विषयसूची:
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1.नशा मुक्त भारत अभियान
सामान्य अध्ययन: 2
सामाजिक न्याय:
विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय
मुख्य परीक्षा: नशा मुक्त भारत अभियान के बारे में
संदर्भ:
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय माउंट आबू स्थित ब्रह्मा कुमारी के साथ नशा मुक्त भारत अभियान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा।
उद्देश्य:
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, छात्रों आदि के बीच नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) के संदेश का प्रसार करना है।
विवरण:
- मादक पदार्थों के उपयोग का विकार एक ऐसा मुद्दा है जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी मादक पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि उनके परिवारों और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है।
- कुछ मादक पदार्थ यौगिकों से तंत्रिका-मनोवैज्ञानिक विकार, हृदय रोग, दुर्घटना, आत्महत्या और हिंसा हो सकती है। इसलिए, मादक पदार्थ के उपयोग और निर्भरता को एक मनो-सामाजिक-चिकित्सीय समस्या के रूप में देखने की आवश्यकता है।
- नशीली दवाओं की मांग के खतरे को रोकने के लिए, भारत सरकार का सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, मादक पदार्थों की मांग को कम के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPDDR) लागू कर रहा है।
- यह एक व्यापक योजना है, जिसके तहत निवारक शिक्षा व जागरूकता सृजन, क्षमता निर्माण, कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण व पहले से नशा करने वालों की आजीविका सहायता, नशीली दवाओं की मांग में कमी को लेकर कार्यक्रम संचालित करने के लिए राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA):
- नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जो वर्तमान में उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से देश के 372 जिलों में चल रहा है।
- इसका उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, विद्यालयों और समुदाय में पहुंचना तथा समुदाय की भागीदारी और अभियान का स्वामित्व प्राप्त करना है।
- इस अभियान की पहुंच अब तक 9.50 करोड़ से अधिक लोगों तक हो चुकी है, जिनमें 3.10 करोड़ से अधिक युवा, 2.05 करोड़ से अधिक विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शामिल हैं।
- नशामुक्ति का संदेश फैलाने के लिए 3 लाख से अधिक शिक्षण संस्थान इस अभियान में शामिल हो चुके हैं।
- नशा मुक्त भारत अभियान के कार्यान्वयन से नशीले पदार्थों को लेकर भारत को संवेदनशील बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
विश्व का पहला 200 मीटर लंबा बैम्बू क्रैश बैरियर “बहू बल्ली” संस्थापित किया गया:
1.विश्व का पहला 200 मीटर लंबा बैम्बू क्रैश बैरियर “बहू बल्ली” संस्थापित किया गया:
- महाराष्ट्र के विदर्भ के वाणी-वरोरा राजमार्ग पर विश्व का पहला 200 मीटर लंबा बैम्बू क्रैश बैरियर “बहू बल्ली” संस्थापित किया गया।
- इस बैम्बू क्रैश बैरियर, जिसका नामकरण बहू बल्ली किया गया है, का इंदौर के पीथमपुर के नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स जैसे विभिन्न सरकारी संस्थानों में कड़ा परीक्षण किया गया और रुड़की में आयोजित केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान में संचालित फायर रेटिंग टेस्ट के दौरान इसे क्लास 1 का दर्जा दिया गया।
- इसके अतिरिक्त, इसे इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा भी मान्यता प्रदान किया गया है। बैम्बू बैरियर का पुनर्चक्रण मूल्य 50-70 प्रतिशत है जबकि इस्पात बैरियर का 30-50 प्रतिशत है।
- इस बैरियर को बनाने में प्रयोग की जाने वाली बांस की प्रजाति बम्बुसा बालकोआ है, जिसे क्रेओसोट तेल से उपचारित किया गया है और पुनर्नवीनीकरण उच्च-घनत्व पॉली एथिलीन के साथ लेपित किया गया है।
- यह उपलब्धि बांस क्षेत्र और समग्र रूप से भारत के लिए उल्लेखनीय है, क्योंकि यह क्रैश बैरियर स्टील का एक आदर्श विकल्प प्रदान करता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं और उनके परिणामों पर ध्यान केन्द्रित करता है।
- इसके अतिरिक्त, यह अपने आप में एक ग्रामीण और कृषि-अनुकूल उद्योग है जो इसे और भी महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रदान करता है।
2.एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) का शुभारंभ:
- राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने पूरे देश में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से 57 अध्यापक शिक्षा संस्थानों (TEI) में एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (ITEP) शुरू किया है।
- यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
- एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम, जिसे 26 अक्टूबर 2021 को अधिसूचित किया गया था, एक 4 साल की दोहरी-समग्र स्नातक डिग्री है, जो बी.ए. बी.एड./ बी.एससी बी.एड. / और बी.कॉम बी.एड. पाठ्यक्रम पेश करती है।
