विषयसूची:
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1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत व चिली के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत और चिली के बीच हुआ यह समझौता ज्ञापन (MoU) कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करता है। टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत सरकार और चिली की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
- इस MoU के तहत, चिली-भारत कृषि कार्यसमूह का गठन किया जाएगा जो इस MoU के कार्यान्वयन के पर्यवेक्षण, समीक्षा और आकलन के साथ-साथ लगातार संचार व समन्वय स्थापित करने के लिए जिम्मेदार होगा।
विवरण:
- ये समझौता ज्ञापन कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करता है।
- इसमें सहयोग के जो मुख्य क्षेत्र परिकल्पित हैं उनमें आधुनिक कृषि के विकास के लिए कृषि नीतियां, जैविक उत्पादों के द्विपक्षीय व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए जैविक कृषि, दोनों देशों में जैविक उत्पादन को विकसित करने के उद्देश्य से नीतियों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, विज्ञान और नवाचार के जरिए साझेदारियों के अवसर तलाशना ताकि भारतीय संस्थानों और चिली के संस्थानों के बीच कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके, और एक जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग करना शामिल है।
- इस कृषि कार्यसमूह की बैठकें चिली और भारत में बारी-बारी से वर्ष में एक बार आयोजित की जाएंगी।
- हस्ताक्षर के बाद ये समझौता ज्ञापन लागू होगा और अपने निष्पादन की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए लागू रहेगा, जिसके बाद इसे स्वतः पांच साल की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जाएगा।
2. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र प्रायोजित योजना “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: शासन व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेहि के महत्वपूर्ण पक्ष, ई- गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल , सफलताएं सीमाएं और संभावनाएं।
प्रारंभिक परीक्षा:केंद्र प्रायोजित योजना, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” (VVP)
मुख्य परीक्षा: वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) के महत्व पर प्रकाश डालिये ।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ केंद्र प्रायोजित योजना “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” (VVP) को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
- इस योजना का उद्देश्य उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांव में स्थानीय प्राकृतिक मानव और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाकर “हब एंड स्पोक मॉडल” पर विकास केंद्रों को विकसित करना, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत प्रोत्साहन के माध्यम से पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एसएचजी, एनजीओ के माध्यम से “एक गांव एक उत्पाद” की अवधारणा पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस का विकास करना है।
विवरण:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ केंद्र प्रायोजित योजना “वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम” (VVP) को मंजूरी दे दी है।
- उत्तरी सीमा पर ब्लॉकों के गांवों के व्यापक विकास से चिन्हित सीमावर्ती गांव में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
- इससे लोगों को सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करने तथा इन गांवों से पलायन रोकने में सहायता मिलेगी, सीमा की सुरक्षा में सुधार होगा।
- यह योजना देश की उत्तरी भूमि सीमा के साथ 19 जिलों और 46 सीमा ब्लॉकों, 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में आवश्यक अवसंरचना विकास व आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी, जिससे समावेशी विकास हासिल करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में सहायता मिलेगी।
- इस कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा।
- वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जाएगा।
- केंद्रीय तथा राज्य योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी।
