विषयसूची:
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1.राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF): इंडिया रैंकिंग 2023
सामान्य अध्ययन: 2
शिक्षा:
विषय: शिक्षा से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडिया रैंकिंग 2023,राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF)।
मुख्य परीक्षा: शिक्षा के क्षेत्र में इंडिया रैंकिंग 2023 के महत्व का आकलन कीजिए।
प्रसंग:
- शिक्षा एवं विदेश राज्यमंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने 05 जून 2023 को इंडिया रैंकिंग 2023 जारी की।
उद्देश्य:
- इंडिया रैंकिंग देश के उच्च शिक्षण संस्थानों (HEI) के बीच विभिन्न श्रेणियों और विषयों के मामले में विभिन्न विश्वविद्यालयों की सापेक्ष स्थिति के आधार पर उनकी पहचान करने में छात्रों के लिए एक मूल्यवान उपकरण के तौर पर काम करती है।
- इस रैंकिंग ने विश्वविद्यालयों को शिक्षण, अनुसंधान, संसाधनों और बुनियादी ढांचे से जुड़ी सुधार की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद की है।
- यह वर्ष 2015 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा विभिन्न संस्थाओं की रैंकिंग संबंधी उद्देश्य के लिए तैयार किए गए राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) को लागू करती है।
- कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों की गुणवत्ता के मूल्यांकन के लिए रैंकिंग और मान्यता महत्वपूर्ण हैं।
विवरण:
- विभिन्न श्रेणियों और विषयों में रैंकिंग के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है।
- शिक्षा मंत्रालय ने 2015 में राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) का मसौदा तैयार करने का कदम उठाया था, जो विभिन्न श्रेणियों और विषय क्षेत्रों में देश के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) की गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता का आकलन करने के लिए बहु-आयामी मापदंडों को परिभाषित करता है और उन्हें इन मापदंडों पर हासिल कुल अंकों के आधार पर रैंक प्रदान करता है।
- यह देश के उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) की इंडिया रैंकिंग का लगातार आठवां संस्करण है।
- इंडिया रैंकिंग के 2023 संस्करण में शामिल किए गए तीन विशिष्ट पहलू इस प्रकार हैं:
1.कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र नाम के एक नए विषय का समावेश:
- दो अलग-अलग एजेंसियों को एक जैसे आंकड़े प्रदान करने के विभिन्न संस्थानों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से इंडिया रैंकिंग में अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशंस ऑन इनोवेशन अचीवमेंट्स (ARIIA) द्वारा पूर्व में निष्पादित “इनोवेशन” रैंकिंग का एकीकरण।
- अर्बन और टाउन प्लानिंग में पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों को शामिल करने हेतु “वास्तुकला” के दायरे का “वास्तुकला एवं नियोजन” तक विस्तार।
- नई श्रेणी (नवाचार) एवं नए विषय (कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र) और “वास्तुकला” से “वास्तुकला एवं नियोजन” के विस्तार के साथ, इंडिया रैंकिंग का मौजूदा पोर्टफोलियो उन 13 श्रेणियों एवं विषयों तक बढ़ गया है जिन्हें इंडिया रैंकिंग 2023 में रैंक प्रदान किया गया है।
- इंडिया रैंकिंग 2016 के प्रथम वर्ष के दौरान, विश्वविद्यालयों के साथ-साथ तीन क्षेत्र-विशिष्ट रैंकिंग अर्थात इंजीनियरिंग, प्रबंधन और फार्मेसी संस्थानों के लिए रैंकिंग की घोषणा की गई थी।
- आठ वर्षों की अवधि में, चार नई श्रेणियां और पांच नए विषय जोड़े गए हैं, जो संपूर्ण सूची को पांच श्रेणियों यानी समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज, अनुसंधान संस्थान एवं नवाचार तथा आठ विषयों अर्थात इंजीनियरिंग, प्रबंधन, फार्मेसी, वास्तुकला एवं नियोजन, चिकित्सा, विधि, दंत चिकित्सा और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में वर्गीकृत करते हैं।
2.मापदंडों और भार की पांच व्यापक श्रेणियां:
- शिक्षा मंत्रालय द्वारा नवंबर 2015 में प्रारंभ राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) का उपयोग इस संस्करण के साथ-साथ वर्ष 2016 से लेकर 2023 तक के लिए जारी इंडिया रैंकिंग के पिछले सात संस्करणों के लिए किया गया था।
