विषय सूची:
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दवा वितरण पद्धति कैंसर प्रबंधन और इसके उपचार में सुधार कर सकता है
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
मुख्य परीक्षा: कैंसर के उपचार में समाधान का महत्त्व
प्रसंग:
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सोने के नैनो-पार्टिकल्स से तैयार की गई नई विशिष्ट दवा वितरण पद्धति कैंसर के प्रबंधन और उपचार में सुधार कर सकती है।
पृष्ठभूमि
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अब तक 200 से अधिक प्रकार के कैंसर की जानकारी है, जिनका वर्तमान में शल्य चिकित्सा, कीमोथेरेपी और रेडिएशन (विकिरण) चिकित्सा के माध्यम से उपचार किया जा रहा है। इनमें से कई प्रकार के कैंसर को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है यदि इनका इनका शुरुआती चरण में उपचार किया जाए। हालांकि,इनका उपचार लंबे समय तक चलता है और यह महंगा भी है । इसके साथ ही इसके कई दुष्प्रभाव रोगी पर पड़ते हैं। इसके कारण उपचार का वास्तविक स्वास्थ्य लाभ कैंसर रोगियों को नहीं मिल पाता है।
विवरण:
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राजस्थान के जयपुर स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ‘गोल्ड नैनोपार्टिकल्स’ समाधान का उपयोग करके नैनो-बायोटेक्नोलॉजिकल की सहायता से एक चिकित्सा विधि का विकास किया है। यह कैंसर रोग प्रबंधन और इसके प्रभावी उपचार हेतु साइट-विशिष्ट दवा वितरण में सुधार करने में सहायता करता है।
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इस अनुसंधान को सिल्वर नैनोपार्टिकल्स का उपयोग करके फेफड़ों की कैंसर कोशिकाओं तक विस्तार किया गया और सिल्वर नैनोपार्टिकल्स की सतह से उत्पन्न होने वाले चयनात्मक कैंसर-रोधी प्रभाव को ‘कोलाइड एंड सर्फेस: अ फिजिकोकेमिकल एंड इंजीनियरिंग एस्पेक्ट्सट’ जर्नल में प्रकाशित किया गया। दोनों अध्ययनों ने कार्यात्मक नैनोपार्टिकल्स के कैंसर-रोधी कार्यों के तंत्र के बारे में गहरी समझ प्रदान की है।
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यह अनुसंधान जापान स्थित मियाजाकी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ एक वैश्विक प्रयास था और ऑस्ट्रेलिया का RMIT विश्वविद्यालय इसमें सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। टीम तैयार किए गए नैनोकणों पर नैदानिक अध्ययन की योजना बना रही है।
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सोने के नैनोपार्टिकल्स के कुछ महत्वपूर्ण फिजिकोकेमिकल (भौतिक रासायनिक) विशेषीकरण व जैविक अध्ययन को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान व प्रौद्योगिकी अवसंरचना (FIST) कार्यक्रम में सुधार के लिए निर्धारित निधि के माध्यम से प्राप्त फूरियर-ट्रांसफॉर्म इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी (FTIR), फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोपी सुविधाओं पर किया गया था। यह अध्ययन बेहतर कैंसर प्रबंधन और उपचार के नए अवसर खोलेगा और भविष्य में कैंसर से आगे भी नैनो मेडिसिन का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYOM)-2023 को बढ़ावा देने के लिए कृषि और किसान कल्याण विभाग एवं भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
सामान्य अध्ययन: 3
कृषि:
विषय: खाद्य सुरक्षा के लिए विभिन्न फसलों की खेती को बढ़ावा देना
मुख्य परीक्षा: समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का महत्त्व
प्रसंग
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इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYOM )-2023 के लिए मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देने की प्रधानमंत्री की पहल को बढ़ावा देने के निमित्त नई दिल्ली में कृषि और किसान कल्याण विभाग तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
विवरण
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भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तावित ‘‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYOM)-2023″ पहल को ध्यान में रखते हुए, दोनों संगठन मिलेट्स (मोटे अनाज) आधारित उत्पादों के प्रचार और विपणन हेतु मिलकर काम करेंगे। IYOM-2023 पूरे विश्व में मनाया जाएगा।