- जिन प्रमुख उद्देश्यों को हासिल करने का प्रयास किया गया है उनमें- सभी मौसम अनुकूल सड़क, पेयजल, 24X7 सौर तथा पवन ऊर्जा पर केंद्रित विद्युत आपूर्ति, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर तथा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर- शामिल हैं।
- सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के साथ किसी तरह की अंशतः समानता नहीं होगी। 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपए का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा।
3. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: भारत और दक्षिण अफ्रीका संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिव्यांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार और दक्षिण अफ्रीका सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य:
- द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन दिव्यांगता के क्षेत्र में संयुक्त पहल के माध्यम से दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार और दक्षिण अफ्रीका सरकार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।
- यह भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा।
- दोनों देशों के बीच सहयोग के विशिष्ट प्रस्तावों, जैसा कि पारस्परिक रूप से सहमत है, समझौता ज्ञापन की वैधता की अवधि के दौरान कार्यान्वयन के लिए लागू किया जाएगा।
विवरण:
- इसमें परिकल्पना की गई है कि दोनों देशों में बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों (PWD), जिन्हें विशेष रूप से आधुनिक, वैज्ञानिक, टिकाऊ, कम लागत वाली सहायक सामग्री और सहायक उपकरणों की आवश्यकता है, इस समझौता ज्ञापन से लाभान्वित होंगे।
- स्वतंत्रता और न्याय के लिए संघर्ष के संदर्भ में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक लंबी ऐतिहासिक कड़ी और संबंध हैं, जब महात्मा गांधी ने एक सदी पहले दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
- रंगभेद विरोधी आंदोलन के समर्थन में भारत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी सबसे आगे था।
- स्वतंत्रता के बाद, 1993 में दक्षिण अफ्रीका के साथ राजनयिक संबंध बहाल हुए और उसके बाद, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने मार्च, 1997 में एक रणनीतिक साझेदारी की।
- इसके बाद, द्विपक्षीय और ब्रिक्स, आईबीएसए और अन्य फोरम के माध्यम से दक्षिण अफ्रीका के साथ हमारे घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत हुए।
- दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग, रक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, मानव आवासन, लोक प्रशासन एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में कई द्विपक्षीय समझौते हुए हैं।
- भारत का तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (ITEC) मानव संसाधनों के विकास में सहयोग को बढ़ावा देने का एक उपयोगी माध्यम रहा है।
- कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने और अन्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय सहयोग उल्लेखनीय रहा है।
- विभिन्न अन्य मंत्रालयों/विभागों ने भी अपने संबंधित क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापनों/समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दक्षिण अफ्रीका सरकार के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाते हैं।
4. वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा पूंजी खरीद बजट का रिकॉर्ड 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: रक्षा प्रौद्योगिकी।
प्रारंभिक परीक्षा: एयरो इंडिया बंधन समारोह।
मुख्य परीक्षा: एयरो इंडिया कार्यक्रम के दौरान हुए प्रमुख समझौतों पर एक लेख लिखिए ।
प्रसंग:
- रक्षा मंत्री ने 15 फरवरी, 2023 को बेंगलुरु में 14वें एयरो इंडिया के बंधन समारोह के दौरान इसकी घोषणा की की वित्तीय वर्ष (FY) 2023-24 में रक्षा पूंजी खरीद बजट का रिकॉर्ड 75 प्रतिशत (लगभग एक लाख करोड़ रुपये) हिस्सा घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है, जो 2022-23 में 68 प्रतिशत था।
उद्देश्य:
- इस फैसले को रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने तथा आयात पर निर्भरता को कम करने में सहायता मिलेगी।
