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विषय सूची:

  1. प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना पर एक नागरिक की प्रतिक्रिया साझा की
  2. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत अब शीघ्र ओपीडी पंजीकरण संभव
  3. मानकों के व्यापक प्रचार के लिए भारतीय मानक ब्यूरो और अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग के बीच सहयोगात्मक प्रयास
  1. प्रधानमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना पर एक नागरिक की प्रतिक्रिया साझा की

    सामान्य अध्ययन: 2

    स्वास्थ्य:

    विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

    प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: आयुष्मान भारत योजना के बारे में।

    संदर्भ:

    • प्रधानमंत्री ने सभी भारतीय नागरिकों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने के लिए शुरू की गई  आयुष्मान भारत योजना को रेखांकित करते हुए उस पर एक नागरिक की प्रतिक्रिया को साझा किया है।

    आयुष्मान भारत योजना:

    प्रारंभ तिथि: 23 सितंबर, 2018

    मंत्रालय/विभाग: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW)

    प्रकार: केंद्र प्रायोजित योजना।

    उद्देश्य: सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्य को प्राप्त करना। इस पहल को सतत विकास लक्ष्यों (SDG) और इसकी अंतर्निहित प्रतिबद्धता “कोई पीछे न छूटे” को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

    घटक: आयुष्मान भारत कार्यक्रम के दो घटक हैं:

    • स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र

    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा

    लक्षित लाभार्थी: 10.74 करोड़ गरीब और वंचित परिवार।

    वित्तपोषण का स्रोत: PM-JAY पूरी तरह से सरकार द्वारा वित्त पोषित है और क्रियान्वयन की लागत केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा की जाती है।

    योजना के बारे में:

    योजना के लाभ: योजना के तहत लाभार्थियों को कैशलेस लेनदेन के साथ अस्पताल में भर्ती होने के सभी खर्चों को कवर किया जाता है। जैसे,

    • अस्पताल में भर्ती के दौरान रहने की सुविधा।

    • अस्पताल में भर्ती होने से पूर्व और बाद की लागत।

    • उपचार के दौरान उत्पन्न होने वाली कोई भी जटिलता।

    • परिवार के आकार, उम्र या लिंग पर कोई सीमा नहीं।

    • पहले से मौजूद बीमारी भी पहले दिन से ही शामिल की जाती है।

    पात्रता मापदंड:

    ग्रामीण आबादी:

    • कच्ची दीवार और कच्ची छत के साथ एक कमरे वाले परिवार।

    • वे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई वयस्क सदस्य न हो।

    • ऐसे परिवार जिनमें 16 से 59 वर्ष की आयु के बीच कोई वयस्क पुरुष सदस्य न हो।

    • ऐसे परिवार जिसमें दिव्यांग सदस्य हों और कोई शारीरिक रूप से सक्षम वयस्क सदस्य न हो।

    • एससी/एसटी परिवार।

    • मानवीय आकस्मिक मजदूरी से आय का बड़ा हिस्सा कमाने वाले भूमिहीन परिवार।

    शहरी आबादी:

    • कूड़ा उठाने वाला।

    • भिखारी।

    • घरेलू नौकर।

    • स्ट्रीट वेंडर/मोची/फेरीवाला/सड़कों पर काम करने वाले अन्य सेवा प्रदाता।

    • निर्माण श्रमिक/राजमिस्री/बढ़ई//श्रमिक/चित्रकार/वेल्डर/सुरक्षा गार्ड/कुली और अन्य हेड-लोड कर्मी।

    • सफाईकर्मी/स्वच्छता कर्मी/माली।

    • घरेलू कर्मी /कारीगर/हस्तशिल्प कर्मी/दर्जी।

    • परिवहन कर्मी /चालक/परिचालक/चालक और परिचालक का सहायक/गाड़ी खींचने वाला/रिक्शा चलाने वाला।

    • दुकान पर कार्य करने वाले कर्मचारी/सहायक/छोटे प्रतिष्ठान में चपरासी/सहायक/वितरण सहायक/परिचारक/वेटर।

    • इलेक्ट्रीशियन/मैकेनिक/असेंबलर/मरम्मत कार्य करने वाले।

    • धोबी/चौकीदार।

  2. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत अब शीघ्र ओपीडी पंजीकरण संभव

