विषयसूची:
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भारत में दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना के तहत डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंगकी सुविधा में संशोधन:
सामान्य अध्ययन: 3आर्थिक विकास:विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।प्रारंभिक परीक्षा: उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना।
मुख्य परीक्षा: यह संशोधन भारत में 5जी इकोसिस्टम विकसित करने क लिए दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों के विनिर्माण को किस प्रकार प्रभाववित करेगा।प्रसंग:- भारत में दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंग आधारित विनिर्माण की सुविधा में संशोधन किया गया।
उद्देश्य:
- पीएलआई योजना में मौजूदा प्रोत्साहन दरों के ऊपर 1 प्रतिशत की अतिरिक्त प्रोत्साहन दर के साथ डिजाइन-आधारित विनिर्माण की सुविधा में संशोधन किया गया।
- यह भारत में 5जी इकोसिस्टम विकसित करने क लिए दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देगा।
- पात्र उत्पादों की सूची में अतिरिक्त दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों को जोड़ा गया।
- दूरसंचार पीएलआई योजना का एक वर्ष के लिए विस्तार किया गया।
- 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोत्साहन के लिए 21 जून 2022 से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं।
विवरण:
- दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 12,195 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 24 फरवरी, 2021 को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना अधिसूचित की थी।
- 8 घरेलू और 7 वैश्विक कंपनियों सहित कुल 31 कंपनियों, जिनमें 16 एमएसएमई और 15 गैर-एमएसएमई शामिल थीं, को 14 अक्टूबर 2021 को मंजूरी दी गई थी।
- 5जी के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करने के उद्देश्य से आम बजट 2022-23 में विद्यमान पीएलआई स्कीम के हिस्से के रूप में डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक स्कीम लांच करने का प्रस्ताव पेश किया गया है।
- हितधारकों के साथ परामर्श के बाद, दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों की पीएलआई स्कीम के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किए गए हैं जिससे कि अतिरिक्त प्रोत्साहन दरों के साथ डिजाइन आधारित मैन्यूफैक्चरिंग लागू की जा सके।
- इसके अतिरिक्त, चुने हुए पीएलआई आवेदकों सहित हितधारकों से मिले फीडबैक के आधार पर दूरसंचार विभाग ने पीएलआई स्कीम को एक वर्ष के लिए विस्तारित करने का निर्णय लिया है।
- विद्यमान पीएलआई लाभार्थियों को प्रोत्साहन के पहले वर्ष के रूप में वित्त वर्ष 2021-22 या वित्त वर्ष 2022-23 को चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
- दूरसंचार विभाग ने हितधारकों के परामर्श के आधार पर विद्यमान सूची में 11 नए दूरसंचार तथा नेटवर्किंग उत्पादों को जोड़ने की भी मंजूरी दी है।
- डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार विभाग 1 अप्रैल 2022 से आरंभ पांच वर्षों के लिए पीएलआई स्कीम के तहत प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए डिजाइन आधारित विनिर्माताओं तथा अन्य लोगों से आवेदन आमंत्रित कर रहा है।
- यह स्कीम घरेलू एवं वैश्विक कंपनियों सहित एमएसएमई तथा गैर-एमएसएमई कंपनियों दोनों के लिए खुली है।
- डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंग का लक्ष्य मुख्य रूप से भारत में दूरसंचार उत्पादों की डिजाइन तैयार करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहायता करना है।
- यह वैश्विक मूल्य श्रृंखला में अपने योगदान को बढ़ाने के लिए देश में अनुसंधान एवं विकास अधिारित विनिर्माण को मान्यता एवं प्रोत्साहन देगा जैसी कि राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 में परिकल्पना की गई है।
- आवेदकों को इस स्कीम के तहत पात्र होने के लिए न्यूनतम वैश्विक राजस्व मानदंड को पूरा करना होगा।
