29 अप्रैल 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. हवाई अड्डों के लिए एकीकृत सुरक्षा बल

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

राजव्यवस्था एवं शासन:

  1. महिला आरक्षण विधेयक को लेकर अब और इंतजार नहीं

भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था:

  1. कोई हड़बड़ी नहीं

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. पूर्वी भारत में ग्रीष्म लहर वाले दिनों की संख्या में वृद्धि का अनुमान
  2. प्रमुख क्षेत्र

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. राजा रवि वर्मा
  2. भारतीय जीवन बीमा निगम के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी
  3. घृणास्पद भाषण

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

हवाई अड्डों के लिए एकीकृत सुरक्षा बल

विषय: अवसंरचना-हवाई अड्डे

मुख्य परीक्षा: भारत में सभी हवाई अड्डों की सुरक्षा के लिए एक एकीकृत सुरक्षा बल की आवश्यकता

संदर्भ:

  • सभी हवाई अड्डों के लिए एक एकीकृत सुरक्षा बल के गठन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी।

भूमिका:

  • केंद्र सरकार के कई अधिकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यू.एस. के परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) के समान भारत में सभी हवाई अड्डों के लिए एक एकीकृत सुरक्षा बल के गठन के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
  • इस सुरक्षा बल द्वारा आप्रवासन और सीमा शुल्क संबंधी कार्य भी किए जांएगें।।
  • यह निर्देश 20 और 21 जनवरी, 2023 को वार्षिक पुलिस महानिदेशक सम्मेलन के दौरान जारी किया गया था, जहां प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया था कि इस संबंध में एक अंतिम प्रस्ताव तैयार किया जाए।
  • सम्मेलन में, समुद्री और भूमि बंदरगाहों के साथ-साथ सड़कों और राजमार्गों की सुरक्षा को शामिल करने के लिए परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) जैसे भारतीय बल के दायरे का विस्तार करने के बारे में भी चर्चा की गई थी।

एकीकृत सुरक्षा बल की आवश्यकता:

  • हवाईअड्डे किसी देश के परिवहन नेटवर्क में महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में कार्य करते हैं। तेजी से विस्तारित हो रहे विमानन उद्योग के लिए एक मजबूत प्रणाली अनिवार्य है।
    • भारत के वर्ष 2024 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन जाने का अनुमान है, और यह अमेरिका तथा चीन के बाद पहले से ही तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है।
    • देश में हवाईअड्डों की कुल संख्या को भी वर्तमान 148 से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक 220 करने का लक्ष्य है, तथा एयरलाइनों ने 1,000 से अधिक विमान ऑर्डर किए हैं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में, परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) देश के सभी हवाई अड्डों के लिए एक एकीकृत सुरक्षा बल के रूप में कार्य करता है। हालांकि, भारत में, हवाई अड्डे की सुरक्षा कई अलग-अलग एजेंसियों की जिम्मेदारी है, जिसके परिणामस्वरूप समन्वय की कमी देखी जाती है और सुरक्षा तंत्र भी खंडित होता है।
    • TSA का गठन अमेरिका में 9/11 के हमले के बाद हवाई यात्रा, यात्री रेल और अंतर्शहर बस यात्रा जैसे परिवहन के सभी साधनों की सुरक्षा की निगरानी के लिए किया गया था।
    • वर्तमान 148 हवाई अड्डों में से 66 पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सुरक्षा कार्यों को करने के लिए तैनात किया गया है और शेष हवाई अड्डों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य पुलिस संभालती है।
  • यह कदम इन्हें एक निकाय के तहत लाकर नीति, विनियमों और कार्यान्वयन को एकीकृत करने में भी मदद करेगा। उदाहरण के लिए, वर्तमान में यदि नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) विमानन के लिए नियम बनाता है, तो इसका क्रियान्वयन या तो CISF या हवाईअड्डे द्वारा किया जाता है।
    • नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS), जो नागरिक विमानन में सुरक्षा की देखरेख के लिए जिम्मेदार है, नागर विमानन मंत्रालय के दायरे में काम करता है। हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है, ठीक आप्रवासन ब्यूरो की तरह। सीमा शुल्क विभाग की देखरेख वित्त मंत्रालय करता है।