- इस कदम से भारतीय उद्योग अधिक उत्साह के साथ आगे आएगा और रक्षा क्षेत्र को और अधिक शक्तिशाली और समृद्ध बनाने में योगदान देगा।
- वित्त वर्ष 2023-24 में, रक्षा मंत्रालय (MoD) को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कि कुल बजट का 13.18 प्रतिशत (45.03 लाख करोड़ रुपये) है।
- आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित पूंजी परिव्यय को बढ़ाकर 1.63 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
विवरण:
- बंधन समारोह में 201 समझौता ज्ञापनों, 53 प्रमुख घोषणाओं, नौ उत्पादों का शुभारंभ और तीन प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण सहित लगभग 80,000 करोड़ रुपये सहित 266 साझेदारियां हुईं।
प्रमुख समझौते:
- हेलीकॉप्टर इंजनों के डिजाइन, विकास, निर्माण और आजीवन समर्थन के लिए संयुक्त उद्यम के गठन के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और फ्रांस के साफ़रान हेलीकॉप्टर इंजन के बीच वर्क शेयर के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के लिए आईडबल्यूबीसी और अन्य एलआरयूएस पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वैमानिकी विकास एजेंसी के बीच समझौता ज्ञापन हुआ।
- बीएसएस मटेरियल लिमिटेड और एडीयूएसईए इंक. डिवीजन (USA) की एक कंपनी पेगासस इंजीनियरिंग के बीच भारतीय सेना के लिए लॉजिस्टिक ड्रोन के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए तेज़ हवा / झोंके की स्थिति, बारिश / हिमपात आदि में ऑपरेशन की क्षमता के साथ अंतिम मील डिलीवरी के लिए सहयोग किया गया।
- भारतीय नौसेना के लिए आईडीईएक्स चैलेंज “स्वायत्त हथियारबंद नाव झुंड” के लिए सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (एसडीईपीएल) और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) के बीच समझौता ज्ञापन।
- भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और बुल्गारिया के बल्टेक्सप्रो लिमिटेड के बीच भारत में 122 मिली मीटर जीआरएडी बीएम ईआर और एनओएनईआर रॉकेट के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने और आवश्यकताओं के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (TOT सहित) को पूरा करने के लिए समझौता ज्ञापन।
- भारतीय नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के फास्ट अटैक क्राफ्ट पोत के लिए स्वदेशी सामग्री का समर्थन करने के लिए एमएमटीयू 16V4000M73L इंजन के स्थानीयकरण के साथ लाइसेंस उत्पादन के लिए जीआरएसई और रोल्स-रॉयस सॉल्यूशंस जीएमबीएच (MTU) के बीच समझौता ज्ञापन।
- बीईएमएल ने टी-72/टी-90 टैंकों के लिए ट्रावेल असेंबली के विकास और आपूर्ति के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ के आर एंड डीईई के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (TOT) के लिए लाइसेंस समझौता किया।
- भारतीय प्लेटफार्मों के लिए समुद्री गश्ती रडार (MPR) में भविष्य के व्यापार पर सहयोग के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और इज़राइल के एल्टा सिस्टम्स लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन।
उत्पाद:
- कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (भारत डायनेमिक्स लिमिटेड) की बड़े पैमाने पर शुरूआत: VLSRSAM एक अगली पीढ़ी का जहाज, सभी मौसम में परिचालन योग्य, वायु रक्षा हथियार है।
- मिसाइल में सभी मौसम में परिचालन की क्षमता के साथ धुआं रहित प्रणोदन प्रणाली है। इसमें अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर उपाय सुविधाओं के साथ अत्यधिक उन्नत कॉन्फ़िगरेशन है।
- बीएमपी II (भारत डायनेमिक्स लिमिटेड) के लिए एसएएल सीकर एटीजीएम: बीएमपी-II के लिए सेमी-एक्टिव लेजर सीकर आधारित एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल 4,000 मीटर की रेंज और 25 सेकंड के उड़ान समय के साथ एक सबसोनिक मिसाइल है।
- प्रक्षेपण के साथ मिसाइल का वजन 23 किलोग्राम है। इसका उपयोग ट्यूब और टैंक और इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स जैसे चलते हुए और स्थिर लक्ष्यों को अक्षम करने के लिए विभिन्न प्रकार के इलाकों में किया जा सकता है।
- जिष्णु (भारत डायनेमिक्स लिमिटेड): जिष्णु, एक ड्रोन डिलीवर्ड, छोटे लक्ष्य के लिए कम वजन वाली और छोटी मिसाइल है।
- इसमें 9 सेकंड के उड़ान समय के साथ 1.5 किलोमीटर की रेंज है। सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन के आधार पर मिसाइल अर्ध-स्वचालित या पूरी तरह से स्वचालित हो सकती है।