- कंपनी सिंगल या मल्टीपल पात्र उत्पादों के लिए निवेश करने का निर्णय कर सकती है।
- इस योजना में एमएसएमई के लिए 10 करोड़ रुपये की तथा गैर एमएसएमई आवेदकों के लिए 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम निवेश सीमा निर्धारित की गई है।
- भूमि एवं भवन की लागत को निवेश के रूप में नहीं गिना जाएगा।
- पात्रता आधार वर्ष (वित्त वर्ष 2019-20) में विनिर्मित्त वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री (टार्गेट सेगमेंट के तहत कवर की गई स्कीम) के अध्यधीन होगी।
- एमएसएमई के लिए आवंटन को 1000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2500 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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प्रधानमंत्री ने बेंगलुरू में 27000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेल और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया:
सामान्य अध्ययन: 3आर्थिक विकास:विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां,हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।प्रारंभिक परीक्षा:मुख्य परीक्षा: गतिशक्ति की भावना से चलाई जा रही इस तरह की परियोजनाओं से युवाओं को रोजगार मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती मिलेगी।टिपण्णी कीजिए।प्रसंग:
- प्रधानमंत्री ने बेंगलुरू में 27,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेल और सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
उद्देश्य:
- प्रधान मंत्री ने कर्नाटक में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं और 7 रेलवे परियोजनाएं रखी गई हैं।
- ये सभी प्रोजेक्ट कर्नाटक के युवाओं, मध्यम वर्ग, किसानों, श्रमिकों, उद्यमियों को नई सुविधाएं और नए अवसर प्रदान करेंगे।
- बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना, बेंगलुरु कैंट और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास, बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना के दो खंडों, विभिन्न सड़क आधुनिकीकरण परियोजनाओं और बेंगलुरु में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क का शिलान्यास किया।
- प्रधानमंत्री ने भारत के प्रथम वातानुकूलित रेलवे स्टेशन, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण वाले कोंकण रेलवे लाइन और अन्य रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।
विवरण:
परियोजनाओं का विवरण:
- बेंगलुरु उपनगरीय रेल परियोजना (बीएसआरपी) बेंगलुरु शहर को उसके उपनगरों और सैटेलाइट टाउनशिप से जोड़ेगी।
- इस परियोजना को 15,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाना है।
- परियोजना में 4 गलियारों की परिकल्पना की गई है जिनकी कुल लंबाई 148 किलोमीटर से अधिक है।
- प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु कैंट और यशवंतपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी, जिन्हें क्रमशः 500 करोड़ रुपये और 375 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा।
- कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने बैयप्पनहल्ली में भारत के प्रथम वातानुकूलित रेलवे स्टेशन- सर एम. विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया, जिसे लगभग 315 करोड़ रुपये की कुल लागत से आधुनिक हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने उडुपी, मडागांव और रत्नागिरी से इलेक्ट्रिक ट्रेनों को झंडी दिखाकर रोहा (महाराष्ट्र) से ठोकुर (कर्नाटक) तक शत-प्रतिशत विद्युतीकृत कोंकण रेलवे लाइन (लगभग 740 किलोमीटर) को राष्ट्र को समर्पित किया।
- कोंकण रेलवे लाइन का विद्युतीकरण 1280 करोड़ से अधिक की लागत से किया गया है।
- गौरतलब हैं कि कोंकण रेलवे के शत-प्रतिशत बिजलीकरण के महत्वपूर्ण पड़ाव पार किया हैं।
- प्रधानमंत्री ने अर्सीकेरे से तुमकुरु (लगभग 96 किमी) और येलहंका से पेनुकोंडा (लगभग 120 किमी) क्रमशः यात्री ट्रेनों और एमईएमयू सेवा को हरी झंडी दिखाकर दो रेलवे लाइनों के दोहरीकरण की परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
