी।

गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग:

  • गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) उन लोगों को प्रभावित करने वाली यकृत परिस्थितियों की एक श्रृंखला के लिए एक छत्र शब्द (umbrella term) है जो बहुत कम या बिल्कुल भी शराब नहीं पीते हैं।
  • NAFLD का मुख्य लक्षण लीवर कोशिकाओं में बहुत अधिक मात्रा में वसा का जमा होना है।
  • गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग प्रारंभिक चरण में आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है, हालांकि, NAFLD से पीड़ित व्यक्ति में गैर-अल्कोहल स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) विकसित हो सकता है, जो फैटी लीवर रोग का एक आक्रामक रूप है, जिससे यकृत में सूजन आ जाती है और सिरोसिस बीमारी तथा यकृत विफल हो सकता है।
    • यह नुकसान भारी शराब के सेवन से होने वाली क्षति के समान है।
  • लीवर में वसा का उच्च स्तर होने से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और गुर्दे की बीमारी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • मधुमेह रोगियों में NAFLD बढ़ने से हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • यदि NAFLD का प्रारंभिक चरण में पता चल जाता है और इसे प्रबंधित किया जाता है, तो इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है और यकृत में वसा की मात्रा को कम किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. अंजी खड्ड पुल:
  • अंजी खड्ड पुल जम्मू-बारामूला लाइन के कटरा और रियासी खंड को जोड़ने वाली अंजी खड्ड नदी पर एक निर्माणाधीन केबल-स्टे ब्रिज है।
  • यह भारत का पहला केबल आधारित रेलवे पुल है।
  • इसे एकल तोरण (एक बड़ी ऊर्ध्वाधर टॉवर जैसी संरचना) द्वारा आधार दिया गया है जो नदी तल से 1,086 फीट ऊँचा (77 मंजिला इमारत की ऊँचाई के बराबर) है।
  • पुल 326 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ श्रीनगर के माध्यम से जम्मू से बारामूला को जोड़ने वाली ट्रेनों के लिए एकल ब्रॉड-गेज ट्रैक का मार्ग प्रशस्त करेगा।
  • यह परियोजना उत्तर रेलवे द्वारा शुरू की गई थी और इसे कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KRCL) और हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।
  • इस पुल के निर्माण की कल्पना पहली बार 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान की गई थी, और इसे “राष्ट्रीय परियोजना” घोषित किया गया था।
  • पुल निर्माण स्थल से निकटतम सीमा क्षेत्र सुचेतगढ़ है जो लगभग 92 किमी. दूर है।

चित्र स्रोत: The Hindu

  1. परमाणु ईंधन की उत्पत्ति:
  • चीन के वैज्ञानिकों ने प्रायोगिक डेटा और मशीन-लर्निंग (ML) का उपयोग करके दो सामान्य प्रकार के परमाणु रिएक्टरों में से एक में परमाणु ईंधन की उत्पत्ति की पहचान करने के लिए एक तकनीक विकसित की है।
  • रिएक्टर का प्रकार, रिएक्टर के अंदर ईंधन के उपयोग का समय, और ईंधन के संवर्धन की सीमा की मदद से खर्च हुए परमाणु ईंधन की पहचान की जा सकती है।
  • परमाणु ईंधन अपनी विनाशकारी क्षमता के कारण अत्यधिक विनियमित सामग्री है। प्रत्येक देश इसकी सुरक्षा के लिए विस्तृत सूची बनाए रखते हैं।
  • परमाणु फोरेंसिक में परमाणु ईंधन की उत्पत्ति की पहचान करना एक मुश्किल काम है।
  • परमाणु फोरेंसिक में परमाणु सामग्रियों की उत्पत्ति की पहचान करने के लिए विश्लेषणात्मक तरीकों का उपयोग होता है जैसे क्या उनका उपयोग सैन्य अनुप्रयोगों के लिए किया गया था।
  • क्वथन जल रिएक्टरों (BWRs) से खर्च हुए ईंधन को दाबित जल रिएक्टरों (PWRs) से खर्च हुए ईंधन से अलग करना मुश्किल है क्योंकि दोनों रिएक्टरों में “पानी को मंदक के रूप में उपयोग किया जाता है और दोनों का थर्मल न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रा समान होता है, इसलिए उनकी न्यूट्रॉन अभिक्रिया क्रियाविधि काफी समान हैं।
    • इसलिए, चीन के वैज्ञानिकों ने क्वथन जल रिएक्टरों (BWRs) से खर्च हुए ईंधन को दाबित जल रिएक्टरों (PWRs) से खर्च हुए ईंधन से अलग करने हेतु तीन मशीन-लर्निंग (ML) मॉडल विकसित करने के लिए डेटाबेस से डेटा तैयार किया है।
  • क्वथन जल रिएक्टरों में, ईंधन की छड़ें पानी में डूबी रहती हैं। जब ईंधन का विखंडन होता है, तो पानी उबलता है और भाप टरबाइन को संचालित करती है। दाबित जल रिएक्टरों में, ईंधन की छड़ें पानी के संपर्क में नहीं आती हैं और केवल ऊष्मा का आदान-प्रदान होता है।

