विषयसूची:
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1. पारंपरिक औषधियों पर भारत और आसियान का सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली की भूमिका और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
प्रसंग:
- आयुष मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय और आसियान में भारतीय मिशन के सहयोग से नई दिल्ली में पारंपरिक औषधियों पर भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) का एक सम्मेलन आयोजित किया।
विवरण:
- लगभग एक दशक बाद आयोजित इस सम्मेलन में सतत विकास लक्ष्यों और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को प्राप्त करने के लिए स्थाई और लचीली स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को मजबूत करने का वादा किया गया।
- वर्चुअल मोड के माध्यम से भाग लेने वाले दो आसियान देशों सहित भारत और आसियान के कुल 75 प्रतिनिधि इस प्रतिष्ठित सम्मेलन का हिस्सा थे।
- भारत और आसियान देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा पर सम्मेलन सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर रणनीति बनाने के लिए पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श करने का एक मंच प्रदान करता है। पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में “एक स्वास्थ्य” के लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रमुख भूमिका निभाने की काफी क्षमता है।
- भारत और आसियान के पास समृद्ध पारंपरिक उपचार प्रणालियाँ हैं जो आयुर्वेद या आयुर्वेद आधारित हर्बल उपचार, समग्र दृष्टिकोण और सांस्कृतिक प्रथाओं के संदर्भ में समानताएं साझा करती हैं।
- मोटा अनाज शरीर को जैव-उपलब्ध रूप में आवश्यक खनिज, फाइबर और अन्य तत्व प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। संयुक्त राष्ट्र ने भारत के प्रस्ताव पर 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किया है।
- सम्मेलन को सत्रों में विभाजित किया गया था, जिसमें भारत और आसियान के पारंपरिक चिकित्सा विशेषज्ञ ने अपने द्वारा किए गए शोध और लोगों को कोविड से बचाने के लिए की गई अन्य पहलों को साझा किया। दूसरा सत्र नियामक ढांचे, गुणवत्ता नियंत्रण उपायों और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में पारंपरिक चिकित्सा के एकीकरण पर ज्ञान साझा करने से संबंधित था।
2. पशुधन क्षेत्र के लिए अब तक की पहली ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम’ लॉन्च की गई
सामान्य अध्ययन: 3
अर्थव्यवस्था:
विषय: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
प्रारंभिक परीक्षा: ‘क्रेडिट गारंटी स्कीम’ का महत्त्व
प्रसंग:
- पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, ऋण वितरण प्रणाली को मजबूत करने और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को जोखिम मुक्त असुरक्षित ऋण के सुचारू प्रवाह की सुविधा के लिए पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के तहत क्रेडिट गारंटी योजना (एमएसएमई) पशुधन क्षेत्र में लागू किया गया है।
- इस योजना को प्रचालनगत करने के लिए, DAHD ने 750 करोड़ रुपए के एक क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना की है, जो पात्र ऋणदाता संस्थानों द्वारा एमएसएमई को दी जाने वाली ऋण सुविधाओं के 25 प्रतिशत तक का क्रेडिट गारंटी कवरेज प्रदान करेगा।
उद्देश्य:
- क्रेडिट गारंटी स्कीम का मुख्य उद्देश्य यह है कि ऋणदाता को परियोजना व्यवहार्यता को महत्व देना चाहिए और विशुद्ध रूप से वित्त पोषित परिसंपत्तियों की प्राथमिक सुरक्षा के आधार पर ऋण सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
विवरण:
- क्रेडिट गारंटी स्कीम मुख्य रूप से पहली पीढ़ी के उद्यमियों तथा समाज के वंचित वर्ग के लोगों, जिनके पास अपने उद्यमों की सहायता के लिए विपणन योग्य धन का अभाव होता है, को उधारदाताओं से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए पशुधन क्षेत्र के वंचित और अल्प सेवा प्राप्त सेक्टर के लिए वित्त की सुविधा प्रदान करने में सहायता करती है।
