विषयसूची:
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1. I2U2 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संबोधन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।
प्रारंभिक परीक्षा: I2U2 शिखर सम्मेलन।
मुख्य परीक्षा: I2U2 शिखर सम्मेलन के महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- I2U2 शिखर सम्मेलन 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जुलाई को डिजिटल माध्यम से I2U2 शिखर सम्मेलन (I2U2 Summit) में शामिल हुए।
उद्देश्य:
- 12U2 का उद्देश्य पानी, एनर्जी, ट्रांसपोर्टेशन, स्पेस, हेल्थ और फूड सिक्योरिटी जैसे 6 पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में मिलकर इन्वेस्ट और प्रोत्साहित करना है।
- ‘आई2यू2’ समूह (I2U2 Group) में भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका शामिल है।
- भारत, इजरायल, यूएई और यूएसए के बीच होने वाले वर्चुअल समिट को I2U2 कहा जाता है।
विवरण:
- I2U2 शिखर सम्मेलन 2022 में प्रधानमंत्री 14 जुलाई को डिजिटल माध्यम से शामिल हुए।
- चार देशों के इस समूह को ‘आई2यू2’ नाम ( I2U2) दिया गया है,क्योंकि इसमें ‘आई’ भारत (India) और इजराइल (Israel) के लिए और ‘यू’ अमेरिका (US)-यूएई (UAE) के लिए है।
- चारों देशों की पहल के बाद अक्टूबर 2021 में इस समूह का गठन किया गया था।
- I2U2 का यह पहला शिखर सम्मेलन है।
- इजराइल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन येरूशलम में इस बैठक में हिस्सा लिया।
- जबकि प्रधानमंत्री मोदी और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद डिजिटल माध्यम से इसमें हिस्सा लिया।
- भारत के प्रधानमंत्री ने I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन ( I2U2 Summit 2022) को संबोधित करते हुए कहा कि इस पहली समिट से ही I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित कर लिया है।
- हमने विभिन्न क्षेत्रों में साझी परियोजनाओं की पहचान की है।
- साथ ही उनमें एक साथ आगे बढ़ने का रोडमैप भी तैयार किया है।
- उन्होंने कहा कि यह बढ़ती हुई वैश्विक अनिश्चिताओं के बीच इस समूह का कॉपरेटिव फ्रेमवर्क व्यावहारिक सहयोग का एक अच्छा मॉडल भी है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि I2U2 के माध्यम से हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान करेंगे।
- इसे पश्चिमी एशिया के लिए एक क्वाड समूह के रूप में देखा जा रहा है।
- क्वाड के बाद यह दूसरा मौका है जब पड़ोसी देश चीन इस समूह को लेकर चिंतित हैं।
- I2U2 के पहले शिखर सम्मेलन में 6 क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है।
- इस सम्मेलन में सभी चारों सहयोगी देशों के प्रमुखों ने भी इस अवसर पर I2U2 के उद्देश्य जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे छह पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में संयुक्त निवेश को बढ़ावा देने पर अपने विचार रखे।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में दे सकते हैं महत्वपूर्ण योगदान :
- पीएम मोदी ने कहा कि बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच व्यावहारिक सहयोग के लिए समूह का सहकारी ढांचा एक अच्छा मॉडल है।
- यह स्पष्ट है कि I2U2 का दृष्टिकोण और एजेंडा प्रगतिशील और व्यावहारिक है।
- पूंजी, विशेषज्ञता और बाजार को लामबंद करके हम अपने एजेंडे को तेजी से लागु कर सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
पृष्ठ्भूमि:
I2U2 की परिकल्पना वर्ष 2021 में की गई:
- नए समूह I2U2 की परिकल्पना पिछले साल 18 अक्टूबर को इन चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में की गई थी।
- इसमें से प्रत्येक देश सहयोग के संभावित क्षेत्रों को लेकर नियमित रूप से शेरपा-स्तरीय चर्चा करते रहे हैं।
- पिछले कुछ वर्षों में तीनों राष्ट्रों के साथ भारत के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं।
