विषयसूची:
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भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2016 और भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2017 में संशोधन:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु हस्तक्षेप,उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2016,भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2017
प्रसंग:
- आईबीबीआई ने भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2016 और भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) विनियम, 2017 में संशोधन किया है।
उद्देश्य:
- हितधारकों की अधिक भागीदारी को संभव बनाने और देरी को कम करने एवं बेहतर मूल्य प्राप्त करने हेतु परिसमापन प्रक्रिया को कारगर बनाने के उद्देश्य से ये संशोधन किए गए है।
विवरण:
- भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड ने 16 सितंबर, 2022 को भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (परिसमापन प्रक्रिया) (दूसरा संशोधन) विनियम, 2022 (‘संशोधन परिसमापन विनियम’) और भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (स्वैच्छिक परिसमापन प्रक्रिया) (दूसरा संशोधन) विनियम,2022 (‘संशोधन स्वैच्छिक परिसमापन विनियम’) को अधिसूचित किया हैं।
इन संशोधनों के माध्यम से परिसमापन विनियमों में निम्नलिखित बदलाव किए गए है :
- कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के दौरान गठित ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) पहले 60 दिनों में हितधारक परामर्श समिति (SCC) के रूप में कार्य करेगी।
- दावों पर निर्णय हो जाने के बाद और प्रक्रिया शुरू होने के 60 दिनों के भीतर, स्वीकृत दावों के आधार पर एससीसी (SCC) का पुनर्गठन किया जाएगा।
- परिसमापक को हितधारकों की अधिक भागीदारी के अतिरिक्त व्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से एससीसी की बैठकों का संचालन करना अनिवार्य होगा।
- अब,एससीसी न्यायनिर्णायक प्राधिकरण(adjudicating authority) को परिसमापक के प्रतिस्थापन का प्रस्ताव भी दे सकता है और सीआईआरपी के दौरान सीओसी द्वारा परिसमापक की फीस तय नहीं किए जाने की स्थिति में इस फीस को तय कर सकता है।
- यदि परिसमापन प्रक्रिया के दौरान कोई दावा दायर नहीं किया जाता है, तो सीआईआरपी के दौरान किए गए दावों की राशि का परिसमापक द्वारा सत्यापन किया जाएगा।
- जब कभी भी सीओसी इस आशय का निर्णय लेता है कि परिसमापन प्रक्रिया के दौरान समझौता है तो परिसमापक केवल ऐसे मामलों में समझौता या व्यवस्था का प्रस्ताव, यदि कोई हो, पर विचार करने के लिए परिसमापन के आदेश के तीस दिनों के भीतर न्यायनिर्णय प्राधिकारी के समक्ष आवेदन दायर करेगा।
- नीलामी प्रक्रिया के लिए विशिष्ट घटना-आधारित समय-सीमा निर्धारित की गई है।
- प्रक्रिया को भंग करने या बंद करने के लिए आवेदन दाखिल करने से पहले, एससीसी परिसमापक को यह सलाह देगा कि परिसमापन की कार्यवाही को बंद करने के बाद लेनदेन में टालमटोल या धोखाधड़ी या गलत व्यापार के संबंध में कार्यवाही कैसे की जाएगी।
- संशोधन परिसमापन विनियम और संशोधन स्वैच्छिक परिसमापन विनियम क्रमशः एक कॉरपोरेट देनदार या कॉरपोरेट व्यक्ति के परिसमापन और स्वैच्छिक परिसमापन से संबंधित अभिलेखों को बनाए रखने के तरीके और अवधि को निर्धारित करते हैं।
- ये संशोधन परिसमापन विनियम और संशोधन स्वैच्छिक परिसमापन विनियम 16 सितंबर, 2022 से प्रभावी हो गए हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- चमड़ा क्षेत्र में कौशल विकास के लिए ‘स्केल’ ऐप लॉन्च:
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केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने सीएसआईआर-केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान, चेन्नई की यात्रा के दौरान ‘स्केल’ (स्किल सर्टिफिकेशन असेसमेंट फॉर लेदर एम्प्लॉइज-Skill Certification Assessment for Leather Employees) ऐप लॉन्च किया, जो चमड़ा उद्योग के कौशल, सीखने, मूल्यांकन और रोजगार की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करता है।
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चमड़ा कौशल क्षेत्र परिषद ने चमड़ा उद्योग में प्रशिक्षुओं को कौशल विकास कार्यक्रमों के डिजाइन और प्रशिक्षण के तरीके को बदलने के लिए एंड्रॉइड ऐप स्केल विकसित किया है।
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चमड़ा एसएससी द्वारा विकसित ‘स्केल’ स्टूडियो ऐप चमड़े के शिल्प में रुचि रखने वाले सभी आयु वर्ग के लोगों को अपने कार्यालय में अत्याधुनिक स्टूडियो से ऑनलाइन लाइव स्ट्रीम कक्षाओं तक पहुँच प्रदान करेगा।
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चमड़ा क्षेत्र देश में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है, जिसमें वर्तमान में 44 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं।
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20 सितंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 19 सितंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।
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