विषयसूची:
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1. आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ग्रामीण युवाओं को हुनरमंद बनाने और महिला सशक्तिकरण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: महिलाओं कि भूमिका और महिला संगठन।
प्रारंभिक परीक्षा: दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY)।
प्रसंग:
- आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के तहत आयुष सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली के लिए ग्रामीण गरीब युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाने में सहयोग करने के लिए तीन साल के लिए मान्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
उद्देश्य:
- इस MoU के माध्यम से दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल स्थापित होने, एक साथ मिलकर काम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास और गरीबी उन्मूलन के बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति करने में सक्षम बनने की उम्मीद है।
- दोनों मंत्रालय स्व-रोजगार की भावना को बढ़ावा देने में सहयोग करेंगे। इससे ग्रामीण युवाओं और महिलाओं का सशक्तिकरण होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विवरण:
- स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिलाओं को लखपति दीदी (एक लाख रुपये या उससे अधिक वार्षिक आय वाली महिलाएं) बनाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम के रूप में, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के अंतर्गत आयुष स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के लिए गरीब ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देकर कुशल कर्मियों को तैयार करने में सहयोग देने के लिए आयुष मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
- इसके अलावा ग्रामीण युवाओं के लिए एक कोर्स प्रायोगिक तौर पर शुरू किया जाएगा जिसमे ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के बीच सहयोग से DDU-GKY के अंतर्गत NSQF अनुपालन पाठ्यक्रमों जैसे पंचकर्म तकनीशियन, पंचकर्म सहायक, आयुर्वेदिक मालिश वाला, क्षार कर्म तकनीशियन, कपिंग थेरेपी सहायक आदि में 22,000 गरीब ग्रामीण युवाओं का प्रशिक्षण और पहले चरण में उनका प्लेसमेंट सुनिश्चित किया जाएगा।
- इस समझौता ज्ञापन के तहत शुरू किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम को DDU-GKY लागत मानदंडों के अनुसार सहायता देगा।
- NRLM और DDU-GKY आयुष मंत्रालय के संस्थानों द्वारा पाठ्यक्रमों और उनके प्रशिक्षण के बारे में इच्छुक स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और ग्रामीण गरीब युवाओं को सूचीबद्ध करने के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को सूचित करेंगे।
- जबकि, आयुष मंत्रालय आकांक्षियों/उम्मीदवारों के कोर्स, प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए अपने संस्थान प्रदान करेगा।
- इसके अलावा दोनों मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रासंगिक योजनाओं के तहत आय के लिए अतिरिक्त स्रोत उत्पन्न करने के लिए अनुमेय औषधीय वृक्षारोपण कार्यों, पौध संरक्षण, अंतर-फसल की पहचान करने में तकनीकी सहायता प्रदान करने की प्रणाली तैयार करने पर भी काम करेंगे।
- इस MoU के माध्यम से दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल, मिलकर काम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास और गरीबी उन्मूलन के बड़े लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होने की उम्मीद है।
- इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय DDU-GKY मानदंडों के अनुसार प्रशिक्षण देने के लिए DDU-GKY को प्रदान किए गए मानदंडों के आधार पर यानी केंद्र सरकार और राज्य सरकार का वित्तपोषण सुनिश्चित करेगा और DDU-GKY दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम के परिणाम की निगरानी सुनिश्चित करेगा।
पृष्ठ्भूमि
- दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के एक भाग के रूप में, DDU-GKY का उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और विश्व स्तर पर उपयुक्त कार्यबल तैयार करना है।
- दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) गरीबी उन्मूलन के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है, जिसकी शुरुआत 25 सितंबर 2014 को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के 15 से 35 वर्ष की आयु के बीच के गरीबों में सबसे गरीब युवाओं को कौशल प्रदान करना है।
- देश के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह खुद को अपने देश के साथ-साथ पूरी दुनिया के लिए कौशल केंद्र के रूप में विकसित और स्थापित करे।
- स्किल इंडिया अभियान के एक भाग के रूप में, यह सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया आदि, जो भारत को वैश्विक स्तर पर पसंदीदा विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करता है, जबकि राष्ट्र के अन्य प्रमुख कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली अपनी कोशिशों को आगे भी बढ़ाता है।
- DDU-GKY के अंतर्गत अब तक कुल 13.88 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है और 8.24 लाख युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है।
2. रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक के लिए खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत 70,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सुरक्षा:
विषय: भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास।
प्रारंभिक परीक्षा: ब्रह्मोस मिसाइल, हल्के हेलीकॉप्टर एमके-III , लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन, Su-30 MKI विमान।
प्रसंग:
- रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में 16 मार्च, 2023 को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में खरीद- भारतीय आईडीडीएम (स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) के तहत 70,500 करोड़ रुपये से अधिक की पूंजी अधिग्रहण के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AoN) को मंजूरी प्रदान की है।
उद्देश्य:
- भारतीय नौसेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति ईडब्ल्यू सिस्टम और यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-समुद्री से संबंधित 56,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
- भारतीय वायु सेना के लिए लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन को मंजूरी मिली, इसे Su-30 MKI विमान पर एकीकृत किया जाएगा।
- भारतीय सेना के लिए उच्च गतिशीलता और गन टोइंग वाहनों के साथ 155 मिलीमीटर/52 कैलिबर ATAGS की खरीद की जाएगी।
- भारतीय तटरक्षक को HAL से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके-III प्राप्त होगा।
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक की खरीद को मंजूरी दी गई, इसमें 99 फीसदी भारतीय उद्योगों से प्राप्त किया जाना है।
विवरण:
- इन कुल प्रस्तावों में से भारतीय नौसेना के लिए 56,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव हैं।
- इनमें बड़े पैमाने पर स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल, शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) प्रणाली, यूटिलिटी हेलीकॉप्टर-मैरीटाइम आदि शामिल हैं।
- ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की यह अतिरिक्त खरीद समुद्री हमले की क्षमताओं और एंटी-सरफेस वारफेयर ऑपरेशन को आगे बढ़ाएगी।
- वहीं, अतिरिक्त यूटीलिटी हेलीकाप्टर खोज व बचाव कार्यों, घायलों को बाहर निकालने, मानवीय सहायता आपदा राहत (एचएडीआर) आदि के क्षेत्र में भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता में बढ़ोतरी करेगा।
- इसी तरह, शक्ति ईडब्ल्यू प्रणाली दुश्मनों के किसी भी ऑपरेशनों से निपटने में नौसेना के अग्रिम पंक्ति के पोतों को सक्षम और आधुनिक बनाएगी।
- मेक-I श्रेणी के तहत मध्यम गति समुद्री डीजल इंजन के लिए AoN की मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि पहली बार भारत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य की दिशा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और उद्योगों की क्षमताओं का लाभ उठाने के लिए स्वदेशी रूप से ऐसे इंजनों के विकास और निर्माण का उद्यम कर रहा है।
- सरकार ने उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ समन्वय रखने और पश्चिमी व उत्तरी मोर्चे पर दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए नए हथियारों की जरूरत और वितरण मंचों के साथ इसके एकीकरण की जरूरत महसूस की।
- इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए DAC ने लॉन्ग रेंज स्टैंड-ऑफ वेपन (एलआरएसओडब्ल्यू), जिसे Su-30 MKI विमान पर स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और एकीकृत किया जाएगा, के लिए भारतीय वायु सेना के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है।
- DAC ने भारतीय सेना के लिए तोपखाना (आर्टिलरी) आधुनिकीकरण को लेकर मौजूदा धनुष गन प्रणाली और के-9 वज्र-टी गन प्रणाली के अलावा 155 मिलीमीटर/52 कैलिबर एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन प्रणाली (ATAGS) के साथ-साथ हाई मोबिलिटी व्हीकल (HMV) और गन टोइंग वाहनों (GTV) की खरीद के लिए AoN को मंजूरी प्रदान की है।
- इसके अलावा परिषद ने भारतीय तटरक्षक के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) MK-III की खरीद के लिए भी AoN को मंजूरी दी है।
- यह हेलीकाप्टर निगरानी सेंसरों के एक समूह को ले जाने में सक्षम होगा, जो निगरानी क्षमताओं में बढ़ोतरी करेगा।
- इसके अलावा यह भारतीय तटरक्षक के ऑपरेशनों के लिए पूरी रात की क्षमता और साधन उड़ान नियम (IFR) क्षमता भी प्रदान करेगा।
- आज के प्रस्तावों सहित वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूंजीगत अधिग्रहण के लिए स्वीकृत कुल AoN 2.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक के हैं, जिसमें से 99 फीसदी खरीद भारतीय उद्योगों से की जाएगी।
- इतनी बड़ी मात्रा में स्वदेशी खरीद भारतीय उद्योगों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रेरित करेगी।
3. अभ्यास ला पेरोस-2023:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: INS सह्याद्री और फ्लीट टैंकर INS ज्योति, अभ्यास ला पेरोस।
प्रसंग:
- भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित मध्यम आकार के गाइडेड मिसाइल युद्धपोत INS सह्याद्री और फ्लीट टैंकर INS ज्योति ने 13 से 14 मार्च 2023 तक आयोजित बहुपक्षीय अभ्यास ला पेरोस के तीसरे संस्करण में भाग लिया।
उद्देश्य:
- अभ्यास ला पेरोस का उद्देश्य समुद्री अधिकार-क्षेत्र की जागरूकता बढ़ाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाली नौसेनाओं के बीच समुद्री समन्वय को अनुकूलित करना था।
विवरण:
- यह नौसैन्य अभ्यास हिंद महासागर के जल क्षेत्र में आयोजित किया गया था।
- अभ्यास ला पेरोस में भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के साथ-साथ रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना से HMAS पर्थ, फ्रांस की नौसेना से FS डिक्सम्यूद और FS ला फायेत, जापान की मेरीटाइम सेल्फ डिफेन्स फोर्स से JMSDF जहाज सुजुत्सुकी के साथ टाइप SH 60 जे हेलीकॉप्टर, रॉयल नेवी के HMS तेमार तथा अमेरिका की नौसेना की तरफ से USS चार्ल्सटन ने हिस्सा लिया।
- दो दिवसीय अभ्यास ने भाग लेने वाली सभी नौसेनाओं को जटिल एवं उन्नत नौसैन्य संचालन करने का अवसर प्रदान किया, जिसमें निर्बाध समुद्री संचालन के लिए समुद्र में ईंधन पुन: पूर्ति की व्यवस्था, सतही युद्धाभ्यास, वायु-रोधी एवं वायु-रक्षा अभ्यास, क्रॉस डेक हेलीकाप्टर संचालन तथा उपयुक्त रूप से एक संयुक्त माध्यम में सामरिक युद्धाभ्यास करना शामिल है।
- INS सह्याद्री रडार से बचने में सक्षम, अत्याधुनिक हथियारों एवं सेंसरों से सुसज्जित एक स्वदेशी रूप से डिजाइन व निर्मित गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट मध्यम युद्धपोत है, सह्याद्री की तमाम क्षमताएं इसे हवा, सतह और तलछट के खतरों का पता लगाने तथा उन्हें बेअसर करने में सक्षम बनाती है।
- INS ज्योति एक बड़ा जलपोत टैंकर है, जो भारतीय नौसैन्य बेड़े को समुद्र में लंबे समय तक ईंधन प्रदान करने में सक्षम है।
- ये दोनों युद्धपोत विशाखापट्टनम में स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं और पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ की संचालन कमान के तहत कार्य करते हैं।
4. सैन्याभ्यास सी-ड्रैगन 23:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: P-8 विमान,‘एक्सरसाइज सी-ड्रैगन 23’।
प्रसंग:
- भारतीय नौसेना का P-8 विमान 14 मार्च, 2023 को अमेरिका के ग्वाम में पहुंच गया है, जहां वह ‘एक्सरसाइज सी-ड्रैगन 23’ में हिस्सा लेगा।
