विषयसूची:
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1. प्रधानमंत्री ने 9वें जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी-20) का उद्घाटन किया:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह।
प्रारंभिक परीक्षा: जी-20 संबंधित तथ्य।
प्रसंग:
- 9वें जी-20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी-20) का उद्घाटन किया गया।
विवरण:
- इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत की संसद द्वारा भारत की जी-20 अध्यक्षता की व्यापक संरचना के तहत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ की थीम के साथ की जा रही है।
- यह शिखर सम्मेलन विश्वभर की विभिन्न संसदीय प्रथाओं का एक अनूठा संगम है।
- पी-20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर आयोजित हो रहा है जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है बल्कि विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है।
- भारत न सिर्फ विश्व का सबसे बड़ा चुनाव कराता है, बल्कि इसमें जन-भागीदारी भी निरंतर बढ़ रही है।
- भारत ने चुनाव प्रक्रिया को आधुनिक प्रौद्योगिकी से जोड़ा है।
- भारत वर्त्तमान में हर सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है।
- प्रधानमंत्री ने कहा, “1200 साल पुराने शिलालेख में भी किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के नियमों का उल्लेख किया गया है।”
- भारत में 12वीं शताब्दी से और मैग्ना कार्टा के अस्तित्व में आने से कई साल पूर्व से चली आ रही अनुभव मंटपा परंपरा का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि चर्चाओं को प्रोत्साहित किया जाता था, जहां हर जाति, पंथ और धर्म के लोग अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र थे।
- 5000 वर्ष प्राचीन धर्मग्रंथों से लेकर आज तक भारत की यात्रा न केवल भारत के लिए बल्कि समस्त विश्व के लिए संसदीय परंपराओं की विरासत है।
- समय के साथ भारत की संसदीय परंपराओं के निरंतर विकास और सदृढीकरण पर चर्चा की गई।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. कोयला मंत्रालय ने साइबर सुरक्षा पर कार्यशाला आयोजित की:
- अक्टूबर महीने में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह मनाया जा रहा है।
- इसी क्रम में कोयला मंत्रालय ने वर्तमान साइबर सुरक्षा चुनौतियों के बारे में मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत सार्वजनिक प्रतिष्ठानों और संगठनों को संवेदनशील बनाने और अपने संगठनों में श्रेष्ठ साइबर सुरक्षा व्यवहारों को अपनाने के उद्देश्य से “साइबर सुरक्षा” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया।
- कार्यशाला में साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस बात पर बल दिया गया कि ऑनलाइन सेवाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग बढ़ने से खतरे अधिक जटिल होते जा रहे हैं।
- संगठनों, व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए साइबर हमलों से स्वयं को बचाने के लिए रुझानों और जोखिमों को समझना महत्वपूर्ण है।
- साइबर सुरक्षा न केवल डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा के बारे में है, बल्कि हमारे जीवन के तरीके की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व है।
- जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी पर हमारी निर्भरता बढ़ती जाती है, साइबर सुरक्षा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
- इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उपस्थित लोगों को मूल्यवान ज्ञान और अंतर्दृष्टि से लैस करना था, ताकि वे अपने संबंधित संगठनों के भीतर सर्वोत्तम साइबर सुरक्षा व्यवहारों को लागू कर सकें।
- यह कार्यशाला साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अनुरूप है, जो इसे अधिक सुरक्षित डिजिटल परिदृश्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बनाती है।
- इसके अतिरिक्त सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को कर्मचारियों और हितधारकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए क्विज़ और सूचनापूर्ण सत्र सहित आकर्षक कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया गया।
2. 8वां ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन 2023 संयुक्त वक्तव्य जारी होने के साथ संपन्न हो गया:
- भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मेजबानी में 11-13 अक्टूबर 2023 तक चला आठवां ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा सम्मेलन 2023 (ब्रिक्स आईसीसी 2023) नई दिल्ली में संपन्न हुआ।