    सामान्य अध्ययन: 2

    स्वास्थ्य:

    विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

    प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के बारे में।

    संदर्भ:

    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल के नए ओपीडी ब्लॉक में शीघ्र ओपीडी पंजीकरण सेवा के लिए एक प्रायोगिक सेवा शुरू कर रहा है।

    विवरण:

    • इस योजना के माध्यम से पुराने और नए रोगी केवल एक क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद अस्पताल के साथ अपने जनसांख्यिकीय विवरण जैसे कि नाम, पिता का नाम, आयु, लिंग, पता और मोबाइल नंबर आदि साझा कर सकेंगे।

    • यह ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर लगने वाले समय को कम करने में सहायता करने के साथ अस्पताल के रिकॉर्ड में सटीक डेटा प्रदान करेगी।

    • इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे लंबी कतारों में प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।

    यह सुविधा कैसे कार्य करेगी?

    • क्यूआर कोड आधारित ओपीडी पंजीकरण सेवा रोगियों को अपने मोबाइल फोन (फोन कैमरा/स्कैनर/आभा एप/आरोग्य सेतु एप/या किसी अन्य ABDM सक्षम एप का उपयोग करके) से अस्पताल के यूनिक क्यूआर कोड को स्कैन करने और अस्पताल के साथ अपने प्रोफाइल विवरण साझा करने की अनुमति देती है।

    • एक बार प्रोफाइल साझा करने के बाद अस्पताल एक टोकन नंबर (पंक्ति संख्या) प्रदान करता है। यह निर्मित किया गया टोकन रोगी के चयनित एप को एक अधिसूचना के रूप में भेजा जाता है और रोगियों की आसानी के लिए ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर प्रदर्शित स्क्रीन पर भी दिखाया जाता है।

    • अपने टोकन संख्या के अनुसार रोगी पंजीकरण काउंटर पर जा सकते हैं और सीधे डॉक्टर से परामर्श के लिए अपनी आउट पेशेंट पर्ची (ओपी स्लिप) प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि उनका विवरण पंजीकरण काउंटर पर पहले से उपलब्ध है।

    आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन:

    • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) को सितंबर 2021 में शुरू किया गया था।

    • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का उद्देश्य भारत के एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना है।

    • इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल स्वास्थ्य ID प्रदान की जाएगी जिसमें उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संरक्षित किया जाएगा।

    • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन देश भर के अस्पतालों के डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों को एक-दूसरे से जोड़ेगा।

    • यह ओपन, इंटर ऑपरेबल, मानक-आधारित डिजिटल सिस्टम का लाभ उठाते हुए डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करके एक सहज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार करेगा।

    • इससे भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है।

    • यह मिशन न केवल अस्पतालों की प्रक्रियाओं बल्कि जीवन यापन को भी आसान बनाएगा।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. मानकों के व्यापक प्रचार के लिए भारतीय मानक ब्यूरो और अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल आयोग के बीच सहयोगात्मक प्रयास:
    • अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) के महासचिव एवं सीईओ श्री फिलिप मेट्ज़गर ने हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन के बीच सहयोग पर जोर दिया।

    • वर्तमान में, भारत IEC मानकीकरण प्रबंधन बोर्ड (SMB) और मार्केट स्ट्रेटेजी बोर्ड (MSB) का सदस्य है, जो कि क्रमशः तकनीकी मामलों और भविष्य के काम के लिए प्रासंगिक विषय क्षेत्रों की पहचान करने से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन के सर्वोच्च नीति-निर्माण निकाय हैं।

    • भारत तकनीकी समितियों (TC), उप समितियों (SC) और उनके समूहों में अपनी भागीदारी के जरिए अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन के तकनीकी कार्यों में भी योगदान देता है।

    अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन:

    • अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन जिनेवा में स्थित एक गैर-लाभकारी संगठन है जो इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानकों को विकसित कर रहा है।

    • भारत अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन की भारतीय राष्ट्रीय समिति (INC-IEC) के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन के कार्यों में भाग ले रहा है और योगदान दे रहा है।

06 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 05 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:

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