- अक्टूबर 2021 में जब भारत, अमेरिका, इजरायल और यूएई के विदेश मंत्रियों ने पहली बार बैठक की थी, तब इसे इंटरनेशनल फोरम फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन का नाम दिया गया था।
2. ई-नाम के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) का शुभारंभ:
सामान्य अध्ययन: 3
कृषि:
विषय:पारंपरिक कृषि के क्षेत्र में निवेश और नवाचार बढ़ाना ।
प्रारंभिक परीक्षा: ई-नाम,प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी)।
मुख्य परीक्षा: पीओपी की शुरूआत से किसानों को अपनी उपज राज्य की सीमाओं से बाहर बेचने में सुविधा होगी। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने राष्ट्रीय कृषि बाजार/National Agriculture Market (ई-नाम) के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
- पीओपी की शुरूआत होने से किसानों को उपज राज्य की सीमाओं से बाहर बेचने में सुविधा होगी।
विवरण:
- इससे कई बाजारों, खरीददारों, सेवा प्रदाताओं तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुंच बढ़ेगी और मूल्य खोज तंत्र, मूल्य प्राप्ति में सुधार के साथ व्यापार लेन-देन में पारदर्शिता आएगी।
- पीओपी पर विभिन्न मूल्य श्रृंखला सेवाओं जैसे व्यापार, परख, भंडारण, फिनटेक, बाजार की जानकारी, परिवहन आदि की सुविधा वाले विभिन्न प्लेटफार्मों के 41 सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है।
- पीओपी से डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा, जिससे कृषि मूल्य श्रृंखला के विभिन्न खंडों में अलग-अलग प्लेटफार्मों की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
- ई-नाम “प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स” के रूप में सेवा प्रदाताओं का एकीकरण करेगा ।
- जिसमें समग्र सेवा प्रदाता (सेवा प्रदाता जो कृषि उपज के व्यापार के लिए समग्र सेवाएं प्रदान करते हैं, जिसमें गुणवत्ता परख, व्यापार, भुगतान प्रणाली और लॉजिस्टिक्स से संबंधित सेवाएं शामिल हैं), लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता, गुणवत्ता परख सेवा प्रदाता, सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग सेवा प्रदाता, भंडारण सुविधा सेवा प्रदाता, कृषि आदान सेवा प्रदाता, प्रौद्योगिकी सक्षम वित्त व बीमा सेवा प्रदाता, सूचना प्रसार पोर्टल (सलाहकार सेवाएं, फसल अनुमान, मौसम अद्यतन, किसानों के लिए क्षमता निर्माण आदि), अन्य प्लेटफार्म (ई-कॉमर्स, अंतरराष्ट्रीय कृषि-व्यापार प्लेटफॉर्म, वस्तु विनिमय, निजी बाजार प्लेटफॉर्म आदि) शामिल हैं।
- विभिन्न सेवा प्रदाताओं के शामिल होने से न केवल ई-नाम प्लेटफॉर्म के मूल्य में वृद्धि होगी बल्कि प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं से सेवाएं प्राप्त करने के विकल्प मिलते हैं।
- यह किसानों, एफपीओ, व्यापारियों व अन्य हितधारकों को एकल खिड़की के माध्यम से कृषि मूल्य श्रृंखला में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाता है, जिससे हितधारकों के पास अधिक विकल्प होते हैं।
- इसके अलावा, अच्छी कोटि की वस्तु/सेवा प्रदाता का चयन करते समय, हितधारकों का समय और श्रम कम लगता है।
3. वाई-3023 (दूनागिरी) लॉन्च:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञानं एवं प्रोधोगिकी:
विषय: विज्ञानं समर्पित योजनाएं उनका विकास तथा अनुप्रयोग और सेना में इसका महत्व एवं प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: वाई-3023 (दूनागिरी)
प्रसंग:
- दूनागिरी नाम के एक प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट को 15 जुलाई 2022 को कोलकाता के गार्डेन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड से हुगली नदी में लॉन्च किया जाएगा।
विवरण:
- पी-17ए फ्रिगेट्स श्रेणी के इस चौथे पोत का नाम उत्तराखंड राज्य की एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है।
- यह पी-17 फ्रिगेट (शिवालिक) श्रेणी का पोत है जो संशोधित स्टील्थ फीचर, उन्नत हथियार और सेंसर तथा प्लेटफॉर्म मैनेंजमेंट सिस्टम से लैस है।
