विषयसूची:
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प्रधानमंत्री ने कारगिल में सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाई:
सामान्य अध्ययन: 3
सुरक्षा:
विषय: विभिन्न सुरक्षा बल, उनकी संस्थाएं तथा उनका अधिदेश।
प्रारंभिक परीक्षा: प्रचंड-हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, तेजस लड़ाकू जेट और विशाल विमान वाहक विक्रांत और अरिहंत, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल, पिनाक और अर्जुन के रूप में भारत की मिसाइल क्षमता से संबंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत की सेना भारत का सामर्थ्य एवं गौरव है। भारत के पाकिस्तान एवं चीन के साथ हुए युद्ध के सन्दर्भ में इस कथन पर टिप्पणी कीजिए।
प्रसंग:
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सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को कायम रखते हुए, प्रधानमंत्री ने इस वर्ष भी दिवाली कारगिल में सशस्त्र बलों के साथ मनाई।
उद्देश्य:
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दिवाली के महत्व को देखा जाए तो, “यह आतंक के अंत का उत्सव है।”
विवरण:
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वीर जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल की धरती के प्रति श्रद्धा उन्हें हमेशा सशस्त्र बलों के वीर पुत्र-पुत्रियों की ओर खींचती है।
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देश की संप्रभु सीमा ओर समर्पित सिपाही मिलकर मातृभूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
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इस अवसर पर देशवासियों द्वारा इकट्ठा की गई राहत सामग्रियों को सौंपा गया।
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भारत केवल एक भौगोलिक भूखंड मात्र नहीं है, अपितु यह हमारा एक जीवंत भाव है, एक निरंतर चेतना है, एक अमर अस्तित्व है।
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कारगिल का युद्धक्षेत्र भारतीय सेना के पराक्रम का बुलंद गवाह बन चुका है। “द्रास, बटालिक और टाइगर हिल इस बात के प्रमाण हैं कि पहाड़ की चोटी पर बैठे दुश्मन भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और वीरता के आगे बौने हैं।” भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले भारत की सुरक्षा के सशक्त स्तंभ हैं।
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एक देश तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज आत्मविश्वास से भरा हो।
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स्वच्छ भारत मिशन और बिजली व पानी के साथ पक्के घरों की समय पर डिलीवरी जब जवानों के घरों तक पहुंचती हैं, तो उन्हें संतुष्टि एवं नई उमंग मिलती है।
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7-8 साल पहले की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की हालिया उपलब्धि भी विशेष मायने रखती है।
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उन 80,000 से अधिक स्टार्टअप्स पर भी प्रकाश डाला गया जो इनोवेशन के कार्य को चालू रखते हैं।
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संबोधन में उल्लेख किया गया कि देश के भीतर दुश्मनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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देश में आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने का सफल प्रयास किया गया है। कभी देश के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में लेने वाले नक्सलवाद का दायरा अब लगातार सिमट रहा है।
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आधुनिक युद्ध में प्रौद्योगिकियों में हुई प्रगति को रेखांकित किया गया कि भविष्य के युद्धों का स्वरूप बदलने वाला है और इस नए युग में राष्ट्रीय रक्षा की आवश्यकताओं के अनुसार हम देश की सैन्य शक्ति को नई चुनौतियों, नए तरीकों और बदलते परिवेश के अनुरूप तैयार कर रहे हैं।
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सेना में बड़े सुधारों की आवश्यकता के अनुरूप हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि हर चुनौती के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करने के लिए हमारे बलों का बेहतर तालमेल हो।
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इसके लिए सीडीएस जैसा संस्थान बनाया गया है। सीमा पर आधुनिक बुनियादी ढांचे का एक नेटवर्क बनाया जा रहा है ताकि हमारे जवान अपनी ड्यूटी करने में अधिक सहज हों।देश में कई सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं।
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आत्मनिर्भर भारत पर प्रकाश डालते हुए, कहा गया कि देश की सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू भारतीय सेनाओं में आधुनिक स्वदेशी हथियारों का होना है।
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रक्षा के तीनों वर्गों ने विदेशी हथियारों और प्रणालियों पर हमारी निर्भरता को कम करने का फैसला किया है और आत्मनिर्भर होने का संकल्प लिया है।
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400 से अधिक रक्षा उपकरण अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, और अब भारत में ही बनाए जाएंगे।
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प्रचंड-हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, तेजस लड़ाकू जेट और विशाल विमान वाहक विक्रांत का उदाहरण दिया, और अरिहंत, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल, पिनाक और अर्जुन के रूप में भारत की मिसाइल ताकत पर भी प्रकाश डाला गया।
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आज भारत अपनी मिसाइल रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुए रक्षा उपकरणों का निर्यातक बन गया है, और ड्रोन जैसी आधुनिक और प्रभावी तकनीक पर भी तेजी से काम कर रहा है।
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भारत उस परंपरा का पालन करता हैं, जहां युद्ध को अंतिम विकल्प माना जाता है। भारत हमेशा विश्व शांति के पक्ष में है।
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हम युद्ध के विरोधी हैं, लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति संभव नहीं है। हमारी सेनाओं में क्षमता और रणनीति है, और अगर कोई हमारी ओर नजर उठा कर देखता है, तो हमारी सेनाएं भी दुश्मन को अपनी भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना जानती हैं।
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गुलामी की मानसिकता को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने नए उद्घाटन किए गए कर्तव्य पथ का उदाहरण दिया और कहा कि यह नए भारत के नए विश्वास को बढ़ावा दे रहा है।
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“राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हो या राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, ये नए भारत के लिए एक नई पहचान बनाते हैं।
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नए भारतीय नौसेना के ध्वज पर भी प्रकाश डाला गया जहाँ “अब शिवाजी की बहादुरी की प्रेरणा नौसेना ध्वज में जुड़ गई है।
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भारतीय मूल के ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: भारतीय मूल के व्यक्तियों का विदेशों में राजनीतिक नेतृत्व एवं भारत पर इसके प्रभाव।
मुख्य परीक्षा:भारतीय मूल के व्यक्ति का विदेशों में राजनितिक नेतृत्व सँभालने के भारत पर क्या प्रभाव होंगे ?