- क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना को 15000 करोड़ रुपए के पशुपालन अवसंरचना विकास फंड (AHIDF) के प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के तहत (i) डेयरी प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन अवसंरचना, (ii) मांस प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन अवसंरचना (iii) पशु आहार संयंत्र (iv) नस्ल सुधार प्रौद्योगिकी और नस्ल बहुगुणन फार्म (v) पशु अपशिष्ट से संपदा प्रबंधन (कृषि अपशिष्ट प्रबंधन) (vi) पशु चिकित्सा टीका और औषधि विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए व्यक्तिगत उद्यमियों, निजी कंपनियों एमएसएमई, कृषक उत्पादक संगठनों (FPO) और धारा-8 कंपनियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मंजूरी दी गई थी।
- AHIDF स्कीम की प्रमुख विशेषताओं में से एक 750 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना है। DAHD ने AHIDF स्कीम के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को ऋण गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना के लिए नाबार्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएबी संरक्षण ट्रस्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक ट्रस्ट का गठन किया है।
- मार्च 2021 में स्थापित यह फंड ट्रस्ट कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र में AHIDF की क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत देश का पहला फंड ट्रस्ट है और DAHD द्वारा की गई एक पथ प्रदर्शक पहल है, जो AHIDF स्कीम का लाभ प्राप्त करने वाली एमएसएमई इकाइयों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि करेगी और बैंकों से विपणन योग्य धन ऋण के लिए इको-सिस्टम को सुदृढ़ बनाएगी।
- क्रेडिट गारंटी पोर्टल को एक व्यवस्था आधारित पोर्टल के रूप में विकसित किया गया है तथा क्रेडिट गारंटी स्कीम, क्रेडिट गारंटी कवर जारी करने/नवीकरण तथा दावों के निपटान के तहत पात्र ऋण प्रदाता संस्थानों के नामांकन को कार्यान्वित किया गया है।
- विशेष रूप से, DAHD द्वारा आरंभ की गई क्रेडिट गारंटी स्कीम की पहल से पशुधन क्षेत्र से जुड़े एमएसएमई की भागीदारी में अत्यधिक वृद्धि होने की संभावना है, जिससे इस क्षेत्र में ऋण का प्रभाव बढ़ेगा और पशुधन क्षेत्र, जो विकास चाहने वाले सबसे संभावित क्षेत्रों में से एक है, को सुदृढ़ करने के माध्यम से समग्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई को सुदृढ़ किया जा जाएगा।
- AHIDF स्कीम की मुख्य विशेषताएं-
- 3 प्रतिशत की ब्याज छूट
- किसी भी अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) से कुल परियोजना लागत के 90 प्रतिशत तक का ऋण
3. प्रथम वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: प्रथम वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023
प्रसंग:
- केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और विशेष अतिथि नेपाल सरकार के कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री की उपस्थिति में पहले वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023 का उद्घाटन किया।
- यह शिखर सम्मेलन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक प्रयास है, जो खाद्य मूल्य श्रृंखला में खाद्य सुरक्षा प्रणालियों और नियामक ढांचे को मजबूत करने पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से खाद्य नियामकों का एक वैश्विक मंच तैयार करता है।
विवरण:
- “वैश्विक सतत विकास के लिए खाद्यान्न, खाद्य सुरक्षा और खाद्य संरक्षण के मुद्दों पर गहराई से विचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। वन हेल्थ दृष्टिकोण के तहत एक इको-सिस्टम बनाना खाद्य नियामकों का अत्यधिक उत्तरदायी कार्य है जो जलवायु, मानव, पशु और पौधों के स्वास्थ्य को सामूहिक रूप से देखने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करता है। यह मौजूदा जी 20 की भारत की अध्यक्षता के अंतर्गत वन हेल्थ स्वास्थ्य कार्य समूह के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है।