- दूनागिरी, पूर्ववर्ती दूनागिरी (लिएंडर) श्रेणी के एएसडब्ल्यू फ्रिगेट का संशोधित स्वरूप है जिसने 5 मई 1977 से 20 अक्टूबर 2010 तक 33 वर्ष तक अपनी सेवा दी और विभिन्न चुनौतीपूर्ण ऑपरेशंस तथा बहुराष्ट्रीय अभ्यासों का गवाह रहा।
- पी-17ए प्रोजेक्ट के पहले दो पोत 2019 और 2020 में क्रमशः एमडीएल और जीआरएसई में लॉन्च किए गए थे।
- तीसरा पोत (उदयगिरी) इस साल 17 मई 2022 को एमडीएल में लॉन्च किया गया।
- इस चौथे पोत का इतने कम समय में लॉन्च किया जाना इस बात का प्रमाण है कि देश एक केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ स्वनिर्भर पोत निर्माण की दिशा आगे बढ़ रहा है।
- पी-17ए पोतों का डिजाइन भारतीय नौसेना के डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन (डीएनडी) ने स्वदेश में तैयार किया है और इससे पहले भी वह विभिन्न श्रेणियों के स्वदेशी युद्धपोतों का डिजाइन सफलतापूर्वक तैयार कर चुका है।
- यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति देश के अथक प्रयासों का परिणाम है और इसके तहत उपकरणों एवं प्रणाली के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर एमएसएमई समेत विभिन्न स्वदेशी फर्मो को दिए जा रहे हैं।
4. देश का पहला यूनेस्को वर्ल्ड हैरीटेज शह अहमदाबाद को अब टाइम पत्रिका द्वारा विश्व की 50 महानतम स्थानों की सूची में शामिल:
सामान्य अध्ययन: प्रारंभिक परीक्षा
मिश्रित:
विषय: समसामायकी
प्रारंभिक परीक्षा: यूनेस्को
प्रसंग:
- भारत के पहले यूनेस्को वर्ल्ड हैरीटेज शहर, अहमदाबाद को अब टाइम पत्रिका द्वारा “2022 के विश्व के 50 महानतम स्थानों” की सूची में शामिल किया गया है।
विवरण:
- वर्ष 2001 से गुजरात में जिस विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की नींव रखी गयी यह उसी का परिणाम है।
5. “राइट टू रिपेयर” पर समग्र प्रारूप विकसित करने के लिये समिति का गठन:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता एवं जवाबदेही, प्रतिरूप, सफलताएं और सीमाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: “राइट टू रिपेयर”
प्रसंग:
- सतत खपत के माध्यम से एलआईएफई-लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर दी एनवायरेन्मेंट) आंदोलन को गति देने के प्रयासों के तहत उपभोक्ता कार्य विभाग ने “राइट टू रिपेयर” के लिये एक आमूल प्रारूप विकसित करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण पहल की है।
उद्देश्य:
- समिति की पहली बैठक 13 जुलाई, 2022 को हुई, जिसमें “राइट टू रिपेयर” के लिये अहम सेक्टरों की पहचान की गई।
- इनमें खेती उपकरणों, मोबाइल फोन/टेबलेट, उपभोक्ता सामान और मोटर-वाहन/मोटर-वाहन उपकरणों में सुधार करने तथा उन्हें दुरुस्त करने के लिए चिन्हित करना।
- उत्पादों की खुद मरम्मत करने और इसके लिये तीसरे पक्ष को अनुमति देकर आत्मनिर्भर भारत के जरिये “राइट टू रिपेयर” द्वारा रोजगार सृजन।
विवरण:
- भारत में उपभोक्ता उत्पादों में क्रेता द्वारा स्वयं सुधार करने या उनकी मरम्मत करने का प्रारूप तैयार करने का लक्ष्य स्थानीय बाजारों के उपभोक्ताओं तथा उत्पाद क्रेताओं को अधिकार सम्पन्न बनाना है।
- इस कदम से मूल उपकरण निर्माताओं और तीसरे पक्ष के खरीददारों तथा विक्रेताओं के बीच कारोबार सरल बनेगा, उत्पादों की तर्कसंगत खपत को विकसित करने को मजबूती मिलेगी और ई-कचरे में कमी आएगी।
- भारत में इसके शुरू हो जाने के बाद, उत्पादों के स्वरूप में भारी बदलाव आ जाएगा और तीसरे पक्ष द्वारा उपकरणों की मरम्मत/सुधार की अनुमति मिलने से आत्मनिर्भर भारत के जरिये रोजगार भी पैदा होगा ।
- इस सम्बंध में विभाग ने एक समिति का गठन किया है।
- मरम्मत की पूरी प्रक्रिया पर कंपनियों का एकाधिकार होने से उपभोक्ताओं के “चयन का अधिकार” का उल्लंघन होता है।
- उदाहरण के लिये डिजिटल वारंटी कार्ड में यह लिखा होता है कि अगर उपभोक्ता ने किसी “गैर-मान्यताप्राप्त” मिस्त्री से उपकरण ठीक करवाया या दिखवाया, तो उपभोक्ता वारंटी का हक खो देगा।
- हमारे देश में जीवंत रिपेयर सेवा सेक्टर और मरम्मत करने का तीसरा पक्ष मौजूद है। इस सेक्टर में वे लोग भी शामिल हैं, जो चक्रिय अर्थव्यवस्था के तहत उत्पादों के लिये फुटकर पुर्जे उपलब्ध कराते हैं।