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भारत विश्व मानचित्र पर पोषक अनाजों के पुनः उपयोग हेतु तैयार है। ये संगठन पूरे देश में अधिकतम मूल्य निर्माण और मोटे अनाज आधारित उत्पादों के लिए समर्थन, संगठित प्रचार, बाजार और प्रभावी बाजार संबंध स्थापित करेंगे।
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कृषि और किसान कल्याण विभाग और नेफेड कुछ प्रमुख क्षेत्रों जैसे मूल्य संवर्धित मोटे अनाज आधारित उत्पादों के निर्माताओं/प्रोसेसरों को परामर्श सहायता उपलब्ध कराना, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मिलेट्स रिसर्च (IIMR) के पैनल में शामिल स्टार्ट-अप्स सहित अन्य स्टार्ट-अप्स की ऑन-बोर्डिंग, विशेष रूप से मोटे अनाज आधारित उत्पादों की एक श्रृंखला विकसित करने के लिए एफपीओ का गठन, नेफेड बाजार भंडारण और नेफेड से जुड़े अन्य संस्थानों के साथ-साथ दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर मोटे अनाज आधारित वेंडिंग मशीनों की स्थापना के माध्यम से मोटे अनाज आधारित उत्पादों को बढ़ावा देना, विपणन करना तथा मोटे अनाज आधारित वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में सहयोग और सहायता प्रदान करेंगे।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- आरपीएफ ने सितंबर, 2022 में अनेक केंद्रित अभियानों का संचालन किया
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रेलवे पुलिस बल (RPF) द्वारा “सेवा ही संकल्प” की शपथ को आगे बढ़ाते हुए सितंबर 2022 में अखिल भारतीय स्तर पर महीने भर संसार (सामाजिक सरोकार) नामक कोड के अंतर्गत अनेक केंद्रित अभियानों के तहत ऑपरेशन “सेवा”, ऑपरेशन “डिग्निटी”, ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते”, मिशन “जीवन रक्षा” और ऑपरेशन “मातृशक्ति””जैसे अभियानों का संचालन किया गया।
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आरपीएफ कर्मी ऑपरेशन “सेवा” के अंतर्गत बुजुर्ग नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांगों की यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बनाने की दृष्टि से उनकी सहायता करते हैं और व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, चिकित्सा सहायता, एम्बुलेंस, शिशु भोजन आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं।
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आरपीएफ ने गुमशुदा या घरों से भागे या किसी कारण से विचलित या व्यथित तथा देखभाल और सुरक्षा से वंचित व्यक्तियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस के प्रकार लोगों का शोषण या मानव तस्करी का शिकार होने और समय पर सुरक्षा नहीं मिलने पर गंभीर शारीरिक नुकसान उठाने का खतरा होता है। आरपीएफ के कर्मियों ने “ऑपरेशन डिग्निटी” के अंतर्गत निस्वार्थ भाव से समय पर कार्रवाई करते हुए सितंबर 2022 के दौरान 427 वयस्कों (223 पुरुषों + 204 महिलाओं) को सुरक्षा प्रदान की।
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आरपीएफ कर्मी “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के अंतर्गत गुमशुदा/भाग जाने वाले/ विभिन्न कारणों से अपने परिवार से बिछड़ जाने वाले बच्चों की पहचान करने और उन्हें बचाने का नेक कार्य करते हैं, जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होती है। सितंबर 2022 में 1119 बच्चों को बचाया गया।
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मिशन “जीवन रक्षा” के अंतर्गत आरपीएफ कर्मियों ने सितंबर 2022 के दौरान अपने प्राणों को घोर संकट में डालते हुए 115 लोगों (72 पुरुषों + 43 महिलाओं) के जीवन की रक्षा की।
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विशेष रूप से महिला आरपीएफ कर्मी”ऑपरेशन मातृशक्ति” के अंतर्गत ट्रेन में यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा का सामना करने वाली गर्भवती महिला यात्रियों की मदद करने का हरसंभव प्रयास करती हैं।
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04 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 03 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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