परमाणु रिएक्टर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक कीजिए: Nuclear Reactor

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. ‘अर्थ आवर’ (Earth Hour) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)

  1. यह यूनेस्को की एक पहल है।
  2. यह आयोजन द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है, जिसमें व्यक्तियों, समुदायों और व्यवसायों को एक घंटे के लिए गैर-जरूरी बिजली की बत्तियाँ बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड फॉर नेचर (WWF) ने 2007 में ‘अर्थ ऑवर’ की शुरुआत की थी।
  • यह हर साल मार्च के आखिरी शनिवार को आयोजित किया जाता है।
  • यह पहल 2007 में सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुई और बाद में एक वैश्विक कार्यक्रम बन गई।
  • अर्थ आवर का लक्ष्य सतत ऊर्जा उपयोग के लिए जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण की दृष्टि से अधिक टिकाऊ जीवन शैली अपनाना है।
  • इस दिन को पृथ्वी की स्थिति को सामने लाने के लिए नागरिकों, समुदायों, व्यवसायों और संगठनों को स्थानीय समयानुसार रात 8:30 बजे से एक घंटे के लिए बिजली बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन से कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के अनुप्रयोग हैं? (स्तर-सरल)

  1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है।
  2. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ईमेल स्पैम से व्यक्तियों और व्यवसायों की मदद करता है।
  3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अनुप्रयोगों का उपयोग स्वास्थ्य सेवा में परिष्कृत (sophisticated) मशीनों के निर्माण के लिए किया जाता है जो बीमारियों का पता लगा सकती हैं और कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर सकती हैं।
  4. कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग मृदा में मौजूद कमियों और पोषक तत्वों की कमी की पहचान करने के लिए किया जाता है।
  5. कृत्रिम बुद्धिमत्ता बफर में डेटा ओवरफ्लो का पता लगाने में सहायक होता है।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 1, 2, 4 और 5
  3. केवल 3, 4 और 5
  4. 1, 2, 3,4 और 5

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 01 सही है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है। धोखाधड़ी पैटर्न को उजागर करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) बड़ी संख्या में लेनदेन का विश्लेषण करने में सक्षम है, और अंततः वास्तविक समय में धोखाधड़ी का पता लगाने और यहां तक कि इसे रोकने के लिए इसका उपयोग करता है।
  • कथन 02 सही है, मशीन लर्निंग प्राप्त ईमेल को स्कैन करते समय कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को सूचित करता है। यह खतरनाक ईमेल की खोज करता है और स्पैम ईमेल को फ़िल्टर करता है।
  • कथन 03 सही है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को विभिन्न प्रकार की रोगी देखभाल और बुद्धिमत्तापूर्ण स्वास्थ्य प्रणालियों में सहायता कर सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीकों (मशीन लर्निंग से लेकर डीप लर्निंग तक) का बीमारी के निदान, दवा की खोज और रोगी के जोखिम की पहचान के लिए स्वास्थ्य सेवा में प्रमुखता से उपयोग किया जा रहा है।
  • कथन 04 सही है, AI डीप लर्निंग एप्लिकेशन कृषि में वनस्पति के विकास के पैटर्न का विश्लेषण करने में सहायता करता है। एआई-संचालित सॉफ्टवेयर उपकरण मिट्टी की खामियों, पौधों के कीट और बीमारियों की हमारी समझ को बढ़ाता है। किसान कंप्यूटर विजन, रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग का उपयोग करके खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हैं।
  • कथन 05 सही है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग सॉफ्टवेयर में कमजोरियों और बफर में डेटा ओवरफ्लो का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।