- यह पाठ्यक्रम; नयी स्कूल संरचना के 4 चरणों यानि फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा।
- यह कार्यक्रम शुरू में प्रतिष्ठित केंद्र/राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों/संस्थानों में पायलट मोड में चलाया जा रहा है।
- एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा, जो सेकेंडरी के बाद अपनी पसंद से शिक्षण को अपने करियर के रूप में चुनते हैं।
- इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को एक वर्ष की बचत का लाभ होगा, क्योंकि वे वर्तमान बी.एड. योजना के लिए आवश्यक 5 वर्षों के बजाय पाठ्यक्रम को 4 वर्षों में पूरा करेंगे।
- इसके लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (NCET) के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
- एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ECCE), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (FLN), समावेशी शिक्षा और भारत तथा इसके मूल्यों/आचारों/कला/परंपराओं की समझ व अन्य विषयों का आधार भी स्थापित करेगा।
- यह पाठ्यक्रम पूरे अध्यापक शिक्षा क्षेत्र को नवीन आयाम देने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर आधारित एक बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से उत्तीर्ण होने वाले भावी शिक्षकों को 21वीं सदी के वैश्विक मानकों की आवश्यकताओं से परिचित कराया जाएगा और इस प्रकार, वे नए भारत के भविष्य को स्वरूप देने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
3.स्वामी फंड के तहत अब तक 20,557 घरों का निर्माण पूरा किया गया:
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- सस्ते और मध्यम आय वाले आवास (स्वामी) फंड ने 2019 में अपनी स्थापना के बाद से 20,557 घरों का निर्माण पूरा किया
- सस्ते और मध्यम आय वाले आवास (स्वामी) निवेश फंड 1 के लिए स्पेशल विंडो दरअसल भारत का सबसे बड़ा सोशल इंपैक्ट फंड है जो विशेष रूप से तनावग्रस्त और रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बनाया गया है।
- ये फंड भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है और इसका प्रबंधन स्टेट बैंक समूह की कंपनी एसबीआईकैप (SBICAP) वेंचर्स लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इस फंड के जैसा कोई दूसरा फंड भारत में या वैश्विक बाजारों में नहीं मिलता है।
- इसने अब तक 15,530 करोड़ रुपये जुटाए हैं जिसका उद्देश्य तनावग्रस्त, ब्राउनफील्ड और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में पंजीकृत ऐसी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्राथमिकता ऋण वित्त मुहैया कराना है जो किफायती, मध्यम आय आवास श्रेणी में आती हैं।
- स्वामी ने अब तक लगभग 130 परियोजनाओं को 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी के साथ अंतिम स्वीकृति प्रदान की है। 2019 में अपनी स्थापना के बाद के तीन वर्षों में इस फंड ने 20,557 घरों का निर्माण पूरा कर लिया है और अगले तीन वर्षों में 30 टियर 1 और 2 शहरों में 81,000 से अधिक घरों को पूरा करने का लक्ष्य है।
- चूंकि ये फंड पहली बार के डेवलपर्स, परेशानी में घिरी परियोजनाओं वाले स्थापित डेवलपर्स, रुकी हुई परियोजनाओं, ग्राहकों की शिकायतों और एनपीए खातों के मामले में खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले डेवलपर्स, और यहां तक कि जिन परियोजनाओं में मुकदमेबाजी भी चल रही है, उन्हें भी पैसे देने पर विचार करता है, ऐसे में इसे सब संकटग्रस्त परियोजनाओं का आखिरी उपाय वाला ऋणदाता माना जाता है।
- परियोजना व्यय पर मजबूत निगरानी और नियंत्रण, स्वामी की निवेश प्रक्रिया का मुख्य आधार है जिससे परियोजना को तेजी से पूरा किया जा सकता है। किसी परियोजना में इस फंड की उपस्थिति अक्सर उन परियोजनाओं में भी बेहतर संग्रह और बिक्री के लिए उत्प्रेरक का काम करती है जो कि वर्षों से विलंबित थीं।
- अपने मजबूत नियंत्रण और परियोजनाओं व प्रमोटरों के ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद, यह फंड 26 परियोजनाओं में निर्माण पूरा करने और अपने निवेशकों के लिए रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम रहा है।
- इस फंड ने रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कई सहायक उद्योगों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसने 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकद तरलता को सफलतापूर्वक खोला है।
4.सीड ट्रेसेब्लिटी सिस्टम:
- किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार शीघ्र ही सीड ट्रेसेब्लिटी सिस्टम लांच करेगी।
- इससे बीज व्यापार क्षेत्र में गलत काम करने वालों पर अंकुश लगेगा।
- इसका फायदा किसानों के साथ ही बीज क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले सभी लोगों को मिलेगा और बीज का क्षेत्र ठीक प्रकार से सुनिश्चितता से काम करने की ओर अग्रसर होगा।
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