- NIRF में चिन्हित की गई मापदंडों की पांच व्यापक श्रेणियों और 10 के पैमाने पर उनके भार का विवरण नीचे दिया गया है:
- इन पांच मापदंडों में से प्रत्येक में दो से लेकर पांच उप-मापदंड हैं।
- विभिन्न श्रेणियों और विषय में उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) की रैंकिंग के लिए कुल 16-18 उप-मापदंडों का उपयोग किया जाता है।
- संस्थानों को मापदंडों के इन पांच व्यापक समूहों में से प्रत्येक के लिए आवंटित अंकों के कुल योग के आधार पर रैंक प्रदान की गई है।
- समग्र श्रेणी के लिए उपयोग किए जाने वाले मापदंडों के अलावा, “अनुसंधान संस्थानों” के तहत संस्थानों की रैंकिंग के लिए निम्नलिखित दो अतिरिक्त उप-मापदंड शामिल किए गए थे: i) जर्नल साइटेशन रिपोर्ट (JCRQ1) के प्रथम चतुर्थांश में शामिल पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध पत्र; और ii) एच इंडेक्स।
2016 से लेकर 2023 तक इंडिया रैंकिंग के लिए आवेदकों की संख्या में वृद्धि:
- इंडिया रैंकिंग 2023 के लिए कुल 5,543 अनूठे संस्थानों ने “समग्र”, श्रेणी-विशिष्ट और / या क्षेत्र-विशिष्ट रैंकिंग के तहत रैंकिंग के लिए स्वयं को प्रस्तुत किया।
- कुल मिलाकर, रैंकिंग के लिए 8,686 आवेदन इन 5,543 अनूठे संस्थानों द्वारा विभिन्न श्रेणियों / क्षेत्र के तहत किए गए थे।
- इनमें से समग्र श्रेणी में 2,478, इंजीनियरिंग में 1,314 और सामान्य डिग्री कॉलेजों में 2,746 आवेदन शामिल हैं।
2016 से लेकर 2023 तक इंडिया रैंकिंग में संस्थानों की संख्या में वृद्धि:
- वर्ष 2016 में इंडिया रैंकिंग की शुरुआत के बाद से 100 संस्थानों को समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज और इंजीनियरिंग की श्रेणी में रैंक प्रदान की जा रही है।
- इसके अलावा, 2022 से प्रबंधन और फार्मेसी के क्षेत्र में रैंक प्रदान किए गए संस्थानों की संख्या 75 से बढ़ाकर 100 कर दी गई है।
- हालांकि, वास्तुकला, विधि, चिकित्सा, दंत चिकित्सा के साथ-साथ अनुसंधान संस्थानों में रैंक प्रदान किए गए संस्थानों की संख्या 30 और 50 के बीच सीमित है।
- समग्र, विश्वविद्यालय, कॉलेज और इंजीनियरिंग के मामले में 101-150 एवं 151-200 के रैंक समूह में और फार्मेसी और प्रबंधन के मामले में 101-125 के रैंक समूह में अतिरिक्त रैंकिंग उपयुक्त रूप से शामिल की गई है।
इंडिया रैंकिंग 2023 की मुख्य विशेषताएं:
- समग्र श्रेणी में शीर्ष 100 में 44 सीएफटीआई/सीएफयू आईएनआई, 24 राज्य विश्वविद्यालय, 13 मानद विश्वविद्यालय, 18 निजी विश्वविद्यालय, 4 कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के संस्थान और 3 प्रबंधन संस्थान शामिल हैं।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास ने समग्र श्रेणी में लगातार पांचवें वर्ष अर्थात 2019 से लेकर 2023 तक और इंजीनियरिंग श्रेणी में लगातार आठवें वर्ष, अर्थात 2016 से लेकर 2023 तक अपना पहला स्थान बनाए रखा है।
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बंगलुरु लगातार आठवें वर्ष अर्थात 2016 से लेकर 2023 तक विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शीर्ष पर रहा।
- यह लगातार तीसरे वर्ष अर्थात 2021 से लेकर 2023 तक अनुसंधान संस्थानों की श्रेणी में पहले स्थान पर रहा।
- आईआईएम अहमदाबाद लगातार चौथे वर्ष अर्थात 2020 से लेकर 2023 तक प्रबंधन विषय में अपना पहला स्थान बनाए हुए है।
- इंडिया रैंकिंग के प्रबंधन विषय में इसे 2016 से लेकर 2019 तक शीर्ष दो में स्थान दिया गया था।
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली लगातार छठे वर्ष अर्थात 2018 से लेकर 2023 तक चिकित्सा में शीर्ष स्थान पर है।
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, हैदराबाद पहली बार जामिया हमदर्द को दूसरे स्थान पर पीछे छोड़ते हुए फार्मेसी रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर आया है।
- जामिया हमदर्द को लगातार चार वर्षों अर्थात 2019 से लेकर 2022 तक पहले स्थान पर रखा गया था।
- मिरांडा हाउस ने लगातार सातवें वर्ष अर्थात 2017 से लेकर 2023 तक कॉलेजों की श्रेणी में पहला स्थान बनाए रखा है।
- आईआईटी रुड़की लगातार तीसरे वर्ष अर्थात 2021 से लेकर 2023 तक वास्तुकला (आर्किटेक्चर) विषय में पहले स्थान पर है।
- नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बंगलुरु ने लगातार छठे वर्ष अर्थात 2018 से लेकर 2023 तक विधि श्रेणी में अपना पहला स्थान बनाए रखा है।