- इस सम्मेलन में ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों के प्रमुखों, प्रतिस्पर्धा कानून विशेषज्ञों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और ब्रिक्स एवं गैर-ब्रिक्स देशों के अन्य हितधारकों समेत 600 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।
- ब्रिक्स संयुक्त दस्तावेज पर पूर्ण सत्र में ‘लीनिएंसी प्रोग्राम एंड डिजिटल इकोनॉमी’ रिपोर्ट जारी की गई और उस पर चर्चा हुई।
- ब्रिक्स प्रतिस्पर्धा प्राधिकरणों के प्रमुखों ने एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए, जो ब्रिक्स क्षेत्रों के भीतर प्रवर्तन क्षमताओं को सशक्त करने के लिए जानकारी, अनुभव साझा करना जारी रखने और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा प्रथाओं को बढ़ावा देने के महत्व को स्वीकार करता है।
- डिजिटल बाजारों के संदर्भ में चर्चा की गई कि डिजिटल बाजारों में, जहां नेटवर्क प्रभाव और डेटा की पहुंच प्रवेश में बड़ी बाधा पैदा कर सकती है, वहीं निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।
- प्रतिस्पर्धा अधिकारियों को प्रभावी रूप से दखल देने की जरूरत है जो एकाधिकार को रोकते हुए नवाचार को प्रोत्साहित कर सकें।
3. जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की 12-13 अक्टूबर, 2023 को मराकेश, मोरक्को में हुई चौथी बैठक समाप्त हुई
- जी20 एफएमसीबीजी ने भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत जी20 एफएमसीबीजी की चौथी और अंतिम बैठक की विज्ञप्ति को स्वीकार किया।
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक समूह (डब्ल्यूबीजी) की सालाना बैठकों से इतर मराकेश, मोरक्को में 12-13 अक्टूबर को भारत की अध्यक्षता में जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक हुई।
- बेंगलुरु, वाशिंगटन डीसी और गांधीनगर, गुजरात में हुई पिछली बैठकों के बाद, यह भारत की अध्यक्षता के तहत हुई जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों की चौथी और अंतिम बैठक थी।
- बैठक में जी20 के सदस्य देशों, आमंत्रित देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों और विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों सहित 370 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- एफएमसीबीजी बैठक से पहले 11 अक्टूबर, 2023 को मराकेश, मोरक्को में चौथी जी20 वित्त और केंद्रीय बैंकों के डिप्टीज (एफसीबीडी) की बैठक हुई थी।
- भारत की अध्यक्षता वाले वर्ष के दौरान, जी20 फाइनेंस ट्रैक में कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां देखने को मिली हैं, जिनमें शामिल हैं –
- 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एमडीबी को मजबूत बनाना;
- डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के माध्यम से वित्तीय समावेशन और उत्पादकता के फायदों को बढ़ाना;
- क्रिप्टो एसेट्स एजेंडा;
- वैश्विक ऋण से जुड़ी कमजोरियों का प्रबंधन;
- भविष्य के शहरों का वित्तपोषण;
- कर में पारदर्शिता और क्षमता-निर्माण बढ़ाने के साथ ही अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से सामने आऩे वाली कर चुनौतियों के समाधान के लिए दो स्तरीय समाधान की दिशा में काम को आगे बढ़ाना; और
- जलवायु वित्त जुटाना और सतत विकास लक्ष्यों के लिए वित्त को सक्षम बनाना
- सितंबर 2023 में जी20 लीडर्स के मार्गदर्शन में, सदस्यों ने इस बैठक के दौरान भारत की अध्यक्षता के तहत बनाई गई योजना के शेष लक्ष्यों पर विचार-विमर्श किया और आम सहमति कायम की।
- बैठक में दो सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था, एमडीबी और क्रिप्टो परिसंपत्तियों को मजबूत बनाने पर चर्चा की गई।
- सितंबर में सभी जी20 लीडर्स की सर्वसम्मति के साथ आपसी सहमति वाली नई दिल्ली लीडर्स की घोषणा को सदस्यता के प्रयासों के माध्यम से प्राप्त बहुपक्षवाद के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में स्वीकार किया गया था। भारत की जी20 अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए चार अफ्रीकी देशों को आमंत्रित किया गया और जी20 में अफ्रीकी संघ (एयू) की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया गया था।
- जिस तरह से भारत ग्लोबल साउथ की चिंताओं और जरूरतों को आवाज दे रहा है, वैश्विक ऋण कमजोरियों का प्रबंधन फाइनेंस ट्रैक की सभी बैठकों में एक प्रमुख एजेंडा बना हुआ है।
- नई दिल्ली में जी20 लीडर्स के शिखर सम्मेलन के दौरान कमजोर देशों के सामने आने वाले ऋण संकट का संवेदनशीलता के साथ समाधान निकाले जाने की आवश्यकता पर प्रधानमंत्री की बहुत ही प्रासंगिक टिप्पणी को आगे बढ़ाते हुए, जी20 ने इस वर्ष ऋण एजेंडे पर महत्वपूर्ण प्रगति की है।
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