- इसके अलावा, यह भी देखा जाना चाहिये कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तौर-तरीकों के मद्देनजर अन्य देशों द्वारा की गई पहलों को भारत में कैसे शामिल किया जाये।
- बैठक में इस विषय पर भी चर्चा की गई। दुनिया के तमाम देशों में “राइट टू रिपेयर” को माना जाता है। इन देशों में अमेरिका, यूके और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
- अमेरिका में फेडरल ट्रेड कमीशन ने निर्माताओं को निर्देश दिया है कि वे गलत गैर-प्रतिस्पर्धात्मक व्यवहार को सुधारें।
- उनसे कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उपभोक्ता भी चाहें तो खुद मरम्मत का काम कर लें या किसी तीसरे पक्ष की एजेंसी से यह काम करवायें।
- हाल में यूके ने एक ऐसा ही कानून पारित किया है, जिसमें सभी इलेक्ट्रॉनिक सामान निर्माताओं को शामिल किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को पुर्जे मिल सकें और वे या तो स्वयं अथवा किसी तीसरे पक्ष से या मरम्मत करने की स्थानीय दुकानों से मरम्मत का काम करवा सकें।
- ऑस्ट्रेलिया में “रिपेयर कैफे” एक विशेष प्रणाली काम करती है।
- यूरोपीय संघ ने भी कानून पारित किया है, जिसके तहत निर्माताओं से कहा गया है कि वे दस वर्षों तक मिस्त्रियों को उत्पादों के पुर्जे उपलब्ध करायें।
पृष्ठ्भूमि:
- पिछले महीने, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर दी एनवायरेन्मेंट) आंदोलन की अवधारणा का शुभारंभ किया था।
- इसमें विभिन्न उपभोक्ता उत्पादों को दोबारा इस्तेमाल करने और उनकी री-साइक्लिंग का विचार शामिल है।
- दोबारा इस्तेमाल करने के हवाले से उत्पादों की मरम्मत करना एक अहम प्रक्रिया है। यह उत्पादों टिकाऊपन के लिये भी जरूरी है।
- ऐसा उत्पाद जिसकी मरम्मत नहीं हो सकती या जिसे योजनाबद्ध तरीके से कम समय तक चलने के लिये बनाया गया है, यानी उसकी ऐसी डिजाइन बनाई गई है कि वह सीमित समय तक ही चले ,ऐसे उत्पादों से न केवल ई-कचरा बढ़ता है, बल्कि यह उपभोक्ताओं को नये उत्पाद खरीदने पर मजबूर भी करता है।
- इस तरह, मरम्मत की संभावना खत्म कर देने से उपभोक्ता को उस उत्पाद के नये मॉडल को खरीदने पर मजबूर होना पड़ता है।
6. महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ‘मिशन शक्ति’ के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन,महिला सशक्तीकरण
विषय:महिला सशक्तीकरण हेतु सरकारी नीतियां और उनमे हस्तक्षेप एवं डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘मिशन शक्ति’ ।
प्रसंग:
- महिला और बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के उद्देश्य से ‘मिशन शक्ति’ के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।
उद्देश्य:
- ‘मिशन शक्ति’ मिशन मोड में एक योजना है जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्थन को मजबूत बनाना है।
- यह योजना संपूर्ण जीवन चक्र में महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार और उनके जीवन में बदलाव लाएगी तथा उन्हें नागरिक-स्वामित्व के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार बनाएगी।
- इस तरह यह योजना सरकार की “महिलाओं के विकास” की प्रतिबद्धता को साकार रूप देगी।
विवरण:
- भारत सरकार ने 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए विशिष्ट योजना के रूप में ‘मिशन शक्ति’ के नाम से एकीकृत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू किया है।
- ‘मिशन शक्ति’ के मानदंड 01.04.2022 से लागू है।
- योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, हिंसा और खतरे से मुक्त माहौल में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने को प्रेरित किया जाएगा।
- योजना के तहत महिलाओं पर देखभाल के बोझ को कम करने और कौशल विकास, क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, सूक्ष्म ऋण प्राप्त करने तक उनकी पहुंच बढ़ाकर महिला श्रम बल की भागीदारी को बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा।
