विषयसूची:
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1. फ्रांस की नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX):
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX)।
प्रसंग:
- भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री जहाज ने 10 – 11 मार्च 2023 को अरब सागर में फ्रांस की नौसेना (FN) के युद्धपोतों मिस्ट्रल क्लास एम्फीबियस असॉल्ट शिप के एफएस डिक्सम्यूइड और ला फेयेट श्रेणी के पोत फ्रिगेट एफएस ला फेयेट के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX) में भाग लिया।
उद्देश्य:
- इस अभ्यास में समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में विकासात्मक परिवर्तन के एक व्यापक स्पेक्ट्रम को परखा गया, जिसमें क्रॉस डेक लैंडिंग, बोर्डिंग अभ्यास और सीमैनशिप विकास जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया था।
विवरण:
- अभ्यास के निर्बाध संचालन ने दोनों नौसेनाओं के बीच पारस्परिकता एवं उच्च स्तर के सहयोग की पुष्टि की।
- आईएनएस सह्याद्री अत्याधुनिक हथियारों व सेंसर से लैस है, जो उसे हवा, सतह तथा तलछट के खतरों का पता लगाने और उन्हें बेअसर करने में सक्षम बनाता है।
- यह युद्धपोत फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पूर्व) के परिचालन नियंत्रण के तहत, विशाखापत्तनम में स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का एक हिस्सा है।
2. 18वें भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त मंत्रालयी आयोग (जेएमसी) का संयुक्त वक्तव्य:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत-ऑस्ट्रेलिया संयुक्त मंत्रालयी आयोग (JMC)।
मुख्य परीक्षा: भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और पर्यटन मंत्री सीनेटर डॉन फैरेल ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की।
उद्देश्य:
- दोनों मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ECTA) के कार्यान्वयन, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) के लिए बातचीत और दोतरफा निवेश को और विकसित करने पर चर्चा की।
- दोनों मंत्रियों ने G-20, हिंद-प्रशांत आर्थिक संरचना (IPEF) और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में सहयोग पर भी चर्चा की।
विवरण:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ को बातचीत में त्वरित प्रगति और एक महत्वाकांक्षी व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) के शीघ्र समापन की उम्मीद है, जो व्यापार, निवेश और सहयोग के नए क्षेत्रों सहित ईसीटीए द्वारा रखी गई नींव पर आधारित होगा।
- सीईसीए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा, जीवन स्तर में वृद्धि करेगा और दोनों देशों में सामान्य कल्याण में सुधार लाएगा।
- दोनों मंत्रियों ने सुचारू और समयबद्ध स्वच्छ ऊर्जा पारगमन के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि दोनों देश अपने संबंधित शुद्ध शून्य लक्ष्यों को अर्जित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
- दोनों मंत्रियों ने ऑस्ट्रेलिया और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की पूरक प्रकृति का उल्लेख किया और शुद्ध शून्य उत्सर्जन अर्जित करने के लिए आर्थिक, प्रौद्योगिकी और व्यापार तथा निवेश सहयोग को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- दोनों मंत्रियों ने सहमति जताई कि G-20 को सतत विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए प्रगति में तेजी लाने सहित दुनिया को मजबूत, टिकाऊ और समावेशी विकास के मार्ग पर वापस जाने में सहायता करने की आवश्यकता है।
- दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि ऑस्ट्रेलिया और भारत आईपीईएफ के लिए उच्च महत्वाकांक्षा साझा करते हैं, जैसा कि नई दिल्ली में आईपीईएफ बातचीत के विशेष दौर में स्पष्ट है, और वे स्वच्छ अर्थव्यवस्था तथा लचीली आपूर्ति श्रृंखला सहित परस्पर हित के क्षेत्रों पर आईपीईएफ के माध्यम से एक साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