उद्देश्य:
- सैन्याभ्यास का उद्देश्य है मित्र नौसेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और तालमेल बैठाना, जो उनके साझा मूल्यों तथा मुक्त व समावेशी हिंद-प्रशांत के लिये संकल्प पर आधारित है।
विवरण:
- यह अमेरिका की नौसेना द्वारा संचालित तीसरा सैन्याभ्यास है, जिसमें लंबी दूरी वाले MR ASW विमानों के लिये बहुपक्षीय ASW अभ्यास आयोजित किया जाता है।
- यह सैन्याभ्यास 15 मार्च से 30 मार्च, 2023 तक चलेगा।
- इस दौरान सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले देश पनडुब्बी-रोधी संयुक्त कार्रवाई का अभ्यास करेंगे।
- इन सैन्याभ्यासों की सघनता और दायरे को पिछले कई वर्षों के दौरान लगातार बढ़ाया जाता रहा है, ताकि उन्नत ASW अभ्यास को शामिल किया जा सके।
- अभ्यास के दौरान सी-ड्रैगन 23 की क्षमताओं की परख की जायेगी।
- इस सिलसिले में वह अन्य विमानों के साथ पानी के भीतर स्थित लक्ष्यों को भेदने का प्रदर्शन करेगा।
- इसके साथ ही आपस में विशेषज्ञता का आदान-प्रदान भी किया जायेगा।
- सैन्याभ्यास में P-8I भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करेगा, जबकि अमेरिकी नौसेना का P8A, जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल का P1, कनाडा की शाही वायुसेना की CP 140 और कोरिया गणराज्य की नौसेना का P3C विमान हिस्सा लेगा।
5. ग्रीन हाइड्रोजन मिशन:
सामान्य अध्ययन: 3
ऊर्जा:
विषय: बुनियादी ढांचा-ऊर्जा ।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन ।
मुख्य परीक्षा: राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन, इसके उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है। कथन की पुष्टि कीजिए।
प्रसंग:
- 4 जनवरी 2023 को, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी प्रदान की थी।
उद्देश्य:
- मिशन का व्यापक उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाना है।
विवरण:
मिशन के हिस्से के रूप में निम्नलिखित घटकों की घोषणा की गई है:
- निर्यात और घरेलू उपयोग के माध्यम से मांग निर्माण को सुगम बनाना;
- ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (साइट) कार्यक्रम के लिए सामरिक हस्तक्षेप, जिसमें इलेक्ट्रोलाइज़र के निर्माण और हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं;
- स्टील, मोबिलिटी, शिपिंग आदि के लिए पायलट प्रोजेक्ट;
- हरित हाइड्रोजन हब का विकास;
- अवसंरचना विकास के लिए सहायता;
- नियमों और मानकों का एक मजबूत ढांचा स्थापित करना;
- अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रम;
- कौशल विकास कार्यक्रम; और
- जन जागरूकता और आउटरीच कार्यक्रम।
2030 तक मिशन के अपेक्षित परिणाम इस प्रकार हैं:
- भारत की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 5 MMT तक पहुंचने की संभावना है, जिससे जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता में कमी आएगी।
- मिशन लक्ष्यों की उपलब्धि से 2030 तक संचयी रूप से 1 लाख करोड़ मूल्य के जीवाश्म ईंधन के आयात में कमी आने की उम्मीद है।
- ग्रीन हाइड्रोजन की लक्षित मात्रा के उत्पादन और उपयोग के माध्यम से प्रति वर्ष लगभग 50 MMT CO2 उत्सर्जन को टालने की उम्मीद है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1.राष्ट्रपति ने INS द्रोणाचार्य को राष्ट्रपति ध्वज (प्रेजिडेंट्स कलर) प्रदान किया:
- भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 16 मार्च, 2023 को कोच्चि, केरल में INS द्रोणाचार्य को राष्ट्रपति ध्वज (प्रेसिडेंट्स कलर) प्रदान किया।
- राष्ट्रपति ने कहा कि समुद्र में शक्ति भारत के सामरिक, सैन्य, आर्थिक और वाणिज्यिक हितों के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारत जैसे देश के लिए, विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के अतिरिक्त एक लंबी तटरेखा, उसके द्वीपीय क्षेत्र और पर्याप्त नाविक जनशक्ति (सीफारिंग पापुलेशन) के साथ एक मजबूत और आधुनिक नौसेना का होना बहुत अधिक महत्व रखता है।
2. प्रधानमंत्री 18 मार्च को ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे;
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 18 मार्च, 2023 को नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (NASC) के सुब्रमण्यम हॉल में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
