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10 अगस्त 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संविधान में निहित ग्यारहवें अतिरिक्त प्रोटोकॉल के अनुमोदन को मंजूरी:
  2. न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया:
  3.  भारत में चीते के शुभारंभ के लिए कार्य योजना:
  4. सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम:
  5. “प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) – ‘सभी के लिए आवास’ मिशन” को 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखने को मंजूरी:
  6. प्रधानमंत्री ने पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया:
  7. दूसरी भारत-बांग्लादेश त्रि-सेवा स्टाफ वार्ता आयोजित:
  8. लम्पी स्किन रोग की स्वदेशी वैक्सीन लांच:
  1. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के संविधान में निहित ग्यारहवें अतिरिक्त प्रोटोकॉल के अनुमोदन को मंजूरी:

    सामान्य अध्ययन: 2
    शासन:
    विषय: विषय: शासन के महत्वपूर्ण फैसले पारदर्शिता एवं जवाबदेही, प्रतिरूप, अंतर्राष्ट्रीय संस्थान उनकी एजेंसियां एवं मंच, संरचना, और जनादेश।
    प्रारंभिक परीक्षा: यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन ।
    प्रसंग: 

    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) के संविधान में संशोधन, जोकि 9-27 अगस्त, 2021 को आबिदजान (कोटे डी आइवर) में आयोजित यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की 27वीं कांग्रेस के दौरान हस्ताक्षरित संविधान के ग्यारहवें अतिरिक्त प्रोटोकॉल में निहित है, के अनुमोदन को मंजूरी दे दी है।

    उद्देश्य:

    • यह अनुमोदन भारत सरकार के डाक विभाग को भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित “अनुमोदन के प्रपत्र” की प्राप्ति और इस प्रपत्र को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो के महानिदेशक के पास जमा करने हेतु समर्थ बनाता है।

    विवरण:

    • मंत्रिमण्डल का यह निर्णय यूपीयू संविधान के अनुच्छेद 25 और 30, जो सदस्य देशों द्वारा किसी कांग्रेस द्वारा पारित किए गए संविधान में संशोधन के जल्द से जल्द अनुमोदन का प्रावधान करता है, में वर्णित दायित्वों को पूरा करेगा।
    • संक्षेप में, 27वीं यूपीयू कांग्रेस द्वारा पारित किए गए यूपीयू के संविधान में संशोधन संधियों के कानून से संबंधित वियना कन्वेंशन, 1969 की भावना के अनुरूप इस यूनियन के अधिनियमों के बारे में और अधिक कानूनी स्पष्टता एवं स्थिरता सुनिश्चित करते हैं, उसकी शब्दावली को सुसंगत बनाते हैं,  लंबे समय से चली आ रही विभिन्न विसंगतियों को दूर करते हैं और अधिनियमों की ‘स्वीकृति या अनुमोदन’ के प्रावधानों को समायोजित करते हैं।
  2. न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया:

    सामान्य अध्ययन: 2
    संविधान:
    विषय: न्यायपालिका एवं संवैधानिक पदों पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति।
    प्रारंभिक परीक्षा: भारत का मुख्य न्यायाधीश, संविधान का अनुच्छेद 124मुख्य परीक्षा: भारत के मुख्य न्यायाधीश को उनके पद से हटाने की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिये।

    प्रसंग: 

    • राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।

    विवरण:

    • न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित 27 अगस्त 2022 को भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
    • न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को अगस्त 2014 में बार काउंसिल से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
    • न्यायमूर्ति एस.एम. सीकरी, जिन्होंने 1971 में भारत के 13वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया था, के बाद न्यायमूर्ति ललित सीधे बार काउंसिल से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नत होने वाले भारत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे।
    • न्यायमूर्ति ललित ने दो कार्यकालों के लिए सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया है।
    • न्यायमूर्ति यू.यू. ललित को अपने अब तक के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाने का श्रेय है।
    • 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में जन्मे, न्यायमूर्ति ललित को जून, 1983 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा द्वारा एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित किया गया था।
      • उन्होंने जनवरी, 1986 में दिल्ली में वकालत शुरू करने से पहले दिसंबर, 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में वकालत की।
    • उन्होंने अक्टूबर 1986 से लेकर 1992 तक श्री सोली जे. सोराबजी के साथ काम किया और भारत के महान्यायवादी के रूप में श्री सोली जे. सोराबजी के कार्यकाल के दौरान वे भारत सरकार के वकीलों के पैनल में रहे।
      • उन्होंने 1992 से 2002 तक एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के रूप में वकालत की ।
      • उन्हें वन से संबंधित मुद्दों, वाहनों के प्रदूषण, यमुना के प्रदूषण सहित कई महत्वपूर्ण मामलों में एमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया था।
      • उन्हें 2जी से संबंधित सभी मामलों में सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया था।
  3. भारत में चीते के शुभारंभ के लिए कार्य योजना:

    सामान्य अध्ययन: 3
    पारिस्थिकी एवं पर्यावरण:
    विषय: भारत में चीते को पुनर्स्थापित करने की योजना।
    मुख्य परीक्षा: भारत में चीते के शुभारंभ के लिए तैयार की गई कार्य योजना के महत्व पर चर्चा कीजिए।
    प्रसंग: 

    • भारत में चीते के शुभारंभ के लिए कार्य योजना तैयार की गई हैं। भारत एकमात्र बड़े मांसाहारी चीते को पुनर्स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो स्वतंत्र भारत में दुर्लभ हो गया है।

    उद्देश्य:

    • भारत में व्यवहार्य चीता मेटापॉपुलेशन स्थापित करना  जो चीते को एक शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी कार्यात्मक भूमिका निभाने दे और चीते को उसकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर विस्तार के लिए स्थान प्रदान करना है।

    विवरण:

    परियोजना के उद्देश्य हैं:

    • चीतों की आबादी को प्रजनन के लिए उसकी ऐतिहासिक सीमा में सुरक्षित आवासों में स्थापित करना और उन्हें एक मेटापॉपुलेशन के रूप में प्रबंधित करना।
    • खुले जंगल और सवाना प्रणालियों को बहाल करने के लिए संसाधनों को इकट्ठा करने के लिए चीते को एक करिश्माई फ्लैगशिप और छत्र प्रजातियों के रूप में उपयोग करने के लिए जो इन ईकोसिस्टम से जैव विविधता और ईकोसिस्टम सेवाओं को लाभान्वित करेगा।
    • चीता संरक्षण क्षेत्रों में ईकोसिस्टम की बहाली के माध्यम से कार्बन को अलग करने की भारत की क्षमता को बढ़ाने के लिए और इस तरह वैश्विक जलवायु परिवर्तन राहत लक्ष्यों की दिशा में योगदान करना।
    • स्थानीय सामुदाय की आजीविका को बढ़ाने के लिए पर्यावरण-विकास और पर्यावरण-पर्यटन के लिए भविष्य के अवसरों का उपयोग करना।
    • चीता संरक्षण क्षेत्रों के भीतर स्थानीय समुदायों के साथ चीता या अन्य वन्यजीवों द्वारा किसी भी संघर्ष का प्रबंधन करने के लिए, सामुदायिक समर्थन प्राप्त करने के लिए मुआवजे, जागरूकता और प्रबंधन कार्यों के माध्यम से शीघ्रता से प्रबंधन करना।
    • चीते की शुरूआत न केवल एक प्रजाति की बहाली का कार्यक्रम है, बल्कि एक खोए हुए तत्व के साथ ईकोसिस्टम को बहाल करने का एक प्रयास है जिसने उनके विकासवादी इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
    • यह ईकोसिस्टम को उनकी पूरी क्षमता के लिए सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है, और घास के मैदानों, सवाना और मुक्त वन प्रणालियों की जैव विविधता के संरक्षण के लिए चीता को एक संरक्षित प्रजाति के रूप में उपयोग करता है।
    • चीते के विलुप्त होने के मूल खतरों को समाप्त कर दिया गया है और भारत के पास अब नैतिक, पारिस्थितिक और आर्थिक महत्व के लिए अपनी खोई हुई प्राकृतिक विरासत को वापस लाने की तकनीकी और वित्तीय क्षमता है।
    • सफल संरक्षण परिचय सर्वोत्तम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक पहलुओं और वित्तीय संसाधनों की प्रतिबद्धता का मिश्रण हैं।
    • इन पहलुओं को इस कार्य योजना में एकीकृत किया गया है, जो आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है, जो कि प्रकृति के संरक्षण के लिए नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) द्वारा पुनरुत्पादन और अन्य संरक्षण स्थानान्तरण के दिशानिर्देशों द्वारा अनुशंसित है और भारत में करिश्माई चीते को वापस लाने के लिए रूपरेखा प्रदान करता है।