सारांश:

  • केंद्र सरकार परिवहन सुरक्षा प्रशासन (TSA) के समान भारत में सभी हवाई अड्डों के लिए एक एकीकृत सुरक्षा बल के गठन पर काम कर रही है। यह कदम हवाईअड्डे की सुरक्षा बढ़ाने और भारत में हवाई यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि देश का विमानन उद्योग निरंतर तेजी से विस्तारित हो रहा है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

राजव्यवस्था एवं शासन:

महिला आरक्षण विधेयक को लेकर अब और इंतजार नहीं

विषय: सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप

मुख्य परीक्षा: महिला आरक्षण विधेयक

विवरण:

  • विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल करने के बावजूद, राजनीति में महिलाओं की भागीदारी अब भी निराशाजनक है।
  • भारत में महिलाओं को जल्दी मताधिकार प्राप्त हुआ लेकिन उन्हें अभी भी राजनीतिक भागीदारी और शासन के अधिकार में महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
  • महिलाओं के पास संसद में सिर्फ 14% सीटें हैं। इस प्रकार यह अधिक न्यायसंगत परिदृश्य की मांग करने का समय है।

पृष्ठभूमि विवरण:

  • महिलाओं ने स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी:
    • सुषमा स्वराज ने लोकसभा में विपक्ष का नेतृत्व किया था।
    • सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष दोनों के रूप में कार्य किया।
    • प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं।
  • भारतीय राजनीति में महिलाओं की प्रभावशाली उपस्थिति के बावजूद, 1980 के दशक से महिलाओं के प्रतिनिधित्व में गिरावट आई है।
  • राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर बहस आजादी से पहले ही शुरू हो गई थी।
  • 1955 में, सरकार ने एक समिति नियुक्त की जिसने महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 10% सीटों के आरक्षण की सिफारिश की।
  • 1980 के दशक में महिला आरक्षण की मांग ने जोर पकड़ा। महिलाओं के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (1988) में सुझाव दिया गया कि सभी निर्वाचित निकायों में 30% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए।
  • राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण नीति में उपरोक्त मांग को फिर से दोहराया गया। इसे 2001 में अपनाया गया था।
  • पंचायती राज अधिनियम 1993 में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की गईं। यह महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
  • 1996 में, महिला आरक्षण विधेयक (लोकसभा में पेश किया गया) में महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों के कड़े विरोध के कारण विधेयक व्यपगत हो गया।
  • 2000 के दशक में फिर से इस मुद्दे ने जोर पकड़ा और विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया।

विभिन्न देशों के उदाहरण:

  • स्कैंडिनेवियाई देश उन नीतियों को लागू करते हैं जो लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के पक्ष में हैं।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि महिलाओं के नेतृत्व वाले देश कुछ सर्वोत्तम नीतियों और शासन प्रथाओं को प्रदर्शित करते हैं। उदाहरण के लिए, रवांडा में नरसंहार जैसी प्रथाओं को राजनीतिक नेतृत्व जिसमें प्रमुख रूप से महिलाएं शामिल हैं, द्वारा ठीक किया जा रहा है।
  • नॉर्वे में, 2003 में एक कोटा प्रणाली लागू की गई थी जिसके तहत कॉर्पोरेट बोर्डों में 40% सीटों पर महिलाओं की मौजूदगी आवश्यक थी।

निष्कर्ष:

  • बाबासाहेब अम्बेडकर के अनुसार, किसी समुदाय की प्रगति को महिलाओं द्वारा हासिल की गई प्रगति के स्तर से मापा जा सकता है।
  • यह सही समय है कि भारत की महिलाओं को आगे आना चाहिए और भारत में बदलाव का जिम्मा उठाना चाहिए।

संबंधित लिंक:

List of Women Empowerment Schemes in India

सारांश:

  • भारत के भीतर और बाहर दोनों से कई उदाहरण विकास और राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं। इस प्रकार यह सुझाव दिया जाता है कि महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए के संसद में उनके आरक्षण पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था:

कोई हड़बड़ी नहीं

विषय: कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिका और कार्यप्रणाली

प्रारंभिक परीक्षा: राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियाँ

मुख्य परीक्षा: राज्यपाल बनाम राज्य सरकार

संदर्भ:

  • तेलंगाना की राज्यपाल ने अदालत को बताया कि उनके पास कोई विधेयक लंबित नहीं है।

मामले का विवरण:

  • कई विधेयकों पर राज्यपाल की निष्क्रियता के खिलाफ तेलंगाना सरकार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
  • राज्यपाल ने जवाब दिया कि उनके पास कोई विधेयक लंबित नहीं था। उन्होंने बताया कि दो विधेयकों को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया गया था और कुछ अन्य पर जानकारी मांगी गई थी।

अन्य विवरण:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यपालों को स्मरण कराया कि संविधान के अनुसार, किसी विधेयक को राज्य विधानसभा को पुनर्विचार के लिए वापस करने का निर्णय “जितनी जल्दी हो सके” किया जाना चाहिए।
  • न्यायालय ने किसी विधेयक को लौटाने के मामले में तात्कालिकता की भावना की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए अनुच्छेद 200 के पहले प्रावधान में वर्णित वाक्यांश (“जितनी जल्दी हो सके”) पर प्रकाश डाला।
  • इससे तात्पर्य यह है कि राज्यपालों के लिए यह संवैधानिक रूप से अनुचित होगा कि वे सदन को अपना निर्णय बताए बिना विधेयकों को अनिश्चित काल तक रोक कर रखें।
  • इस प्रकार शीर्ष अदालत के फैसले ने विधेयकों की देरी के मुद्दे को उजागर किया है।
  • यह तर्क दिया जाता है कि भारत में राज्यपालों की विवेकाधीन शक्तियों ने विवाद की बहुत गुंजाइश बना दी है।
    • किसी विधेयक पर स्वीकृति रोकने या उसे पुनर्विचार के लिए वापस करने की राज्यपाल की शक्ति को विवेकाधीन शक्ति माना जाता है।
  • संविधान सभा में, बिल्कुल साफ तौर पर यह स्पष्ट किया गया था कि किसी विधेयक को वापस सिर्फ सलाह के आधार पर किया जाएगा। यह सरकार की सलाह पर कोई दूसरी राय होने की स्थिति में उसके लिए एक लंबित विधेयक को वापस लेने का एक सक्षम प्रावधान है।

साथ ही, इसे भी पढ़िए: How a Bill is Passed in Indian Parliament – Indian Polity (UPSC GS-II Notes)

संबद्ध चिंताएं:

  • अनुच्छेद 200 जो विधेयक की सहमति से संबंधित है, में निम्नलिखित तीन समस्याएं हैं:
    • विधेयकों पर कार्रवाई के लिए समय सीमा का अभाव
    • कैबिनेट की सलाह के खिलाफ राष्ट्रपति के विचार के लिए विधेयक आरक्षित करने की गुंजाइश
    • यह दावा कि राज्यपाल सहमति देने से इन्कार करके किसी भी विधेयक को खत्म कर सकता है।
  • अनुच्छेद 163 के प्रावधान में एक खंड शामिल है जो इस बारे में किसी भी जांच पर रोक लगाता है कि कोई विशेष मामला राज्यपाल के विवेकाधिकार में आता है या नहीं। यह भी एक प्रमुख चिंता का विषय है।
  • इसके कारण राजभवन और सरकार के बीच टकराव की भरपूर गुंजाइश बनी रहती है।

संबंधित लिंक:

State Government Vs Governor: Sansad TV Perspective Discussion of 27 Oct 2022

सारांश:

  • सर्वोच्च न्यायालय ने विधेयक की मंजूरी को लेकर प्रावधानों के बारे में समय रहते अनुस्मारक दिया है. हालाँकि, अभी भी कई चुनौतियाँ हैं जो अक्सर राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच विवादों को भड़काती हैं। यह समय इन चिंताओं को या तो संवैधानिक संशोधन या सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से दूर करने का है।

