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विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 8 वर्ष पूरे हुए
  2. ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ
  3. विश्व होम्योपैथी दिवस
  4. अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन
  5. संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्स कवच’

1.प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 8 वर्ष पूरे हुए

सामान्य अध्ययन-2 

सरकारी नीतियाँ

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय

प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में 

संदर्भ:

  • प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना के 8 वर्ष पूरे होने पर इसकी सराहना की।

विवरण:

  • इस योजना के शुभारंभ से लेकर अब तक 40.82 करोड़ ऋण खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। 
  • इस योजना के तहत लगभग 68% खाते महिला उद्यमियों के हैं और 51% खाते SC/STऔर OBC श्रेणियों के उद्यमियों के हैं। 
  • यह दर्शाता है कि देश के नवोदित उद्यमियों को आसानी से ऋण की उपलब्धता से नवाचार और प्रति व्यक्ति आय में सतत वृद्धि हुई है।
  • देश में वित्तीय समावेश कार्यक्रम का कार्यान्वयन तीन स्तंभों पर आधारित है, यथा  
    • बैंकिंग सेवाओं से वं‍चि‍तों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना
    • असुरक्षित को सुरक्षित करना, और  
    • वित्‍त से वं‍चि‍तों का वित्‍त पोषण करना  
  • वित्तीय समावेश के तीन स्तंभों में से एक स्तंभ यथा वित्‍त से वं‍चि‍तों का वित्‍त पोषण करना दरअसल ‘PMMY’ के माध्यम से वित्तीय समावेश में परिलक्षित होता है जिसे छोटे उद्यमियों तक ऋणों की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्यान्वित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में:

    • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) का शुभारंभ 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आय सृजित करने वाली गतिविधियों के लिए गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक के गिरवी-मुक्त सूक्ष्म ऋण आसानी से मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया था। 
    • ‘PMMY’ के तहत ऋण दरअसल सदस्य ऋणदाता संस्थाओं (MLI) यथा बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC), सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFI) और अन्य वित्तीय मध्यस्थों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
  • दिए जाने वाले ऋणों के प्रकार:
    • वित्त की आवश्यकता और संबंधित व्‍यवसाय की परिपक्वता स्थिति के आधार पर ऋणों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। ये इस प्रकार हैं:
      • ‘शिशु’ (50,000 रुपये तक के ऋण), 
      • ‘किशोर’ (50,000 रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक के ऋण), और 
      • ‘तरुण’ (5 लाख रुपये से अधिक और 10 लाख रुपये तक के ऋण)।   
  • ‘PMMY’ के तहत ऋण कृषि से संबद्ध गतिविधियों जैसे कि पोल्ट्री, डेयरी, मधुमक्खी पालन, इत्‍यादि सहित विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय सृजित करने वाली गतिविधियों के लिए वित्त पोषण के सावधि ऋण और कार्यशील पूंजी दोनों ही घटकों को पूरा करने के लिए प्रदान किए जाते हैं।  
  • ब्याज दर RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार ऋणदाता संस्थानों द्वारा तय की जाती है। कार्यशील पूंजी की सुविधा के मामले में ब्याज कर्जदार द्वारा केवल रात भर हेतु लिए गए धन पर ही लगाया जाता है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ:

  • केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री 10 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ का शुभारंभ करेंगे। 
  • प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’  (VVP) को मंजूरी दी है।
  • वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसके तहत व्यापक विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की पहचान की गई है। 
  • पहले चरण में, प्राथमिकता के आधार पर 662 गांवों की पहचान की गई है, जिनमें अरुणाचल प्रदेश के 455 गांव शामिल हैं।
  • वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पहचान किए गए सीमावर्ती गांवों के लोगों के जीवनस्तर में सुधार करने में मदद करेगा और उन्हें अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा जिससे इन गांवों से पलायन रूक सके और सीमा की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिल सके। 
  • गांवों के विकास के लिए पहचान किए गए फोकस क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पेयजल, सौर और पवन ऊर्जा सहित बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा और स्वास्थ्य कल्याण केंद्र शामिल हैं।

2.विश्व होम्योपैथी दिवस:

  • आयुष मंत्रालय के तहत केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद नई दिल्ली में विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल, 2023) के अवसर पर एक वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित कर रही है। 
  • इस वैज्ञानिक सम्मेलन की थीम – ‘होमियो परिवार- सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार‘ है।
  • विश्व होम्योपैथी दिवस होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की 268वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

3.अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन:

  • विशेषज्ञों ने साइबर भौतिक प्रणालियों में प्रौद्योगिकी नवाचार पर आयोजित एक कार्यशाला में विघटनकारी तकनीकों, प्रभावी अनुप्रयोगों और प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण की सहायता से अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन को सुदृढ़ करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया है जिससे कि यह राष्ट्रीय स्तर पर देश के आर्थिक विकास का एक प्रमुख प्रचालक बन सके।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन को दिसंबर, 2018 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा लागू किए जाने वाले पांच वर्षों की अवधि के लिए कुल 3660 करोड़ रुपये के परिव्यय पर अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
  • अंत: विषयी साइबर भौतिक प्रणालियों पर राष्ट्रीय मिशन एक व्यापक मिशन है जो शिक्षा, उद्योग, सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में  उद्यमशीलता को बढ़ावा देता है और इसने एक ऐसा पारितंत्र निर्मित किया है जो अगली पीढ़ी के कुशल जनशक्ति का विकास करने का साथ ही अनुप्रयोगी अनुसंधान को उत्प्रेरित करता है, और साइबर भौतिकी प्रणाली (CPS) प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देता है।
  • मिशन कार्यान्वयन के एक  हिस्से के रूप में, देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों में उन्नत तकनीकों में 25 प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र (टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब्स) स्थापित किए गए हैं। 
  • ये प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र प्रौद्योगिकी विकास और उनके अनुप्रयोगों, मानव संसाधन तथा कौशल विकास, उद्यमिता और स्टार्ट-अप विकास एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोगी अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

4.संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्स कवच’:

  • अंडमान और निकोबार कमांड ने थल सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक बलों की संपदाओं को शामिल करते हुए बड़े स्तर पर एक संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एक्स कवच’ का आयोजन किया। 
  • इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त युद्ध क्षमताओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं को ठीक करना और सेनाओं के बीच अंतर परिचालन और संचालन तालमेल को बढ़ाना था। 
  • थल सेना की ‘शत्रुजीत ब्रिगेड’, आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशंस डिवीजन, नौसेना के विशेष बलों और अंडमान और निकोबार कमांड के उभयचर सैनिकों ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एक दूरस्थ द्वीप पर तट से दूर उभयचर लैंडिंग, हवाई संचालन, हेलीबोर्न संचालन और विशेष बलों के त्वरित प्रवेश से जुड़े बहु-डोमेन अभ्यास में भाग लिया।
  • ‘एक्स कवच’ ने भारत के समुद्री हितों की रक्षा करने और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों की क्षमताओं और तैयारियों का प्रदर्शन किया। 
  • अभ्यास ने एक जटिल और गतिशील माहौल में सफल संयुक्त ऑपरेशन का संचालन करते हुए अंडमान और निकोबार कमांड के विभिन्न घटकों के बीच व्यावसायिकता और तालमेल को प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया।
  • ऐसे अभ्यासों से क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए देश अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है।

 

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