विषयसूची:
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खराब वायु गुणवत्ता वाली परिस्थिति से निपटने के लिए संशोधित ग्रैप
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: संरक्षण पर्यावरण प्रदुषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा:ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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निर्माण और विध्वंस (C&D) की गतिविधियों वाली साइटों से निकलने वाली धूल को कम करने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में समग्र वायु गुणवत्ता को और बेहतर बनाने हेतु कार्रवाई तेज करने के एक कदम के रूप में, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने NCR में निर्माण और विध्वंस (C&D) में संलग्न सभी परियोजनाओं को अपनी परियोजना के अंतर्गत निर्माण के कुल क्षेत्र के अनुपात में पर्याप्त संख्या में एंटी-स्मॉग गन अनिवार्य रूप से तैनात करने का आदेश दिया है।
उद्देश्य:
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संशोधित ग्रैप चरण-I से ही C&D साइटों पर एंटी-स्मॉग गन के उपयोग का निर्देश देता है।
विवरण:
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NCR के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को भी यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में स्थित विभिन्न C&D साइटों में स्थापित एंटी-स्मॉग गन का निरंतर और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करें।
आयोग के हालिया वैधानिक निर्देश के अनुसार, C&D की सभी साइटों को निर्माण क्षेत्र के आधार पर निम्नलिखित मानकों के अनुसार पर्याप्त संख्या में एंटी-स्मॉग गन तैनात करनी चाहिए:
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5000 – 10,000 वर्गमीटर के बीच कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 1
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10,001 – 15,000 वर्गमीटर के बीच कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 2
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15,001 – 20,000 वर्गमीटर के बीच कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 3
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20,000 वर्गमीटर से अधिक के कुल निर्माण क्षेत्र के लिए कम से कम 4
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निर्माण और विध्वंस (C&D) की गतिविधियों की वजह से निकलने वाली धूल वायु प्रदूषण का एक प्रमुख और निरंतर स्रोत है और यह NCR में PM2.5 और PM10 के स्तर में वृद्धि में प्रतिकूल तरीके से योगदान देती है।
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C&D साइटों से निकलने वाली धूल की बड़ी मात्रा को कम करने के लिए शोधित पानी के उपयोग, एंटी-स्मॉग गन, स्प्रिंकलर आदि के उपयोग के माध्यम से निर्धारित वेट सप्रेशन, विंड ब्रोकर्स, डस्ट बैरियर स्क्रीन, निर्माण सामग्री और C&D मलबे को ढकने, C&D कचरे का उचित निपटान ढके हुए वाहनों आदि में परिवहन सहित कुछ ऐसे कदम हैं जिनका अनिवार्य रूप से NCR में C&D परियोजनाओं द्वारा पालन किया जाना है।
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धूल को कम करने हेतु C&D गतिविधियों के प्रबंधन की दिशा में जुलाई, 2022 में आयोग द्वारा तैयार की गई NCR में वायु प्रदूषण को रोकने की व्यापक नीति, C&D परियोजना स्थलों में पर्याप्त संख्या में एंटी-स्मॉग गन की तैनाती को भी निर्धारित करती है।
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इसके अलावा, पूरे NCR में आमतौर पर सर्दियों के मौसम में खराब वायु गुणवत्ता वाली परिस्थिति से निपटने के लिए संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) भी निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन के उपयोग से संबंधित दिशानिर्देशों लागू करने का निर्देश देता है।
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नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम अधिसूचित किया:
सामान्य अध्ययन: 3
बुनियादी ढांचा: ऊर्जा
विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
प्रारंभिक परीक्षा:राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम से सम्बंधित तथ्य।
प्रसंग:
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नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार ने 2 नवंबर, 2022 को राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम को अधिसूचित किया है।
उद्देश्य:
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MNRE ने वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम को जारी रखा है।
विवरण:
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इस कार्यक्रम को दो चरणों में लागू करने की सिफारिश की गई है।
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कार्यक्रम के पहले चरण को 858 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई है।
राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम में निम्नलिखित उप-योजनाएं शामिल होंगी :
I. अपशिष्ट से ऊर्जा कार्यक्रम (शहरी, औद्योगिक और कृषि अपशिष्टों/अवशेषों से ऊर्जा कार्यक्रम) द्वारा बड़े बायोगैस, बायोसीएनजी और विद्युत संयंत्रों (एमएसडब्ल्यू से विद्युत परियोजनाओं को छोड़कर) की स्थापना में सहायता प्रदान करना।