प्रीलिम्स तथ्य:

  1. पूर्वी भारत में ग्रीष्म लहर वाले दिनों की संख्या में वृद्धि का अनुमान

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विषय: आपदा प्रबंधन

प्रारंभिक परीक्षा: विभिन्न प्रकार की आपदाएं; ग्रीष्म लहर

संदर्भ:

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मई 2023 में पूर्वी भारत के लिए ग्रीष्म लहर वाले दिनों की संख्या में वृद्धि का अनुमान जताया है।

मुख्य विवरण:

  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बिहार, झारखंड और ओडिशा सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में मई में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है, साथ ही कुछ दिन ग्रीष्म लहर के चलने की भी संभावना है।
    • मई का महीना आमतौर पर भारत के अधिकांश हिस्सों में सबसे गर्म महीना होता है।
  • दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में बारिश में वृद्धि और सीमित ग्रीष्म लहर चलने की संभावना है।
  • उत्तर-पश्चिम भारत, पश्चिम-मध्य भारत के कुछ हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत के उत्तरी भाग में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।
  • बारिश के कारण उत्तर पश्चिम भारत में कम दिनों तक लू चलने की संभावना है।
  • आगामी मानसून के मौसम में 4% कम वर्षा होने की संभावना है, हालाँकि इसे “सामान्य” के रूप में वर्गीकृत किया गया है, लेकिन यह भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सामान्य वर्षा के रूप में वर्गीकरण में सबसे निचला बिंदु है।
  • ‘एल नीनो’ के विकास के कारण पश्चिम, उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के पश्चिमी भागों में कम वर्षा हो सकती है।
  1. प्रमुख क्षेत्र

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विषय: अर्थव्यवस्था

प्रारंभिक परीक्षा: आठ प्रमुख क्षेत्र;

संदर्भ:

  • केंद्र सरकार द्वारा जारी आठ प्रमुख उद्योगों (ICI) का सूचकांक।

मुख्य विवरण:

  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2023 में आठ प्रमुख क्षेत्रों की विकास दर पिछले महीने के 7.2% की तुलना में पांच महीने के निचले स्तर 3.6% पर आ गई है।
  • यह गिरावट मुख्य रूप से बिजली, सीमेंट और कच्चे तेल के उत्पादन में कमी के कारण है।
    • कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार दसवें महीने गिरावट दर्ज की गई है।
  • मार्च महीने में कोयले का उत्पादन 12.2% बढ़ा, जबकि उर्वरक और इस्पात उत्पादन क्रमशः 9.7% और 8.8% बढ़ा, जो हाल के महीनों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है।
  • बिजली उत्पादन में एक साल में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है। मार्च में इसमें 1.8% की गिरावट दर्ज की गई।
  • संपूर्ण वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए, प्रमुख क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 10.4% की तुलना में 7.6% की वृद्धि देखी गई, जिसमें कच्चे तेल के उत्पादन को छोड़कर (जिसमें 1.7% की कमी आई) सभी क्षेत्रों में उच्च उत्पादन दर्ज किया गया है।
  • प्रमुख क्षेत्र के कमजोर आंकड़ों से देश में समग्र औद्योगिक उत्पादन वृद्धि में कमी आने की संभावना है।

चित्र स्रोत: The Economic Times

आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक पर और पढ़ें: Index of eight core industries

