विषयसूची:

  1. केंद्र ने विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात संवर्धन योजनाओं के लिए भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटानों की अनुमति दी:
  2. कैबिनेट ने “भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022” को स्वीकृति दी:
  3. इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (INCA) की 42वीं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन:
  4. जस्टिस DY चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली:
  1. केंद्र ने विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात संवर्धन योजनाओं के लिए भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटानों की अनुमति दी:

    सामान्य अध्ययन: 3

    अर्थव्यवस्था: 

    विषय: निवेश मॉडल।

    प्रारंभिक परीक्षा: विदेश व्यापार नीति ,विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी),भारतीय रिजर्व बैंक से सम्बंधित तथ्य।

    प्रसंग: 

    • भारत सरकार ने भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटानों अर्थात चालान, भुगतान और भारतीय रुपये में निर्यात/आयात के निपटान के लिए विदेश व्यापार नीति तथा प्रक्रियाओं की पुस्तिका में उपयुक्त संशोधन किए हैं।

    उद्देश्य:

    • भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन को सुगम तथा सरल बनाने का निर्णय।

    विवरण:  

    • इसी के अनुरूप, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने पहले ही 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक (DIR) के चालान, भुगतान और भारतीय रुपये में निर्यात/आयात के निपटान की अनुमति 16.09.2022 को लागू कर दिया था।

    • 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भारतीय रुपये में निर्यात प्राप्तियों के लिए विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात लाभों/निर्यात बाध्यताओं की पूर्ति की मंजूरी के लिए विदेश व्यापार नीति के तहत परिवर्तन लागू किए गए हैं।

    • भारतीय रुपये में निर्यात प्राप्ति के लिए अद्यतन प्रावधानों को निर्यातों के लिए आयातों, स्थिति धारकों के रूप में मान्यता के लिए निर्यात निष्पादन, अग्रिम प्राधिकरण (AA) तथा शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण (DFIA) के तहत निर्यात आय की प्राप्ति और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तुओं (EPCG) स्कीम के तहत निर्यात आय की प्राप्ति के लिए अधिसूचित किया गया है।

    • इसी के अनुसार, विदेश व्यापार नीति के तहत, लाभों/निर्यात बाध्यताओं की पूर्ति को 11 जुलाई 2022 के भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भारतीय रुपये में प्राप्ति के लिए विस्तारित कर दिया गया है।

    • भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए, भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार लेनदेन को सुगम बनाने तथा उसमें सरलता लाने के लिए ये नीतिगत संशोधन आरंभ किए गए हैं।

  2. कैबिनेट ने “भारत में सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022” को स्वीकृति दी:

    सामान्य अध्ययन: 2

    शासन: 

    विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता इसके मुख्य महत्वपूर्ण पहलू एवं उनका प्रभाव।

    प्रारंभिक परीक्षा: “भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश,2022” से सम्बंधित तथ्य।

    प्रसंग: 

    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश,2022” को मंजूरी दे दी है।

    उद्देश्य:

    • समेकित दिशानिर्देश भारत में पंजीकृत कंपनियों/एलएलपी को टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग, टेलीपोर्ट्स/टेलीपोर्ट हब की स्थापना, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी)/सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (एसएनजी)/इलेक्ट्रॉनिक न्यूज गैदरिंग (ईएनजी) सिस्टम,  भारतीय समाचार एजेंसियों द्वारा अपलिंकिंग और लाइव कार्यक्रम की अस्थायी अपलिंकिंग के उपयोग के लिए अनुमति जारी करने में आसानी प्रदान करेंगे।

    विवरण:  

    संशोधित दिशा-निर्देशों से होने वाले मुख्य लाभ इस प्रकार हैं: 

    अनुमति धारक के लिए अनुपालन में आसानी:

    • कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है, केवल सीधे प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के लिए पूर्व पंजीकरण आवश्यक होगा;

    • स्टैंडर्ड डेफिनिशन से (SD) से हाई डेफिनिशन (HD) या इसके विपरीत भाषा में परिवर्तन या ट्रांसमिशन के मोड में रूपांतर के लिए पूर्व अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है; केवल पूर्व सूचना देने की आवश्यकता होगी।

    • आपात स्थिति में, एक कंपनी/एलएलपी के लिए केवल दो निदेशकों/भागीदारों के साथ, एक निदेशक/साझेदार को बदला जा सकता है, इस तरह की नियुक्ति के बाद यह सुरक्षा मंजूरी के अधीन और व्यापार निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए होगी;