प्रश्न 3. 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा निम्नलिखित में से कौन से प्रावधान जोड़े गए थे? (स्तर-कठिन)

  1. राष्ट्रपति को कैबिनेट की सलाह मानने के लिए बाध्य किया गया।
  2. उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों की न्यायिक समीक्षा और रिट क्षेत्राधिकार की शक्ति को कम कर दिया गया।
  3. नौवीं अनुसूची में विभिन्न राज्यों के 14 भूमि सुधार अधिनियम को शामिल किया गया।
  4. खुफिया संगठनों और दूरसंचार प्रणालियों में कार्यरत व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को सीमित करने के लिए संसद को अधिकार दिया गया।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2, 3 और 4
  3. केवल 1, 3 और 4
  4. 1, 2, 3 और 4

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 01 सही है, 42वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत राष्ट्रपति को कैबिनेट की सलाह मानने के लिए बाध्य किया गया।
  • कथन 02 सही है, इस संशोधन ने चुनाव के किसी भी मामले को उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के दायरे से बाहर करके इनकी न्यायिक समीक्षा की शक्ति को कम करने का प्रयास किया।
  • कथन 03 गलत है, 47वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1984 में विभिन्न राज्यों के 14 भूमि सुधार अधिनियमों को नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
  • कथन 04 गलत है, 50वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1984 संसद को सशस्त्र बलों या खुफिया संगठनों के लिए स्थापित खुफिया संगठनों और दूरसंचार प्रणालियों में कार्यरत व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों को सीमित करने का अधिकार देता है।

प्रश्न 4. एम. विश्वेश्वरैया के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर-मध्यम)

  1. विश्वेश्वरैया को महाराजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ द्वारा मैसूर का दीवान नियुक्त किया गया था।
  2. उन्होंने सेंचुरी क्लब की स्थापना की और 1917-18 की अवधि में इसके पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  3. वे अलमट्टी बांध के मुख्य अभियंता थे।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 01 सही है, 1912 में महाराजा कृष्णराज वाडियार चतुर्थ द्वारा विश्वेश्वरैया को मैसूर का दीवान नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1918 तक दीवान के रूप में कार्य किया।
  • कथन 02 सही है, 1917 में, उन्होंने सेंचुरी क्लब की स्थापना की और 1917-18 की अवधि में इसके पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • कथन 03 गलत है, अलमट्टी बांध भारत के उत्तरी कर्नाटक में कृष्णा नदी पर निर्मित एक बांध परियोजना है जो 1963 में शुरू हुई थी।

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन-से देश मोल्दोवा के साथ सीमा साझा करते हैं? (PYQ-CSE-2008) (स्तर-कठिन)

  1. यूक्रेन
  2. रोमानिया
  3. बेलारूस

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1,2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या: मोल्दोवा अपने दो पड़ोसी देशों, रोमानिया और यूक्रेन, के साथ अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. विकसित देशों द्वारा भारत की पेटेंट व्यवस्था की अक्सर आलोचना की जाती है। ऐसी आलोचना के कारणों की पहचान कीजिए। (GSIII-विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (250 शब्द; 15 अंक)

प्रश्न 2. वस्त्र (कपड़ा) क्षेत्र की क्षमता को देखते हुए, इस क्षेत्र के लिए भारत सरकार का हालिया प्रयास तर्कसंगत है। इसके आलोक में, भारत की अर्थव्यवस्था के लिए इस क्षेत्र के लाभों पर विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए। (GSIII-अर्थव्यवस्था) (250 शब्द; 15 अंक)