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. राजा रवि वर्मा:
  • रवि वर्मा की 175वीं जयंती के अवसर पर, किलिमानूर पैलेस ट्रस्ट ने दो पेंटिंग को जारी करने का निर्णय लिया है जिन्हें पहले प्रदर्शित नहीं किया गया था।
    • इसमें से एक पेंटिंग थ्रिकेटा थिरुनाल उमा अम्मा थमपुरत्ती की है
    • दूसरी पेंटिंग ‘पारसी लेडी’ नाम की अंतिम और अधूरी पेंटिंग है। यह पेंटिंग अब किलिमानूर पैलेस ट्रस्ट के स्वामित्व में है।
  • रवि वर्मा का जन्म 29 अप्रैल, 1848 को किलिमानूर में अभिजात वर्ग में हुआ था, जो पूर्व में त्रावणकोर राज्य का हिस्सा था।
  • 2 अक्टूबर, 1906 को किलिमानूर पैलेस में कलाकार के स्टूडियो ‘चित्रशाला’ के अंदर उनका निधन हो गया था।
  • भारत में प्रसिद्ध चित्रकारों के बारे में और पढ़ें: Famous Painters in India
  1. भारतीय जीवन बीमा निगम के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी:
  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति (ACC) ने 28 अप्रैल, 2023 को सिद्धार्थ मोहंती को 29 जून, 2024 तक के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी है।
  • इसके बाद, मोहंती को 7 जून, 2025 तक, यानी उनकी 62 वर्ष की आयु प्राप्त करने की तिथि तक, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक के रूप में मनोनीत किया गया है।
  • वर्तमान प्रबंध निदेशक मोहंती 14 मार्च से सार्वजनिक क्षेत्र के जीवन बीमाकर्ता के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने एम. आर. कुमार का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल 13 मार्च, 2023 को समाप्त हो गया था।
  • भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) देश का सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान है, जिसके पास दिसंबर 2022 तक प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति (AUM) 44.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
  1. घृणास्पद भाषण:
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों को घृणास्पद भाषण की घटनाओं पर प्राथमिकी दर्ज करने और बिना किसी शिकायत के भी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
  • न्यायालय ने कहा कि यह आदेश घृणास्पद भाषण देने वाले सभी लोगों पर लागू होगा चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। साथ ही न्यायालय ने राष्ट्र की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
  • न्यायालय ने आदेश दिया कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (अभियोग, राष्ट्रीय एकता के प्रतिकूल दावे), 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान), 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत अभद्र भाषा से निपटा जाए और मामले दर्ज करने के लिए स्वत: कार्रवाई की जाए।
  • आदेश का अनुपालन करने में पुलिस अधिकारियों की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही को अवमानना माना जाएगा।
  • न्यायालय ने अक्‍टूबर में ऐसा ही एक आदेश पारित किया था जिसमें घृणास्पद भाषणों से सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वाले लोगों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया था।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में शामिल वस्तुओं के भारांक का 40.27 प्रतिशत आठ प्रमुख उद्योगों से आता है। निम्नलिखित में से कौन से उन आठ प्रमुख उद्योगों में से हैं? (स्तर-मध्यम)

  1. कोयला
  2. रिफाइनरी उत्पाद
  3. सीमेंट
  4. कपड़ा
  5. बिजली

विकल्प:

  1. केवल 1, 2 और 3
  2. केवल 3, 4 और 5
  3. केवल 1, 2, 3 और 5
  4. केवल 1, 2, 4 और 5

उत्तर: (c)

व्याख्या: आठ प्रमुख उद्योगों में प्राकृतिक गैस, कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, कच्चा तेल, सीमेंट, बिजली, स्टील और उर्वरक शामिल हैं।

प्रश्न 2. राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर-कठिन)

  1. यह उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग तथा संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) द्वारा संयुक्त अध्ययन है।
  2. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भारत में निर्माण फर्मों के नवाचार प्रदर्शन का मूल्यांकन करना है।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई नहीं

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • कथन 01 गलत है, राष्ट्रीय विनिर्माण नवाचार सर्वेक्षण (NMIS) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) तथा संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) द्वारा किया गया एक संयुक्त अध्ययन है।
  • कथन 02 सही है, NMIS 2021-22 को केंद्र सरकार द्वारा भारतीय विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने और सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी बढ़ाने को प्राथमिकता देने के रूप में शुरू किया गया था।
    • सर्वेक्षण के निष्कर्ष फर्मों द्वारा नवाचार के लिए सक्षम गतिविधियों और बाधाओं में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं तथा बारीकी से मूल्यांकन प्रदान किया है कि राज्यों और क्षेत्रों ने नए उत्पादों, सेवाओं और व्यावसायिक प्रक्रियाओं का उत्पादन करने की निर्माण फर्मों की क्षमता के संबंध में किस प्रकार प्रदर्शन किया है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सी अटलांटिक महासागर की गर्म महासागरीय धाराएँ हैं? (स्तर: कठिन)