- कॉलेजों की रैंकिंग में पहले 10 कॉलेजों में से दिल्ली के पांच कॉलेजों के साथ दिल्ली के कॉलेजों ने अपना दबदबा बनाए रखा है।
- द सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज ने लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष स्थान हासिल किया है।
- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की श्रेणी में शीर्ष स्थान पर है।
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर नवाचार श्रेणी में शीर्ष स्थान पर है।
2.विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री का संबोधन:
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: पर्यावरण संरक्षण, प्रदुषण और क्षरण ।
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व पर्यावरण दिवस,एकल-उपयोग प्लास्टिक,मैंग्रोव वन,’अमृत धरोहर योजना’,’मिष्टी योजना’।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित बैठक को संबोधित किया।
उद्देश्य:
- प्रधानमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस पर दुनिया के प्रत्येक देश को अपनी शुभकामनाएं दीं।
- इस वर्ष के पर्यावरण दिवस की थीम – एकल-उपयोग प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान है।
विवरण:
- भारत, 2018 से एकल-उपयोग प्लास्टिक से मुक्ति पाने के लिए दो स्तरों पर काम कर रहा है।
- एक तरफ हमने एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है, तो दूसरी तरफ प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण को अनिवार्य कर दिया गया है।
- इसके कारण भारत में लगभग 30 लाख टन प्लास्टिक पैकेजिंग का अनिवार्य पुनर्चक्रण किया जा रहा है, जो भारत के कुल वार्षिक प्लास्टिक अपशिष्ट का 75 प्रतिशत है।
- आज इसके दायरे में लगभग 10 हजार उत्पादक, आयातक और ब्रांड आ गए हैं।
- प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 21वीं सदी का भारत जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक बहुत स्पष्ट रोडमैप के साथ आगे बढ़ रहा है।
- भारत ने वर्तमान आवश्यकताओं और भविष्य के विज़न के बीच एक संतुलन स्थापित किया है,पिछले 9 वर्षों के दौरान, भारत ने हरित और स्वच्छ ऊर्जा पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित किया है।
- सौर ऊर्जा और एलईडी बल्बों का ने लोगों के पैसे बचाने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान दिया है।
- वैश्विक महामारी के दौरान भारत ने मिशन हरित हाइड्रोजन कार्यक्रम शुरू किया और रासायनिक उर्वरकों से मिट्टी और पानी को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती की दिशा में बड़े कदम उठाए।
- पिछले 9 वर्षों में, भारत में आर्द्रभूमि और रामसर स्थलों की संख्या पहले की तुलना में लगभग 3 गुनी बढ़ गई है।
- इस अवसर पर विश्व पर्यावरण दिवस पर दो और योजनाएं शुरू की गई हैं, जो हरित भविष्य; हरित अर्थव्यवस्था अभियान को आगे बढ़ाएंगी।
- ‘अमृत धरोहर योजना’ आज से शुरू हो गई है, जो जनभागीदारी के जरिये इन रामसर स्थलों का संरक्षण सुनिश्चित करेगी।
- भविष्य में ये रामसर स्थल, पर्यावरण-पर्यटन का केंद्र बनेंगे और हजारों लोगों के लिए हरित रोजगार का स्रोत बनेंगे।
- दूसरी योजना, ‘मिष्टी योजना’ है, जो देश के मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने और उसकी रक्षा करने में मदद करेगी।
- इस योजना से देश के 9 राज्यों में मैंग्रोव कवर को बहाल किया जाएगा और इससे समुद्र के बढ़ते स्तर तथा चक्रवात जैसी आपदाओं से तटीय क्षेत्रों में जीवन और आजीविका पर बढ़ते खतरे को कम करने में मदद मिलेगी।
- अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी में वृद्धि की तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने एक ओर 4जी और 5जी कनेक्टिविटी के विस्तार और दूसरी ओर देश के वन आवरण में हुई वृद्धि का उदाहरण दिया।
- जहां भारत ने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर निर्मित किये हैं, वहीं भारत में वन्यजीव अभयारण्यों के साथ-साथ वन्यजीवों की संख्या में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
- जल सुरक्षा के लिए जल जीवन मिशन और 50,000 अमृत सरोवर के निर्माण, भारत के दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने, नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में शीर्ष 5 देशों में शामिल होने, कृषि निर्यात बढ़ने और पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का अभियान चलाने पर भी बात की।
