विषयसूची:
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1. 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन व्यवस्था,संविधान:
विषय: भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार,विकास,विशेषताएँ संशोधन,महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
प्रारंभिक परीक्षा: “बिग कैट एलायंस”,विश्वकर्मा योजना, ‘जन औषधि केंद्र’,वायब्रंट विलेज कार्यक्रम।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया।
विवरण:
- 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए “एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य” की अवधारणा को सामने रखा है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।
- जब दुनिया जलवायु संकट से जूझ रही है, तो हमने रास्ता दिखाया है और पर्यावरण के लिए जीवन शैली- मिशन लाइफ पहल की शुरुआत की है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने दुनिया के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन बनाया है और कई देश अब अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं।
- हमने जैव विविधता के महत्व पर जोर दिया है और “बिग कैट एलायंस” की व्यवस्था को आगे बढ़ाया है।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि आने वाले महीने में विश्वकर्मा जयन्ती पर विश्वकर्मा योजना लॉन्च की जाएगी।
- यह योजना परम्परागत कौशल्य वाले लोग अर्थात वह लोग जो औजार से और अपने हाथ से काम करने वाले वर्ग यानि जो कि ज्यादातर ओबीसी समुदाय से है।
- जैसे कि सुथार हों, सुनार हों, राजमिस्त्री हों, कपड़े धोने वाले काम करने वाले लोग हों, बाल काटने वाले भाई-बहन परिवार, ऐसे लोगों को एक नई ताकत देने का काम करेगी।
- इस योजना का आरंभ लगभग13-15 हजार करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा।
- लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम दिव्यांगजनों के लिए एक सुगम भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।
- उन्होंने कहा कि हम पैरालिंपिक में भी हिन्दुस्तान का तिरंगा झंडा लहराने के लिए दिव्यांगजनों को सामर्थ्यवान बना रहे हैं।
- जिसके लिए खिलाडि़यों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही हैं।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत के पास डेमोग्राफी है, डेमोक्रेसी है, और डाइवर्सिटी है।
- डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की ये त्रिवेणी भारत के हर सपने को साकार करने का सामर्थ्य रखती है।
- प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से संबोधित करते हुए भारत के विश्व की 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का श्रेय भारत के 140 करोड़ लोगों के प्रयासों को दिया।
- उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस सरकार ने राजस्व रिसाव को रोका, मजबूत अर्थव्यवस्था का निर्माण किया और गरीबों के कल्याण के लिए अधिक से अधिक धन व्यय किया।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 77 वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि देश की सामाजिक अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा कोऑपरेटिव्स हैं।
- सहकारिता को बल देने, आधुनिक बनाने और देश के कोने-कोने में लोकतंत्र की सबसे बड़ी इकाई को मज़बूत करने के लिए अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया गया है।
- प्रधानमंत्री ने लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा कि सरकार की ‘जन औषधि केंद्रों’ की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की योजना है।
- जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 100 रुपये कीमत वाली दवाओं को 10 से 15 रुपये में दे रहे हैं।
- सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये की राशि के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी।
- सरकार ‘जन औषधि केंद्र’ (दवा की रियायती दुकानों) की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने की दिशा में काम कर रही है।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने देश के सीमावर्ती गांवों के लिए वायब्रंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया है।
- पहले सीमावर्ती गांव को देश का अंतिम गांव कहा जाता था, लेकिन हमने उस सोच को बदला है।
- वो देश का अंतिम गांव नहीं, बल्कि सीमा पर नज़र आने वाला देश का पहला गांव है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सूरज पूर्व में उगता है तो उस तरह के सीमावर्ती गांव में सूर्य की पहली किरण आती है और जब सूरज ढलता है तो इस तरफ के गांव को उसकी अंतिम किरण का लाभ मिलता है।
2. भारत द्वारा दूरसंचार क्षेत्र में की गई व्यापक प्रगति:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी -विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
प्रारंभिक परीक्षा: 5जी, ‘भारत 6जी विजन’ दस्तावेज़।
मुख्य परीक्षा: भारत द्वारा दूरसंचार क्षेत्र में की गई व्यापक प्रगति पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- 77वें स्वतंत्रता दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया और उन्होंने देश के तकनीकी परिदृश्य में उल्लेखनीय प्रगति और डिजिटल रूप से सशक्त भारत के महत्व पर जोर दिया।
