विषयसूची:
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1. भारत और यूएई के बीच रुपे घरेलू कार्ड स्कीम समझौता:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई)।
मुख्य परीक्षा: हाल के विकासक्रम को ध्यान में रखते हुए भारत,यूएई समबन्धों की समीक्षा कीजिए।
प्रसंग:
- नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने संयुक्त अरब अमीरात में घरेलू कार्ड स्कीम (डीसीएस) के कार्यान्वयन के लिए अल एतिहाद पेमेंट्स (एईपी) के साथ एक कार्यनीतिक साझेदारी समझौता किया है।
उद्देश्य:
- डीसीएस सॉल्यूशन संप्रभुता, बाजार की गति, नवोन्मेषण, डिजिटलीकरण और कार्यनीतिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित है।
- एनआईपीएल द्वारा प्रदान किए गए डीसीएस सॉल्यूशन में रुपे स्टैक और धोखाधड़ी निगरानी सेवाओं और विश्लेषण जैसी मूल्य वर्धित सेवाएं शामिल हैं।
- एनआईपीएल एईपी को उनकी घरेलू कार्ड योजना के लिए प्रचालन नियम तैयार करने में भी सहायता करेगा।
विवरण:
- एईपी सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (सीबीयूएई) की एक अप्रत्यक्ष सहायक कंपनी है।
- समझौते के अनुसार, एनआईपीएल और एईपी यूएई की राष्ट्रीय घरेलू कार्ड योजना के निर्माण, कार्यान्वयन और प्रचालन के लिए मिलकर काम करेंगे।
- डीसीएस का लक्ष्य यूएई में ई-कॉमर्स और डिजिटल लेनदेन के विकास को सुविधाजनक बनाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, यूएई के डिजिटलीकरण एजेंडा की सहायता करना, वैकल्पिक भुगतान विकल्पों को बढ़ाना, भुगतान की लागत को कम करना और वैश्विक स्तर पर यूएई की प्रतिस्पर्धात्मकता और वैश्विक पेमेंट लीडर के रूप में स्थिति को बढ़ाना है।
- यह साझेदारी अन्य देशों को किफायती और सुरक्षित भुगतान प्रणाली स्थापित करने में सहायता करने के लिए अपने ज्ञान और विशेषज्ञता की पेशकश करने के एनआईपीएल के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।
- रुपे भारत में एक स्वदेशी, अत्यधिक सुरक्षित और व्यापक रूप से स्वीकृत कार्ड पेमेंट नेटवर्क है।
- रुपे कार्ड में डेबिट, क्रेडिट और प्रीपेड सुविधाएं हैं। वर्तमान में 750 मिलियन से अधिक रुपे कार्ड प्रचलन में हैं।
- भारत में जारी किए गए कुल कार्डों में से 60 प्रतिशत से अधिक रुपे कार्ड हैं, अब हर दूसरे भारतीय के पास रुपे कार्ड है।
- ये कार्ड सार्वजनिक क्षेत्र, निजी और छोटे बैंकों सहित संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र के माध्यम से जारी किए जाते हैं।
- भारत का विश्व-प्रसिद्ध डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) भुगतान क्षेत्र में व्यापक स्तर पर बदलाव ला रहा है।
- डीपीआई ढांचे में डिजिटल पहचान, डिजिटल भुगतान और डिजिटल डेटा विनिमय शामिल हैं- इन तीनों का संयोजन भारत में फिनटेक क्रांति के पीछे की शक्ति है।
- सरल शब्दों में, भारत में लगभग हर वयस्क की बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच है, खुद को दूर से प्रमाणित करने का एक तरीका (आधार के माध्यम से) और कुशल तथा किफायती मोबाइल कनेक्टिविटी के माध्यम से इंटरनेट तक पहुंच है।
- इन कारकों का संयोजन भारत को तेजी से सामने आने वाले यूनिकॉर्न के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा फिनटेक इकोसिस्टम बनाता है।
- भारत में पिछले पांच वर्षों में डिजिटल लेनदेन में भाग लेने वाले ग्राहकों में 367 प्रतिशत की अत्यधिक तेज वृद्धि देखी गई है, जिसका सक्रिय ग्राहक आधार 340 मिलियन से अधिक है।
- इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और भारत के बीच 05 अक्टूबर 2023 को एमिरेट पैलेस में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने के बाद दोनों देश अब टिकाऊ औद्योगिक विकास में अधिक निकटता के साथ सहयोग करेंगे।
- औद्योगिक निवेश, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उद्योगों में मूलभूत प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की सुविधा वाले इस समझौता ज्ञापन से संयुक्त औद्योगिक और प्रौद्योगिकीय विकास के जरिये दोनों देशों को लाभ होगा।