- भारत, आपदा सहनीय अवसंरचना गठबंधन – सीडीआरआई, और इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस जैसे संगठनों का भी आधार-स्तंभ बन गया है।
- मिशन लाइफ, अर्थात पर्यावरण के लिए जीवनशैली के एक जन-आंदोलन बनने के बारे में प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि यह मिशन, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जीवन शैली में बदलाव के बारे में एक नई चेतना फैला रहा है।
- पिछले साल गुजरात के केवड़िया-एकता नगर में जब मिशन की शुरुआत हुई थी।
- लाइफ अभियान का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से निपटने में व्यक्तिगत कार्यवाही को प्राथमिकता देना है।
- यह लोगों को अपने दैनिक जीवन में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जैसे कि प्लास्टिक की खपत को कम करना, भोजन की बर्बादी को कम करना, ऊर्जा की बचत, कचरे का पुनर्चक्रण और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना।
3.भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की पहली ‘सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट’:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा:
विषय: बुनियादी ढांचा- सड़क।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)।
मुख्य परीक्षा: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की पहली ‘सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- हाल ही में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की पहली ‘वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट’ जारी की गई, जिसमें NHAI की प्रशासकीय संरचना, विविध हितधारकों, पर्यावरण और सामाजिक उत्तरदायित्व से जुड़ी विभिन्न पहलों को शामिल किया गया है।
उद्देश्य:
- यह सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में NHAI द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों की प्रभावशीलता को रेखांकित करती है।
विवरण:
- ईंधन की कम खपत के कारण वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर 2021-22 तक प्रत्यक्ष उत्सर्जन में 18.44 प्रतिशत और 9.49 प्रतिशत की कमी आई है।
- स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए, NHAI ने अप्रत्यक्ष उत्सर्जन को कम करने की दिशा में काम करना जारी रखा है।
- मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य प्रति किलोमीटर में मापे जाने वाले और ऊर्जा की खपत, परिचालन, परिवहन एवं यात्रा के कारण होने वाले ग्रीन हाउस गैस (GHG) के उत्सर्जन में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 9.7 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2021-22 में दो प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
- इसी प्रकार परिचालन के मामले में, वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान गीगा जूल प्रति किलोमीटर में मापी जाने वाली ऊर्जा की तीव्रता में 37 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 27 प्रतिशत की कमी आई।
- जबकि, उपरोक्त अवधि के दौरान किलोमीटर में मापी जाने वाली निर्मित सड़कों की लंबाई में लगातार वृद्धि हुई है।
- कुल 97 प्रतिशत से अधिक पैठ के साथ, फास्टैग के जरिए होने वाले इलेक्ट्रॉनिक पथकर संग्रह ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने में योगदान दिया है।
- इसके अलावा, NHAI राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण कार्य में पुनर्चक्रित सामग्रियों का उपयोग करता रहा है।
- सड़कों के निर्माण कार्य में फ्लाई-ऐश और प्लास्टिक कचरे का उपयोग पिछले तीन वर्षों के दौरान बढ़ा है।
- NHAI राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण कार्य में पुनर्चक्रित डामर (RAP) और पुनर्चक्रित एग्रीगेट (RA) के उपयोग को प्रोत्साहित करता रहा है।
- सतत पर्यावरणीय विकास सुनिश्चित करने उद्देश्य से मानव और पशु के बीच के संघर्ष को कम करने हेतु तीन वर्षों में वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण के उपाय के रूप में 20 राज्यों में 100 से अधिक वन्यजीव क्रॉसिंग बनाए गए।
- पिछले कई वर्षों से, NHAI पर्यावरण के अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्गों को विकसित करने के उद्देश्य से वृक्षारोपण अभियान चला रहा है।