- दो रेलवे लाइन दोहरीकरण परियोजनाओं को क्रमशः 750 करोड़ रुपये और 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है।
- कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु रिंग रोड परियोजना के दो खंडों की आधारशिला भी रखी। 2280 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित होने वाली इस परियोजना से शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
- प्रधानमंत्री ने विभिन्न अन्य सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी, जैसे-एनएच-48 के नेलामंगला-तुमकुर खंड को छह लेन का बनाना, एनएच-73 के पुंजालकट्टे-चारमाड़ी खंड का चौड़ीकरण, एनएच-69 के एक खंड का पुनर्वास और आधुनिकीकरण।
- इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 3150 करोड़ रुपये है।
- प्रधानमंत्री ने मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की आधारशिला भी रखी, जिसे लगभग 1800 करोड़ रुपये की लागत से बेंगलुरु से लगभग 40 किलोमीटर दूर मुद्दलिंगनहल्ली में विकसित किया जा रहा है।
- यह परिवहन, हैंडलिंग और द्वितीयक माल ढुलाई लागत को कम करने में मदद करेगा।
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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 का मुख्य कार्यक्रम कर्नाटक के मैसूरु में आयोजित किया जाएगा:
सामान्य अध्ययन: 3स्वास्थ्य: विषय: पारंपरिक चिकित्सा पद्धति योग को बढ़ावा इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और नवाचार करना।प्रारंभिक परीक्षा: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई)।मुख्य परीक्षा: योग ने बीमारी की पीड़ा को कम करने में मानवजाति की सेवा की हैं। खासकर कोविड-19 के बाद लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने तथा आपदा को सहन करने में पूरी दुनिया में लोगों की मदद की हैं। चर्चा कीजिए।प्रसंग:
- आयुष मंत्रालय और कर्नाटक सरकार मैसूरु के मैसूरु पैलेस, में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) 2022 के मुख्य कार्यक्रम का उत्सव मनाने के लिए तैयार हैं।
उद्देश्य:
- इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 8वें संस्करण का विषय ‘मानवता के लिए योग’ है,क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान योग ने बीमारी की पीड़ा को कम करने में मानवजाति की सेवा की थी।
विवरण:
- महामारी के दो वर्षों के बाद, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को ऑफ़लाइन मोड में मनाया जा रहा हैं।
- इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 में भारत में 75 प्रतिष्ठित स्थानों पर केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों द्वारा ‘गार्जियन रिंग’, योग प्रदर्शन और मैसूरु दशहरा मैदान, मैसूरु में एक विशेष डिजिटल योग तथा स्थैतिक प्रदर्शनी में कई पहल को पहली बार देखा जाएगा।
- गार्जियन रिंग कार्यक्रम में, योग प्रदर्शन का सीधा प्रसारण तब किया जाएगा जब लोग सूर्य के उदय के साथ-साथ 16 अलग-अलग समय क्षेत्रों में योग करेंगे।
- यह पूर्व में फिजी से शुरू होकर पश्चिम की ओर बढ़ेगा और सैन फ्रांसिस्को में समाप्त होगा।
- यह आशा की जाती है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 समारोह में दुनिया भर के 25 करोड़ लोग भाग लेंगे।
- देश स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, इसलिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की भावना के अनुरूप 75 प्रतिष्ठित स्थलों का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 8वें संस्करण के अवलोकन के लिए चयन किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अपने प्रतिष्ठित स्थानों का प्रदर्शन करते हुए ‘वैश्विक स्तर पर ब्रांड इंडिया’ के बारे में भी ध्यान केंद्रित करेगा।
- पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था।
- दिसंबर 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव प्रधानमंत्री की पहल पर आया था, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