    पृष्ठ्भूमि:

    • चीता शब्द संस्कृत मूल का शब्द है और चीते का उल्लेख वेदों और पुराणों जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है; यह वास्तव में विडंबना है कि यह प्रजाति वर्तमान में भारत में दुर्लभ है।
  4. सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम:

    सामान्य अध्ययन: 3
    सुरक्षा:
    विषय: भारत का विभिन्न देशों के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास एवं सुरक्षा हितों पर प्रभाव।
    मुख्य परीक्षा:देश की सुरक्षा हित में सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम के महत्व पर चर्चा कीजिए।
    प्रसंग: 

    • भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने 2022 के जुलाई महीने में काहिरा वेस्ट एयर बेस के वेपन्स स्कूल में एक महीने का संयुक्त अभ्यास किया।

    उद्देश्य:

    • यह पहली बार है जब दोनों देशों के लड़ाकू विमानों के बीच यह संयुक्त अभ्यास किया गया है।
    • इसमें भारतीय वायु सेना, कॉम्बैट टैक्टिक्स और एयर फोर्स कॉम्बैट टैक्टिक्स डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के तीन सुखोई -30 एमकेआई विमान शामिल थे।
    • साथ ही फाइटर जेट्स के छह इंस्ट्रक्टर्स ने भी इस इवेंट में हिस्सा लिया।

    विवरण:

    • ईएएफ के सामरिक नेतृत्व कार्यक्रम के तत्वावधान में दोनों वायु सेनाओं के बीच इस अभ्यास में जटिल और बहु-विमान मिशनों सहित बलों के परस्पर क्रिया के बड़े क्षेत्र में विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान हुआ।
    • इस दौरान, आईएएफ पायलटों ने कई जटिल मिशनों में ईएएफ के साथ उड़ान भरी और प्रतिभागियों ने हवाई युद्ध की कला और विज्ञान में अपने अनुभव साझा किए।
    • साथ ही उन्होंने अपने सर्वोत्तम अभ्यासों पर भी चर्चा की। इंडक्शन और डी-इंडक्शन में आईएएफ और यूएई एयर टू एयर रिफ्यूलर्स के मध्य हवा में ईंधन भरने के समर्थन के साथ छह घंटे से अधिक की उड़ानें शामिल थीं।
    • सहक्रियात्मक हवाई संचालन को शामिल करते हुए इस कार्यक्रम ने उच्च स्तर के पेशेवर भरोसे को साझा किया है जो दोनों वायु सेनाओं के बीच विकसित हुआ है।
    • दोनों वायु सेनाओं के बीच 1960 के दशक से संबंध है जब आईएएफ टेस्ट पायलट जीपी कैप्टन कपिल भार्गव ने ईएएफ के टेस्ट पायलटों के साथ हेलवान एचए-300 के मिस्र प्रोटोटाइप का परीक्षण किया।
    • इसके बाद भारतीय क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर ने मिस्र के युवा पायलटों को प्रशिक्षण दिया। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो 1980 के दशक में शुरू हुआ ।
  5. “प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) – ‘सभी के लिए आवास’ मिशन” को 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखने को मंजूरी:

    सामान्य अध्ययन: 3
    जनकल्याणकारी योजनाएं:
    विषय: प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) मिशन इसका सम्बंधित कमजोर वर्ग पर प्रभाव सीमाएं एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
    प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू)।
    प्रसंग: 

    • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू)’ को 31 दिसंबर 2024 तक जारी रखने के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसके तहत पहले से ही स्वीकृत 122.69 लाख आवासों को 31 मार्च, 2022 तक पूर्ण करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी है।

    उद्देश्य:

    • राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के अनुरोधों को ध्‍यान में रखकर  31 दिसंबर 2024 तक इस योजना को जारी रखने से बीएलसी, एएचपी और आईएसएसआर कार्यक्षेत्रों के तहत पहले से ही स्वीकृत आवासों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

    विवरण:

    • ‘पीएमएवाई-यू : सभी के लिए आवास’ भारत सरकार द्वारा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों/केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से देश के शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को बारहमासी पक्के मकान उपलब्ध कराने के लिए कार्यान्वित किए जा रहे प्रमुख कार्यक्रमों में से एक अहम कार्यक्रम है।
    • यह योजना देश के संपूर्ण शहरी क्षेत्र, अर्थात वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सभी सांविधिक कस्बों और अधिसूचित नियोजन/विकास क्षेत्रों सहित बाद में अधिसूचित कस्बों को कवर करती है।
    • इस योजना को इन चार कार्यक्षेत्रों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है: लाभार्थी के नेतृत्व में निर्माण/संवर्धन (बीएलसी), साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी), इन-सीटू (स्व-स्थाने) स्लम पुनर्विकास (आईएसएसआर) और क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस)।
    • जहां एक ओर भारत सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारें/ केंद्र शासित प्रदेश लाभार्थियों के चयन सहित योजना को लागू करते हैं।
    • सरकार ने सभी पात्र शहरी निवासियों को अधिक-से-अधिक संख्‍या में आवास उपलब्ध कराने के मुद्दे पर फोकस किया गया और ‘पीएमएवाई-शहरी’ योजना की परिकल्पना की गई। वर्ष 2017 में मूल अनुमानित मांग 100 लाख आवासों की थी।
    • इस मूल अनुमानित मांग के मुकाबले 102 लाख मकानों का शिलान्‍यास किया गया/निर्माणाधीन बना दिया गया है।
  6. प्रधानमंत्री ने पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया:

    सामान्य अध्ययन: 3
    आर्थिक विकास,पर्यावरण:
    विषय: जैविक ईंधन और पर्यावरण की रक्षा एवं संबद्ध परिवेश विकास हेतु नीतियां ,नवीन प्रयोग, उनमे हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
    प्रारंभिक परीक्षा: बायोफ्यूल या जैविक ईंधन,इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल)।
    प्रसंग: 

    • विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी (2जी) इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया।

    उद्देश्य:

    • इस इथेनॉल प्लांट से दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर में प्रदूषण कम होगा।

    विवरण:

    • देश में बायोफ्यूल या जैविक ईंधन, प्रकृति की रक्षा का ही एक पर्याय है। इस आधुनिक संयंत्र की स्थापना से हरियाणा के किसानों  के लिए पराली अतिरिक्त आय का माध्यम बनेगी, जहां चावल और गेहूं बहुतायत में उगाए जाते हैं।
    • पानीपत के जैविक ईंधन प्लांट से पराली का बिना जलाए भी निपटारा हो पाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके कई फायदे एक साथ होंगे।
    • पहला फायदा तो ये होगा कि पराली जलाने से धरती मां को जो पीड़ा होती थी, उस पीड़ा से धरती मां को मुक्ति मिलेगी।
    • दूसरा फायदा ये होगा कि पराली काटने से लेकर उसके निस्तारण के लिए जो नई व्यवस्था बन रही है, नई मशीनें आ रही हैं, ट्रांसपोर्टेशन के लिए नई सुविधा बन रही है, जो ये नए जैविक ईंधन प्लांट लग रहे हैं, इन सबसे गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
    • तीसरा फायदा होगा कि जो पराली किसानों के लिए बोझ थी, परेशानी का कारण थी, वही उनके लिए, अतिरिक्त आय का माध्यम बनेगी।
    • चौथा फायदा ये होगा कि प्रदूषण कम होगा, पर्यावरण की रक्षा में किसानों का योगदान और बढ़ेगा।
    • पांचवा लाभ ये होगा कि देश को एक वैकल्पिक ईंधन भी मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे संयंत्र लगाए जा रहे हैं।
    • किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को ‘पराली’ के लिए वित्तीय सहायता, पराली के लिए आधुनिक मशीनरी पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी गई और अब यह आधुनिक संयंत्र इस समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करने में मदद करेगा।
    • प्रधानमंत्री ने देश की समस्याओं के स्थायी और दीर्घकालिक समाधान के बारे में बताते हुए, नए उर्वरक संयंत्र, नैनो उर्वरक, खाद्य तेल के नए मिशन के बारे में भी जानकारी दी।
    • इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा 2जी एथेनॉल प्लांट का निर्माण करीब 900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है और यह पानीपत रिफाइनरी के करीब स्थित है।
    • अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित, यह परियोजना सालाना लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए सालाना लगभग 2 लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग किया जायगा ।
    • कृषि-फसल अवशेषों के लिए अंतिम उपयोग का सृजन होने से किसानों सशक्त होंगे और उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
    • यह परियोजना इस संयंत्र के संचालन में शामिल लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी और चावल के भूसे को काटने, संभालने, भंडारण आदि के लिए आपूर्ति श्रृंखला में अप्रत्यक्ष रोजगा रभी मिलेगा ।
    • परियोजना में कोई तरल पदार्थ बाहर नहीं निकलेगा। पराली (पराली) को जलाने में कमी लाकर, यह परियोजना ग्रीनहाउस गैसों को लगभग 3 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन प्रतिवर्ष कम कर देगी, जिसे देश की सड़कों पर सालाना लगभग 63,000 कारों को हटाए जाने के बराबर है।