प्रसंग:
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ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे। उन्हें कंज़र्वेटिव पार्टी का नेता चुन लिया गया है। वे ब्रिटेन के पहले एशियाई मूल के प्रधानमंत्री होंगे।
विवरण:
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऋषि सुनक को ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुए कहा हैं कि वे वैश्विक मुद्दों और रोडमैप 2030 को लागू करने पर एक साथ मिलकर काम करने की आशा करते हैं।
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ब्रिटेन के भारतीयों के लिए ‘जीवित सेतु’ को दिवाली की विशेष बधाई, हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को एक आधुनिक साझेदारी में बदलने में सक्षम हों।”
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भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बने हैं।
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ब्रिटेन में उनके प्रतिद्वंदी पेनी मोर्डांट द्वारा चुनाव लड़ने से नाम वापस लेने के साथ ही ऋषि सुनक देश के नए प्रधानमंत्री बन गए।
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इस पद की रेस में लिज़ ट्रस से दो महीने पहले हारने के बाद सुनक आज प्रधानमंत्री बने। इससे पहले, लिज ट्रस ने प्रधानमंत्री बनने के 45 दिन बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
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ब्रिटेन में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जुलाई में अपने पद से इस्तीफा दिया था।
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जिसके बाद, ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री लिज ट्रस बनी थी।
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लेकिन बाद में उन्होंने भी इस पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ऋषि सुनक को संसद के 150 से अधिक सदस्यों ने अपना समर्थन दिया।
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ऋषि सुनक के सामने पेनी मोर्डांट उम्मीदवार हो सकती थी, लेकिन उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
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गौरतलब हैं कि बोरिस जॉनसन के इस्तीफा दिए जाने के बाद, प्रधानमंत्री पद के लिए कंजर्वेटिव पार्टी के 357 योग्य सांसदों ने मतदान किया था।
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मतदान कई दौर तक चला था, जिसमें सबसे कम वोट पाने वाला उम्मीदवार पीएम पद की रेस से बाहर होता चला गया। अंत में दो उम्मीदवार ऋषि सुनक और लिज ट्रस बचें, जिसमें लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनी।
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प्रधानमंत्री पद के चुनाव के बाद, लिज ट्रस देश की नई प्रधानमंत्री बनी, हालांकि उनके फैसले के कारण उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ा और ब्रिटेन में एक बार फिर से चुनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
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जिसमें ऋषि सुनक सबसे प्रबल दावेदार थे।
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नए प्रधानमंत्री के सामने कई मुश्किल चुनौतियां में सबसे मुश्किल है ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति एवं उसे संभालना।
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सुनक ने यूरोपियन यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार किया और उनके संसदीय क्षेत्र में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में 55 फ़ीसदी लोगों ने मतदान किया था।
पृष्ठ्भूमि
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ऋषि सुनक के माता-पिता दोनों भारतीय मूल के हैं। सुनक के माता-पिता, फार्मासिस्ट, 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से यूके चले गए।
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ऋषि सुनक ने इंफोसिस प्रमुख नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है।
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अधिकांश भारतीय परिवारों की तरह, सनक परिवार में शिक्षा पालन-पोषण का एक प्रमुख पहलू था। ऋषि सुनक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक और पूर्व निवेश बैंकर हैं।
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ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति ब्रिटेन की सबसे अमीर महिलाओं की सूचि में शामिल हैं।
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1980 में सुनक का जन्म हैंपशर के साउथहैम्टन में हुआ था और उनकी पढ़ाई विंचेस्टर कॉलेज में हुई। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
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उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई भी की है। राजनीति में दाख़िल होने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया था और एक निवेश फ़र्म को भी स्थापित किया था।
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वर्ष 2015 में, 35 साल की उम्र में, पहली बार संसद का चुनाव जीता था।
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प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कोई समाचार नहीं हैं।
24 अक्टूबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here
लिंक किए गए लेख में 20 अक्टूबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें। सम्बंधित लिंक्स:
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