- यह राष्ट्रीय औद्योगिक रणनीति और ‘मेक इट इन दि एमिरेट्स’ पहल के अनुरूप है जिसका उद्देश्य यूएई को उन्नत उद्योग और विशेषतौर से भविष्य के उद्योगों का बड़ा वैश्विक केन्द्र बनाना है।
- एमओयू में उन्नत उद्योगों, ऊर्जा बदलाव समाधान, स्वास्थ्य सेवाओं और अंतरिक्ष सहित दोनों देशों की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्रों में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सहयोग के विभिन्न पहलू शामिल हैं।
- इसका उद्देश्य टिकाऊ और जलवायु निरपेक्षता प्रयासों को समर्थन देने वाले नवीन और प्रौद्योगिकी समाधानों को विकसित करना भी है।
- इन रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों में निकटता के साथ काम करते हुए यूएई और भारत सतत् वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ते हुये अपनी अर्थव्यवस्थाओं में विविधता और अधिक प्रतिस्पर्धी, सक्षम और टिकाऊ उद्योगों को बढ़ावा दे सकते हैं।
- इस एमओयू से सहयोग प्रयासों को तेज करने और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में संस्थागत ढांचा खड़ा करने के नये द्वार खुले हैं।
- इससे अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवाओं, नवीकरणीय ऊर्जा, कृत्रिम मेधा और कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- एमओयू में आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती, नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता, स्वास्थ्य और जीव विज्ञान, अंतरिक्ष प्रणाली, कृत्रिम मेधा, उद्योग 4.0 और उन्नत प्रौद्योगिकी सहित सात बुनियादी क्षेत्रों के साथ ही माननकीकरण और माप विद्या पर फोकस है।
- आपूर्ति श्रृंखला की लोचशीलता और बेहतरी के लिये यूएई और भारत कच्चे माल की आपूर्ति अवसरों की पहचान में सहयोग करेंगे।
- दोनों देश औद्योगिक सक्षमता और औद्योगिक वृद्धि तथा विकास प्रोत्साहन के क्षेत्र, जैसे कि ऊर्जा, भूमि, पूंजीगत व्यय (कैपेक्स), परिचालन व्यय (ओपेक्स), प्रौद्योगिकी और श्रम के मामले में बेहतर कार्य व्यवहारों को भी साझा करेंगे।
- ऊर्जा क्षेत्र में यूएई और भारत उन्नत ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकी, स्मार्ट ग्रिड और आईओटी नियोजन और नवीकरणीय ऊर्जा में शोध एवं विकास और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकते हैं।
- यूएई और भारत अंतरिक्ष प्रणाली में निकट सहयोग के जरिये अपने-अपने अंतरिक्ष उद्योगों का विस्तार करना चाहते हैं।
- एमओयू से दोनों देशों को वाणिज्यिक विकास, संचार और पृथ्वी अध्ययन के लिये छोटे उपग्रहों का प्रक्षेपण और उनका इस्तेमाल साथ ही अंतरिक्ष में नई खोज करने में मदद मिलेगी।
- दोनों देश अंतरिक्ष क्षेत्र में शोध और विकास के अलावा अंतरिक्ष संबंधी सामग्री के लाइसेंसिंग विकास में भी सहयोग करेंगे।
- कृत्रिम मेधा (एआई) के क्षेत्र में यूएई और भारत अंतरिक्ष क्षेत्र, ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवाओं और आपूर्ति श्रृंखला में एआई प्रौद्योगिकी को उपयोग में लाने में सहयोग करेंगे।
- एमओयू के तहत यूएई और भारत उद्योग में 4आईआर प्रौद्योगिकी इस्तेमाल, रियल टाइम डेटा प्रोसेसिंग, मशीन-से-मशीन नियंत्रण प्रणाली विकास, स्वचलित रोबोटिक्स विकास, उपकरण और वाहन के साथ ही बुनियादी उद्योगों में अतिरिक्त विनिर्माण सुविधायें विकसित करने में भी सहयोग करेंगे।
- दोनों देशों के बीच सहयोग के अंतिम क्षेत्र में मानकीकरण, मापविद्या, अनुरूपता निर्धारण, मान्यता और हलाल प्रमाणीकरण शामिल है।
- दोंनों देश प्रक्रियाओं, दिशानिर्देशों और नियमन दायरे में आने वाले उत्पादों की सूची सहित सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे।
- दोनों देश अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप मानकों की समानता और अनुरूपता निर्धारण परिणाम को आपसी मान्यता की दिशा में भी सहयोग करेंगे।
- एमओयू के तहत, औद्योगिक और अकादमिक सहयोग, के साथ ही सहयोगात्मक शोध और विकास परियोजनाओं में सहयोग भी शामिल है। दोनों देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीतियों से संबंधित बेहतर कार्य प्रणालियों को भी आपस में साझा करेंगे।