II. विद्युत उत्पादन और गैर-खोई आधारित विद्युत उत्पादन परियोजनाओं में उपयोग के लिए पेलेट्स और ब्रिकेट्स की स्थापना में सहायता प्रदान करने के लिए बायोमास कार्यक्रम (उद्योगों में ब्रिकेट और छर्रों के निर्माण और बायोमास (गैर-खोई) आधारित सह उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजना)।
III. ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार और मध्यम आकार के बायोगैस की स्थापना में सहायता प्रदान करने के लिए बायोगैस कार्यक्रम।
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ऊर्जा की प्राप्ति के लिए देश में बड़ी मात्रा में उपलब्ध सरप्लस बायोमास, मवेशियों का गोबर, औद्योगिक और शहरी जैव अपशिष्ट का उपयोग करने के लिए, एमएनआरई 1980 के दशक से ही देश में जैव ऊर्जा को बढ़ावा दे रहा है।
MNRE द्वारा प्रदान की गई एक प्रमुख सहायता बायोगैस, बायोसीएनजी, शहरी, औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट/अवशेषों जैसी जैव ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए केन्द्रीय वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है ताकि उनकी पूंजीगत लागत/ऋण पर ब्याज को कम किया जा सके और विद्युत व्यवहार्यता बढ़ाई जा सके।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार:
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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 7 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।
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राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समाज में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को मान्यता देने के रूप में की गई थी।
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- भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता:
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प्रधानमंत्री 8 नवंबर 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत की G20 की अध्यक्षता के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण करेंगे।
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भारत की विदेश नीति वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने जा रही है।
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इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, भारत 1 दिसंबर, 2022 से G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
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G20 की अध्यक्षता भारत को अंतरराष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर वैश्विक एजेंडे में योगदान करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।
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G20 की अध्यक्षता के ये लोगो, थीम और वेबसाइट भारत के संदेश और दुनिया के प्रति उसकी व्यापक प्राथमिकताओं को प्रतिबिंबित करेंगे।
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G20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है।
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G20 की अध्यक्षता के दौरान, भारत देशभर में विभिन्न स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लगभग 200 बैठकें आयोजित करेगा।
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अगले साल होने वाला G20 शिखर सम्मेलन, भारत द्वारा आयोजित किया जाने वाला शीर्ष स्तर के अंतररष्ट्रीय सम्मेलनों में से एक होगा।
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- सोनार प्रणालियों के लिए परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा का शुभारंभ:
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DRDO द्वारा भारतीय नौसेना की सोनार प्रणालियों के लिए परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा का शुभारंभ किया गया है।
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‘आत्मनिर्भर भारत’ और भारत की ‘मेक इन इंडिया’ संबंधी प्रतिबद्धता को प्रोत्साहन देते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में नेवल फिजिकल एंड ओशनोग्राफिक लेबोरेट्री (NPOL), कोच्चि में हल मॉड्यूल ऑफ सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म फॉर एकॉस्टिक कैरेक्टराइजेशन एंड इवैल्यूएशन (SPACE) सुविधा का शुभारंभ किया।
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यह जहाजों, पनडुब्बियों और हेलीकॉप्टरों सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग के लिए विकसित सोनार प्रणालियों के लिए एक अत्याधुनिक परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा है।
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SPACE सुविधा NPOL द्वारा बताई गई अवधारणा डिजाइन और आवश्यकताओं पर आधारित है और इसका निर्माण मेसर्स एलएंडटी शिपबिल्डिंग, चेन्नई द्वारा किया गया है।
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इसका उपयोग मुख्य रूप से सोनार प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा, जिससे सेंसर और ट्रांसड्यूसर जैसे वैज्ञानिक पैकेजों की त्वरित तैनाती तथा आसान रिकवरी हो पाती है।
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07 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 06 नवंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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