- स्वदेशी रूप से विकसित प्रोसेसर (अस्त्र माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लिमिटेड) पर आधारित सॉफ्टवेयर परिभाषित NAVIC/GPS रिसीवर मॉड्यूल।
- DRDO की तकनीक (अस्त्र माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स लिमिटेड) पर आधारित स्वदेश निर्मित ‘काउंटर ड्रोन रडार’।
- 9 एमएम सब-सोनिक गोला बारूद (मूनिशन्श इंडिया लिमिटेड)।
- एचएफ एसडीआर रेडियो (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड): यह एक उन्नत सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो है। रेडियो कम वजन वाला 20 वॉट ट्रांसमिट सक्षम रेडियो है।
- यह भीड़भाड़ वाले एचएफ बैंड में कम दूरी की संचार आवश्यकताओं और दृष्टि रेखा से परे लंबी दूरी के संचार के लिए एक पूर्ण समाधान प्रदान करता है।
- गोनियोमीटर (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड): यह आर्टिलरी द्वारा दिन के समय या रात के समय उपयोग के लिए किसी भी एकीकृत अवलोकन और फायर कंट्रोल निगरानी प्रणाली का हिस्सा है।
5. खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने हेतु युवा मामले और खेल मंत्रालय, एनआईपीईआर और एफएसएसएआई के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सामाजिक क्षेत्र से संबंधित सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI), राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद (NIPER हैदराबाद)।
मुख्य परीक्षा: खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने हेतु युवा मामले और खेल मंत्रालय, NIPER और FSSAI के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन के देश के युवा वर्ग को मिलने वाले लाभ पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- खेलों में डोपिंग के खिलाफ निरंतर लड़ाई में, युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद (NIPER हैदराबाद) ने एक त्रिपक्षीय ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य भारत में पोषण पूरक परीक्षण क्षमता का निर्माण करना, पोषक तत्वों की खुराक के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी प्रदान करना और जागरूकता सृजित करना, स्वच्छ खेल और डोपिंग रोधी डोमेन में अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाना और खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित और डोप-मुक्त पोषण पूरक के विकल्प प्रदान करना है।
विवरण:
- यह समझौता ज्ञापन “खिलाड़ियों के लिए विशेष आहार उपयोग के लिए भोजन” के क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में जनादेश के अनुपालन में आपसी प्रतिबद्धता का एक रूप है।
- यह सहयोग भारत में खेल पारिस्थितिकी तंत्र और जनता के लाभ के लिए NIPER हैदराबाद में परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा उत्पन्न डेटा और सूचना के प्रसार के लिए उपकरणों को विकसित करने में मदद करेगा।
- यह समझौता ज्ञापन भारत में सप्लीमेंट्स के विपणन और वितरण में सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रोत्साहित करेगा।
- यह एथलीटों को पोषक तत्वों की खुराक में मौजूद हानिकारक घटकों के बारे में भी शिक्षित करेगा जो उनके दीर्घकालिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
- वर्तमान परिदृश्य में, पोषक तत्वों की खुराक के उपयोग से जुड़े जोखिमों के बारे में जागरूकता की कमी, बाजार में दूषित उत्पादों की उपस्थिति और पोषक तत्वों की खुराक के बारे में प्रासंगिक जानकारी की अनुपस्थिति के कारण डोपिंग के अनजाने मामलों से डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन होता है और एथलीटों के करियर को जोखिम होता है।
- यह समझौता ज्ञापन डोपिंग के अनजाने मामलों से निपटने और देश में एक सुरक्षित खेल वातावरण बनाने की दिशा में एक कदम है।
पृष्ठ्भूमि
- युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी, भारत (NADA) डोपिंग के अनजाने मामलों के खिलाफ एथलीटों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- इससे पहले 2022 में, भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, ताकि देश में पोषण पूरक परीक्षण क्षमता और अनुसंधान का निर्माण किया जा सके।