- केंद्रीय मंत्री ने खाद्य स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण निर्धारक के रूप में मिट्टी के स्वास्थ्य के पहलू पर विस्तार से प्रकाश डाला, तथा हाल ही में घोषित पीएम-प्रणाम योजना की मुख्य विशेषताओं के बारे में चर्चा की, जो खाद्य कृषि में रसायनों और उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करती है, तथा किसानों को जैविक, प्राकृतिक एवं वैकल्पिक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन 2023 खाद्य सुरक्षा प्रणालियों से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर दृष्टिकोण और ज्ञान का आदान-प्रदान करने के लिए दुनिया भर के खाद्य नियामकों को एक साथ लाता है। वैश्विक शिखर सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्र होंगे, जो वैश्विक खाद्य नियामकों की भूमिका और जिम्मेदारियां, वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए चुनौतियां और समाधान, मजबूत मानक सेटिंग, खाद्य आपातकालीन प्रत्युत्तर में नवाचार आदि जैसे अनेक विषयों पर केंद्रित होंगे।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- इस्पात क्षेत्र और डी-कार्बोनाइजेशन से जुड़े मुद्दों पर सहयोग के लिए भारत-जापान के बीच द्विपक्षीय बैठक सम्पन्न हुई
- केंद्रीय इस्पात मंत्री और जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्री ने इस्पात क्षेत्र में सहयोग और डी-कार्बोनाइजेशन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय बैठक की।
- दोनों पक्षों ने एक नीतिगत दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया, जिसमें प्रत्येक देश के उद्योग की परिस्थितियों को ध्यान में रखा जा रहा है और उसमें इस्पात क्षेत्र में आर्थिक विकास और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के बारे में अंतर्निहित मौलिक सिद्धांत शामिल हैं।
- उन्होंने यह भी विचार साझा किया कि भारत व जापान दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक तथा वैश्विक इस्पात उद्योग में लाभ के एकसमान भागीदार हैं।
- दोनों पक्षों ने इस्पात उद्योग में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के उपायों का महत्व देते हुए, अपने लिए निर्धारित नेट जीरो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग के महत्व की भी पुष्टि की।
- इस तरह के सहयोग को जारी रखने के लिए, नवंबर 2023 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ स्टील डायलॉग और अन्य सहयोग आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और स्टील उत्पादन के क्रम में कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों पर उचित ध्यान देते हुए आगे की चर्चा आयोजित करने का संयुक्त रूप से निर्णय लिया गया।
- चौथे ऊर्जा अंतरण कार्य समूह (ETWG) के दौरान स्वच्छ ऊर्जा पर 14 वीं मंत्रिस्तरीय और 8 वें मिशन की नवाचार बैठक गोवा में शुरू
- भारत की जी-20 की अध्यक्षता के अंतर्गत चौथी ऊर्जा अंतरण कार्य समूह (ETWG) की बैठक 19 जुलाई, 2023 को गोवा में शुरू हुई।
- ‘वित्तपोषण कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण’ के विषय को संबोधित करने के लिए एक सत्र की व्यवस्था की गई थी, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिक बैंकों, बहुपक्षीय विकास बैंकों, सरकारों और उद्योग के प्रतिनिधियों को एक साथ लाना था। इस परिघटना का मुख्य ध्येय कार्बन प्रबंधन परियोजनाओं के वित्तपोषण को और अधिक आकर्षक बनाने के तरीके पर रणनीतियों और विचारों का पता लगाना है।
- ‘ग्लोबल कार्बन मैनेजमेंट चैलेंज’ पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यान्वयन के लिए प्रमुख सफलता कारकों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें व्यावहारिक प्रोत्साहन नीति ढांचे, उपयुक्त वित्तीय ढांचे और भूवैज्ञानिक CO2 भंडारण अवसरों का समय पर मूल्यांकन शामिल था।
- ‘कोलैबोरेशन फॉर एडवांसिंग ग्लोबल एक्शन ऑन सस्टेनेबल कूलिंग’ सत्र में वैश्विक कार्रवाई को प्रोत्साहित करते हुए चर्चा के प्राथमिकता वाले विषय के रूप में निरंतर शीतलन पर प्रकाश डाला गया।
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