- वर्ष 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में स्वास्थ्य के लिए एक जन आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई- 2022) का मुख्य उद्देश्य लोगों के लिए योग के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जन जागरूकता उत्पन्न करना है।
- पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस स्वास्थ्य के लिए एक जन आंदोलन बन गया है।
- पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था।
- वर्ष 2015 से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में स्वास्थ्य के लिए एक जन आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है।
- आईडीवाई-2022 के लिए नोडल मंत्रालय यानी आयुष मंत्रालय हैं।
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योग के विकास और संवर्धन में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार-2021:
सामान्य अध्ययन: प्रारंभिक परीक्षासमसामायकी,मिश्रित।विषय: सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले पुरस्कार।प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री पुरस्कार-2021प्रसंग:
- योग के विकास और संवर्धन में उत्कृष्ट योगदान के लिए, प्रधानमंत्री पुरस्कार-2021 की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार योग के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है।
विवरण:
- पुरस्कार पाने वाले दो व्यक्ति – लेह, लद्दाख के श्री भिक्खु संघसेना और साओ पाउलो, ब्राजील के श्री मार्कस विनीसियस रोजो रॉड्रिक्स और दो संगठन – द डिवाइन लाइफ सोसाइटी, ऋषिकेश, उत्तराखंड और ब्रिटिश व्हील ऑफ योग, यूनाइटेड किंगडम हैं।
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में जूरी ने स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों की जांच करने के बाद संस्थाओं और और व्यक्तियों द्वारा किए गए योगदान का विश्लेषण भी किया।
- चयन चार अलग-अलग श्रेणियों, अर्थात् अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तिगत, अंतर्राष्ट्रीय संगठन, राष्ट्रीय व्यक्तिगत और राष्ट्रीय संगठन के तहत प्राप्त नामांकन पर विचार करने के बाद किया गया था।
वर्ष 2021 के लिए योग के विकास और संवर्धन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार के विजेता निम्नलिखित हैं:
- श्री मार्कस विनीसियस रोजो रॉड्रिक्स, साओ पाउलो, ब्राजील-अंतर्राष्ट्रीय व्यक्ति
- ब्रिटिश व्हील ऑफ योगा, यूनाइटेड किंगडम- अंतर्राष्ट्रीय संगठन
- श्री भिक्खु संघसेना, लेह, लद्दाख- राष्ट्रीय व्यक्ति
- द डिवाइन लाइफ सोसाइटी, ऋषिकेश, उत्तराखंड- राष्ट्रीय संगठन
- विजेताओं को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक नकद पुरस्कार का मूल्य 25.00 लाख रुपए होगा।
पृष्ठ्भूमि
- योग के विकास और संवर्धन में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कारों की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 21 जून, 2016 को चंडीगढ़ में दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के अवसर पर की गई थी।
- आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने उक्त पुरस्कारों के लिए दिशानिर्देश तैयार किए।
- पुरस्कारों को अंतिम रूप देने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी (प्रारंभिक मूल्यांकन के लिए) और मूल्यांकन समिति (अंतिम मूल्यांकन के लिए जूरी) के माध्यम से दो चरणों की चयन प्रक्रिया का पारदर्शी तरीके से पालन किया जाता है।
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राष्ट्रीय पहल (एनआईपीयूएन) की शुरूआत:
सामान्य अध्ययन: 3आर्थिक विकास:विषय: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी संस्थान हस्तक्षेप,उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।प्रारंभिक परीक्षा: ‘निपुण’ (एनआईपीयूएन) परियोजना।मुख्य परीक्षा: निर्माण श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण के लिए ‘निपुण’ नामक यह अभिनव परियोजना युवाओं को रोजगार प्रदान करने में किस प्रकार उपयोगी हैं ?