    पृष्ठ्भूमि:

    • पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से बीते 7-8 साल में देश के करीब 50 हजार करोड़ रुपये विदेश जाने से बचे हैं और करीब-करीब इतने ही हजार करोड़ रुपये इथेनॉल ब्लेडिंग की वजह से हमारे देश के किसानों के पास गए हैं।
    • 8 साल पहले तक देश में सिर्फ 40 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता था। अब यह उत्पादन करीब 400 करोड़ लीटर है।
    • 2014 तक देश में सिर्फ 14 करोड़ के आसपास एलपीजी गैस कनेक्शन थे। अब हम देश में करीब-करीब शत-प्रतिशत एलपीजी कनेक्शन हैं। आज देश में करीब 31 करोड़ गैस कनेक्शन हैं।
    • एनजी स्टेशन आठ साल पहले मात्र 800 थे, जो बढ़कर 4.5 हजार से अधिक हो गए। एक करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंच रही है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. दूसरी भारत-बांग्लादेश त्रि-सेवा स्टाफ वार्ता आयोजित:

    • द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के लिए दूसरी भारत-बांग्लादेश त्रि-सेवा स्टाफ वार्ता (टीएसएसटी) 10 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई।
    • यह बैठक तीनों सेवाओं के मौजूदा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग तंत्र और नई पहल पर केंद्रित थी और द्विपक्षीय रक्षा जुड़ाव को और मजबूत करने वाली थी।
    • टीएसएसटी आईडीएस मुख्यालय और बांग्लादेश सशस्त्र बल प्रभाग के बीच रणनीतिक और परिचालन से जुड़े स्तरों पर नियमित वार्ता के माध्यम से दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित एक मंच है।
  2. लम्पी स्किन रोग की स्वदेशी वैक्सीन लांच:

    • देश के पशुधन के लिए बड़ी राहत प्रदान करते हुए पशुओं को लम्पी स्किन रोग से बचाव हेतु स्वदेशी वैक्सीन (लम्पी- प्रो वैक-इंड/ Lumpi-ProVacInd) लांच की हैं।
    • यह वैक्सीन राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार (हरियाणा) ने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) के सहयोग से बनाई है।
    • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत यह वैक्सीन विकसित की गई है।
    • साथ ही अश्व अनुसंधान केंद्र व पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों  के प्रयासों से लम्प रोग के टीके को विकसित किया गया है।
    • 2019 में जब से यह बीमारी भारत में आई, तब से ही संस्थान वैक्सीन विकसित करने में जुटे थे।
    • सीमित परीक्षण में सभी मानक स्तर पर शत-प्रतिशत कारगर वैक्सीन विकसित की है, जो लम्पी बीमारी से निजात दिलाने में असरकारी होगी।
    • देश में तीस करोड़ पशुधन हैं।

10 अगस्त 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 09 अगस्त 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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