- दोनों मंत्रियों ने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, जिसके मूल में विश्व व्यापार संगठन है, के महत्व की पुष्टि की।
- उन्होंने जिनेवा में 12वें विश्व व्यापार संगठन मंत्रालयी सम्मेलन की सफलता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई और विश्व व्यापार संगठन के कार्यों में सुधार लाने तथा 2024 तक पूरी तरह से काम करने वाली विवाद निपटान प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
- उन्होंने वर्ष 2024 में अबू धाबी में आयोजित होने वाले 13वें विश्व व्यापार संगठन के मंत्रालयी सम्मेलन की तैयारी में एक उत्पादक सहयोग की दिशा में काम करने पर सहमति जताई।
- दोनों मंत्रियों ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया और भारत महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं।
- पिछले वित्त वर्ष भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय व्यापार 31 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच गया।
- दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच व्यापार संपूरकताओं को देखते हुए अगले 5 वर्षों के भीतर द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की पर्याप्त संभावना है।
3. NYC 2023- शहरी विकास में युवाओं की भूमिका :
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय युवा सम्मेलन, अर्बन-20 (U-20), वाई-20
मुख्य परीक्षा: अर्बन-20 को के एक महान अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। कथन की पुष्टि कीजिए।
प्रसंग:
- भारत का सबसे बड़ा युवा शिखर सम्मेलन- ‘राष्ट्रीय युवा सम्मेलन’ (NYC) स्मार्ट शहर मिशन, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, युवा कार्यक्रम विभाग और राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (एनआईयूए) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
उद्देश्य:
- अर्बन-20 को एक महान अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
- इस आयोजन में देश भर के युवा, राष्ट्रीय नेता, विशेषज्ञ, विद्यार्थी शोधकर्ता और नवप्रवर्तक कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे और एक-दूसरे से सीखेंगे कि शहरों और समुदायों को रहने और फलने-फूलने के लिए बेहतर जगह कैसे बनाया जाए।
- युवा प्रतिभाओं को एक साथ लाने के लिए भारत का सबसे बड़ा युवा शिखर सम्मेलन इस विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा कि भारतीय शहरों में युवाओं को रहने और उनका पोषण करने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए उन्हें कैसे जोड़ा जाए।
विवरण:
- यह कार्यक्रम 2023 में भारत के G-20 अध्यक्षता के तत्वावधान में आयोजित किया गया है, और अर्बन-20 और यूथ-20 आयोजन के समूहों के साथ संरेखित किया गया है।
- 13 से 14 मार्च 2023 को आयोजित होने वाले इस 2-दिवसीय सम्मेलन में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय दोनों एक साथ आ रहे हैं।
- यह यू-20 और वाई-20 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विचार-विमर्श करने और कल के उज्ज्वल नेताओं को प्रोत्साहन देने के लिए युवा मस्तिष्क को एक साथ लाएगा।
- भारत की वर्तमान आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा शहरी है।
- वर्ष 2047 तक शहरी आबादी के 53 प्रतिशत तक हो जाने की आशा है।
- इसके साथ ही हमारी शहरी आबादी दोगुनी होने वाली है, यानी लगभग 400 मिलियन अधिक आबादी हमारे शहरों में जा रही है।
- इसलिए, हमारे लिए शहरीकरण का भविष्य और भारत की समृद्धि का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि शहर में क्या होता है और हम अपनी शहरीकरण प्रक्रिया को कितनी अच्छी तरह से प्रबंधित करते हैं, चाहे वह शहरों का फैलाव हो या एक सुव्यवस्थित शहर।
- इस सब के आलोक में गुजरात के अहमदाबाद में अर्बन-20 स्थापना शिखर सम्मेलन में प्रस्तुतियाँ, चर्चाएँ, संवादात्मक सत्र और अन्य आकर्षक गतिविधियाँ होंगी जो दोनों समूहों द्वारा पहचाने गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को उजागर करती हैं।
अर्बन-20:
- अर्बन-20 (यू-20), G-20 के अंतर्गत एक आयोजन समूह है जो G-20 में राष्ट्रीय नेताओं की चर्चाओं को सूचित करने के लिए प्रमुख G-20 शहरों के महापौरों को एक साथ लाता है, और शहरों को सामूहिक रूप से G-20 वार्ताओं को सूचित करने के लिए एक मंच स्थापित करता है।
- इस वर्ष यू-20 संवाद पर बल दिया जाएगा।
- विश्व के लिए दीर्घकालिक लाभकारी परिणाम प्राप्त करने और समन्वित शहर-स्तरीय गतिविधियों के लिए रास्ता तय करने के लिए शहरी क्षेत्र को बदलने की आवश्यकता।
- यू-20 के अंतर्गत विचार-विमर्श छह प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर केंद्रित होगा जो जटिल वैश्विक शहरी एजेंडे को कार्रवाई योग्य शहर-स्तरीय पहलों में बदलने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- समावेशन सभी विचार-विमर्शों में एक क्रॉस कटिंग फोकस होगा।
यू-20 के प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं:
- पर्यावरणीय रूप से दायित्वपूर्ण व्यवहार को प्रोत्साहित करना
- जल सुरक्षा सुनिश्चित करना
- जलवायु वित्त में तेजी लाना
- ‘स्थानीय’ पहचान की चैंपियनिंग
- शहरी प्रशासन और योजना के लिए ढांचे को फिर से खोजना
- डिजिटल शहरी भविष्य को उत्प्रेरित करना
यूथ 20:
- यूथ-20 (वाई-20) आयोजन समूह, 2010 में आयोजित अपने पहले वाई-20 सम्मेलन के साथ, एक मंच प्रदान करता है जो युवाओं को G-20 प्राथमिकताओं पर अपनी दृष्टि और विचारों को व्यक्त करने की अनुमति देता है और G-20 नेताओं को प्रस्तुत की जाने वाली सिफारिशों की एक श्रृंखला के साथ आता है।
- वर्ष 2023 में वाई-20 इंडिया शिखर सम्मेलन भारत के युवा-केंद्रित प्रयासों का उदाहरण होगा और इसके मूल्यों और नीतिगत उपायों को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा ताकि इस शिखर सम्मेलन का भारत का नेतृत्व युवा समूह के बीच खड़ा हो सके।
- शिखर सम्मेलन के लिए चुने गए प्राथमिकता वाले क्षेत्र इन मुद्दों पर वैश्विक और घरेलू दर्शकों दोनों के लिए भारतीय नेतृत्व का प्रदर्शन करेंगे और G-20 शिखर सम्मेलन को वास्तव में सहभागी बनाने के भारत के दृष्टिकोण को पूरा करने में मदद करेंगे।
वाई-20 के प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं:
- काम का भविष्य: उद्योग 4.0, नवाचार, और 21वीं सदी के कौशल
- जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी: स्थिरता को जीवन का एक तरीका बनाना
- शांति निर्माण और सुलह: युद्ध रहित युग की शुरुआत
- साझा भविष्य: लोकतंत्र और शासन में युवा
- स्वास्थ्य, कल्याण और खेल: युवाओं के लिए एजेंडा
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का 54वाँ स्थापना दिवस:
- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह हैदराबाद में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 54वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल केवल तीन बटालियनों की संख्या के साथ कुछ संवेदनशील सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को समेकित सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाने के लिए 1969 में अस्तित्व में आया।
- तब से यह बल, प्रमुख बहु कुशल संगठन के रूप में विकसित हुआ है जिसकी वर्तमान संख्या 1,71,635 कार्मिकों की है।
- फिलहाल केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल देशभर में 353 प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवा रहा है।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल एकमात्र केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जिसका हवाई अड्डों, दिल्ली मैट्रो और प्रतिष्ठित स्मारकों में प्रतिदिन जनसंपर्क रहता है और इसलिए यह जन-मैत्री दृष्टिकोण के साथ सुरक्षा प्रक्रिया में संतुलन बनाए रखने के प्रति सजग है।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के सुरक्षा कवच में आणविक प्रतिष्ठान, अंतरिक्ष अधिष्ठान, हवाई अड्डे, बंदरगाह, ऊर्जा संयंत्र आदि सहित देश की अति संवेदनशील अवसंरचनात्मक संबंधी सुविधाएं शामिल हैं।