- इसके अलावा निवेश पर संयुक्त अरब अमीरात-भारत उच्च स्तरीय संयुक्त कार्य बल (‘संयुक्त कार्य बल’) की ग्यारहवीं बैठक अबू धाबी में आयोजित की गई।
- भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 2013 में संयुक्त कार्य बल की स्थापना की गई थी।
- संयुक्त कार्य बल ने दोनों देशों में निवेश के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा के साथ-साथ दोनों देशों के निवेशकों के सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए एक प्रभावी तंत्र प्रदान किया है।
- बैठक के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के कार्यान्वयन पर हुई प्रगति की समीक्षा की, जो मई 2022 में लागू हुआ था।
- सीईपीए एक ऐतिहासिक समझौता था जिसे दोनों देशों के बीच सहयोग, लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत कर एक नए युग की शुरुआत करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- इसने 80 प्रतिशत से अधिक उत्पाद लाइनों पर टैरिफ को कम करने, व्यापार में बाधाओं को खत्म करने और निवेश और संयुक्त उद्यमों के लिए नए रास्ते बनाने में मदद की है।
- सीईपीए के पहले 12 महीनों में, द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार 50.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
- दोनों देश 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के गैर-तेल व्यापार के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
- दोनों पक्षों ने संयुक्त अरब अमीरात की संप्रभु निवेश संस्थाओं से भारत में निवेश प्रवाह में और वृद्धि को बढ़ावा देने के तरीकों और प्रोत्साहनों पर भी चर्चा की।
- इस संबंध में, संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए फास्ट ट्रैक तंत्र के निर्माण पर प्रगति पर भी चर्चा की गई।
- वार्ता में भारत-संयुक्त अरब अमीरात स्टार्ट-अप ब्रिज पर भी चर्चा हुई, जो संयुक्त अरब अमीरात के अर्थव्यवस्था मंत्रालय और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बीच एक संयुक्त पहल है।
- इस ब्रिज के वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने की उम्मीद है जो बाजार पहुंच, निवेश फंड, उद्यम पूंजी, इनक्यूबेटर और प्रत्येक देश में संबंधित व्यावसायिक परिदृश्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण सत्र और ज्ञान-साझाकरण प्रदान करता है।
- एक अन्य महत्वपूर्ण एजेंडा विषय अबू धाबी – भारत वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर की स्थापना थी, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच कागज रहित व्यापार की सुविधा के लिए डेटा विनिमय प्रणाली विकसित करके, दक्षता और सुरक्षा में सुधार करके समग्र व्यापार मात्रा में वृद्धि करना है।
- दोनों पक्ष इसके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए दोनों देशों के संबंधित समकक्षों के बीच समन्वय और सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए।
- सह-अध्यक्षों ने भारत में आई2यू2 फ्रेमवर्क के तहत खाद्य सुरक्षा गलियारे से संबंधित निवेश सहित प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की।
- संयुक्त कार्य बल ने भारत में भविष्य के निवेश को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से, गुजरात में एक वित्तीय मुक्त क्षेत्र, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) की योजनाओं की प्रगति पर गौर किया।
- संयुक्त कार्य बल ने संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत गणराज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बीच उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग से संबंधित एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- एमओयू अंतरिक्ष, स्वास्थ्य सेवा, नवीकरणीय ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगा।
- संयुक्त अरब अमीरात के सेंट्रल बैंक की सहायक कंपनी अल एतिहाद पेमेंट्स और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच एक अन्य समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता संयुक्त अरब अमीरात की घरेलू कार्ड योजना (डीसीएस) विकसित करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी बनाता है।