    • एक कंपनी/एलएलपी डीएसएनजी के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले संसाधनों जैसे ऑप्टिक फाइबर, बैग बैक, मोबाइल इत्यादि का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

    कारोबार करने में आसानी:

    • अनुमति प्रदान करने के लिए विशिष्ट समय-सीमा प्रस्तावित की गई है;

    • सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) संस्थाएं भी अनुमति ले सकती हैं;

    • एलएलपी/कंपनियों को भारतीय टेलीपोर्ट से विदेशी चैनलों को अपलिंक करने की अनुमति दी जाएगी, इससे रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और यह भारत को अन्य देशों के लिए टेलीपोर्ट-हब बना देगा।

    • एक समाचार एजेंसी को वर्तमान में एक वर्ष की तुलना में 5 वर्ष की अवधि के लिए अनुमति मिल सकती है;

    • वर्तमान में केवल एक टेलीपोर्ट/उपग्रह की तुलना में एक चैनल को एक से अधिक टेलीपोर्ट/उपग्रह की सुविधाओं का उपयोग करके अपलिंक किया जा सकता है;

    • इससे कंपनी अधिनियम/सीमित देयता अधिनियम के तहत टीवी चैनल/टेलीपोर्ट को किसी कंपनी/एलएलपी को स्थानांतरित करने की अनुमति देने की संभावना में वृद्धि हुई है।

    सरलीकरण और युक्तिकरण:

    • दिशानिर्देशों के एक संयुक्त सेट के माध्यम से दो अलग-अलग दिशानिर्देशों को बदल दिया गया है;

    • दोहराव और सामान्य मापदंडों से बचने के लिए दिशानिर्देशों की संरचना को व्यवस्थित किया गया है।

    • जुर्माने की धाराओं को युक्तिसंगत बनाया गया है और वर्तमान में एक समान जुर्माने की तुलना में विभिन्न प्रकार के उल्लंघनों के लिए अलग-अलग जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है।

    अन्य विशेषताएं:

    • किसी चैनल को अपलिंक और डाउनलिंक करने की अनुमति रखने वाली कंपनियां/एलएलपी राष्ट्रीय महत्व और सामाजिक प्रासंगिकता के विषयों पर एक दिन में कम से कम 30 मिनट की अवधि के लिए सार्वजनिक सेवा प्रसारण (सिवाय जहां यह संभव नहीं हो सकता है) कर सकती हैं।

    • सी बैंड के अलावा फ़्रीक्वेंसी बैंड में अपलिंक करने वाले टीवी चैनलों को अनिवार्य रूप से अपने सिग्नलों को एन्क्रिप्ट करने की आवश्यकता होती है।

    • नवीनीकरण के समय दिशा-निर्देशों के अनुसार अनुमति रखने वाली कंपनियों/एलएलपी के लिए निवल मूल्य की आवश्यकता।

    • देय राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा जमा का प्रावधान।

    पृष्ठ्भूमि:

    • नए दिशानिर्देश टेलीविजन चैनलों के लिए अनुपालन को आसान बनाते हैं।

    • कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं।

    • भारतीय टेलीपोर्ट्स विदेशी चैनलों को अपलिंक कर सकते हैं।

    • राष्ट्रीय/जनहित में विषय सामग्री प्रसारित करने की बाध्यता।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (आईएनसीए) की 42वीं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन:
    • इंडियन नेशनल कार्टोग्राफिक एसोसिएशन (INCA) की 42वीं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (एनएचओ), देहरादून द्वारा 09 से 11 नवंबर 2022 तक किया जा रहा है।

    • कांग्रेस का परिणाम विकासात्मक उद्देश्यों हेतु एक उपाय के रूप में कार्टोग्राफी का उपयोग करने की व्यवहार्यता का पता लगाना है।

    • भारत सरकार के मुख्य हाइड्रोग्राफर वाइस एडमिरल अधीर अरोड़ा, आईएनसीए के वर्तमान अध्यक्ष हैं। कार्टोग्राफी के अत्याधुनिक स्वरूप पर काम करने वाले नौसेना हाइड्रोग्राफिक विभाग (एनएचडी) के कार्मिक 1979 में इसकी स्थापना के बाद से आईएनसीए में सक्रिय हैं।

    • नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (एनएचओ) ने इससे पहले 01 से 03 नवंबर 2017 तक देहरादून में 37वीं आईएनसीए कांग्रेस का आयोजन किया था।

    • आईएनसीए की स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी और यह कार्टोग्राफी के क्षेत्र में 3000 से अधिक आजीवन सदस्यों और संस्थागत सदस्यों के साथ सबसे बड़े संगठनों में से एक के रूप में सामने आया है।

    • नेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑफिस (एनएचओ), सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, नेशनल थीमैटिक मैप ऑर्गनाइजेशन और यूनिवर्सिटी जैसे संगठन इस एसोसिएशन का हिस्सा हैं। कार्टोग्राफी के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य स्थापित करने के लिए एसोसिएशन की देश भर के विभिन्न केंद्रों पर विभिन्न शाखाएं काम कर रही हैं।

    • यह बड़े गर्व की बात है कि अनेक मानचित्रकार, प्रख्यात वैज्ञानिक, योजनाकार और पेशेवर वर्षों से इस कांग्रेस में भाग ले रहे हैं।

    • 42वीं आईएनसीए कांग्रेस का फोकल थीम ‘डिजिटल कार्टोग्राफी टू हार्नेस ब्लू इकोनॉमी’ है।

    • कांग्रेस के विचार-विमर्श को 07 उप-विषयों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें मैपिंग के लिए स्पेस टेक्नोलॉजीज, सतत विकास के लिए कार्टोग्राफिक एप्लिकेशन, आपदा प्रबंधन में जियोमैटिक्स, पर्यावरण योजना और प्रबंधन के लिए मैपिंग, संसाधन प्रबंधन के लिए हाइड्रोग्राफी और भूमि संसाधन मानचित्रण तथा सर्वेक्षण शामिल हैं।

  2. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली:
    • डॉ० न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (जन्म 11 नवंबर 1959) वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश है।

    • 9 नवंबर 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

    • वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं। चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को भारत के सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त हुए थे।

    • इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे।जस्टिस चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा और वो 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंग।

    ऐतिहासिक फैसले:

    • 24 अगस्त 2017 को नौ जजों वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया।

    • 22 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने 24 हफ्ते की गर्भवती अविवाहित महिला को गर्भपात की इजाज़त दे दी।

    • 6 सितंबर 2018 को देश की सर्वोच्च अदालत ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया।  इसके अनुसार आपसी सहमति से दो वयस्कों के बीच बनाए गए समलैंगिक संबंधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा।

    • शफ़ीन जहान बनाम अशोकन के एम मामले में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने हादिया के धर्म और विवाह के लिए साथी की पसंद को सही ठहराया।

    • सबरीमाला मंदिर मामले में उन्होंने फैसला दिया की सबरीमाला मंदिर से 10-50 वर्ष की आयु के बीच की महिलाओं को बाहर करना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है।

    • दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद के मामले में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली के कार्यकारी प्रमुख नहीं हैं।

    • तहसीन पूनावाला मामले में जज लोया की मौत की परिस्थितियों की जांच की मांग को खारिज कर दिया था।

    • जोसेफ शाइन मामले में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने व्यभिचार को अपराध से मुक्त करने में बहुमत से सहमति व्यक्त की तथा आईपीसी की धारा 497 (व्यभिचार) संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन करार दिया।

    • साल 2018 में आधार की अनिवार्यता और उससे निजता के उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बहुमत से कहा कि आधार नंबर संवैधानिक रूप से वैध है। लेकिन जस्टिस चंद्रचूड़ ने इससे अलग राय जताते हुए आधार को असंवैधानिक करार दिया।

    CJI चन्द्रचूड़ के समक्ष कुछ मुख्य चुनौतियां:

    1. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक है। ऐसे में उन्हें अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के समक्ष कई चुनौतियां भी हैं:

      1. कॉलेजियम सिस्टम की विश्ववश्नयता सम्बन्धी चुनौती।

      2. जजों के रिक्त पदों को भरना।

      3. निचली अदालतों में रिक्तियां और इन्फ्रास्ट्रक्चर को सही करना।

      4. अदालतों के डिजिटाईजेशन (निचले स्तर पर अदालतों में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा का विस्तार )।

      5. सोशल मीडिया पर बढ़ते हमले।

      6. लाइव-स्ट्रीमिंग ।

      7. सुप्रीम कोर्ट में आतंरिक सुधार।

09 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 08 नवंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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