- इसके अलावा, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल महत्वपूर्ण सरकारी भवनों, प्रतिष्ठित विरासत स्मारकों और दिल्ली मेट्रो को संरक्षण प्रदान करता है।
- आज CISF 66 संवेदनशील और प्रमुख हवाईअड्डों, 14 प्रमुख बंदरगाहों, परमाणु व अंतरिक्ष संस्थानों, दिल्ली मेट्रो, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और कई औद्योगिक इकाइयों और खदानों की सुरक्षा का काम कर रहा है।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के पास एक विशिष्ट वीआईपी सुरक्षा है जो महत्वूपर्ण व्यक्तियों को चैबीस घंटे सुरक्षा उपलब्ध करवाता है।
- नवंबर, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के पश्चात, निजी कारपोरेट प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवर उपलब्ध करवाने के लिए CISF के अधिदेश का विस्तार किया गया।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल निजी एककों को सुरक्षा परामर्शी सेवाएं भी प्रदान करता है और इसकी सेवाओं की काफी मांग रहती है।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने अपने कार्मिकों की व्यावसायिक क्षमता के साथ-साथ सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने के मामले में अत्यधिक उच्च मानक स्थापित किए हैं।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अब आतंकवाद सहित सुरक्षा के किसी भी संकट का सामना करने के लिए भली-भांति सक्षम है।
- देश में परिवर्तनशील सुरक्षा वातावरण के साथ तालमेल रखने के लिए सतत् रूप से स्वयं को विकसित करना और नए आयाम की तलाश करना बल की विशेषता है।
- केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अपनी व्यावसायिक दक्षताओं का सतत रूप से उन्नयन करने के लिए प्रतिबद्ध है ।
- आज के डिजिटल युग में इस बल ने अपने हितधारकों को अत्याधुनिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की परंपरा निभाई है।
- सीआईएसएफ़ ने रोबोटिक्स, आर्टिफिश्यिल इंटेलीजेंस जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से सुरक्षा प्रोटोकॉल को न केवल लैस किया है बल्कि इसे अभेद्य भी बनाया है।
- केन्द्रीय गृह मंत्रालय भी आने वाले दिनों में बंदरगाहों, एयरपोर्ट और औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अडॉप्ट करके चुनौतियों का सामना करने के लिए CISF को सभी तकनीकों से सुसज्जित करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगा और इसके लिए गृह मंत्रालय ने एक कार्ययोजना भी तैयार की है।
- देश के सभी CAPFs में CISF अकेला ऐसा बल है जिसके पास प्रभावी अग्निशमन बल है और इसने अग्निशमन सुरक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
- CISF प्रतिदिन दिल्ली मेट्रो या एयरपोर्ट पर लगभग 50 लाख यात्रियों के साथ अच्छे व्यवहार लेकिन पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्र की संपत्ति की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध रहता है।
- CISF ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है और इससे आने वाले समय में इसकी भूमिका बहुत बढ़ने वाली है।
- इस मॉडल से निजी कंपनियों में भी सलाहकार और अन्य कई भूमिकाओं में इसका उपयोग होने का रास्ता खुलेगा।
- ये बल आने वाले 2 दशकों में आधुनिक तकनीक और ड्रोन जैसे सुरक्षा संबंधित खतरों से निजी कंपनियों को भी सुरक्षा देने का काम कर सकेगा।
- देश के सभी CAPFs में CISF अकेला ऐसा बल है जिसके पास प्रभावी अग्निशमन बल है और इसने अग्निशमन सुरक्षा के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
- CISF ने वृक्षारोपण अभियान के तहत विगत 4 साल में 3 करोड़ से ज़्यादा वृक्ष लगाकर पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता और समर्पण को दर्शाया है।
- पिछले 9 साल से आतंकवाद के खिलाफ चल रही सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस की नीति इसी तरह जारी रहेगी और देश के किसी भी क्षेत्र में आतंकवाद, अलगाववाद और देशविरोधी गतिविधियों से कठोरता से निपटा जाएगा और इसमें CAPF और राज्य पुलिस की भूमिका बहुत अहम है।
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