- ‘मिशन शक्ति’ की दो उप-योजनाएं हैं- ‘संबल’ और ‘सामर्थ्य’।
- जहां “संबल” उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा के लिए है, वहीं ‘सामर्थ्य’ उप-योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है।
- ‘संबल’ उप-योजना के घटकों में नारी अदालतों के एक नए घटक के साथ वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) की पूर्ववर्ती योजनाएं शामिल हैं- इसके अलावा यह योजना समाज और परिवार के भीतर विवाद के वैकल्पिकसमाधान एवं लैंगिक न्याय को बढ़ावा देने का काम करेगी।
- ‘सामर्थ्य’ उप-योजना के घटकों में उज्ज्वला, स्वाधार गृह और कामकाजी महिला छात्रावास की पूर्ववर्ती योजनाओं को संशोधनों के साथ शामिल किया गया है।
- इसके अलावा, कामकाजी माताओं के बच्चों के लिए राष्ट्रीय क्रेच योजना और विशिष्ट आईसीडीएस के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की मौजूदा योजनाओं को अब इस योजना में शामिल किया गया है।
- योजना में आर्थिक सशक्तिकरण के लिए गैप फंडिंग का एक नया घटक भी जोड़ा गया है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
7. केरल में मंकी पॉक्स का प्रकोप:
- केरल के कोल्लम जिले में मंकी पॉक्स के मामले की पुष्टी हुई हैं।
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने केरल के कोल्लम जिले में मंकी पॉक्स के पुष्ट मामले के मद्देनजर सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को स्थापित करने में राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए केरल में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ दल भेजा है।
- केंद्रीय दल राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगा और जमीनी स्थिति का जायजा लेगा तथा आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल की सिफारिश करेगा।
8. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने साइबर सुरक्षा के संबंध में बिम्सटेक विशेषज्ञ दल की बैठक की मेजबानी की:
- भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) ने नई दिल्ली में 14 और 15 जुलाई 2022 को साइबर सुरक्षा के संबंध में बिम्सटेक के विशेषज्ञ दल की दो दिवसीय बैठक की मेजबानी की।
- यह बैठक बिम्सटेक के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुखों की बैंकॉक में मार्च 2019 में आयोजित बैठक में हुई उस सहमति पर आधारित है जिसमें कहा गया था कि बिम्सटेक विशेषज्ञ दल बिम्सटेक क्षेत्र में सामने आ रही साइबर सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करेगा।
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाइलैंड के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। ये सभी प्रतिनिधि अपने-अपने सरकारी संगठनों के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ हैं।
- बिम्सटेक फोरम में सुरक्षा क्षेत्र का एक प्रमुख देश होने की हैसियत से भारत ने साइबर सुरक्षा सहयोग और साइबर सुरक्षा के संबंध में एक कार्ययोजना तैयार करने के लिए इस बैठक का आयोजन करने की पहल की है।
- बिम्सटेक के विशेषज्ञ दल की बैठक का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी कार्य योजना का खाका तैयार करना है जो सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उपयोग में साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देगा।
- इस कार्य योजना में साइबर संबंधी सूचना, साइबर अपराध, महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना का संरक्षण, साइबर घटना प्रतिक्रिया तथा साइबर नियमों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम शामिल होंगे।
- इस कार्य योजना को पांच साल की समयावधि के भीतर लागू किए जाने का प्रस्ताव है जिसके बाद साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ दल इस कार्य योजना की समीक्षा करेगा।
14 July 2022 : PIB विश्लेषण :-Download PDF Here
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