- भारत के प्रस्ताव के आधार पर, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (IYM) के रूप में घोषित किया गया था।
- इसके अलावा, IYM 2023 के उत्सव को एक ‘जन आंदोलन’ बनाने और भारत को ‘श्री अन्न के लिए वैश्विक हब’ के रूप में स्थापित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/ विभागों, राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों, किसानों, स्टार्ट- अप, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों और अन्य हितधारकों को किसानों, उपभोक्ताओं और जलवायु के लिए मिलेट (श्री अन्न) के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रचार करने के लिए लगाया जा रहा है।
- भारत में ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन का आयोजन इस संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
- दो दिनों तक चलने वाले वैश्विक सम्मेलन में उत्पादकों, उपभोक्ताओं और अन्य हितधारकों के बीच पोषक अनाज के प्रचार और जागरूकता, पोषक अनाज की मूल्य श्रृंखला का विकास, पोषक अनाज के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी पहलू, बाजार संपर्क, अनुसंधान और विकास आदि जैसे पोषक अनाज (श्री अन्न) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
- सम्मेलन में विभिन्न देशों के कृषि मंत्री, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक, पोषण विशेषज्ञ, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, स्टार्ट-अप उद्योग के दिग्गज और अन्य हितधारक भाग लेंगे।
3. भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे:
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना 18 मार्च 2023 को वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन करेंगे।
- यह भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पार पहली ऊर्जा पाइपलाइन है, जिसे 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया गया है, जिसमें से पाइपलाइन के बांग्लादेश में निर्मित हिस्से पर लगभग 285 करोड़ रुपये की लागत आई है जिसे अनुदान सहायता के तहत भारत सरकार ने वहन किया है।
- पाइपलाइन में प्रति वर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन हाई-स्पीड डीजल (HSD) पहुंचाने की क्षमता है।
- यह शुरुआत में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति करेगी।
- भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के संचालन से भारत से बांग्लादेश तक HSD लाने-ले जाने का एक स्थायी, विश्वसनीय, किफायती और पर्यावरण अनुकूल साधन स्थापित होगा और दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा में सहयोग को और बढ़ाएगा।
4. जोजिला दर्रा:
- सीमा सड़क संगठन (BRO) ने 16 मार्च 2023 को ग्रेटर हिमालयन रेंज पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला दर्रा खोल दिया है।
- 11,650 फीट ऊंचाई पर स्थित जोजिला दर्रा केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर के बीच एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।
- इसको 6 जनवरी, 2023 तक मौसम की कठिन परिस्थितियों के बीच अथक बर्फ निकासी अभियानों के माध्यम से यातायात के लिए खुला रखा गया था।
- यह सुनिश्चित करते हुए कि जोजिला दर्रा कम से कम समय के लिए बंद हो, पिछले वर्ष इसे 73 दिनों में और बीते वर्षों के 160-180 दिनों की तुलना में इस साल जोजिला दर्रा केवल 68 दिनों के लिए ही अवरुद्ध रहा है।
- शुरुआत में फरवरी, 2023 के पहले सप्ताह से क्रमशः जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में प्रोजेक्ट बीकन व विजयक के अंतर्गत जोजिला दर्रे के दोनों ओर से बर्फ हटाने का अभियान चलाया गया था।
- इसी तरह से, गुरेज सेक्टर और कश्मीर घाटी के बीच एकमात्र सड़क संपर्क सुविधा प्रदान करने वाला राजदान दर्रा भी केवल 58 दिनों तक अवरुद्ध रहने के बाद 16 मार्च 2023 को सफलतापूर्वक खोल दिया गया है।
- साधना, फरकियान गली और जमींदार गली के अन्य महत्वपूर्ण दर्रे सर्दियों के पूरे मौसम में खुले रखे गए थे।
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लिंक किए गए लेख में 15 मार्च 2023 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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