प्रसंग:
- केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने निर्माण श्रमिकों के कौशल प्रशिक्षण के लिए ‘निपुण’ नाम से एक अभिनव परियोजना अर्थात निर्माण श्रमिकों के कौशल को और बेहतर करने के लिए राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ किया।
उद्देश्य:
- ‘निपुण’ (एनआईपीयूएन) परियोजना आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएच यूए) की दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएआई – एनयूएलएम) की अपनी प्रमुख योजना के तहत 1 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को नए कौशल और अपस्किलिंग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षित करने की एक पहल है और इससे उन्हें विदेशों में भी काम के अवसर मिलते हैं।
विवरण:
- निपुण (एनआईपीयूएन) परियोजना संबंधित मंत्रालयों के साथ अभिसरण (कन्वर्जेन्स) की सुविधा और समर्थन भी देगी।
- इस बीच, एनएसडीसी प्रशिक्षण, निगरानी और उम्मीदवार ट्रैकिंग के समग्र निष्पादन के लिए जिम्मेदार होगा।
- यह प्रशिक्षुओं को ‘कौशल बीमा’, 2 लाख रुपये के कवरेज के साथ तीन साल का दुर्घटना बीमा, डिजिटल कौशल जैसे कैशलेस लेनदेन और भीम ऐप, उद्यमिता के बारे में अभिविन्यास (ओरिएंटेशन) तथा कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) तथा भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (बीओसीडब्ल्यू) सुविधाएं प्रदान करेगा।
- परियोजना की देखरेख और निगरानी के लिए अतिरिक्त सचिव-सह-मिशन निदेशक, डीएवाई-एनयूएलएम की अध्यक्षता में एनएसडीसी और एमओएचयूए दोनों के सदस्यों के साथ एक परियोजना समिति का गठन किया जाएगा।
- निर्माण उद्योग 2022 तक सबसे बड़ा नियोक्ता बनने की ओर अग्रसर है और अगले 10 वर्षों में 4 करोड़ 5 लाख अतिरिक्त कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है।
- इस मिशन को पूरा करनेके लिए, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एनएआरईडीसीओ) और कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई – सीआरईडीएआई) उद्योग भागीदारों के रूप में प्रोजेक्ट एनआईपीयूएन में शामिल हुए हैं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र कौशल परामर्श परिषद (इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर स्किल काउंसिल – एसएससी) के साथ सहयोग में निर्माण क्षेत्र में आकांक्षात्मक मूल्य की प्रशिक्षण नौकरी की भूमिकाओं की पहचान करेंगे।
पृष्ठ्भूमि
- डीएवाई-एनयूएलएम एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे 2014-15 से लागू किया जा रहा है और जिसका उद्देश्य देश में शहरी गरीब परिवारों की गरीबी और उनकी असुरक्षा को कम करना है, ताकि वे स्व-रोजगार तक पहुंच सकें, जिसके परिणामस्वरूप उनकी आजीविका में स्थायी आधार पर एक उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई), भारत सरकार के तहत नोडल एजेंसी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) इस निपुण (एनआईपीयूएन) परियोजना के लिए कार्यान्वयन भागीदार बनेगी।
- परियोजना कार्यान्वयन को तीन भागों में विभाजित किया गया है – निर्माण स्थलों पर पूर्व शिक्षा की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से प्रशिक्षण, नलसाजी (प्लंबिंग) और बुनियादी ढांचा क्षेत्र कौशल परामर्श परिषद (इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर स्किल काउंसिल – एसएससी) द्वारा नवीनतम कौशल के माध्यम से प्रशिक्षण और उद्योगों / बिल्डरों / ठेकेदारों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय प्लेसमेंट किया जाना।
- एमओएचयूए के साथ सह-ब्रांडेड आरपीएल प्रमाणन के तहत उद्योग संघों के माध्यम से लगभग 80,000 निर्माण श्रमिकों को ऑनसाइट कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जबकि लगभग 14,000 उम्मीदवारों को संभावित प्लेसमेंट क्षमता वाले कार्यों (ट्रेडों) में प्लंबिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) के माध्यम से कुशल बनाया जायगा ।
- पाठ्यक्रम राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ संरेखित किए गए हैं और मान्यता प्राप्त तथा संबद्ध प्रशिक्षण केंद्रों में प्रदान किए जाएंगे।