- वित्तीय वर्ष 2016-17 से लेकर 2021-22 तक रोपे गए पौधों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- वाहनों से निकलने वाले प्रत्यक्ष उत्सर्जन को निष्प्रभावी करने हेतु 2021-22 तक लगभग 2.74 करोड़ पौधे लगाए गए।
- NHAI ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM), स्वयं सहायता समूहों, सीएसआर भागीदारों और गैर सरकारी संगठनों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर कई वृक्षारोपण अभियानों को संचालित किया है।
- जुलाई 2022 में, NHAI ने एक राष्ट्रव्यापी वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया और देश भर में 114 चिन्हित स्थलों पर एक ही दिन में लगभग 1.1 लाख पौधे लगाए।
- सतत विकास के अलावा, इस रिपोर्ट में समावेशी एवं जिम्मेदार कार्यप्रणालियों के सृजन के प्रति NHAI की वचनबद्धता पर भी प्रकाश डाला गया है।
- पिछले तीन वर्षों के दौरान, NHAI में महिलाओं और वंचित समुदायों के लोगों को रोजगार प्रदान करने के मामले में वृद्धि हुई है।
- प्रदर्शन-आधारित प्रबंधन प्रणाली के साथ, NHAI ने पिछले तीन वर्षों में महिला लैंगिक विविधता और अल्पसंख्यक कर्मचारियों की नियुक्ति को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया है और उसे प्रोत्साहित किया है।
- इससे महिलाओं की भर्ती में लगातार 7.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और तीन वित्तीय वर्षों के दौरान समग्र श्रमशक्ति में कुल तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- सेबी के दिशानिर्देशों के अनुरूप NHAI की ‘सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट’ एक अनिवार्य आवश्यकता नहीं है, लेकिन प्राधिकरण द्वारा इसे स्थिरता से संबंधित अपनी साख को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से एक स्वैच्छिक पहल के रूप में लिया गया है और ग्लोबल रिपोर्टिंग इनिशिएटिव (GRI) के रिपोर्टिंग संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप तैयार किया गया है।
- इस रिपोर्ट को आश्वस्तता संबंधी संलग्नता (एश्योरेंस एंगेजमेंट) से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने वाले तीसरे पक्ष द्वारा बाह्य रूप से आश्वस्त किया गया है।
- यह स्थिरता रिपोर्ट भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के फ्रेमवर्क के अनुरूप ‘ग्रीन फाइनेंस’ के रूप में जाने जाने वाले बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए नए रास्ते खोलेगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.चेन्नई से श्रीलंका के लिये भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय क्रूज जलपोत रवाना:
- केन्द्रीय, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने 05 जून 2023 (पर्यावरण दिवस) को चेन्नई में भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय क्रूज जहाज, एमवी एम्प्रेस को चेन्नई से श्रीलंका के लिये झंडी दिखाकर रवाना किया।
- चेन्नई में अंतरराष्ट्रीय क्रूज पर्यटन टर्मिनल की शुरूआत हो गई, जिसे 17.21 करोड़ रूपये की लागत से तैयार किया गया।
- इसके साथ देश में आधुनिक क्रूज पर्यटन और नौवहन व्यापार का प्रारंभ हो गया।
- यह क्रूज सेवा 2022 में पहले अतुल्य भारत अंतरराष्ट्रीय क्रूज सम्मेलन के दौरान चेन्नई बंदरगाह और मैसर्स वाटरवेज लीजर टूरिज्म प्रा. लि. के बीच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रूज सेवा शुरू करने के लिये हुये सहमति ज्ञापन का परिणाम है।
- घरेलू सर्किट में 37 जलपोतों के जरिये 85,000 यात्रियों ने क्रूज सेवा का लाभ उठाने की जोरदार प्रतिक्रिया दी है, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर भी यात्रा शुरू होने से क्षेत्र में क्रूज पर्यटन व्यवसाय को और बढ़ावा मिलेगा।
- चेन्नई बंदरगाह पर विकसित आधुनिक क्रूज टर्मिनल 2,880 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है जिसकी एक समय में 3,000 यात्रियों की मेजबानी की क्षमता है।
- इसके साथ ही मंत्री ने घोषण कि की तीन नये अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल जल्द तैयार होंगे और 2024 तक काम करने लगेंगे।
- उम्मीद है कि 2023 में जो क्रूज जहाजों की संख्या 208 है वह 2030 तक बढ़कर 500 और 2047 तक 1100 पहुंच जायेगी।
- इसके साथ ही क्रूज सेवाओं का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या 2030 में 9.5 लाख से बढ़कर 2047 में 45 लाख तक पहुंच जायेगी।