- यूएई डीसीएस संयुक्त अरब अमीरात के वित्तीय अवसंरचना परिवर्तन कार्यक्रम के सेंट्रल बैंक का एक प्रमुख तत्व है जिसका उद्देश्य संयुक्त अरब अमीरात को डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे में वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित करना है।
- डीसीएस देश का पहला एकीकृत, सुरक्षित और कुशल कार्ड भुगतान प्लेटफॉर्म होगा, जो ई-कॉमर्स के विकास को सुविधाजनक बनाकर, उपभोक्ताओं को अनुकूलित पेशकश प्रदान करके, वित्तीय समावेशन को बढ़ाकर और भुगतान के लागत को कम करके संयुक्त अरब अमीरात के डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन को तेज करेगा।
- इसके गठन के बाद से, संयुक्त कार्य बल का उपयोग संयुक्त अरब अमीरात और भारत में निवेश करते समय दोनों देशों की कंपनियों के सामने आने वाले विशिष्ट मुद्दों को उजागर करने और हल करने के लिए एक मूल्यवान मंच के रूप में किया गया है।
2. केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 को अपराधमुक्त किया गया:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: केबल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995।
मुख्य परीक्षा: केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत प्रावधानों को अपराधमुक्त करने के लाभों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 में संशोधनों को अधिसूचित किया है, जिससे केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के अपराधमुक्त प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए परिचालन तंत्र प्रदान किया गया है।
उद्देश्य:
- केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 की धारा 16 इसके किसी भी प्रावधान के उल्लंघन की सजा से जुड़ी है।
- इस धारा में कारावास दंड का प्रावधान था जो पहली बार उल्लघंन करने पर 2 साल तक का था और उसके बाद प्रत्येक उल्लंघन के लिए उसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता था।
विवरण:
- केबल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 को ज्यादा बिजनेस-फ्रेंडली बनाने और इस क्षेत्र में निवेशकों के विश्वास को बढ़ाने के उद्देश्य से धारा 16 के अंतर्गत निर्दिष्ट दंडों की फिर से परख की गई और जन विश्वास (प्रावधान में संशोधन) अधिनियम, 2023 के जरिए इन्हें अपराधमुक्त किया गया।
- कारावास के इन प्रावधानों को जगह अब मौद्रिक दंड और सलाह, चेतावनी, निंदा जैसे अन्य गैर-मौद्रिक उपायों को लाया गया है।
- इन उपायों को अधिसूचित नियमों में परिभाषित “नामित अधिकारी” के माध्यम से लागू किया जाएगा।
- इसके अलावा, धारा 16 अब नामित अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ अपील तंत्र की व्यवस्था भी करती है। धारा 17 और 18 को निरर्थक होने के कारण हटा दिया गया।
केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत प्रावधानों को अपराधमुक्त करने के कुछ लाभ हैं:
- इन संशोधनों से संभावना है कि छोटे या गैर-इरादतन उल्लंघनों के प्रति संवेदनशील होकर कठोर दंड देने के बजाय ये इस अधिनियम के अनुपालन को बढ़ावा देंगे।
- दंड का जो दायरा है उसमें सलाह, निंदा और चेतावनियों को शामिल करने से पता चलता है कि केवल उल्लंघनों को दंडित करने के बजाय अनुपालन के प्रति शिक्षित करने और प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया गया है।
- ये संशोधित प्रावधान दंडों की एक शृंखला का इस्तेमाल करने की इजाज़त देते हैं, जो विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों के जवाब में लचीलापन प्रदान करते हैं।
- यह उल्लंघन की प्रकृति, विशिष्टता और गंभीरता के प्रति ज्यादा आनुपातिक प्रतिक्रिया की अनुमति देता है।
- इन नियमों में यह संशोधन जुर्माना लगाने के लिए एक “नामित अधिकारी” को परिभाषित करता है।
- यह प्रवर्तन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है और आपराधिक न्याय प्रणाली को बोझ से मुक्त करने के अलावा इसे सरल बनाता है।
