विषयसूची:
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1. ‘वरुण’ – 2023 का आयोजन:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: द्विपक्षीय नौसेन्य अभ्यास ”वरुण”।
मुख्य परीक्षा: भारत – फ्रांस संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय नौसेन्य अभ्यास का 21वां संस्करण अभ्यास ”वरुण” 16 जनवरी 2023 को पश्चिमी समुद्र तट पर प्रारंभ हुआ।
उद्देश्य:
- यह अभ्यास समुद्र में बेहतर तैयारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों नौसेनाओं के बीच परिचालन स्तर की सहभागिता की सुविधा प्रदान करता है, जो वैश्विक समुद्री इलाकों की सुरक्षा, संरक्षा एवं स्वतंत्रता के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
- नौसैन्य अभ्यास की यह श्रृंखला भारत और फ्रांस के रणनीतिक द्विपक्षीय संबंधों की पहचान बन गई है।
विवरण:
- साल दर साल समुद्र के कार्यक्षेत्र का विस्तार होने और जटिलता बढ़ जाने के बाद यह नौसैन्य अभ्यास एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों से सीखने का अवसर प्रदान करता है।
- दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास वर्ष 1993 में शुरू किया गया था, इसे साल 2001 में ‘वरुण’ नाम दिया गया था।
- अभ्यास के वर्तमान संस्करण में भारतीय नौसेना के कई युद्धपोत और नौकाएं भाग ले रही हैं।
- इनमें स्वदेशी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ डिस्ट्रॉयर जहाज आईएनएस चेन्नई, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तेग नौका, समुद्री गश्ती विमान पी-8आई और डोर्नियर, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर तथा मिग29के लड़ाकू विमान शामिल हैं।
- फ्रांसीसी नौसेना का प्रतिनिधित्व विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल, एफएस फोर्बिन और प्रोवेंस नौका, सहयोगी जहाज एफएस मार्ने तथा समुद्री गश्ती विमान अटलांटिक द्वारा किया जा रहा है।
- यह अभ्यास 16 से 20 जनवरी 2023 तक पांच दिनों के लिए आयोजित किया गया है।
- इस दौरान उन्नत वायु रक्षा अभ्यास, सामरिक युद्धाभ्यास, सतह पर गोलीबारी, रिप्लेनिशमेंट और अन्य समुद्री संचालन गतिविधियां आयोजित होंगी।
- दोनों नौसेनाओं की इकाइयां समुद्र में अपने युद्ध-विरोधी कौशल को और निखारने का प्रयास करेंगी।
- दोनों इकाइयां इस अभ्यास में समुद्री क्षेत्र की बहु-स्तरीय संचालन कार्रवाई के लिए अपनी अंतर-संचालनीयता को बढ़ाएंगी और क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एकीकृत बल के रूप में अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगी।
2. किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (WDRA)।
प्रसंग:
- किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा के लिए, भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (WDRA) ने एक कार्यक्रम में एक राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत में कृषि वित्त में सुधार के लिए आउटरीच गतिविधियों को आगे बढ़ाने के अलावा जमाकर्ताओं को लाभों की जानकारी प्रदान करना है।
- उपज विपणन ऋण में प्रसंस्करण शुल्क शून्य, कोई अतिरिक्त गिरवी की जरूरत नहीं और आकर्षक ब्याज दर जैसी विशेषताएं हैं।
विवरण:
- विशेष रूप से E-NWR (इलेक्ट्रॉनिक परक्राम्य भंडारण रसीद) के आधार पर धनराशि देने के लिए, उपज विपणन ऋण नामक नए ऋण उत्पाद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें प्रसंस्करण शुल्क शून्य, कोई अतिरिक्त गिरवी की जरूरत नहीं और आकर्षक ब्याज दर जैसी विशेषताएं हैं।
- यह परिकल्पना की गई है कि छोटे और सीमांत किसानों के बीच E-NWR की स्वीकृति के संबंध में इस ऋण-उत्पाद के दूरगामी परिणाम होंगे।
- इसमें संकट में बिक्री को रोकने और उपज के लिए बेहतर मूल्य जारी करने के जरिये, ग्रामीण जमाकर्ताओं की वित्तीय सुविधा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है।
- E-NWR प्रणाली की अंतर्निहित सुरक्षा और परक्राम्यता के साथ, उपज विपणन ऋण ग्रामीण नकदी में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद करेगा।
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
- आयोजन के दौरान, ग्रामीण ऋण में सुधार के लिए भण्डार रसीदों का उपयोग करते हुए फसल कटाई के बाद वित्तपोषण के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई।
- बैंक प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र में ऋण देने वाली संस्थाओं के सामने आने वाले जोखिमों पर भी प्रकाश डाला।
- डब्ल्यूडीआरए ने हितधारकों के बीच विश्वास को बेहतर बनाने के लिए अपने पूर्ण नियामक समर्थन का आश्वासन दिया।
3. भारत का विदेश व्यापार:
सामान्य अध्ययन: 3
आर्थिक विकास:
विषय: उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव।/भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत के विदेश व्यापार 2022 से संबंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत के विदेश व्यापार पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा भारत का विदेश व्यापार संबंधी विवरण प्रस्तुत किया गया।
विवरण:
उत्पाद का व्यापार:
- अप्रैल-दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान उत्पाद निर्यात 332.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जबकि अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान यह 305.04 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- अप्रैल-दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान व्यापारिक आयात अप्रैल-दिसंबर 2021 की अवधि के दौरान 441.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 551.70 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषण निर्यात 233.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा, जबकि अप्रैल-दिसंबर 2021 में यह 229.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- अप्रैल-दिसंबर 2022 में गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न और आभूषण (सोना, चांदी और कीमती धातु) का आयात 330.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि अप्रैल-दिसंबर 2021 में यह 266.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
सेवा व्यापार:
- चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीली वृद्धि, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज और व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने का संकेत देती है।
- हालांकि, वैश्विक विकास पूर्वानुमान वैश्विक आर्थिक गतिविधि और व्यापार में गिरावट का संकेत देते हैं।
- ग्लोबल कंपोजिट पीएमआई रिपोर्ट (जनवरी 2023) के अनुसार, नए निर्यात ऑर्डर दिसंबर में लगातार दसवें महीने कम रहे हैं।
- अप्रैल-दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामानों का निर्यात 16.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 10.99 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ था और यह 51.56% की वृद्धि दर्ज की गई थी।
- अप्रैल-दिसंबर 2022 में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात अप्रैल-दिसंबर 2021 में 46.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था और इसमें 52.15% की वृद्धि दर्ज हुई और यह 70.28 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- अप्रैल-नवंबर 2022 की अवधि के दौरान 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया था।
- कपड़ा क्षेत्र में, सूती धागे के निर्यात में गिरावट आई क्योंकि 2022 के दौरान कच्चे माल की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई थी।
- प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की प्रवृत्ति के कारण भारतीय कपड़ा परिधानों और आरएमजी वस्त्रों के निर्यात को बड़ा नुकसान हुआ है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.भारत की G-20 अध्यक्षता:
- भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत स्वास्थ्य कार्य समूह की पहली बैठक 18 से 20 जनवरी, 2023 तक तिरुवनंतपुरम (केरल) में आयोजित की जाएगी।
- एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को G-20 की अध्यक्षता ग्रहण की।
- भारत वर्तमान में G-20 ट्रोइका का हिस्सा है, जिसमें भारत की G-20 अध्यक्षता समावेशी, कार्य उन्मुख और निर्णायक होगी।
- थीम: ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन का प्रतिपादन करता है।
- यह दुनिया के लिए महामारी के बाद एक स्वस्थ विश्व के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान है।
- इसमें इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील शामिल हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि ट्रोइका में तीन विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
- भारत की G-20 अध्यक्षता के स्वास्थ्य ट्रैक में चार हेल्थ वर्किंग ग्रुप (HWG) बैठकें और एक हेल्थ मिनिस्ट्रियल मीटिंग (HMM) शामिल होंगी।
- तिरुवनंतपुरम (केरल), गोवा, हैदराबाद (तेलंगाना) और गांधीनगर (गुजरात) सहित देश के विभिन्न स्थानों पर ये बैठकें आयोजित की जाएंगी।
- भारत G-20 विचार-विमर्शों को समृद्ध, पूरक बनाने और समर्थन प्रदान करने के लिए HWG की प्रत्येक बैठक के साथ एक अतिरिक्त आयोजन की मेजबानी करने की भी योजना बना रहा है।
- जिनमें चिकित्सा संबंधी यात्रा एवं डिजिटल स्वास्थ्य, दवाओं, निदानों और वैक्सीनों के बारे में एक कार्यशाला और परम्परागत चिकित्सा के लिए वैश्विक केन्द्र के बारे में सह-ब्रांडेड कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त आयोजन शामिल है।
- चिकित्सा संबंधी यात्रा के बारे में आयोजित अतिरिक्त कार्यक्रम 18 से 20 जनवरी 2023 को तिरुवनंतपुरम में HWG की पहली बैठक से हटकर आयोजित किया जाएगा।
- G-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत का उद्देश्य उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य प्राथमिकताओं और पिछली प्रेजिडेंसीज़ की उन प्रमुख उपलब्धियों को जारी रखना तथा समेकित करना है, जिन्हें मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है।
- भारत का लक्ष्य स्वास्थ्य सहयोग में लगे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर आयोजित चर्चाओं में समावेश हासिल करना और एकीकृत दिशा में काम करना है।
- इस उद्देश्य के लिए भारत ने G-20 स्वास्थ्य ट्रैक के लिए निम्नलिखित तीन प्राथमिकताओं की पहचान की है:
- प्राथमिकता I: स्वास्थ्य आपात स्थितियों की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया (एक स्वास्थ्य और एएमआर पर ध्यान देने के साथ)।
- प्राथमिकता II: सुरक्षित, प्रभावी, गुणवत्तायुक्त और सस्ती चिकित्सा प्रतिउपायों (वैक्सीन, चिकित्सीय और निदान) तक पहुंच और उपलब्धता पर ध्यान देते हुए औषधि क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाना।
- प्राथमिकता III: वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज मे सहायता और स्वास्थ्य देखभाल सेवा आपूर्ति में सुधार के लिए डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार और समाधान।
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