- एनआईपीयूएन के तहत, यह भी परिकल्पना की गई है कि एनएसडीसी लगभग 12,000 लोगों को सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य खाड़ी सहयोग़ देशों (जीसीसी) जैसे विदेशी देशों में भेजेगा।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के बारे में:
- आयुर्विज्ञान में राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का एक स्वायत्त निकाय है और इसे अखिल भारतीय आधार पर आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में परीक्षाएं आयोजित करने का काम सौंपा गया है।
- एनबीईएमएस पिछले 04 दशकों से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है और इसने विभिन्न अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का उपयोग गुणवत्तापूर्ण स्नातकोत्तर और पोस्टडॉक्टोरल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किया है।
- एनबीईएमएस साल दर साल नीट-पीजी, नीट-एसएस और नीट-एमडीएस परीक्षाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रहा है।
- नालंदा:
- नालंदा शिक्षा का एक प्राचीन स्थल और धार्मिक केंद्र था जिसने व्यापक ज्ञान प्रदान किया।
- नालंदा 5वीं से 12वीं शताब्दी तक प्राचीन मगध में एक प्रसिद्ध बौद्ध मठवासी विश्वविद्यालय था।
- लाल ईंटों से बने महाविहार को वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट कृति माना जाता था।
- वर्तमान में इस प्राचीन नालंदा महाविहार के खंडहर 14 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले हुए हैं और इसका अधिकांश भाग अभी तक खोजा नहीं गया है।
- पहली शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले:
- शतरंज दुनिया को भारत की देन है। यह इस खेल पर हमारे देश की छाप है।
- इस मशाल रिले समारोह का ऐतिहासिक शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में आईजी स्टेडियम में किया गया था।
- भारत के प्रधानमंत्री ने मशाल रिले की शुरुआत की और इसे शतरंज के दिग्गज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को सौंपा।
- रिजिजू ने विश्वनाथन आनंद से मशाल लेकर शतरंज के ग्रैंडमास्टर दिब्येंदु बरुआ को सौंपा, जो इस रिले को लेह, लद्दाख ले जायेंगे।
- बरुआ वर्ष 1991 में विश्वनाथन आनंद के बाद ग्रैंडमास्टर बनने वाले दूसरे भारतीय थे।
- प्रतिष्ठित लाल किला उन 75 ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, जो अपनी तरह के पहले 40-दिवसीय शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का हिस्सा हैं।
- श्रीनगर, जम्मू, धर्मशाला, शिमला आदि स्थानों पर जाने से पहले यह मशाल लेह, लद्दाख जाएगी।
- भारत के हर राज्य और केन्द्र – शासित प्रदेश के 75 जिलों से गुजरने वाली इस 40-दिवसीय मशाल रिले का समापन 27 जुलाई को चेन्नई में होगा।
- 44वां फिडे शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से लेकर 10 अगस्त, 2022 के दौरान चेन्नई में आयोजित किया जाएगा।
- शतरंज दुनिया को भारत की देन है। यह इस खेल पर हमारे देश की छाप है।
- ‘स्वधा’:
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) में खादी उत्कृष्टता केंद्र(सीओईके) की स्थापना की है।
- इसका उद्देश्य है खादी संस्थानों को डिजाइन तैयार करने में दक्ष बनाना, खादी उत्पादों का उत्पादन और भारतीय तथा विश्व बाजार में उन्नत किस्म के भांति-भांति के खादी उत्पादों को प्रस्तुत करना।
- योग के मूल विचार को केंद्र में रखते हुये, खादी उत्कृष्ट केंद्र की डिजाइन टीम ने ‘स्वधा’ नामक आरोग्य वस्त्रों की श्रृंखला तैयार की है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर खादी के बहुआयामी पक्षों को प्रदर्शित किया जा सके।
- अथर्ववेद में ‘स्वधा’ का अर्थ सहजता, सुविधा या आनन्द होता है। वास्तव में यह इस संकलन की विशेषता है।
- आरोग्य वस्त्र संकलन ‘स्वधा’ श्रृंखला में मन की शक्ति और दृढ़ता पर बल दिया गया है।
- इसका लक्ष्य है कि सभी आयुवर्ग के लोगों को आकर्षित करना।
- इन आरोग्य वस्त्रों को हाथ से बुना गया है और प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है।
- खादी की डोर पूरे विश्व के लोगों को एक-दूसरे से बांधती है और यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की सच्ची भावना का प्रतीक है।
20 जून 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 19 जून 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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