विवरण:
- अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत के डिजिटल परिदृश्य में किए गए उल्लेखनीय सुधार पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने देश के दूर-दराज के इलाकों को इंटरनेट से जोड़ने में तेजी से हुई प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि इंटरनेट हर गांव तक पहुंच रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि डिजिटल क्रांति का फायदा हर नागरिक तक पहुंचे।
- प्रधानमंत्री ने उन दिनों का जिक्र किया जब 2014 से पहले इंटरनेट डेटा टैरिफ दर काफी महंगी थी और इसकी तुलना वर्तमान से की, जहां भारत दुनिया की सबसे सस्ती इंटरनेट डेटा दर प्रदान करने का दावा करता है।
- उन्होंने कहा कि डेटा के खर्च में कमी के फलस्वरूप पूरे देश में हर परिवार के लिए काफी बचत हुई है।
- श्री नरेन्द्र मोदी ने 5जी की शुरुआत की दिशा में देश की तीव्र प्रगति पर भी प्रकाश डाला और उल्लेख किया कि 5जी को सबसे तेजी से शुरू किया है और इसने 700 से अधिक जिलों तक पहुंच बनाई है।
- इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने 6जी प्रौद्योगिकी की दिशा में आगे बढ़ने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को भी रेखांकित किया और इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए एक समर्पित कार्य बल के गठन के बारे में बात की।
पृष्ठ्भूमि:
- दुनिया में 5जी सेवाओं का सबसे तेज़ रोलआउट। 5जी सेवाएं 700 से अधिक जिलों में उपलब्ध हैं।
- 2014 से प्रतिदिन 500 बीटीएस (3जी/4जी) स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि 5जी साइटें प्रति दिन लगभग 1,000 साइटों की दर से स्थापित की जा रही हैं।
- हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड सेवाओं को मुहैया कराने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी 5जी नेटवर्क को, अब तक की सबसे तेज गति से आरंभ किया गया है।
- 6जी मानकों के विकास का नेतृत्व करने के लिए पहलों को शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भारत 6जी विजन’ दस्तावेज़ शुरू किया, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ‘भारत 6जी एलायंस’ नामक एक कार्य बल का गठन किया।
- भारत ने 4जी में दुनिया का अनुसरण किया, 5जी में दुनिया के साथ आगे बढ़ा और अब 6जी में विश्व का नेतृत्व करने का लक्ष्य है।
- मोबाइल डेटा टैरिफ 269 रुपए प्रति जीबी(2014) से 10.1 रुपए प्रति जीबी (2023) तक कम हो गया है। मोबाइल सेवाओं के लिए टैरिफ तेजी से घटा है।
- भारत तीसरा सबसे कम औसत डेटा टैरिफ(प्रति जीबी) वाला देश है।
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्रों, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों और अन्य दूरदराज के स्थानों के लिए, हमारे द्वीपों को गुणवत्तापूर्ण दूरसंचार से जोड़ने और वहां बुनियादी ढांचा मुहैया कराने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
- समुद्र के अंदर केबल आधारित चेन्नई-अंडमान और निकोबार (सीएएनआई) परियोजना, जिसकी लागत 1,224 करोड़ रुपये है, के काम को पूरा किया गया और 10 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में दूरसंचार नेटवर्क का और विस्तार किया गया है, जिसमें उपग्रह बैंडविड्थ में वृद्धि भी शामिल है।
- समुद्र के अंदर बना कोच्चि-लक्षद्वीप द्वीपसमूह ओएफसी लिंक जिसकी लागत 1,072 करोड़ रुपए है, का काम भी पूरा हो चुका है और परीक्षण उद्देश्य के लिए यातायात परीक्षण भी शुरू हो गया है। पूरा होने पर, यह कोच्चि और ग्यारह द्वीपों के बीच 100 जीबीपीएस प्रदान करेगा।
- कुल 26,316 करोड़ रुपये की लागत से देश भर के वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं को पूरा करने का कार्यान्वयन।
- यह परियोजना दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के 24,680 वंचित गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं मुहैया करेगी।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक का निधन:
- प्रधानमंत्री,उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डॉ. बिंदेश्वर पाठक के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
- उन्होंने मैला ढोने की प्रथा को समाप्त करने और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के कार्य के प्रति उनके अथक समर्पण ने अनगिनत लोगों के जीवन का उत्थान किया है।
- डॉ. बिदेश्वर पाठक सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक थे। यह एक सामाजिक संगठन है जो शिक्षा के माध्यम से मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। उन्होंने खुले में शौच करने के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- इन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की, जो मानव अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।देशभर में सुलभ इंटरनेशनल के करीब 8500 शौचालय और स्नानघर हैं।
- डॉ. बिंदेश्वर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी।
- वर्ष 1991 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- डॉक्टर पाठक द्वारा स्थापित शौचालय संग्रहालय को टाइम पत्रिका ने दुनिया के 10 सर्वाधिक अनूठे संग्रहालय में स्थान दिया था।
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