  1. अंगोला धारा
  2. एंटीलिज धारा
  3. ब्राजील धारा
  4. फ्लोरिडा धारा
  5. दक्षिण अटलांटिक धारा

विकल्प:

  1. केवल 1, 2 और 4
  2. केवल 2, 3, 4 और 5
  3. केवल 3, 4 और 5
  4. केवल 1, 2, 3 और 5

उत्तर: (a)

व्याख्या:

प्रश्न 4. गम अरबी (Gum arabic) के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर: कठिन)

  1. ये पेड़ उत्तरी अफ्रीका के मूल स्थानिक हैं और मुख्य रूप से अफ्रीका के उप सहारा या साहेल क्षेत्र में उगते हैं।
  2. यह पानी में घुलनशील, आहार योग्य है, तथा मुख्य रूप से खाद्य उद्योग और शीतल पेय उद्योग में स्टेबलाइजर (stabilizer) के रूप में उपयोग किया जाता है।
  3. सूडान का लगभग 60% बाजार हिस्सेदारी के साथ विश्व गम व्यापार में प्रमुख स्थान है।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • गम अरबी एक प्राकृतिक गम है जो मूल रूप से बबूल के पेड़ की दो प्रजातियों, सेनेगलिया सेनेगल और वेचेलिया सेयल के कठोर रस से मिलकर बनता है।
    • ये पेड़ उत्तरी अफ्रीका के मूल स्थानिक हैं तथा मुख्य रूप से अफ्रीका के उप सहारा या साहेल क्षेत्र में उगते हैं।
  • ये पेड़ उत्तरी अफ्रीका के मूल स्थानिक हैं तथा मुख्य रूप से अफ्रीका के उप-सहारा या साहेल क्षेत्र में एवं ऑस्ट्रेलिया, भारत और दक्षिण अमेरिका में भी उगते हैं।
  • यह पानी में घुलनशील, आहार योग्य है, तथा मुख्य रूप से खाद्य उद्योग और शीतल पेय उद्योग में स्टेबलाइज़र के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • सूडान का लगभग 60% बाजार हिस्सेदारी के साथ विश्व गम व्यापार में प्रमुख स्थान है।

प्रश्न 5. “कैदी की दुविधा” शब्द निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? (स्तर: कठिन) (PYQ-CSE-2008)

  1. कांच के निर्माण की एक तकनीक
  2. शिपिंग उद्योग में प्रयुक्त एक शब्द
  3. गेम थ्योरी के तहत एक स्थिति
  4. सुपरकंप्यूटर का नाम

उत्तर: (c)

व्याख्या: कैदी की दुविधा निर्णय-निर्माण और खेल सिद्धांत विरोधाभास है जो दर्शाता है कि दो तर्कसंगत व्यक्ति द्वारा अपने स्वयं के हित में निर्णय लिए जाने के परिणामस्वरूप एक इष्टतम समाधान प्राप्त नहीं हो सकता। यह विरोधाभास 1950 में गणितज्ञ एम. फ्लड और एम. ड्रेशर द्वारा विकसित किया गया था, तथा आधुनिक व्याख्या की परिकल्पना कनाडा के गणितज्ञ ए.डब्ल्यू. टकर द्वारा की गई थी।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारतीय संदर्भ में महिला आरक्षण की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए। इस संबंध में किए गए प्रयासों का विवरण प्रस्तुत कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) [GS-2; राजव्यवस्था]

प्रश्न 2. भारत भविष्य में ग्रीष्म लहर के कारण उच्च जोखिम वाली स्थिति में है। विस्तार से बताएं। (250 शब्द, 15 अंक) [GS-1; भूगोल]