- यह संशोधित प्रावधान स्पष्ट रूप से बाद के उल्लंघनों को संबोधित करता है और भारी दंडों का प्रावधान करने के अलावा, पंजीकरण को निलंबित या रद्द करने के प्रावधान भी शामिल करता है। यह निरंतरता को बढ़ावा देता है और आदतन या बार-बार होने वाले उल्लंघनों को हतोत्साहित करता है।
- इसमें अपील तंत्र को शामिल किए जाने से व्यक्तियों या संस्थाओं को संबंधित दंड या फैसलों को चुनौती देने का अवसर मिलता है।
- यह तंत्र एक निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करता है और सत्ता के संभावित दुरुपयोग के खिलाफ सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करता है।
- केबल उद्योग में “प्लेटफ़ॉर्म सेवाएं” और “स्थानीय केबल ऑपरेटर” जैसे सामान्य शब्दों की परिभाषा को पहली बार नियमों में परिभाषित किया गया है ताकि उनके उपयोग में एकरूपता लाई जा सके।
- वर्तमान में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ 1400 से अधिक मल्टी-सिस्टम ऑपरेटर पंजीकृत हैं।
- केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के प्रावधानों के उल्लंघन को अपराध की श्रेणी से हटाने और उनकी जगह सिविल पैनल्टी लाने से हितधारकों का विश्वास बढ़ेगा और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।
3. तमिलनाडु और पुडुचेरी में सागर परिक्रमा चरण-IX का शुभारंभ किया जाएगा:
सामान्य अध्ययन: 1,2
भूगोल,शासन:
विषय: भारत की भौगोलिक विषेशताएँ,सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: सागर परिक्रमा चरण-IX
मुख्य परीक्षा: सागर परिक्रमा के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला, राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन के साथ 7 अक्टूबर, 2023 को तमिलनाडु के रामनाड जिले के थोंडी में सागर परिक्रमा चरण-IX का शुभारंभ करेंगे।
उद्देश्य:
- परिक्रमा के दौरान, जागरूकता और लाभ के लिए योजनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएमएमएसवाई योजना, राज्य योजनाओं, ई-श्रम, एफआईडीएफ, केसीसी पर साहित्य भी व्यापक रूप से प्रसारित किया जाएगा।
विवरण:
- इसके साथ ही तमिलनाडु के आठ तटीय जिलों पुदुक्कोट्टई, तंजावुर, नागापट्टिनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर, विलुप्पुरम, चेंगलपट्टू, चेन्नई और कराईकल तथा पुडुचेरी में कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
- सागर परिक्रमा एक आउटरीच कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य देश के संपूर्ण तटीय क्षेत्र में मछुआरा समुदाय तक पहुंचना है।
- यह पहल मछुआरों की समस्याओं, अनुभवों और आकांक्षाओं को समझने तथा तटीय क्षेत्रों में मछुआरों के लिए उपलब्ध सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रारंभ की गई है।
- मछुआरे, मछुआरों के प्रतिनिधि, मछली-किसान, उद्यमी, मछुआरा सहकारी समिति के नेता, पेशेवर, वैज्ञानिक और अन्य हितधारक तमिलनाडु के थोंडी, रामनाड जिले से चेन्नई और पुडुचेरी सहित अन्य जिलों से गुजरते हुए सागर परिक्रमा की यात्रा में विभिन्न कार्यक्रमों और बातचीत में शामिल होंगे।
- केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में तालाबों और टैंकों के रूप में 1400 हेक्टेयर अंतर्देशीय जल क्षेत्र है जो मत्स्य पालन और संवर्धन दोनों के लिए उपयुक्त है। खारा जल झींगा पालन के लिए 800 हेक्टेयर खारा जल क्षेत्र उपलब्ध है।
- तमिलनाडु की तटरेखा 1,076 किमी लंबी है, जो देश में दूसरी सबसे बड़ी है।
- राज्य समुद्री, खारे पानी और अंतर्देशीय मत्स्य संसाधनों से समृद्ध है जो मत्स्य पालन और संवर्धन के लिए उपयुक्त है।
- राज्य का समुद्री मछली उत्पादन (2021-22) 5.95 लाख मीट्रिक टन था, जिसमें से 6,559.64 करोड़ रुपये मूल्य के 1.14 लाख मीट्रिक टन का निर्यात हुआ।
- मत्स्य पालन उद्योग 5,830 मशीनीकृत और 45,685 पारंपरिक मछली पकड़ने के तरीके से 10.48 लाख समुद्री मछुआरों की आजीविका का समर्थन करता है जो सक्रिय रूप से मछली पकड़ने में लगे हुए हैं और 4,41,977 समुद्री मछुआरे तमिलनाडु मछुआरा कल्याण बोर्ड में नामांकित हैं।
- तमिलनाडु की समृद्ध मत्स्य पालन जैव विविधता प्रत्यक्ष और सहायक गतिविधियों में दस लाख से अधिक लोगों को आजीविका के अवसर प्रदान करती है।
- वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य कृषि सकल घरेलू उत्पाद में क्षेत्र का योगदान 5.78 प्रतिशत है।
- वर्ष 2021-22 के दौरान विदेशी मुद्रा में मत्स्य पालन क्षेत्र से राज्य का योगदान 6,559.64 करोड़ रुपये का रहा।
- यह योगदान 1.14 लाख मीट्रिक टन मछली और मत्स्य उत्पादों के निर्यात से संभव हुआ।
- मत्स्य पालन क्षेत्र मछुआरों के लिए आजीविका के स्रोत से समृद्ध एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया है और यह समाज में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने के साथ-साथ पुडुचेरी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और मूल्यवान विदेशी मुद्रा आय भी साझा कर रहा है।
- सागर परिक्रमा के पहले आठ चरणों में गुजरात, दीव और दमन, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार सहित 8 तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 4,115 किलोमीटर की दूरी तय की गई है।
- यह यात्रा तटीय क्षेत्र के मछुआरों, मछली किसानों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने वाली भारत सरकार की एक विकासपरक पहल का प्रतीक है।
- इसका उद्देश्य मछली पकड़ने वाले समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना तथा सरकार द्वारा कार्यान्वित विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं और कार्यक्रमों, जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से उनके आर्थिक उत्थान को सुविधाजनक बनाना और मत्स्य पालन से संबंधित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी का प्रसार करना और स्थायी संतुलन और समुद्री ईको-सिस्टम सुरक्षा पर फोकस के साथ जिम्मेदार मत्स्य पालन को बढ़ावा देना है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. गृह मंत्रालय ने जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) को ‘विधिविरुद्ध संगठन’ घोषित किया:
- भारत सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी (JKDFP) को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA) 1967 की धारा 3(1) के अंतर्गत एक ‘विधिविरुद्ध संगठन’ (Unlawful Association) घोषित कर दिया है।
- यह संगठन वर्ष 1998 से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है तथा इसके सदस्यों ने सदैव भारत में अलगाववाद तथा आतंकवादी कृत्यों को बढ़ावा दिया है।
- इस संगठन के सदस्य लोगों को उकसा कर कश्मीर को एक अलग इस्लामिक राज्य बनाना चाहते हैं, जो कि भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।
- इस संगठन के विरुद्ध यूएपीए 1967, आईपीसी 1860, आर्म्स एक्ट 1959 एवं रणबीर दंड संहिता 1932 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कई आपराधिक मामले पंजीकृत किए गए हैं |
2. विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस 6 अक्टूबर को:
- विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। सेरेब्रल पाल्सी (सीपी-मस्तिष्क पक्षाघात) दिवस व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों पर इसके प्रभाव पर प्रकाश डालता है।
- प्रत्येक वर्ष 6 अक्टूबर को मनाया जाने वाला यह दिवस सेरेब्रल पाल्सी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, इस स्थिति से पीड़ित लोगों का समर्थन करने और अधिक समावेश और समझ बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
- सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों और वयस्कों को अक्सर ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो समाज में उनकी पूर्ण भागीदारी में बाधा डालती हैं।
- यह दिन सेरेब्रल पाल्सी वाले लोगों के लिए बढ़ती जागरूकता, समझ और समर्थन की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
- विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस, 2023 की थीम “टुगेदर स्ट्रॉन्गर” है।
- यह विषय सेरेब्रल पाल्सी समुदाय के भीतर और उससे परे एकता, सहयोग और आपसी समर्थन के महत्व पर प्रकाश डालता है।
- यह इस बात पर बल देता है कि जब व्यक्ति, परिवार, देखभाल करने वाले और समुदाय एक साथ आते हैं तो वे सकारात्मक परिवर्तन और समावेशन के लिए एक मजबूत शक्ति बन जाते हैं।
- भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) देश के दिव्यांग जनों के सभी विकास एजेंडे की देखभाल करने वाला नोडल विभाग है।
- विभाग जन समुदाय के बीच सेरेब्रल पाल्सी के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 6 अक्टूबर 2023 को विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस मना रहा है।
3. देश के नागरिक अब सरकार द्वारा जारी कोई भी पहचान प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र देकर ड्रोन पायलट बन सकते हैं:
- वायुयान अधिनियम, 1934 (1934 का 22) की धारा 5, धारा 10 की उपधारा 2 और धारा 10ए, 10बी, और 12ए द्वारा प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ड्रोन पायलटों के लिए नए ड्रोन (संशोधन) नियम 2023 को अधिसूचित किया है।
- इस संशोधन के बाद अब यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि ड्रोन पायलट के पास पासपोर्ट नहीं है, तो रिमोट पायलट प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने के लिए सरकार द्वारा जारी पहचान प्रमाण पत्र और सरकार द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र यानी वोटर आईडी, राशन कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस को अब स्वीकार किया जा सकता है।
- विशेष रूप से ग्रामीण भारत के कृषि क्षेत्र में इच्छुक ड्रोन पायलटों के लिए पासपोर्ट होने की शर्त बाधा बन रही थी।
- देश भर में ड्रोन संचालन को और उदार बनाने, बढ़ावा देने एवं सुविधाजनक बनाने और वर्ष 2030 तक भारत को एक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनाने के लिए ही यह कदम उठाया गया है।
- यह नियम 27 सितंबर 2023 से प्रभावी हो गया है।
4. सिक्किम के तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के प्रभाव की समीक्षा:
- विद्युत मंत्रालय सिक्किम के तीस्ता बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण पैदा हुई स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।
- तीस्ता बेसिन में 3 और 4 अक्टूबर 2023 की मध्यरात्रि में अचानक आई बाढ़ के कारण तीस्ता V जलविद्युत स्टेशन से तारखोला/ पम्फोक तक के सभी पुल डूब गए अथवा बह गए।
- इससे इन इलाकों में आवागमन और संचार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।
- बाढ़ का पानी तीस्ता V जलविद्युत स्टेशन (510 मेगावॉट) के बांध के ऊपर तक पहुंच गया है।
- फिलहाल पावर स्टेशन बंद है और बिजली का उत्पादन नहीं हो रहा है।
- एनएचपीसी ने अपनी सभी परियोजनाओं से लोगों को समय पर हटाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने की व्यवस्था की थी। मगर, तीस्ता V जलविद्युत स्टेशन से एक व्यक्ति के हताहत होने की सूचना है।
- एनएचपीसी के निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना तीस्ता VI (500 मेगावॉट) का काम बाधित हो गया है। बाढ़ का पानी बिजली घर और ट्रांसफार्मर तक पहुंच चुका है।
- बैराज के साथ-साथ बिजली घर के दाएं और बाएं किनारों को जोड़ने वाले पुल भी बाढ़ की पानी में बह गए हैं।
- पश्चिम बंगाल के निचले इलाके में स्थित टीएलडीपी III (160 मेगावॉट) (तीस्ता लो डैम III जलविद्युत संयंत्र) और टीएलडीपी IV (132 मेगावॉट) विद्युत स्टेशनों में कोई बड़ी क्षति नहीं दिखी है।
- दोनों विद्युत स्टेशन सुरक्षित हैं लेकिन बाढ़ के पानी के साथ भारी गाद आने के कारण फिलहाल इन्हें बंद रखा गया है।
- इन दोनों परियोजनाओं से बिजली उत्पादन को जल्द से जल्द सुचारु करने के लिए एनएचपीसी लगातार कर रही है।
- इसके अलावा, रंगित घाटी में नुकसान की कोई सूचना नहीं है, जहां एनएचपीसी का रंगित IV विद्युत परियोजना (120 मेगावॉट) निर्माणाधीन है जबकि रंगित विद्युत स्टेशन (60 मेगावॉट) चालू है।
- जल स्तर कम होने के बाद सभी परियोजना स्थलों पर हुए नुकसान का विस्तार से आकलन किया जाएगा।
- एनएचपीसी प्रभावित इलाकों में भोजन, दवा, बिजली आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए राज्य सरकार, आपदा प्रबंधन अधिकारियों और जिला प्रशासन की मदद से हर संभव प्रयास कर रही है।
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