- पश्चिमी, दक्षिणी और पूर्वी तटीय भारत में क्रूज सेवाओं के लिये मांग बढ़ाने के उद्देश्य से गुजरात तीर्थाटन, प्राकृतिक दर्शनीय यात्रा, आयुर्वेद वेलनेस टूर और विरासत पर्यटन पर काम कर रहे हैं।
- अंडमान, पुडुचेरी और लक्षद्वीप मार्गों पर नये क्रूज पर्यटन टर्मिनल विकसित करने की योजना पर काम जारी है।
- हम भारत, थाइलैंड और म्यांमार के बीच आवागमन के लिये नौका मार्ग विकसित करने की संभावनाओं का भी अध्ययन कर रहे हैं।
- क्रूज सेवा श्रीलंका के तीन बंदरगाहों, हंबनटोटा, त्रिनकोमाली और कनकेकंतूरी तक जायेगी।
- समुद्र में यात्रा के दौरान एमवी एम्प्रेस चेन्नई लौटने से पहले श्रीलंका के तीन बंदरगाहों तक जायेगा।
2.केंद्र प्रायोजित योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए न्याय विकास पोर्टल बनाया गया:
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- सूचनाओं तक पहुंच आसान बनाकर न्याय विकास पोर्टल हितधारकों को सशक्त बनाएगा।
- वित्तपोषण, दस्तावेज, परियोजना की निगरानी और अनुमोदन से संबंधित जानकारी के लिए न्याय विकास पोर्टल पर चार तरह से लॉगइन किया जा सकता है।
- सूचनाओं तक पहुंच आसान बनाकर न्याय विकास पोर्टल हितधारकों को सशक्त बनाएगा।
- न्याय विकास:
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- न्याय विभाग 1993-94 से जिले और अधीनस्थ न्यायपालिका में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) को लागू कर रहा है।
- योजना के तहत, जिला और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों/न्यायाधीशों के लिए कोर्ट हाल और आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन को केंद्र से सहायता प्रदान की जाती है।
- 31.03.2021 से आगे योजना को बढ़ाने के साथ ही कोर्ट हॉल और आवासीय इकाइयों के अलावा वकीलों के लिए हॉल और डिजिटल कंप्यूटर रूम जैसी कुछ नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं। इससे वकीलों और वादियों को फायदा होगा।
- योजना के तहत पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर अन्य राज्यों के लिए केंद्र और राज्य के बीच फंड की साझेदारी का पैटर्न 60:40 है।
- पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए फंड शेयरिंग 90:10 और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पूरे 100 प्रतिशत है।
- इस योजना के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए ही यह पोर्टल तैयार किया गया है।
3.रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन की नई दिल्ली में बातचीत:
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 05 जून, 2023 को नई दिल्ली में अमेरिका के रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
- बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विषयों की एक महत्वपूर्ण श्रृंखला पर चर्चा की, जिसमें औद्योगिक सहयोग को सुदृढ़ बनाने के तरीकों को चिन्हित करने पर विशेष फोकस किया गया।
- दोनों मंत्रियों ने लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बनाने के तरीकों का पता लगाया।
- दोनों पक्ष नई प्रौद्योगिकियों के सह-विकास और वर्तमान तथा नई प्रणालियों के सह-उत्पादन के अवसरों को चिन्हित करेंगे और दोनों देशों के रक्षा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के बीच सहयोग बढ़ाने की सुविधा प्रदान करेंगे।
- इन उद्देश्यों की दिशा में अमेरिका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार किया जो अगले कुछ वर्षों के लिए नीति दिशा का मार्ग दर्शन करेगा।
- दोनों पक्षों ने मजबूत और बहुआयामी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग गतिविधियों की समीक्षा की और सहयोग की गति को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।
- हाल ही में डिफेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिफेंस स्पेस पर फोकस किये गए उद्घाटन संवादों का स्वागत किया।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में उनके साझा हितों को देखते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा के विषयों पर भी चर्चा की।
05 June PIB :- Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 04 June 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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