- NADA जागरूकता अभियानों,IEC सामग्री, सोशल मीडिया सूचना आउटरीच और ऑडियो-विजुअल सामग्री के माध्यम से पोषण संबंधी पूरक आहार से जुड़े जोखिमों के बारे में एथलीटों और खेल पारिस्थितिकी तंत्र को संवेदनशील बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.प्रधानमंत्री 16 फरवरी को दिल्ली में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे:
- प्रधानमंत्री 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे।
- राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रकट करने के प्रयासों के तहत प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी, 2023 को दिल्ली स्थित मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में “आदि महोत्सव” का उद्घाटन करेंगे।
- आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है।
- यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है।
- इस वर्ष इसका आयोजन 16 से 27 फरवरी तक दिल्ली के मेजर ध्यान चंद राष्ट्रीय स्टेडियम में किया जा रहा है।
- कार्यक्रम में देशभर के जनजातीय समुदायों की समृद्ध और विविधतापूर्ण धरोहर को प्रदर्शित किया जायेगा।
- इसके लिये आयोजन-स्थल पर 200 से अधिक स्टॉल लगाये जायेंगे। महोत्सव में लगभ एक हजार जनजातीय शिल्पकार हिस्सा लेंगे।
- वर्ष 2023 से अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाया जा रहा है, जिसके साथ हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के पात्र बनाने की कला, आभूषण कला आदि भी आकर्षण होंगे।
- महोत्सव में जनजातीय समुदायों द्वारा उपजाये जाने वाले श्री अन्न को केंद्र में रखा गया है।
2.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आईसीएआई और आईसीएईडब्ल्यू के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी:
- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इन इंग्लैंड एंड वेल्स (आईसीएईडब्ल्यू) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को अपनी मंजूरी दी है।
- इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एक-दूसरे के सदस्यों की योग्यता व प्रशिक्षण की मान्यता और मौजूदा नियमों व शर्तों के बारे में एक सहभागी प्रणाली निर्धारित करके सदस्यों को बेहतर समझ प्रदान करना है।
- इस समझौता ज्ञापन के दोनों पक्ष एक-दूसरे को उनकी योग्यता/प्रवेश जरूरतों, सीपीडी नीति, छूट और किसी भी अन्य प्रासंगिक मामलों में मैटेरियल संबंधी परिवर्तनों पर जानकारी प्रदान करेंगे।
- आईसीएईडब्ल्यू के साथ आईसीएआई की यह सहभागिता ब्रिटेन में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंटों (सीए) के लिए बड़ी संख्या में पेशेवर अवसर पैदा करेगी।
- इसके अलावा इससे वैसे भारतीय सीए को भी लाभ प्राप्त होगा, जो ब्रिटेन में वैश्विक व्यावसायिक अवसरों की तलाश कर रहे हैं।
3. ‘पारंपरिक ज्ञान के संचार और प्रसार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (CDTK – 2023)’:
- केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित ‘पारंपरिक ज्ञान के संचार और प्रसार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (International Conference on Communication and Dissemination of Traditional Knowledge (CDTK – 2023))’ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार बेहतर भलाई के लिए पारंपरिक ज्ञान के साथ भविष्य की तकनीक के मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करती रही हैं।
- मुख्य अतिथि के रूप में पहली बार ‘पारंपरिक ज्ञान के संचार और प्रसार पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (सीडीटीके-2023)’ को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आधुनिक उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ पारंपरिक ज्ञान के इष्टतम मिश्रण का आह्वान किया।
- उन्होंने कहा कि पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (डीजीटीएल) तक सभी की पहुंच प्रदान करना इस बात का संकेत है कि प्रौद्योगिकी के साथ ज्ञान के एकीकरण से आम आदमी को काफी हद तक मदद मिल सकती है।
- केंद्रीय मंत्री ने स्वस्तिक (भारत का वैज्ञानिक रूप से मान्य सामाजिक पारंपरिक ज्ञान) ब्रोशर, लोकप्रिय विज्ञान पुस्तक और पारंपरिक ज्ञान की भारतीय पत्रिका आजादी का अमृत महोत्सव अंक भी जारी किया। दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सीएसआईआर-राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर), नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है।
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